Friday 28 June 2013

दिल दहला देने वाली है उत्तराखंड में मृतकों की तादाद  3000 के आंकड़े को पार कर सकती है
 देहरादून, 28 जून 2013






उत्तराखंड से जो खबर आ रही है, वो वाकई परेशान करनेवाली है. पुलिस सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि जितने लोगों की मौत की अब तक जानकारी आई है, वो तो बहुत कम है. नई जानकारी के बाद अब इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्‍या 3000 के आंकड़े को पार कर सकती है.


उत्तराखंड में तबाही का भयंकर सच आ रहा है सामने, रामबाड़ा-गौरीकुंड के बीच पड़े हैं करीब 2500 शव


 
 
उत्तराखंड से जो खबर आ रही है, वो वाकई परेशान करनेवाली है. पुलिस सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि जितने लोगों की मौत की अब तक जानकारी आई है, वो तो बहुत कम है. खबर मिली है कि रामबाड़ा और गोरीकुंड के बीच अब भी ढाई हजार शव पड़े हैं. पुलिस सूत्रों ने हमें ये भी जानकारी दी है कि इन शवों को पहचान पाना भी मुश्किल है. इस नई जानकारी के बाद अब इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्‍या 3000 के आंकड़े को पार कर जाएगी. अभी तक इस आपदा में 822 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है. एक्सकैवेटर मशीनों से हटेगा मलबाकेन्द्र सरकार बाढ़ के कहर से गुजरे उत्तराखंड के केदारनाथ से शिलाखंडों और मलबे को हटाने के लिए विमान से विशाल एक्सकैवेटर मशीनें भेजने की योजना बना रही है. बाढ़ प्रभावित राज्य से लौट कर आए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के उपाध्यक्ष एम. शशिधर रेड्डी ने बताया, ‘केदारनाथ में शिलाखंड और भारी मलबा जमा हो गया है और हम मलबा हटाने के लिए विशेष एमआई-26 हेलीकाप्टर से एक्सकैवेटर ले जाने की योजना बना रहे हैं.’ रेड्डी ने पत्रकारों को बताया, ‘हेलीकाप्टरों को उतारने का मुद्दा भी तय किया जा रहा है.’
विमानों से किया जाएगा सर्वेक्षणउन्होंने बताया कि जिन जगहों पर बचाव अभियान चलाया गया है वहां का ‘नेत्र’ जैसे मानवरहित विमानों (यूएवी) से सर्वेक्षण किया जाएगा. उत्तराखंड के ताजा हालात बताते हुए रेड्डी ने प्रभावित गांवों की तादाद और राहत कार्य की नवीनतम स्थिति की जानकारी दी. उन्होंने यह भी बताया कि लोक स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए कौन से कदम उठाए जा रहे हैं. रेड्डी ने बताया, ‘राज्य में कुल 22,000 गांवों में से 2,375 गांव प्रभावित हैं. उनमें से 1,636 को अभी तक जोड़ा जा चुका है जबकि 739 को जोड़ा जाना बाकी है.’
डॉक्‍टरों की टीम तैनातउन्होंने कहा, ‘चिकित्सीय तैयारियों का प्रभार संभाल रही एक टीम स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ देहरादून में है. न्यूनतम समय में प्रभावित क्षेत्रों में जाने के लिए 50 डाक्टर अभी स्टैंडबाई में हैं. कुछ को अगले 2-3 महीने के लिए रुकना पड़ सकता है क्योंकि हम पुनर्वास देखेंगे.’ रेड्डी ने कहा कि अभी तक कहीं से किसी भी तरह की महामारी फैलने की कोई रिपोर्ट नहीं है. उन्होंने कहा, ‘अभी तक 1,04,095 लोगों को बचाया गया है. लेकिन बद्रीनाथ में अभी 1,400 लोगों को बचाया जाना है.’ रेड्डी ने कहा, ‘तकरीबन 1,000 लोग पिथौरागढ़ में फंसे हैं जो माना जाता है कि मानसरोवर की तरफ जा रहे हैं, लेकिन उनकी स्थिति आपात जैसी नहीं है. हषिर्ल में लोगों को बचाया गया है.’ उन्होंने बताया कि केन्द्रीय गृहमंत्री ने राहत और बचाव अभियान के लिए और हेलीकाप्टरों की सेवा लेने का आदेश दिया है और 105 सैटेलाइट फोन पहले से उपयोग किए जा रहे हैं.
हेलीकॉप्‍टर दुर्घटना के शिकार लोगों के परिजन के लिए पेंशनरेड्डी ने कहा कि दो दिन पहले हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए लोगों के बारे में उन्होंने केन्द्रीय गृहमंत्री को उनके निकटतम परिजन को भत्तों के साथ विशेष पेंशन देने को कहा है जो नक्सल हमले में मारे गए अर्धसैनिक बलों के जवानों के निकटतम परिजन को मिलने वाली पेंशन जैसी हो. उन्होंने कहा, ‘आपदा में क्षतिग्रस्त हुए 80 प्रतिशत मोबाइल टावर का काम-काज बहाल कर दिया गया है. जहां तक सड़कों का मामला है, सीमा सड़क संगठन को कहा गया है कि जहां सड़क मुमकिन नहीं है वहां खच्चरों का रास्ता बनाया जाए और पैदल-पथ बनाए जाएं ताकि राहत सामग्रियां उस छोर तक ले जाया जाए जहां सड़क मौजूद है.’




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