एडिनबर्ग:  स्काटलैंड के ब्रिटेन के साथ बने रहने अथवा उससे अलग होकर एक आजाद देश के रूप में उभरने के मसले पर मतदान शुरू हो गया है। आज सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर वाटिंग शुरू होते ही स्कूलों एवं हॉलों में बने मतदान केन्द्रों पर लोगों की कतारे लग गई।

आज का यह मतदान तय करेगा कि 307 साल तक ग्रेट ब्रिटेन का हिस्सा रहे स्काटलैंड के लोग क्या चाहते हैं। क्या वे ब्रिटेन का हिस्सा बने रहना चाहते हैं अथवा एक अलग देश के रूप में विश्व के नक्शे पर उभरना चाहते हैं।

एडिनबर्ग के वेवर्ली कोर्ट में बनाए गए मतदान केन्द्र में सबसे पहले एक व्यवसायी रोन ने वोट डाला। उत्साहित रोन ने कहा,  "यह हमारे लिए ऐतिहासिक दिन है। मुझे कब से इस दिन का इंतजार था। समय आ गया है कि हम ब्रिटेन से अलग हो जाए। हम स्वतंत्रता चाहते हैं।" इस व्यवसायी के आस-पास खड़े लोगों ने ब्रिटेन से अलग होने के खिलाफ नारे लगाए।

उल्लेखनीय है कि स्काटलैंड के अलग होने के लेेकर कराए गए 4 बार के सर्वेक्षणों में 48 प्रतिशत लोगों ने ब्रिटेन के साथ बने रहने और 52 प्रतिशत ने अलग होने की बात कही थी। 5वें सर्वेक्षण में यह अंतर 49 और 52 का हो गया था। मतदान से एक घंटा पहले किए गए सर्वे में 6 लाख हजार लोग ऐसे थे, जिन्होंने कुछ निर्णय नहीं लिया था। चुनाव अधिकारियों के अनुसार, चुनाव का नतीजा शुक्रवार की सुबह आ जाएगा।
खबरों की मानें तो स्कॉटलैंड अलग होने का फैसला कर चुका है। अब अटकलें यह लगाई जा रही हैं कि क्या यह ब्रिटिश यूनियन के प्रतीक ध्वज का अंत होगा और क्या स्कॉटलैंड ब्रिटेन की महारानी और करैंसी 'पाउंड' को मान्यता देता रहेगा।

स्कॉटलैंड की आजादी के मुद्दे को लेकर आज होने वाले जनमत संग्रह से एक दिन पहले प्रचारकर्त्ताओं ने पक्ष और विपक्ष में वोटों के लिए बुधवार को जमकर प्रचार किया। यह जनमत संग्रह स्कॉटलैंड के ब्रिटेन से अलग होने या उसके अधिक स्वायत्ता के साथ नई शक्तियां पाने का निर्धारण करेगा।