Saturday, 25 April 2015

#MannKiBaat on #FarmerSuicide :'मर जवान, मर किसान' से 'जो बना वो किया तक' ...एक और जहां आंधी, तूफान, बारिश और बाढ़ तो दूसरी ओर कीमतों को तय करने के तौर तरीके और ख़राब मार्केटिंग

#MannKiBaat on :'मर जवान, मर किसान' से 'जो बना वो किया तक' ...एक और जहां आंधी, तूफान, बारिश और बाढ़ तो दूसरी ओर कीमतों को तय करने के तौर तरीके और ख़राब मार्केटिंग

नरेंद्र मोदी, मनमोहन सिंह
"कांग्रेस ने लाल बहादुर शास्त्री के नारे 'जय जवान, जय किसान' को 'मर जवान, मर किसान' में बदलकर रख दिया है लेकिन गुजरात के किसानों के मन में अपनी ज़िंदगी ख़त्म करने का ख़्याल तक नहीं आया."
यूपीए की पिछली 'भ्रष्ट', 'अक्षम' और 'राष्ट्र विरोधी' सरकार के दौरान जब किसान खुदकुशी कर रहे थे तो नरेंद्र मोदी ने 30 मार्च, 2014 को ये बातें कहीं थीं.

"ये समस्या बहुत पुरानी है, इसकी जड़ें गहरी हैं और ये दूर दूर तक फैला हुआ है. हमारे किसानों को मरने नहीं दिया जाएगा. सरकारें (पिछली) जो कुछ कर सकती थीं, वे कर रही हैं. हमें इस बारे में मिलकर सोचने और इसका हल निकालने के लिए साथ काम करने की जरूरत है."

पढ़ें विस्तार से

किसान, आत्महत्या
एनडीए की 'राष्ट्रभक्त', 'सक्षम' और 'साफ़-सुथरी सरकार' के शासन में जब किसान अपनी जान ले रहे थे तो 23 अप्रैल, 2015 को नरेंद्र मोदी के सुर कुछ इस तरह निकले.

भारत में किसानों की आत्महत्या की ख़बरें सुर्खियों में हैं और यह एक असामान्य घटना है क्योंकि दर्शकों को खेती-किसानी की ख़बरें दिलचस्प नहीं लगतीं और ऐसी ख़बरों को अंग्रेजी के टेलीविज़न चैनल बहुत कम तवज्जो देते हैं.
जो सबसे बड़ा बदलाव हुआ है कि एक किसान ने महान कही जानी वाली राष्ट्रीय मीडिया के सामने खुद को फांसी पर लटका लिया.
आम आदमी पार्टी की एक रैली के दौरान हुई इस घटना के बाद से ही रिपोर्टिंग जारी है.

देखने की जरूरत

भारत, किसान, आत्महत्या, खुदकुशी, खराब फसल
पहले पहल तो ऐसा कोई सामने नहीं आया जिसे उस किसान की मौत के लिए जवाबदेह ठहराया जा सके.

आम आदमी पार्टी ने बीजेपी को ज़िम्मेदार ठहराया और बीजेपी ने 'आप' और कांग्रेस दोनों को. लेकिन लंबे अरसे में जो नतीजे आएंगे, उसकी आहट अभी से साफ़ सुनी जा सकती है.
ये एक ऐसा मुद्दा है जिसे बीजेपी नज़रअंदाज नहीं कर सकती और इसे देखने की ज़रूरत है और प्रधानमंत्री के बयान से इसका अंदाज़ा मिलता है.
जब ये मामला लोकसभा में पहुंचा तो राजनाथ सिंह ने एक बहस में किसानों की मौत को राजनीतिक रंग न देने की सलाह दी. लेकिन इस मुद्दे को राजनीतिक रंग किसने दिया.

राजनीति का हिस्सा

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किसानों की खुदकुशी को चुनावी मुद्दा बनाने के बाद बीजेपी और मोदी को अब इसकी शिकायत नहीं करनी चाहिए.

और किसी भी सूरत में अगर ये मुद्दा किसी लोकतांत्रिक राजनीति का हिस्सा नहीं हो सकता है तो क्या होना चाहिए.
जुलाई, 2012 में भारत में खुदकुशी के मामलों के अध्ययन के हवाले से बीबीसी की एक स्टोरी में साल 2010 में 19 हज़ार लोगों की खुदकुशी की बात कही गई थी.
इसलिए मोदी इस लिहाज़ से सही हैं कि यह एक पुरानी और हर तरफ फैली समस्या है.
लेकिन जब वो दूसरी सरकारों पर जान बूझकर किसानों की जान लेने के आरोप लगाते हैं तो उन्हें इस बात का ख़्याल रखना चाहिए.

किसानों की खुदकुशी

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इंटेलीजेंस ब्यूरो ने मोदी सरकार के लिए दिसंबर में 'किसानों की खुदकुशी के मामलों की बाढ़' नाम से एक रिपोर्ट लिखी थी.

रिपोर्ट में 'गुजरात, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में किसानों की आत्महत्या की घटनाओं' के अलावा 'महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक और पंजाब में ऐसे मामले बढ़ने' की बात कही गई है.
रिपोर्ट में डावांडोल मॉनसून, कर्ज़ों का बकाया, बढ़ते ऋण, फसल की कम पैदावार, अनाज की कम कीमत पर ख़रीद और फसलों की लगातार नाकामी को किसानों की खुदकुशी के लिए ज़िम्मेदार बताया गया है.
रिपोर्ट में किसानों की परेशानी को पानी के सवाल, आर्थिक नीतियों, गैर-कृषि कर्जों के मुद्दे और आयात-निर्यात की कीमतों की खामी से जोड़ा गया है.

फसल की उपज

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रिपोर्ट के अनुसार किसानों की खुदकुशी के दो वजहें हैं- पहला प्राकृतिक और दूसरा मानव निर्मित.
एक और जहां आंधी, तूफान, बारिश और बाढ़ जैसे कारण फसल की उपज को ख़राब करते हैं तो दूसरी ओर कीमतों को तय करने के तौर तरीके और ख़राब मार्केटिंग जैसी मानव निर्मित चुनौतियां उपज के बाद के नुकसान का रास्ता बनाती हैं.
इसलिए सरकार की अपनी ही रिपोर्ट के मुताबिक उनकी ज़िम्मेदारी बनती है और मोदी ये सीखेंगे कि इसके नतीजों से बचने का कोई रास्ता नहीं होगा.

#incredible #India? पानी की खुशी में चिल्लाई महिलाएं, पानी आया.. और ले गया गांव की खुशियां....एक आठ वर्षीय बच्ची की मौत

? पानी की खुशी में चिल्लाई महिलाएं, पानी आया.. और ले गया गांव की खुशियां....एक आठ वर्षीय बच्ची की मौत
 April 26, 2015
 
 
जयपुर. बाड़मेर के सोलांकिया गांव में पानी की भूमिगत टंकी की छत गिर जाने से एक आठ वर्षीय बच्ची की मौत हो गई तथा करीब 22 अन्य लोग घायल हो गए। एक पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, ‘‘दुर्घटना शुक्रवार शाम छह बजे तब घटी जब 25 फीट गहरी पानी की टंकी में पानी आने की बात सुनकर लोग, जिसमें अधिकांश महिलाएं थीं, पानी भरने के लिए पानी की टंकी की ओर टूट पड़े। पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘पानी की टंकी की छत टूटने से बच्ची की तत्काल दुर्घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि 22 अन्य घायल हो गए। घायलों में चार की हालत गंभीर है, जिन्हें उपचार के लिए जोधपुर भेज दिया गया है।
दुर्घटना के चश्मदीद गवाह नजदीक के ही गांव के रहने वाले पी. एस. राठौर ने फोन से आईएएनएस को बताया, ‘‘बाड़मेर के सीमावर्ती इलाकों में गर्मियों में अमूमन हमें हर 15 दिन पर पानी की आपूर्ति की जाती है। शुक्रवार को जब पानी आया तो महिलाएं खुशी से ‘पानी आया...पानी आया’ का शोर मचाते हुए पानी भरने के लिए तेजी से टंकी की ओर जाने लगीं। उन्होंने बताया, ‘‘लोगों की भीड़ पानी भरने के लिए बिल्कुल उतावली थी, तभी पानी की टंकी का छत टूटकर गिर पड़ा, जिससे उस पर बैठी महिलाएं टंकी में गिर पड़ीं। उस समय टंकी में सिर्फ दो फीट गहरा पानी था। राठौर ने बताया कि गांव में 2,000 की आबादी है और जलापूर्ति की व्यवस्था बेहद खराब है। एक स्थानीय शिक्षक दुर्गेश सिंह राजपूत ने बताया, ‘‘नियमित तौर पर पानी की आपूर्ति नहीं की जाती। गांव वालों को सप्ताह में एक बार पानी मिलता है और गर्मियों में कई बार 15 दिन में एक बार, वह भी सिर्फ एक-दो घंटों के लिए। पानी के लिए गांव वालों को रोज सात से 10 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है।
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#NepalEarthquake: नेपाल में भूंकप, 2500 लोगों की मौत | भूकंप से भारत में 50 से ज़्यादा की मौत | नेपाल में बाल-बाल बचे रामदेव,बाहर आने के कुछ ही मिनटों के बाद ये ढह गया पंडाल | भारत ने नेपाल से अपने नागरिकों को निकाला | एवरेस्ट भी हिला, कम से कम आठ की मौत | तस्वीरों में देखिए नेपाल में तबाही

#NepalEarthquake: नेपाल में भूंकप, 2500 लोगों की मौत | भूकंप से भारत में 50 से ज़्यादा की मौत | नेपाल में बाल-बाल बचे रामदेव,बाहर आने के कुछ ही मिनटों के बाद ये ढह गया पंडाल | भारत ने नेपाल से अपने नागरिकों को निकाला | एवरेस्ट भी हिला, कम से कम आठ की मौत | तस्वीरों में देखिए नेपाल में तबाही

26 April 2015 ; 8.47AM

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रिक्‍टर स्‍केल को ऐसे समझें
रिक्टर स्केलअसर
0 से 1.9सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।
2 से 2.9हल्का कंपन।
3 से 3.9कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर।
4 से 4.9खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं।
5 से 5.9फर्नीचर हिल सकता है।
6 से 6.9इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
7 से 7.9इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।
8 से 8.9इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं।
9 और उससे ज्यादापूरी तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी।
* भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।

 

नेपाल में भूंकप, 1500 लोगों की मौत




नेपाल में भूकंप की वजह से 1500 मारे गए हैं. दिए साक्षात्कार में नेपाल के सूचना मंत्री मिनेंद्र रिजल ने यह बात कही.
उन्होंने कहा कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कई लोग अभी भी मलबे में दबे हुए हैं.
शनिवार को नेपाल में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया जिसका मूल केंद्र राजधानी काठमांडू और पोखरा शहर के बीच था.
इस भूकंप से भारत, बांग्लादेश, तिब्बत और माउंट एवररेस्ट पर भी कई लोगों के मारे जाने की सूचना है.
नेपाल के भूकंप प्रभावित इलाकों में सरकार ने आपात स्थिति की घोषणा की है और कई देशों ने उसे मदद की पेशकश की है.
भूकंप के मूलकेंद्र वाले इलाके से बहुत ही कम जानकारी अभी मिल पाई है, जहां सबसे ज़्यादा नुक़सान होने की ख़बर है. ऐसे में, मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है.

मदद की पेशकश

भूकंप के कारण हज़ारों लोगों को खुले आकाश के नीचे रात गुज़ारनी पड़ेगी.
अमरीका ने कहा है कि वो अपनी आपदा प्रबंधन टीम नेपाल भेज रहा है जबकि भारत राहत सामग्री लेकर अपने विमान को नेपाल रवाना कर चुका है.
अमरीकी सहायता एजेंसी यूएसएड की तरफ़ से शुरुआती दस लाख डॉलर की मदद भेजी जा चुकी है.
वहीं ब्रितानी प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा है कि भूकंप से पैदा हालात से निपटने के लिए जो भी मदद बन पड़ेगी, वो करेंगे.
फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद ने भी मदद का आश्वासन दिया है.

भूकंप से भारत में 50 से ज़्यादा की मौत







भूकंप
नेपाल के साथ उत्तर भारत में महसूस किए गए भूकंप के तेज़ झटकों के असर से जानमाल के बड़े नुकसान की आशंका है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, भारत में भूकंप से 50 से अधिक लोगों की मौत हुई है और 237 लोग घायल हुए हैं.
बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार राज्य में सबसे ज़्यादा 32 लोगों की मौत हुई है. 133 लोग घायल भी हुए हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी पुष्टि की है.
इसके अलावा उत्तर प्रदेश में सात और पश्चिम बंगाल में तीन लोगों की मौत हुई है.
उन्होंने बताया कि प्रभावित राज्यों में एनडीआरएफ़ की पाँच टीमें भेजी गई हैं, जिसमें 45 सदस्य शामिल हैं.
भूकंप का केंद्र नेपाल था, लेकिन इसने उत्तर बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान के कई इलाकों को भी हिलाकर रख दिया.
प्रधानमंत्री नेपाल से लगे बिहार के सीमावर्ती जिलों में भूकंप से हुए नुकसान के बारे में रिपोर्ट ले चुके हैं.

बिजली बंद






मोदी और मंत्रिमंडल
इस बीच, उत्तर बिहार के कई हिस्सों में एहतियात के तौर पर बिजली बंद कर दी गई है.
केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रुडी ने बताया, "सुरक्षा कारणों से उत्तरी बिहार में पावर कट कर दिया गया है." रुडी भूकंप आपदा प्रबंधन के प्रभारी हैं.
बिहार में राजधानी पटना समेत कई शहरों में भूकंप के बाद अफरा-तफऱी की स्थिति बन गई. लोग घरों से बाहर निकल आए. भोजपुर इलाके कई हिस्सों में भूकंप के असर से सड़कों में दरार आ गई.

राहत का ऐलान






उत्तर प्रदेश सरकार ने भी भूकंप पीड़ितों के लिए मदद का ऐलान किया है. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, "हमने फ़ैसला किया है कि मारे गए लोगों के आश्रितों को 2 लाख रुपए और घायलों को 20-20 हज़ार रुपए दिए जाएंगे."
उत्तराखंड की करीब 250 किलोमीटर की सीमा नेपाल से लगी हुई है. यहां भी भूकंप के झटके महसूस किए गए.
संवाददाता के मुताबिक अभी तक उत्तराखंड से किसी नुकसान की खबर नहीं है.

नेपाल में बाल-बाल बचे रामदेव






बाबा रामदेव

योग शिविर के लिए नेपाल की राजधानी काठमांडू गए योग गुरू बाबा रामदेव सुरक्षित हैं.
रामदेव पांच दिन के योग शिविर के लिए काठमांडू में हैं
बाबा रामदेव के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने समाचार एजेंसी आईएएएस को बताया, “हमारा सत्र सुबह पाँच बजे से साढ़े सात बजे तक था. इसके बाद वे विभिन्न शिविरों में गए. जिस समय भूकंप आया उस समय वह योग सत्र से बाहर आ रहे थे.”

पंडाल गिरा






नेपाल में भूकंप
प्रवक्ता तिजारावाला ने कहा, ”रामदेव के पंडाल से बाहर आने के कुछ ही मिनटों के बाद ये ढह गया. और जब वह कुछ और आगे बढ़े तो उन्होंने अपनी आंखों के सामने एक बहुमंजिला इमारत को गिरते हुए देखा.”
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया, “हमने बाबा रामदेव से संपर्क किया है. उन्होंने संकट की इस घड़ी में नेपाल में ही रहने की इच्छा जताई है.”
रामदेव ने कहा, “हमने अपने सैकड़ों कार्यकर्ताओं को राहत कार्यों में लगा दिया है.”

भारत ने नेपाल से अपने नागरिकों को निकाला






नेपाल से लाए गए भारतीय

भूकंप प्रभावित नेपाल में फंसे भारतीयों को लेकर भारतीय वायुसेना के दो विमान शनिवार रात दिल्ली पहुंचे.
पहले विमान में चार नवजात बच्चों समेत कुल 55 लोग सवार थे.
दूसरे विमान से 200 भारतीय स्वदेश पहुंचे हैं.
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सितांशु कार ने अपने ट्विटर हैंडल पर यह जानकारी दी है.
भारत ने अपनी वायुसेना के ज़रिए एनडीआरएफ के 39 सहायता कर्मी और साढ़े तीन टन राहत सामग्री नेपाल भेजी है.





नेपाल से लाए गए भारतीय
नेपाल में पिछले 30 वर्षों में यह अब तक का सबसे ज़ोरदार भूकंप है.
7.8 तीव्रता के इस भूकंप में 1100 लोगों के मारे जाने की ख़बर है. भूकंप का मूल केंद्र राजधानी काठमांडू और पोखरा शहर के बीच था.

एवरेस्ट भी हिला, कम से कम आठ की मौत






नेपाल में शनिवार को भूकंप के बाद वहां दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट के पास भारी हिमस्खलन भी हुआ है जिसमें कम से कम आठ पर्वतारोहियों और गाइड्स की मौत हो गई है.
एवरेस्ट पर चढ़ने वाले पर्वतारोही जिस बेस कैंप में रुकते हैं, भूस्खलन का असर वहां तक हुआ है. बताया जा रहा है कि दो बेस कैंप इस भूस्खलन के साथ बह गए हैं.
अधिकारियों के अनुसार मरने वाले किस देश के नागरिक थे, इसका पता नहीं चल पाया है.

दूरसंचार व्यवस्था ठप





बेस शिविरों में ही पर्वतारोही रुकते हैं
अधिकारियों का कहना है कि संचार व्यवस्था ठप होने से वहाँ से और जानकारी उपलब्ध नहीं हो पा रही है.
माउंट एवरेस्ट के पास कई बेस कैंप तबाह हो गए हैं और कई पर्वतारोही लापता बताए जा रहे हैं.

तस्वीरों में देखिए नेपाल में तबाही





नेपाल में भूकंप





नेपाल में भूकंप
नेपाल में भूकंप
नेपाल में भूकंप
नेपाल में भूकंप
नेपाल में भूकंप
नेपाल में भूकंप
नेपाल में भूकंप
नेपाल में भूकंप

#NepalEarthquake:उत्तराखंड में भूकंप से दहशत, देखिये तस्वीरों में तबाही का मंजर,...नेपाल में भूंकप, 2500 लोगों की मौत | भूकंप से भारत में 50 से ज़्यादा की मौत

:उत्तराखंड में भूकंप से दहशत, देखिये तस्वीरों में तबाही का मंजर 
देहरादून। 
 26 april;  25-04-15 08:48 PM 

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रिक्‍टर स्‍केल को ऐसे समझें
रिक्टर स्केलअसर
0 से 1.9सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।
2 से 2.9हल्का कंपन।
3 से 3.9कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर।
4 से 4.9खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं।
5 से 5.9फर्नीचर हिल सकता है।
6 से 6.9इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
7 से 7.9इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।
8 से 8.9इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं।
9 और उससे ज्यादापूरी तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी।
* भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।



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राज्यभर में शनिवार दोपहर भूकंप के झटकों से दहशत फैल गई। कुछ समय के अंतराल पर झटकों के दौरान लोग भवनों से बाहर की ओर दौड़ लिए। हालांकि कहीं से किसी जान और माल के नुकसान की सूचना नहीं है।
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वाडिया इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक डॉ. सुशील कुमार ने संवेदनशील इलाकों में एहतियात बरतने की सलाह दी है। वहीं राज्यभर में अलर्ट जारी कर दिया गया है। कुमाऊं विश्वविद्यालय के पूर्व भू विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. सीसी पंत ने बताया कि लंबे समय से इस क्षेत्र में रिक्टर स्केल पर 7.9 तीव्रता का भूकंप नहीं आया।

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उन्होंने बताया कि बड़े भूकंप के बाद छोटे झटके की आशंका बनी है। नैनीताल में 11:43 पर 15 सेकेंड तक झटका महसूस किया गया। यहां इसकी तीव्रता मरकरी स्केल पर लगभग 4 प्वाइंट थी।

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राज्य के गढ़वाल और कुमाऊं के किसी भी जिले में भूकंप के झटकों से किसी नुकसान की सूचना नहीं है। हालांकि हरिद्वार शहर के गोविंदपुरी में भूकंप से खाली प्लॉट की चारदीवारी गिरने से दो कारें क्षतिग्रस्त हो गई।

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पास से गुजर रहे छात्र दीवार की चपेट में आने से बाल-बाल बचे। ऋषिकेश के पुराने भगवान भवन, चौरासीकुटी की दीवार में दरार आ गई।

रुड़की में मापी भूकंप की तीव्रता
11.47 बजे पहले झटका 7.9 तीव्रता का
12.07 मिनट पर दूसरा झटके तीव्रता 5.8 रही
12.15 बजे तीसरे झटके की तीव्रता 6.6 मापी गई
12.37 बजे 5 की तीव्रता
12.43 मिनट पर 4.8 तीव्रता के आफ्टर शॉक महसूस किए गए

आईआईटी रुड़की के अर्थक्वैक इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष प्रो.एमएल शर्मा के अनुसार


भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने दिल्ली में आपातकालीन कंट्रोल रूम की स्थापना की है। यहां से 24 घंटे भूकंप पीड़ितों के बारे में जानकारी हासिल की जा सकती है।

कंट्रोल रूम फोन न: - 011-2301 2113 / 2301 4104/ 2301 7905

फैक्स नं:- 23018158

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#LIVE #NepalEarthquake: Death toll rises to 2500, govt declares state of emergency,At least 50 dead in India due to Nepal quake,What 7.9 magnitude Richter Scale earthquake actually means... #earthquake #India #kosullaindia

#LIVE #NepalEarthquake: Death toll rises to 2500, govt declares state of emergency,At least 50 dead in India due to Nepal quake,What 7.9 magnitude Richter Scale earthquake actually means... #earthquake #India #kosullaindia

26 april 
April 25, 2015 8.24pm
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#earthquake:  
Indian embassy helpline numbers in Kathmandu: +977 98511 07021, +977 98511 35141 

[LIVE] Nepal quake: Death toll rises to 876, govt declares state of emergency

 http://images.indianexpress.com/2015/04/nepal-quake-759.jpg
A body of a victim lies trapped in the debris after an earthquake hit, in Kathmandu.

The death toll in the earthquake that hit Nepal on Saturday has risen to 876, a home ministry official said, of which 467 were in the
Kathmandu Valley that is the most heavily populated part of the Himalayan country.
Earlier, a home ministry official said that 181 people had died in the capital Kathmandu in the quake, which measured 7.9 on the Richter scale.
The powerful quake destroyed several buildings including a UNESCO World Heritage site and the centuries-old Dharhara tower in the heart of the capital trapping scores of people.

The earthquake with epicentre at Lamjung, around 80 kilometers northwest of Kathmandu, had its impact in several cities in Bihar and West Bengal and eastern India. It was also felt in China and as far as Pakistan and Bangladesh.
The quake measured 7.9, the US Geological Survey said. A number of aftershocks were felt for a long time. Witnesses and media reports said the quake tremors lasted between 30 seconds and two minutes.
Several buildings in the densely-populated Kathmandu Valley collapsed killing more than 70 people, a home ministry official said.
Kathmandu’s Darbar Square, a UNESCO World Heritage site, was completely damaged in the quake. The official said so far more than 150 people have been reported killed.
The earthquake first struck around 11:56 am followed by aftershocks, Nepal Police spokesperson Kamal Singh Ban said.
“There are some casualties in Pokhra. In Gorkha district 10-12 people have been killed,” he said. There is a breakdown in communication. “We are collecting information and mobilising forces for evacuation,” he said.

Indian Embassy spokesperson Abhay Kumar said some walls have collapsed in the impact of the major earthquake and the embassy has set up two helplines.
“I see many old walls have fallen because it was a major earthquake. And aftershocks of the earthquake that are pretty strong were still being felt. People are still outside,” he said.
The landmark Dharhara tower in the centre of the capital collapsed and several people are feared trapped.
Nepal’s Kantipur TV showed at least 21 bodies lined up on ground after the earthquake. Doctors at the main civil hospital here said 36 bodies have arrived so far after quake. Television pictures showed some of the rescued being rushed to hospitals.


Live updates below 

7.30 pm:
7.00 pm: Calls from BSNL network to Nepal charged as local calls for next 3 days.
6.30 pm: We have mobilised all resources to support Nepal in the wake of devastating earthquake: Defence Minister Manohar Parrikar.
6.00 pm: First IAF aircraft lands at Kathmandu with relief personnel, equipment.
5.28 pm: Karnataka CMO: 85 people from state rescued in Biratnagar, Nepal. They will travel to Varanasi tomorrow and reach home.
5.15 pm: At least 17 persons were killed and 48 injured in roof and wall collapse in Bihar after a high intensity earthquake rocked several parts of the country and Nepal today.
5.06 pm: 4 NDRF teams from the battalion stationed at Bathinda moved to Nepal by air for relief ops.
5.00 pm:
4.50 pm:
4.30 pm: Avalanche triggered by quake buries part of Nepal Everest Base camp, eight dead: Tourism official.
4.25 pm: First C-130 has taken off from Hindon airbase. NDRF plus rescue equipment. IAF has MI-17 helicopter units at Gorakhpur and Bagdogra. Closest to Nepal. Likely to be pressed into service. Gorakhpur likely to be the base in India for these rescue and relief operations in Nepal.
4.20 pm: At Tribhuvan international airport that shares boundary with domestic airport,the air traffic towers went unmanned for hours because of the tremor shocks. Landing and take off of international flights have been suspended as the government is taking stock of the situation.
4.00 pm: Nepal death toll from quake rises to 449: police
3.30 pm:
2: 57 pm: Kathmandu main civil hospital says 36 bodies counted so far after quake, scores are being treated, says a doctor according to Reuters.
[Watch video below]
2:52 pm: Google has launched a Person Finder instance to help track missing persons for the Nepal earthquake.
2: 50 pm: A group of 20 people from Malkajgiri area of Hyderabad had a narrow escape. They were in the fourth floor of a hotel in Kathmandu when the tremors hit. They ran down to safety.
2: 45 pm: “I saw buildings around me collapse. For a moment, I felt I would die. Later, I helped the police pull out a couple of people from the rubble,” IndianExpress.com journalist Abhimanyu Chakraborty phoned in to report from Kathmandu. Abhimanyu was at the famous Swayambhunath Temple at the time of the earthquake.
He, however, said there were no fatalities reported in the area so far, though some people have been injured by the falling debris. The area is being hit by frequent aftershocks since the first quake.
 2.11 pm: Kathmandu emergency numbers – 09771 4261945/ 4261790
2 pm: A house has collapsed in Siliguri’s Pradhan Nagar in West Bengal following the tremors.

At least 34 dead in India due to Nepal quake

Tremors from the massive Nepal earthquake were felt across northern India leaving at least 34 dead.

Aftershocks of the massive earthquake that hit Nepal on Saturday has so far killed at least 34 in India, said Union Home Secretary L C Goyal said . The earthquake measuring 7.9 on the Richter scale hit the neighbouring country today early afternoon and its tremors were felt across most of northern India.
The high intensity earthquake left at least 17 persons dead and 48 injured after a roof and wall collapsed in Bihar. Chief Minister Nitish Kumar cut short his visit in Delhi and rushed back home in the wake of the earthquake to monitor the relief work.


In Uttar Pradesh, tremors felt due to the quake resulted in collapse of buildings and walls killing at least six persons. Chief Minister Akhilesh Yadav has announced a financial assistance of Rs 5 lakh to the kin of those killed and Rs 50,000 to grievously injured.
Reports from West Bengal say that at least one person was dead and 66 others were injured in quake-related accidents.

What 7.9 magnitude Richter Scale earthquake actually means

 http://images.indianexpress.com/2015/04/nepal-eathquake-759.jpg
A man injured in the earthquake in Nepal

India was hit by one of the strongest earthquakes in recent times when a 7.9 magnitude quake centred in Nepal sent strong tremors though most of north India.
The epicenter of the earthquake was at a place 81 km northwest of Kathmandu in Nepal, the US Geological Survey said. The site is 29 km east of Lamjung and 53 km northeast of Bharatpur in Nepal. The earthquake was earlier measured to be 7.4 on Richter scale but the USGS later updated it to 7.9.
The earthquake is strongest ever in the region in the last 80 years, second only to 8.3 magnitude earthquake on the Bihar-Nepal border in 1934. In 2011, the Sikkim-Nepal border had experienced a quake of 6.9 magnitude.
The Indian Meteorological Department in its preliminary report said the earthquake originated 10 km below the earth’s surface.
Television pictures showed damaged buildings in Nepal. The extent of damage, if any, in India was not immediately known.
Several aftershocks have been felt in many places after the main quake. The strongest of these was measured 6.6 on the Richter scale. Earthquakes of this magnitude are followed by a series of aftershocks of smaller intensities.
The region is earthquake prone because of an interaction between the Himalayan and the Eurasian tectonic plates. Scientists now say that the Indian landmass is moving not just northwards but also towards the west. The westward rotational movements have been found to be behind some of the recent earthquakes, including the 2011 quake in Sikkim.

Just how much is 7.9 on Richter Scale?

An earthquake of magnitude 7 would be 10 times more in strength than one of magnitude 6. In terms of energy, it would release 32 times more energy. The Richter scale is a logarithmic scale. As it goes higher up, a difference of a decimal point can mean a huge variance in terms of destruction. Earthquakes are measured in terms of vertical ground movements of the earth. A magnitude of 3 on the Richter Scale results in about one millimeter of vertical movement in the earth’s surface at a distance of 100 km from the epicenter.

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रिक्‍टर स्‍केल को ऐसे समझें
रिक्टर स्केलअसर
0 से 1.9सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।
2 से 2.9हल्का कंपन।
3 से 3.9कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर।
4 से 4.9खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं।
5 से 5.9फर्नीचर हिल सकता है।
6 से 6.9इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
7 से 7.9इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।
8 से 8.9इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं।
9 और उससे ज्यादापूरी तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी।
* भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।


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#NepalEarthquake: नेपाल में भूंकप, 2500 लोगों की मौत | भूकंप से भारत में 50 से ज़्यादा की मौत | नेपाल में बाल-बाल बचे रामदेव,बाहर आने के कुछ ही मिनटों के बाद ये ढह गया पंडाल | भारत ने नेपाल से अपने नागरिकों को निकाला | एवरेस्ट भी हिला, कम से कम आठ की मौत | तस्वीरों में देखिए नेपाल में तबाही 

 

Earthquake 7.9 magnitude - नेपाल में भूकंप, दिल्ली हिली: भूकम्प के झटकों से हिला उत्तर भारत, नेपाल था इसका केंद्र,2-3 मिनट तक किया महसूस ,Indian embassy helpline numbers in Kathmandu: +977 98511 07021, +977 98511 35141 #earthquake ,Google launched a Person Finder instance to help track missing persons for the #Nepal earthquake-->http://t.co/3e4pNsOALm ,...नेपाल में भूंकप, 2500 लोगों की मौत | भूकंप से भारत में 50 से ज़्यादा की मौत

 

#NepalEarthquake:उत्तराखंड में भूकंप से दहशत, देखिये तस्वीरों में तबाही का मंजर,...नेपाल में भूंकप, 2500 लोगों की मौत | भूकंप से भारत में 50 से ज़्यादा की मौत

 

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#earthquake: Massive earthquake 7.9 magnitude in Nepal; tremors felt across North India.

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26 april;   April 25, 2015
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  • This picture shows the extent of damage of the Kathmandu Darbar Square, a UNESCO World Heritage site. The picture is taken from Twitter, shared by environmentalist Kashish Das Shrestha
    This picture shows the extent of damage of the Kathmandu Darbar Square, a UNESCO World Heritage site.
  • A photograph posted on Twitter, taken by freelance journalist Bibek Bhandari, shows some of the damage caused by the earthquake in Nepal.
    A photograph , shows some of the damage caused by the earthquake in Nepal.
  • This USGS map, shows the epicentre of the earthquake near Lamjung, Nepal.
    Special Arrangement
    This USGS map, shows the epicentre of the earthquake near Lamjung, Nepal.
  • This Google Maps image locates Pokhara, in Nepal, near where the earthquake is believed to have struck.
    This Google Maps image locates Pokhara, in Nepal, near where the earthquake is believed to have struck.


Tremors and aftershocks have been felt across Delhi, the NCR region, Kolkata and Uttar Pradesh.


A high-intensity quake measuring 7.9 on the Richter scale, according to the U.S. Geological Survey, struck Nepal at around 11.50 a.m. on Saturday. The quake also rocked many parts of east and north India, including Delhi.

In Kathmandu, many buildings have collapsed. The famous Dharahara tower in the city has collapsed and the police fear many might be trapped inside. Many have been injured and the police were working to get people to the hospital, the police spokesperson said. As it was the weekend, there were many visitors at the nine-storey structure. 


Agencies add:

There are reports of the deaths of a 15-year-old girl in India, near the Nepal border, and a child in Kathmandu.

The high-intensity also triggered landslides in various parts of Sikkim. A series of minor landslides have been reported from various places in the State, but there was no report of any loss of life so far.
A high-intensity quake measuring 7.9 on the Richter scale, according to the U.S. Geological Survey, struck Nepal on Saturday, triggering landslides in various parts of Sikkim.
The quake, having its epicentre in Nepal, was felt at about 11:48 a.m., officials said.
A series of minor landslides have been reported from various places in the State they said, but there was no report of any loss of life so far.


Tremors in north India

Tremors were felt across eastern and northern parts of India, said J.L. Gautam, Head (Operations), Seismology, at the Indian Meteorological Department.

“Earthquake of magnitude 7.5 occurred today at 11.41 a.m. between latitude 28.1 North and Longitude 84.6 East. The epicentre was located in Nepal,” an IMD statement said.

The tremors, which were felt in Bihar, Uttar Pradesh, Rajasthan, Haryana and Punjab, lasted for a minute, triggering panic and forcing people to rush out of their houses and offices.

Two persons were injured in the high intensity earthquake in different parts of Bihar, prompting Chief Minister Nitish Kumar to cut short his visit to New Delhi.

There were no immediate reports of loss of life or damage to property in Delhi.

Officials said Metro train services in Delhi were also affected due to the earthquake.

The quake was 31 km deep. Aftershocks were felt in Delhi and parts of northern India. "We are working to reach out to those affected, both at home and in Nepal," said Prime Minister Narendra Modi after the quake. He has called high-level meeting at 3 p.m. to discuss situation emerging due to earthquake.


This U.S. Geological Survey map, shows the epicentre of the earthquake near Lamjung, Nepal.



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#earthquake:  
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5 से 5.9फर्नीचर हिल सकता है।
6 से 6.9इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
7 से 7.9इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।
8 से 8.9इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं।
9 और उससे ज्यादापूरी तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी।
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Earthquake 7.9 magnitude - नेपाल में भूकंप, दिल्ली हिली: भूकम्प के झटकों से हिला उत्तर भारत, नेपाल था इसका केंद्र,2-3 मिनट तक किया महसूस


26 april;   25 अप्रैल 2015 
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हिला उत्तर भारत

दिल्ली- देश के कई हिस्सों में शनिवार को तेज भूकम्प के झटके महसूस किए गए। ये झटके नेपाल, दिल्ली एनसीआर, हरियाणा, कलकत्ता, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान और पटना समेत पूरे उत्तर भारत में महसूस किए गए।भूकम्प का पहला झटका करीब 11.40 बजे और दूसरा झटका करीब 12.05 बजे के आसपास महसूस किया गया। इसके बाद करीब 12.20 पर फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए।भूकंप के ये झटके हरियाणा के रेवाड़ी, कुरुक्षेत्र, रोहतक, सोनीपत और बहादुरगढ़ में महसूस किए गए। उत्तरकाशी में यह झटके करीब 11.47 पर महसूस किए गए।

2-3 मिनट तक किया महसूस

2-3 मिनट तक किया महसूस

यह भूकंप के झटके करीब 2-3 मिनट तक महसूस किए गए। नेपाल की राजधानी काठमांडू में कुछ इमारतों के गिरने की भी खबर है। नेपाल में इस भूकंप की तीव्रता करीब 7.4 मापी गई है।इस भूकम्प का केंद्र नेपाल में पोखरा के पास माना जा रहा है, जहां पर इसकी तीव्रता 7.7 मानी जा रही है। इस भूकम्प का केंद्र जमीन से करीब 11.5 किलोमीटर नीचे था।इस भूकम्प के झटकों की वजह से दिल्ली और कोलकाता में मेट्रो की सेवाएं भी रोक दी गई हैं। पटना से कई घरों में दरारें पड़ने की भी खबरें आ रही हैं।


कनाडा में कल-परसों लगा था झटका

कनाडा में कल-परसों लगा था झटका
गुरुवार और शुक्रवार को कनाडा के पश्चिमी तट पर और ब्रिटिश कोलंबिया के भीतरी हिस्सों में भूकंप के दो झटके महसूस किए गए थे।रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.2 से 6.1 मापी गई थी। सीबीसी न्यूज़ के अनुसार इन झटकों से जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।वेबसाइट के अनुसार पहला झटका गुरुवार को रात 10.43 पर आया था जबकि दूसरा झटका शुक्रवार को सुबह 6.56 पर आया था।खबरें हैं कि ये झटके पश्चिमी तट से लेकर उत्तरी तट पर महसूस किए गए थे। इन झटकों के बाद सूनामी की चेतावनी भी जारी की गई थी जिसे बाद में वापस ले लिया गया।

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2 से 2.9हल्का कंपन।
3 से 3.9कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर।
4 से 4.9खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं।
5 से 5.9फर्नीचर हिल सकता है।
6 से 6.9इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
7 से 7.9इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।
8 से 8.9इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं।
9 और उससे ज्यादापूरी तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी।
* भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।


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Friday, 24 April 2015

Photographer Nick Ut : A Photograph (Phan Thi Kim Phuc) in Vietnamese...A Click Which Have Every Word

Photographer Nick Ut : A Photograph (Phan Thi Kim Phuc) in Vietnamese...A Click Which Have Every Word

April 24, 2015

Nick Ut
Born Huỳnh Công Út
March 29, 1951 (age 64)
Long An, Vietnam
Residence Los Angeles
Nationality Vietnamese
Other names Nick Ut
Citizenship American
Occupation Photojournalism
Notable credit(s) Pulitzer Prize-winner
Children 2


"The Terror of War" by Nick Ut / The Associated Press
Huỳnh Công Út, known professionally as Nick Ut (born March 29, 1951), is a photographer for the Associated Press (AP) who works out of Los Angeles. He won the 1973 Pulitzer Prize for Spot News Photography for "The Terror of War", depicting children in flight from a napalm bombing.[1] In particular, his best-known photo features a naked 9-year-old girl, Phan Thị Kim Phúc, running toward the camera from a South Vietnamese napalm attack on North Vietnamese invaders at the Trảng Bàng village during the Vietnam War.[2] On the 40th anniversary of that Pulitzer Prize-winning photo in September 2012, Ut became the third person inducted by the Leica Hall of Fame for his contributions to photojournalism.[3]


Biography[edit]

Born in Long An, Viet Nam, Ut began to take photographs for the Associated Press when he was 16, just after his older brother Huynh Thanh My, another AP photographer, was killed in Vietnam. Ut himself was wounded three times in the war in his knee, arm, and stomach. Ut has since worked for the Associated Press in Tokyo, South Korea, and Hanoi and still maintains contact with Kim Phuc, who now resides in Canada.
Before delivering his film with the Kim Phúc photo, he took her to the hospital. The publication of the photo was delayed due to the AP bureau's debate about transmitting a naked girl's photo over the wire:


Nixon connection[edit]

Audiotapes of then-president Richard Nixon in conversation with his chief of staff, H. R. Haldeman, show that Nixon doubted the veracity of the photograph, musing whether it may have been "fixed."[5] Following the release of this tape, Ut commented:


Family and later career[edit]

Ut is a United States citizen and is married with two children. He lives in Los Angeles, and remains an AP photographer. His photos of a crying Paris Hilton in the back seat of a Los Angeles County Sheriff's cruiser on June 8, 2007 were published worldwide; however, Ut was photographing Hilton alongside photographer Karl Larsen. Two photographs emerged; the more famous photo of Hilton was credited to Ut despite being Larsen's photo.[7]



Phan Thi Kim Phuc


In this Vietnamese name, the family name is Phan. According to Vietnamese custom, this person should properly be referred to by the given name Kim Phuc.
Phan Thị Kim Phúc OOnt
TrangBang.jpg
June 8, 1972: Kim Phuc, center left, running down a road nude near Trang Bang after a South Vietnamese Air Force napalm attack. (Nick Ut /AP)
Born Phan Thị Kim Phúc
April 2, 1963 (age 52)
Trang Bang, South Vietnam
Residence Ajax, Ontario
Nationality Canadian
Other names Kim Phuc
Ethnicity Vietnamese
Citizenship Canadian
Alma mater University of Havana, Cuba
Occupation Author, UNESCO Goodwill Ambassador
Known for Being "The Girl in the Picture" (Vietnam War)
Religion Christianity
Spouse(s) Bui Huy Toan
Children Two
Awards Order of Ontario
Phan Thị Kim Phúc OOnt (born April 2, 1963) is a Vietnamese-Canadian best known as the child depicted in the Pulitzer Prize-winning photograph taken during the Vietnam War on June 8, 1972. The iconic photo taken in Trang Bang by AP photographer Nick Ut shows her at nine years of age running naked on a road after being severely burned on her back by a South Vietnamese attack.[1]

Contents


"Vietnam Napalm"

Kim Phuc and her family were residents of the village of Trang Bang, South Vietnam. On June 8, 1972, South Vietnamese planes dropped a napalm bomb on Trang Bang, which had been attacked and occupied by North Vietnamese forces.[2] Kim Phuc joined a group of civilians and South Vietnamese soldiers who were fleeing from the Caodai Temple to the safety of South Vietnamese-held positions. A South Vietnamese Air Force pilot mistook the group for enemy soldiers and diverted to attack. The bombing killed two of Kim Phuc's cousins and two other villagers. Kim Phuc was badly burned and tore off her burning clothes. Associated Press photographer Nick Ut's photograph of Kim Phuc running naked amid other fleeing villagers, South Vietnamese soldiers and press photographers became one of the most haunting images of the Vietnam War. In an interview many years later, she recalled she was yelling, Nóng quá, nóng quá ("too hot, too hot") in the picture. New York Times editors were at first hesitant to consider the photo for publication because of the nudity, but eventually approved it. A cropped version of the photo—with the press photographers to the right removed—was featured on the front page of the New York Times the next day. It later earned a Pulitzer Prize and was chosen as the World Press Photo of the Year for 1972.
After snapping the photograph, Ut took Kim Phuc and the other injured children to Barsky Hospital in Saigon, where it was determined that her burns were so severe that she probably would not survive.[3] After a 14-month hospital stay and 17 surgical procedures, however, involving skin transplantations she was able to return home. A number of the early operations were performed by a Finnish plastic surgeon Aarne Rintala (1926–2014).[4][5]
Ut continued to visit Kim Phuc until he was evacuated during the fall of Saigon.[6]


Thumbnails of the film footage showing the events just before and after the iconic photograph was taken.
Audio tapes of President Richard Nixon, in conversation with his chief of staff, H. R. Haldeman in 1972, reveal that Nixon mused "I'm wondering if that was fixed" after seeing the photograph.[7] After the release of this tape, Út commented, "Even though it has become one of the most memorable images of the twentieth century, President Nixon once doubted the authenticity of my photograph when he saw it in the papers on 12 June 1972.... The picture for me and unquestionably for many others could not have been more real. The photo was as authentic as the Vietnam war itself. The horror of the Vietnam war recorded by me did not have to be fixed. That terrified little girl is still alive today and has become an eloquent testimony to the authenticity of that photo. That moment thirty years ago will be one Kim Phúc and I will never forget. It has ultimately changed both our lives."[8]
Less publicized is film shot by British television cameraman Alan Downes for the British ITN news service and his Vietnamese counterpart Le Phuc Dinh who was working for the American station NBC, which shows the events just before and after the photograph was taken[9][10][11] (see image on right). In the top-left frame, a man (possibly Nick Út) stands and appears to take photographs as a passing airplane drops bombs. A group of children, Kim Phúc among them, run away in fear. After a few seconds, she encounters the reporters dressed in military fatigues,[citation needed] including Christopher Wain who gave her water (top-right frame) and poured some over her burns.[12] As she turns sideways, the severity of the burns on her arm and back can be seen (bottom-left frame). A crying woman runs in the opposite direction holding her badly burned child (bottom-right frame). Sections of the film shot were included in Hearts and Minds, the 1974 Academy Award-winning documentary about the Vietnam War directed by Peter Davis.[13]

Adult life


Forgiveness made me free from hatred. I still have many scars on my body and severe pain most days but my heart is cleansed. Napalm is very powerful, but faith, forgiveness, and love are much more powerful. We would not have war at all if everyone could learn how to live with true love, hope, and forgiveness. If that little girl in the picture can do it, ask yourself: Can you?
Kim Phúc, NPR in 2008[14]
As a young adult, while studying medicine, Phúc was removed from her university and used as a propaganda symbol by the communist government of Vietnam. In 1986, however, she was granted permission to continue her studies in Cuba. She had converted from her family's Cao Đài religion to Christianity four years earlier.[15] Phạm Văn Đồng, the then-Prime Minister of Vietnam, became her friend and patron. After arriving in Cuba, she met Bui Huy Toan, another Vietnamese student and her future fiancé. In 1992, Phúc and Toan married and went on their honeymoon in Moscow. During a refuelling stop in Gander, Newfoundland, they left the plane and asked for political asylum in Canada, which was granted. The couple now lives in Ajax, Ontario near Toronto, and have two children.[2] In 1996, Phúc met the surgeons who had saved her life. The following year, she passed the Canadian Citizenship Test with a perfect score and became a Canadian citizen.[16]

Kim Phuc Foundation

In 1997 she established the first Kim Phuc Foundation in the US, with the aim of providing medical and psychological assistance to child victims of war.[17] Later, other foundations were set up, with the same name, under an umbrella organization, Kim Phuc Foundation International.
In 2004, Phúc spoke at the University of Connecticut about her life and experience, learning how to be "strong in the face of pain" and how compassion and love helped her heal. [18]
On December 28, 2009, National Public Radio broadcast her spoken essay, "The Long Road to Forgiveness," for the "This I Believe" series.[15] In May 2010, Phúc was reunited by the BBC with ITN correspondent Christopher Wain, who helped to save her life. On May 18, 2010, Phúc appeared on the BBC Radio 4 programme It‍ '​s my Story.[17] In the programme, Phúc related how she was involved through her foundation in the efforts to secure medical treatment in Canada for Ali Abbas, who had lost both arms in a rocket attack on Baghdad during the invasion of Iraq in 2003.[12][19]

Recognition

In 1996, Phúc gave a speech at the United States Vietnam Veterans Memorial on Veterans Day. In her speech, she said that one cannot change the past, but everyone can work together for a peaceful future. Rev. John Plummer, a Vietnam veteran, who believed he took part in coordinating the air strike with the South Vietnamese Air Force (though Plummer's entire chain of command and declassified documents indicate otherwise[20]) met with Phúc briefly and was publicly forgiven.
A Canadian filmmaker, Shelley Saywell, made a documentary about their meeting. There is also a blog entry that shares this story.[21] On November 10, 1994, Kim Phúc was named a UNESCO Goodwill Ambassador. Her biography, The Girl in the Picture, was written by Denise Chong and published in 1999. In 2003, Belgian composer Eric Geurts wrote "The Girl in the Picture," dedicated to Kim Phúc. It was released on Flying Snowman Records, with all profits going to the Kim Phuc Foundation. On October 22, 2004, Phúc was awarded an honorary Doctorate of Law from York University in Toronto, Ontario, for her work to support child victims of war around the world. She was also awarded the Order of Ontario. On October 27, 2005, she was awarded another honorary degree in Law from Queen's University in Kingston, Ontario.[22] On June 2, 2011 she was awarded the honorary degree of Doctor of Laws from the University of Lethbridge.[23]

The Girl in the Picture

The Girl in the Picture: The Kim Phuc Story, the Photograph and the Vietnam War by Denise Chong is a 1999 biographical and historical work tracing the life story of Kim Phúc. Chong’s historical coverage emphasizes the life, especially the school and family life, of Kim Phúc from before the attack, through convalescence, and into the present time.
The Girl in the Picture deals primarily with Vietnamese and American relationships during the Vietnam War, while examining themes of war, racism, immigration, political turmoil, repression, poverty, and international relationships through the lens of family and particularly through the eyes and everyday lives of women. Kim Phúc and her mother, Nu, provide the lens through which readers of The Girl in the Picture experience war, strife, and the development of communism in Vietnam. Like Chong's first book, The Girl in the Picture was shortlisted for the Governor General's Literary Award for nonfiction.[24]


क्या मीडिया बचा सकता था गजेंद्र की जान?

http://i.ndtvimg.com/i/2015-04/gajendra_650x400_71429856622.jpg
दक्षिण वियतनाम की एक सड़क पर नंगी भागती किम फुक (Kim Phuc) की उस तस्वीर को कौन भूल सकता है। नौ साल की किम के साथ कुछ और बच्चे भाग रहे हैं। सड़क के अंतिम छोर पर बम धमाके के बाद उठा हुआ काले धुएं का गुबार है। युद्ध की तबाही का यह काला सच दुनिया के सामने नहीं आता, अगर फोटोग्राफर निक ने हिम्मत करके वह तस्वीर न ली होती। निक ने न सिर्फ तस्वीर ली, बल्कि किम को उठाकर अस्पताल भी ले गए। जहां किम का इलाज हुआ और वह बच गई। आज किम के दो बच्चे हैं और वो टोरंटो में रहती हैं। किम ने अपने चालीसवें जन्मदिन पर कहा था कि इस तस्वीर के जरिये मैं दुनिया के लिए उम्मीद हूं। इस फोटो को पुलित्ज़र पुरस्कार मिला था।

एक और तस्वीर है सूडान की। भूख ने एक छोटी बच्ची को चलने से भी लाचार बना दिया है। वह ज़मीन पर पड़ी हुई है और उससे कुछ दूरी पर एक बड़ा सा गिद्ध (vulture) घूर रहा है। केविन कार्टर की यह तस्वीर जब 1993 में न्यूयार्क टाइम्स में छपी तो दुनिया भर में हंगामा मच गया। लोग पूछने लगे कि उस बच्ची का क्या हुआ। क्या फोटोग्राफर ने उसे बचाने का प्रयास किया। यह पत्रकारिता के इतिहास का सबसे विवादित प्रसंग है, जिसके कई पहलू हैं। इस फोटो ने भूख की भयावह तस्वीर पूरी दुनिया के सामने रख दी थी। कार्टर को भी इस फोटो के लिए पुलित्ज़र पुरस्कार मिला।

ये दो अलग-अलग स्थितियां हैं। एक स्थिति में फोटोग्राफर अपने किरदार की मदद करता है और दूसरी स्थिति में मदद नहीं करता, मगर दोनों को पुलित्ज़र पुरस्कार मिलता है। दोनों ही स्थितियों में पूरी दुनिया हिल जाती है। जैसे जंतर-मंतर पर गजेंद्र की आत्महत्या ने किसानों की आत्महत्या के प्रति पूरे देश की उदासीनता को झकझोर दिया है। सब के सब एक्सपोज़ हो गए हैं। ढाई लाख से ज्यादा किसानों की आत्महत्या के सरकारी रिकार्ड को हम बस एक कागज़ का आंकड़ा मानने लगे थे। गजेंद्र की तस्वीरों ने आत्महत्या करने वाले लाखों किसानों को पूरे देश के सामने ज़िंदा कर दिया है।