इस्लामाबाद: पाकिस्तान के विपक्ष के नेता इमरान खान और धर्मगुरु ताहिर उल कादरी ने रात अपने हजारों समर्थकों के साथ भारी सुरक्षा बंदोबस्त वाले ‘रैड जोन’ की तरफ मार्च किया। इस दौरान ‘रैड जोन’ जंग का मैदान बना गया, जिसमें सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों तथा सुरक्षाबलों के बीच झड़पें हुईं।
इस दौरान रैड जोन की तरफ आगे बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने उन पर हवाई फायरिंग व लाठीचार्ज किया, जिसमें 3 महिलाओं सहित 7 प्रदर्शनकारियों की मौत तथा 200 से अधिक जख्मी हो गए हैं। प्रदर्शनकारियों से घिरे पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ तनाव बढ़ते ही लाहौर रवाना हो गए। लाहौर रवाना होते हुए पाक प्रधानमंत्री ने कहा कि वह प्रदर्शनकारियों के दबाव में आकर इस्तीफा नहीं देंगे। इस दौरान वह भारत को भी नसीहत देते नजर आए। वहीं पुलिस ने 100 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। घटना के विरोध में इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ ने रविवार को कराची बंद का ऐलान किया। इमरान खान ने प्रदर्शनकारियों को देर रात सम्बोधित किया और प्रधानमंत्री को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उन पर मामला दर्ज करने की बात कही।
गौरतलब है कि इस्लामाबाद स्थित ‘रैड जोन’ में संसद भवन, प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति के आवास, सुप्रीम कोर्ट तथा विभिन्न देशों के दूतावास हैं। खान और कादरी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार के इस्तीफे की मांग को लेकर पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। समाचार लिखे जाने तक संसद भवन परिसर में प्रदर्शनकारी गेट तोड़कर दाखिल हो गए तथा सेना के कहने पर वे संसद भवन के बाहर डटे हुए हैं। प्रदर्शन लाहौर सहित कई शहरों तक फैल गया है।
  
पाक: प्रदर्शनकारी संसद के परिसर में घुसे

इस्लामाबाद
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में इमरान ख़ान और ताहिरुल क़ादिरी के समर्थक संसद भवन के परिसर में घुसने में कामयाब हो गए हैं.
इस्लामाबाद में मौजूद  संवाददाता  का कहना है कि यदि प्रदर्शनकारी संसद भवन में दाख़िल होने की कोशिश करते हैं तो उन्हें फ़ौज का सामना करना होगा.
इससे पहले जब प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री निवास की ओर कूच करने की कोशिश कर रहे थे तो सुरक्षा बलों ने उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े और रबर की गोलियां दाग़ी.
पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों को प्रधानमंत्री हाउस की ओर जाने की अनुमति नहीं दी गई है.
शहर के दो अस्पतालों ने  बताया कि कुल 264 लोग घायल हुए हैं जिनमें कम से कम 26 पुलिसकर्मी हैं. घायलों में दो की हालत गंभीर है.
इस्लामाबाद पुलिस को प्रमुख खालिद खटक ने  बताया कि क़रीब 100 प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार किया गया है.
उन्होंने कहा, "गिरफ़्तार किए गए कई प्रदर्शनकारी कुल्हाड़ी जैसे हथियारों से लैस थे. मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि उनके पास बंदूकें भी हैं. हालांकि हमने कोई बंदूक नहीं देखी."

सेना की तैनाती बढ़ाई

सरकार ने प्रधानमंत्री हाउस समेत पूरे रेड ज़ोन की सुरक्षा सेना के हवाले कर रखी है.
इमरान ख़ान
रक्षा मंत्री ख़्वाजा आसिफ़ ने एक निजी टेलीविज़न चैनल से बातचीत में कहा है कि ज़रूरत पड़ने पर सेना को कार्रवाई करने का आदेश दिया जा सकता है.
इस्लामाबाद
रक्षा मंत्री ने यह भी कहा है कि हिंसा के बीच बातचीत संभव नहीं है.
इस्लामाबाद
इस पूरे घटनाक्रम के बीच पाकिस्तान के गृहमंत्री चौधरी निसार ने संवाददाताओं से कहा है, ''ये लोग सरकारी इमारतों पर क़ब्ज़ा करना चाहते हैं लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने भी संविधान और देश की रक्षा करने की शपथ ले रखी है.''
इस्लामाबाद
शरीफ़ से इस्तीफ़े की मांग को लेकर इमरान ख़ान ने 14 अगस्त को लाहौर से आज़ादी मार्च की शुरुआत की थी. धर्मगुरु ताहिरुल क़ादरी ने भी उसी दिन इंक़लाब मार्च शुरू किया था.
प्रदर्शनकारियों पर आंसूगैस का इस्तेमाल
दोनों का दावा है कि शरीफ़ ने पिछले साल हुआ आम चुनाव धांधली से जीता था. शरीफ़ ने आरोप से इंकार किया है और मौजूदा विरोध प्रदर्शनों को मामूली बताया है.