Saturday 17 August 2013

तिरंगे का अपमान, अन्ना पर दर्ज होगा केस

तिरंगे का अपमान, अन्ना पर दर्ज होगा केस

  Sun, 18 Aug 2013 08:28 AM (IST)
anna Hazare
तिरंगे का अपमान, अन्ना पर दर्ज होगा केस
जागरण संवाददाता, जौनपुर। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का अपमान करने के मामले में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नरेंद्र बहादुर प्रसाद ने पुलिस को जांच शुरू करने के लिए कहा है।
अधिवक्ता हिमांशु श्रीवास्तव ने पांच अगस्त को न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहां प्रार्थना पत्र दिया था कि 29 जुलाई को जनतंत्र यात्रा के दौरान जौनपुर आगमन पर अन्ना हजारे के वाहन के बोनट पर कपड़े का राष्ट्रीय ध्वज चिपकाया गया था।
लाइन बाजार थानाध्यक्ष केके मिश्र ने बताया कि उन्हें कोर्ट का आदेश प्राप्त हो गया है। मुकदमा दर्ज किया जाएगा। 

विश्व चैम्पियनशिप में चली बोल्ट की आंधी

विश्व चैम्पियनशिप में चली बोल्ट की आंधी 

 
मास्को, एजेंसी
17-08-13 11:23 PM
 
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जमैका के स्टार उसेन बोल्ट ने आईएएएफ विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में लगातार तीसरा 200 मी खिताब अपने नाम किया, यह इस अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में उनका सातवां स्वर्ण पदक है।
छब्बीस वर्षीय बोल्ट ने 19.66 सेकेंड से पहला स्थान प्राप्त किया। हमवतन एथलीट वारेन वेयर ने 19.79 सेकेंड से रजत पदक जबकि अमेरिका के कर्टिन मिशेल ने 20.04 सेकेंड से कांस्य पदक हासिल किया। बोल्ट का यह विश्व चैम्पियनशिप में सातवां स्वर्ण पदक है। उन्होंने बर्लिन 2009 में 100 और 200 मी में, दीगू 2011 में 200 मी और रविवार को मास्को में 100 मी स्वर्ण अपने नाम किया था। इसके अलावा वह 2009 और 2011 में स्वर्ण पदक जीतने वाली जमैका की चार गुणा 100 मी रिले टीम का भी हिस्सा रहे थे। उन्होंने ओसाका में 2007 विश्व चैम्पियनशिप में 200 मी और चार गुणा 100 मी रिले में दो रजत पदक अपने नाम किये थे। इसके अलावा वह 2008 और 2012 दोनों ओलंपिक में स्वर्ण पदक हासिल कर चुके हैं। लेकिन अब उनके पास संन्यास ले चुकी अमेरिकी जोड़ी कार्ल लुईस और माइकल जानसन के आठ विश्व चैम्पियनशिप स्वर्ण पदक की बराबरी का मौका है, जब वह रविवार को चार गुणा 100 मी रिले में शिरकत करेंगे।
बोल्ट रविवार को 100 मी खिताब जीतने के बाद पैर में दर्द से जूझ रहे हैं, लेकिन उन्होंने फिर भी सहजता से 200 मी स्वर्ण पदक जीत लिया। वहीं अमेरिका की ब्रियाना रोलिंस ने 12.44 सेकेंड के समय से महिलाओं की 100 मी बाधा दौड़ खिताब अपने नाम किया। गत चैम्पियन आस्ट्रेलिया की सैली पियर्सन ने 12.50 सेकेंड से रजत जबकि ब्रिटेन के टिफानी पोर्टर ने 12.55 सेकेंड से कांस्य पदक हासिल किया। चेक गणराज्य के विटेस्लाव वेसली ने 87.17 मी की दूरी से पुरुष भाला फेंक का स्वर्ण पदक प्राप्त किया। फिनलैंड के 2007 के विश्व चैम्पियन टेरो पिटकामाकी ने 87.07 मी से रजत और रूस के दिमित्री ताराबिन ने 86.23 मी से कांस्य पदक हासिल किया। रूस की श्वेतलाना शकोलिना ने महिलाओं की ऊंची कूद स्पर्धा में 2.03 मी के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से स्वर्ण पदक जीता। लंदन ओलंपिक की रजत पदकधारी अमेरिका की ब्रिगेटा बारेट ने 2 मी से रजत पदक और गत विश्व और ओलंपिक चैम्पियन रूस की अन्ना चिचेरोवा और स्पेन की रूथ बिटिया ने 1.97 मी से कांस्य पदक हासिल किया।

मौत मांग रहे हैं पाक जेल में बंद 28 भारतीय


मौत मांग रहे हैं पाक जेल में बंद 28 भारतीय   

 
बाड़मेर, एजेंसी 17-08-13 03:07 PM
 
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पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में बंद करीब अठ्ठाईस भारतीय कैदी मौत मांग रहे हैं। इनमें से सत्रह कैदी मानसिक रूप से विक्षिप्त हो चुके हैं, जिनमें बोलने, सुनने और समझने की शक्ति समाप्त हो चुकी है। 
       
इनमें तीन कैदी बाड़मेर जिले के हैं, जो विक्षिप्त हो चुके हैं। पाकिस्तान की जेल में भारतीय कैदियों को इतनी शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी जा रही है कि उनके जीने की इच्छा खत्म हो गई है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि दोनों देशों की संयुक्त न्यायिक कमेटी को जेलों का निरीक्षण करना बंद कर देना चाहिये, क्योंकि इस समिति का कोई महत्व नहीं है। 
       
लाहौर के कोट लखपत जेल में बंद 28 भारतीय कैदियों ने अपने दुखभरे जीवन से मुक्ति पाने के लिए मौत मांगी है।     सांसद अविनाश राय खन्ना और मीडिया संस्थानों को संयुक्त रूप से संबोधित किए गए बयान में कैदियों ने भारत और पाकिस्तान सरकार से अनुरोध किया है कि उन सभी को गोली मार दी जाये, ताकि वे अपने दुखभरे जीवन से छुटकारा पा सकें क्योंकि बिना किसी लक्ष्य या उद्देश्य के यह जीवन नर्क के समान है।
       
हिन्दी में लिखे इस पत्र पर कृपाल सिंह, कुलदीप सिंह, धरम सिंह, मोहम्मद फरीद, तिलक राज, मकबूल लोके, अब्दुल माजिद, शंभूनाथ, सूरज राम, मोहिन्दर सिंह और पुर्नवासी कैदियों के हस्ताक्षर हैं।
       
पत्र में यह भी दावा किया गया है कि कोट लखपत जेल में बहुत ज्यादा प्रताड़ना के कारण चार महिलाओं सहित अन्य 21 भारतीय कैदियों ने अपने होश गंवा दिये हैं और उन्हें अपने नाम भी नहीं पता।

सिंधुरक्षक हादसा: 'दो मिनट बाद ही जन्मदिन था उनका'

सिंधुरक्षक हादसा: 'दो मिनट बाद ही जन्मदिन था उनका'

 रविवार, 18 अगस्त, 2013 को 08:31 IST तक के समाचार

पनडुब्बी सिंधुरक्षक में फंसे 18 नौसैनिकों में से क्लिक करें पाँच नौसैनिकों के शव मिल चुके हैं. शवों को नौसेना के अस्पताल आईएनएस अश्विनी में डीएनए टेस्ट के लिए ले जाया गया है.
सभी 18 नौसैनिकों के परिवार दो दिन पहले ही मुंबई पहुंच चके हैं और उन्होंने नौसेना के अधिकारियों से मुलाकात की है.
सभी परिवार वालों ने एक ही इच्छा जताई है कि उन्हें वह जगह देखनी है जहाँ पनडुब्बी डूबी है लेकिन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए और फंसे हुए नौसैनिकों के निकालने का काम जारी होने के चलते उन्हें वहां जाने की अनुमति नहीं दी गई.
बीबीसी ने नौसैनिकों के परिजनों में से कुछ से मुलाकात की. सभी परिवारों के घर मातम छाया हुआ है. वो इस कदर दुख में डूबे हुए हैं कि किसी से बात करने की स्थिति में नहीं हैं.
सभी की आँखों से आँसू थमने का नाम नहीं ले रहे. किसी ने अपना पति, किसी ने अपना बेटा तो किसी ने अपने पिता को खो दिया है.

लीजू लॉरेंस, उम्र 28 साल, केरल

हादसे में लीजू लॉरेंस ने भी जान गंवा दी, लीजू लॉरेंस की उम्र 28 साल थी और वो केरल के तिरुअनंतपुरम् के रहने वाले थे. कुछ महीनों पहले ही लीजू लॉरेंस रूस से आए थे और उन्होंने पांच जून 2013 को शादी की थी.
लीजू लॉरेंस के भाई बीजू लॉरेंस ने बताया, "जब से लीजू की पत्नी को इस हादसे का पता चला है तब से वह अपना मानसिक संतुलन खो बैठी हैं.
वो कभी रोती हैं तो कभी बेहोश हो जाती हैं. तो कभी दिवंगत लीजू लॉरेंस की वर्दी पहन कर बैठ जाती हैं. उन्हें डिफेंस के अस्पताल में भी इलाज के लिए ले जाया गया."
लीजू के भाई बीजू लॉरेंस बताते हैं, "लीजू इन दो महीनों में काफी व्यस्त थे और शादी के बाद उऩ्हें अपने परिवार के साथ वक्त बिताने का मौका ही नहीं मिला.
वो बहुत जल्द ही छुट्टी के लिए अर्जी देने वाले थे और अपनी पत्नी के साथ कश्मीर घूमने जाने वाले थे, लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंज़ूर था."

अतुल शर्मा, उम्र 23 साल, हिमाचल प्रदेश

अतुल शर्मा
नौसैनिक अतुल शर्मा हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से हैं.
अतुल शर्मा के करीबी दोस्तों ने बताया कि वो बहुत ही होनहार और खुशदिल इंसान थे. उन्हें बाइक की सवारी और गाने गुनगुनाना बहुत पसंद था. जब भी छुट्टी मिलती तो वो हमेशा वैष्णो देवी के मंदिर जाना पसंद करते थे.
14 अगस्त की रात 11 बजकर 58 मिनट पर पनडुब्बी सिंधुरक्षक हादसे का शिकार हुई. उस हादसे के दो मिनट बाद ही अतुल शर्मा का जन्मदिन आने वाला था. लेकिन जन्मदिन के आने से पहले ही वो इस हादसे का शिकार बन गए.
उनके परिवार वाले उन्हें जन्मदिन की बधाइयां देने के लिए बेकरार थे. उनके पिता आशीर्वाद देने के लिए फोन लगाते रहे लेकिन फोन नहीं लगा और जब इस हादसे की खबर आई तो उनके परिवार के पैरों तले से ज़मीन खिसक गई.
घर में सन्नाटा पसर गया. अतुल अपने परिवार के सबसे बड़े बेटे थे. माता-पिता ने अपना जवान बेटा खोया. इस बेटे को लेकर उन्होंने बहुत से सपने संजोए थे. शादी कराने के बाद उनके बहुत से अरमान थे. मगर सब टूट गए. अतुल के छोटे भाई और चाचा मुंबई आए हैं.

केवल सिंह, उम्र 28 साल, जम्मू और कश्मीर

केवल सिंह कुछ दिन पहले ही छुट्टी से लौटे थे. उन्होंने छुट्टी इसलिए ली थी, क्योंकि उनके घऱ में एक नया मेहमान आया था. पिता बनने की खुशी में उन्होंने लौटते ही अपने सभी दोस्तों के बीच मिठाइयां बांटी थीं.
अपनी गोद में बच्चे की किलकारियों से उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था, लेकिन ये खुशी ज़्यादा दिनों तक टिक नहीं पाई.
हादसे के बाद उनका परिवार पूरी तरह से टूट गया है.
केवल सिंह की पत्नी इस सदमे से उबर नहीं पा रही है. उन्हें इस बात का यकीन ही नही है कि कुछ दिन पहले जो उनके बीच में थे, अब वो कहीं दूर जा चुके हैं.
उस बच्चे का क्या, जो अभी इस दुनिया में आया है और उसे तो ये भी नहीं मालूम कि पिता और पिता का प्यार होता क्या है.
केवल सिंह के परिवार से उनके बड़े भाई के साथ दो लोग मुंबई आए हैं..क्लिक करें

दसारी प्रसाद, 34 साल, आंध्र प्रदेश

विशाखापत्तनम् के गोपालपत्तनम् के रहने वाले दसारी प्रसाद के परिवार में उनके माता-पिता, उनकी पत्नी और चार साल की बेटी है. कुछ दिन बाद ही दसारी प्रसाद छुट्टी पर जाने वाले थे, लेकिन ये हादसा हो गया.
उनकी पत्नी गर्भवती हैं और कभी भी उनके घर में नया मेहमान आ सकता है.
दसारी प्रसाद का कुछ दिन पहले ही विशाखापत्तनम् से मुंबई की पनडुब्बी सिंधुरक्षक में तबादला हुआ था. वो काफी खुश थे, क्योंकि बहुत जल्द ही अपने परिवार वालों से मिलने वाले थे.
उन्हें इंतज़ार था अपने घर आने वाले उस मेहमान का जिसे वो अपनी गोद में खिलाने वाले थे, लेकिन अफ़सोस ऐसा नहीं हो सका.
अपने आने वाले शिशु की शक्ल देखने की चाहत लिए ही दसारी प्रसाद इस हादसे का शिकार हो गए.
चार साल की बेटी को इंतज़ार है अपने पिता का और उसे उम्मीद है कि पापा जल्दी घर वापस आएंगेक्लिक करें

दर्दनाक हादसा

धमाके के वक़्त सिंधुरक्षक में 18 नौसैनिक सवार थे जिनमें तीन अधिकारी और 15 नाविक थे.
अधिकारियों में लेफ़्टिनेंट कोमोडोर निखिलेश पाल, लेफ़्टिनेंट कोमोडोर आलोक कुमार और लेफ़्टिनेंट कोमोडोर आर वेंकटराज शामिल थे.
सैनिकों में संजीव कुमार, केसी उपाध्याय, टिमोथी सिन्हा, केवल सिंह, सुनील कुमार, दसारी प्रसाद, लीजू लॉरेंस, राजेश टूटिका, अमित के सिंह, अतुल शर्मा, विकास ई, नरोत्तम देउरी, मलय हलदर, विष्णु वी और सीताराम बडापल्ली शामिल थे.

उत्तराखंड आपदाः तिवारी के पत्र में बहुगुणा पर सवाल

उत्तराखंड आपदाः तिवारी के पत्र में बहुगुणा पर सवाल



 रविवार, 18 अगस्त, 2013 को 08:14 IST तक के समाचार


उत्तराखंड में जीवन

उत्तराखंड में आई प्रलयंकारी आपदा के दो महीने पूरे हो जाने के बावजूद अब भी पहाड़ में जीवन पटरी पर नहीं लौट पाया है. कई प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों की स्थिति ये है कि मुठ्ठी भर अनाज के लिए लोगों को मीलों पैदल चलना पड़ रहा है. लोग शिविरों में गुजारा करने के लिए मजबूर हैं, स्कूल-कॉलेज खुल नहीं पाए हैं और रास्ते अभी भी कटे हुए हैं.
लगातर भूधंसाव हो रहा है. कई जगह राहत सामग्री सड़ रही है और जरूरी सामान लोगों तक पंहुच ही नहीं पा रहा है. राज्य की बहुगुणा सरकार अपने राहत अभियान के प्रचार पर करोड़ों रूपये खर्च कर रही है लेकिन प्रभावित इलाकों के प्रति जिस तरह की संवेदनहीनता दिखाई जा रही है, उससे विपक्ष तो विपक्ष ऐसा लगता है कि सत्तापक्ष भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चाबंद हो रहा है.

आरोप

विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, केदारनाथ की विधायक शैलारानी रावत और केंद्रीय मंत्री हरीश रावत के बाद अब उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कॉग्रेस के वयोवृद्ध नेता नारायण दत्त तिवारी ने बहुगुणा सरकार पर आरोप लगाया है कि वो आपदा पीड़ितों को सिर्फ कोरे आश्वासन दे रही है और अपना निजी एजेंडा चला रही है.

"पहाड़ में आपदा की वजह से गरीबी, भूख, लाचारी और पलायन के बीच अगर सरकार इसी तरह अपने निजी एजेंडे पर चलती रहेगी तो इसके खतरनाक परिणाम हो सकते हैं."
नारायण दत्त तिवारी, पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड
अपने विशेष कार्याधिकारी भवानी दत्त भट्ट की मदद से लिखी चिठ्ठी में तिवारी ने कहा है कि पहाड़ में आपदा की वजह से गरीबी, भूख, लाचारी और पलायन के बीच अगर सरकार इसी तरह अपने निजी एजेंडे पर चलती रहेगी तो इसके खतरनाक परिणाम हो सकते हैं.


न्यायिक जाँच

उन्होंने माँग की है कि आपदा पीड़ितों को चिन्हित करने की प्रक्रिया सरल रखी जाए और राहत के लिये प्राप्त राशि का 50 प्रतिशत प्रभावित परिवारों में बाँट दिया जाए और बाकी 50 प्रतिशत सुरक्षित रख दिया जाए. गौरतलब है कि आपदा पीड़ितों को राहत के नाम पर उत्तराखंड सरकार को सरकारी और गैरसरकारी स्त्रोतों से अरबों रूपये मिल रहे हैं.

आपदा के बाद उत्तराखंड
उत्तराखंड में आई आपदा के दो महीने बाद भी हालात बेहतर नहीं हो पाए हैं.
तिवारी ने ये भी आरोप लगाया है कि बहुगुणा सरकार उनके ख़िलाफ़ षडयंत्र कर रही है और प्रोटोकॉल के तहत उन्हें दी गई गाड़ी का तेल रोक दिया गया है और उनके साथ धोखा किया जा रहा है. उन्होंने इसकी न्यायिक जाँच की भी माँग की है.
तिवारी की चिठ्ठी में ये भी कहा गया है कि वो पूरी तरह स्वस्थ हैं और नई स्फूर्त्ति के साथ जल्द ही उत्तराखंड लौटेंगे. नारायण दत्त तिवारी इन दिनों लखनऊ में रह रहे हैं. उन्होंने अपनी चिठ्ठी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की जमकर तारीफ़ की है.


राजनीति

जाहिर है कि इस चिठ्ठी के राजनीतिक मायने हैं और ये क्या गुल खिलाएंगे, इसका सही अंदाजा तभी लगेगा जब कथित रूप से आगामी 18 अक्तूबर को वो अपने समर्थकों के साथ अगली रणनीति की घोषणा करेंगे.
तिवारी के कार्याधिकारी भवानी दत्त भट्ट ने बीबीसी को फोन पर बताया कि तिवारी समाजवादी विचारों से जुड़े रहे हैं और इस नाते उनका आशीर्वाद अखिलेश यादव के साथ है.
तिवारी का प्रकट जनाधार पहले की तरह नहीं रहा है लेकिन पिछले विधानसभा में उन्होंने अपने राजनीतिक कौशल और दबाव का इस्तेमाल कर मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पेश कर दी थी और फिर कुछ सीटों पर अपने चहेतों को टिकट दिलाने में भी खासे सफल रहे थे.

एक गुफा जिसने बचाई 25 लोगों की जान



 शनिवार, 27 जुलाई, 2013 को 11:47 IST तक के समाचार


उत्तराखंड बाढ़ से प्रभावित, धारचुला में राहत शिविर

उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा के विनाश का कहर धारचूला के लोगों ने सबसे ज़्यादा झेला है.
दुर्गम पहाड़ी इलाक़े में बसे धारचूला के लिए 16 जुलाई का वो दिन बेहद खौफ़नाक था. धौली गंगा नदी अपने पूरे उफान पर थी. आसपास के गाँव में बसे लोगों ने शायद इतना पानी अपने जीवन में कभी नहीं देखा था. इस इलाके में पड़ने वाले चार गाँवों का अब नामोनिशान भी नहीं बचा है.

शोबला, कंजोती, खिम और खेत. सबसे पहले, शोबला बहा, फिर कंजौती, खिम और खेत. इन सभी गाँवों के लोगों की दास्तान एक जैसी ही है. धारचूला इंटर कॉलेज में अब इन गाँवों के करीब 158 से ज्यादा परिवार रह रहे हैं. इस स्कूल में बच्चों की कक्षाएं नहीं लग पा रही हैं क्योंकि पिछले एक महीने से यहाँ बच्चे, महिलाएँ और बूढ़े सभी एक छत के नीचे रह रहे हैं.

सरस्वती बिष्ट खिमस्वा गाँव, कंजोती की रहने वाली हैं. उनके साथ कम से कम 25 लोग किसी तरह जान बचाकर शिविर में आए. वे उस दिन को याद नहीं करना चाहतीं, लेकिन जब वे इसके बारे में सोचती हैं तो उनकी आँखों में आँसू आ जाते हैं.

घर तबाह


उत्तराखंड बाढ़ से प्रभावित सरस्वती देवी
16 जुलाई की रात सरस्वती देवी के लिए न भूलने वाली रात साबित हुई.
हादसे वाले दिन क्या हुआ था, इस बारे में पूछे जाने पर वह कहती हैं, "16 तारीख के दिन से ही धौली गंगा नदी में पानी बढ़ने लगा था. जिस तरह नदी में पानी बढ़ रहा था, उसे देखते हुए हमें लगा कि कुछ अनर्थ होने वाला है. हमारे घर तबाह होने जा रहे हैं. हमने अपना थोड़ा बहुत सामान बाँधा, और दूसरी जगह रखने लगे. शाम पाँच बजे के आसपास हमने देखा कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा में पड़ने वाला पुल भी ज़ोर-ज़ोर से हिलने लगा था."

उस लम्हें भय और आशंका के माहौल के बीच बचाव की कोशिशों के लिए तमाम विकल्पों पर विचार किया जा रहा था.
सरस्वती बताती हैं, "यही एक मात्र पुल है जो हमारे गाँव को जोड़ता है. इस पुल के टूटने के बाद तो जान बचाना असंभव था. हम सब ने जल्दी-जल्दी पुल पार किया और खिम गाँव से भागकर कंजौती आ गए. रात में कंजौती का जो झरना है, उसमें भी ज़बरदस्त पानी आ गया था."

"एक ओर नदी बढ़ रही थी तो दूसरी तरफ़ झरने से पानी और मलबा गिर रहा था. रात में बारह बजे के आसपास नदी से ऐसी भयानक आवाज़ें आने लगीं कि हम सब बहुत डर गए. मेरे साथ दस बच्चे थे. मैंने दो बच्चों को कंधे पर उठाया और एक को गोद में लिया और सारे के सारे पहाड़ की एक गुफा में छिप गए."

पूरा गाँव शमशान


उत्तराखंड बाढ़ से प्रभावित एक गाँव
"साढ़े बारह बजे भयानक तूफान आया कि सब कुछ उड़ने लगा. मकान की छतें उड़ गईं, मोटर साइकिलें बह गईं. गाय, भैंस, बकरी सब पानी में बहने लगे. मेरी 50 से ज़्यादा बकरियां ग़ायब हो गईं. बहते हुए लोगों ने नदी में जो कुछ सहारा मिला, पकड़कर अपनी जान बचाई लेकिन फिर भी दो लोग बहकर मर गए."

"हम सब उस गुफा में बैठे रहे, बच्चे रो रहे थे. गुफा में भी डर लग रहा था कि कहीं पत्थर ऊपर से न बरसने लगें. लेकिन ऊपर वाले की कृपा है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ. पूरी रात और पूरा दिन हम उस गुफा में ही छिपे रहे. वो रात अब तक की सबसे काली रात थी, सवेरा होने पर देखा कि गाँव तो है ही नहीं, पूरा गाँव बह चुका था. पूरा गाँव श्मशान बन चुका था."
"पहने हुए कपड़ों को छो़ड़कर कुछ भी नहीं बचा था हमारे पास. हम इसके बाद एक पड़ोसी गाँव न्यूसुआ गए, वहाँ लोगों ने हमें खाना खिलाया और पहनने को कपड़े दिए. कुछ दिन बाद पुलिस वाले हमें इस शिविर में ले आए. इस शिविर में रहते हुए एक महीना होने को है. हम खाना तो खा रहे हैं लेकिन बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. हमारा मकान, मवेशी सब कुछ बह गया. समझ नहीं आता क्या करें. अब आगे क्या होगा, भगवान ही मालिक है."

यह कहानी अकेले सरस्वती बिष्ट की नहीं है. उत्तराखंड में बाढ़ से बच गए तकरीबन सभी लोगों के पास ऐसे ही कई अनुभव हैं जिससे सुनकर यह समझना मुश्किल नहीं कि कि उस रात बाढ़ की शक्ल में मौत किस तरह आई होगी.

विंबलडन चैम्पियन बारतोली ने लिया संन्यास

विंबलडन चैम्पियन बारतोली ने लिया संन्यास

 गुरुवार, 15 अगस्त, 2013 को 15:46 IST तक के समाचार

बारतोली ने विंबलडन जीत के बाद ही संकेत दिया था कि उनक फिटनेस सही नहीं है
वर्तमान महिला विंबलडन चैंपियन मारियन बारतोली ने अपनी जीत के महज़ 40 दिन के भीतर ही खेल से संन्यास की घोषणा कर दी है. विंबलडन 2013 उनके करियर का एकमात्र ग्रैंड स्लैम ख़िताब है.
दुनिया की सातवें नंबर की इस फ्रेंच खिलाड़ी ने एक प्रेस कांफ्रेस के दौरान कहा कि उनकी लगातार बरक़रार चोटों की वजह से उन्हें ये फ़ैसला लेना पड़ रहा है.
बारतोली ने सिनसिनाटी ओपन में सिमोना हैलेप के हाथों मिली हार के बाद प्रेस के सामने बेहद भावुक होकर कहा, ''यही वक्त है जब मुझे संन्यास लेना होगा और इसे अपना करियर मानना होगा. मुझे लगता है मेरी विदाई का समय आ चुका है.''

मुश्किल फ़ैसला

बारतोली ने कहा, ''ये फ़ैसला बेहद मुश्किल है. मैं लंबे समय से टेनिस खेल रही हूं और मुझे अपना सबसे बड़ा सपना सच करने का मौक़ा मिला है. सब लोग मेरी वो जीत याद रखेंगे न कि ये आख़िरी मैच. मैने ख़्वाब को सच्चाई में बदला है और ये मेरे साथ हमेशा रहेगा. लेकिन अब मेरा शरीर हर चीज़ सहने के लिए तैयार नहीं है.''
महिला टेनिस संघ की अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी स्टेसी एलेस्टर ने बारतोली की तारीफ़ करते हुए कहा, ''वो एक प्रेरणादायक चैंपियन और महिला टेनिस की महान प्रतिनिधि हैं जिन्होने खेल को अपना जीवन समर्पित किया. मुझे उन पर, उनके मूल्यों और विंबलडन जीत को संभव बनाने पर गर्व है.''

विंबलडन जीत

बारतोली ने विंबलडन फ़ाइनल मे सबीन लेज़िकी को मात दी थी
जुलाई में विंबलडन फ़ाइनल मुक़ाबले में जर्मनी की सबीन लिज़ीकी को हराकर ख़िताब अपने नाम करने वाली बारतोली ने कहा कि वो जब खेलती हैं तो उन्हें लगातार कंधे,पीठ और ऐड़ी के ऊपर दर्द रहता है.
उन्होने कहा कि ‘‘ये हमेशा से मुश्किल रहा है.मैं इससे ज़्यादा नहीं खेल सकती.’’ विंबलडन जीत विंबलडन में 6-1 6-4 की अपनी फा़इनल जीत के बाद ही बारतोली ने इस बात का संकेत किया था कि खेल में लगने वाली मेहनत उनकी सेहत पर बुरा असर डाल रही है.
2007 में विंबलडन उप-विजेता रही बारतोली के हाथ कोई ग्रैंड स्लैम का ख़िताब 47वें प्रयास में लगा. वो इतना लंबा इंतज़ार करनी वाली पहली महिला टेनिस खिलाड़ी हैं. फ़िलहाल सिनसिनाटी ओपन खेलने टोरंटो पहुंची इस खिलाड़ी को पहले राउंड में बाय मिला था जबकि दूसरा राउंड हारने के बाद ही उन्होने ये फ़ैसला ले लिया.

फाइनल में पहुँचने से चूकी सिंधु, मिला कांस्य पदक

फाइनल में पहुँचने से चूकी सिंधु, मिला कांस्य पदक

 शनिवार, 10 अगस्त, 2013 को 15:27 IST तक के समाचार

बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु
भारत की उभरती हुई बैटमिंटन स्टार खिलाड़ी पीवी सिंधु को विश्व चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल मुकाबले में कांस्य पदक मिला है. अस्सी के दशक के बाद पहली बार किसी भारतीय खिलाड़ी ने इस प्रतियोगिता में पदक जीता है.
शनिवार को हुए एक महत्वपूर्ण मुकाबले में पीवी सिंधु के सामने दुनिया की नंबर तीन खिलाड़ी थाईलैंड की रचनोक इंथैनन थीं.
रचनोक ने सिंधु को सीधे मुकाबले में 21-10 और 21-13 के अंतर से हराया.
दुनिया की 12 नंबर की खिलाड़ी पीवी सिंधु अपना पहला बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप खेल रही थीं.
सेमिफाइनल में पहुँचने के लिए सिंधु ने इस प्रतिस्पर्द्धा में कई बड़े उलट फेर किए.
वे अभी तक वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में जाइंट किलर साबित हुई थीं.
उन्होने प्री क्वार्टर फाइनल में दूसरी वरीयता प्राप्त चीन की यिहान वांग को हराया था और क्वार्टर फाइनल में चीन की ही शिजियान को शिकस्त दी थी.

एकतरफा मुकाबला

बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु
लेकिन सेमीफाइनल मुकाबले में सिंधु रचनोक के सामने लगभग बेबस ही हो गईं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक 36 मिनट तक चले महिलाओं के इस एकल मुकाबले में रचनोक ने कोर्ट के हर छोर पर अपने शॉट्स खुलकर खेले.
इसके ठीक उलट सिंधु संघर्ष करती हुई दिख रही थीं. उन्होंने कुछ ऐसी गलतियाँ कर दीं जिससे उनकी विरोधी रचनोक को खेल की शुरुआत में बढ़त मिल गई.
रचनोक ने कुछ ललचाने वाले शाट्स खेले जिसने सिंधु को उलझाकर रख दिया और इस चक्कर में वे मैदान पर संघर्ष करती हुई दिख रहीं थीं.
सिंधु को थाईलैंड की इस खिलाड़ी का खेल समझने में मुश्किल पेश आ रही थी और इसका नतीजा यह निकला कि रचनोक को 19-10 की बढ़त मिल गई.
पहले दौर की 10 अंकों की बढ़त के बाद रचनोक का खेल खत्म होने तक दबदबा बरकरार रहा.
सिंधु भले ही हार गईं लेकिन विश्व बै़डमिंटन चैंपियनशिप के एकल वर्ग में पदक जीतने वाली वे पहली भारतीय महिला बन गई हैं.

दबाव में साइना

साइन नेहवाल
साइना चौथी बार क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाईं.
भारत की साइना नेहवाल तीन बार इस चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल तक पहुंची थीं और इत्तेफ़ाक से इस बार चौथी मर्तबा भी उनका सफर क्वार्टर फाइनल में ही टूट गया.
साइना नेहवाल क्वार्टर फाइनल में अपने से कहीं नीचे की वरीयता हासिल कोरिया की यिओन जू बेई से 21-19,21-17 से हार गईं.
साइना नेहवाल को इस टूर्नामेंट में तीसरी वरीयता दी गई थी जबकी जू बेई को तेरहवी वरीयता हासिल थी.
इसके साथ ही विश्व चैंपियनशिप में कोई पदक जीतने का सपना एक बार फिर साइना नेहवाल के लिए सपना ही साबित हुआ.

यूसैन बोल्ट की बादशाहत कायम, जीता विश्व खिताब

यूसैन बोल्ट की बादशाहत कायम, जीता विश्व खिताब

 सोमवार, 12 अगस्त, 2013 को 03:39 IST तक के समाचार

यूसैन बोल्ट
100 मीटर फर्राटा दौड़ के ओलंपिक चैंपियन जमैका के क्लिक करें यूसैन बोल्ट ने मॉस्को में चल रही विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप का खिताब जीत लिया. इस जीत के साथ ही बोल्ट ने एक बार फिर साबित कर दिया कि 100 मीटर फर्राटा दौड़ में उनके मुकाबले में कोई नहीं है.
यूसैन बोल्ट
साल 2011 में दाएगु में बोल्ट गलत शुरुआत के कारण अयोग्य करार दिए गए थे और तब उनके हमवतन योहान ब्लैक ने सोना जीता था. लेकिन इस बार बोल्ट ने कोई गलती नहीं की और 2009 का इतिहास दोहराते हुए दूसरी बार इस चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किया.
यूसैन बोल्ट
इस बार बोल्ट के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी अमरीका के जस्टिन गैटलिन थे. फ़ाइनल रेस में गैटलिन ने बोल्ट को कड़ी चुनौती दी और आधे समय तक वो आगे भी रहे. लेकिन हमेशा की तरह फ़िनिशिंग लाइन के करीब पहुंचने से पहले बोल्ट ने तेज़ रफ्तार भरी और गैटलिन को पछाड़कर चैंपियन बन गए.
यूसैन बोल्ट
बीजिंग ओलंपिक और लंदन ओलंपिक के चैंपियन बोल्ट ने इस दौड़ को पूरा करने में महज़ 9.77 सेकंड का समय लिया जो इस सत्र में उनका सर्वश्रेष्ठ समय है. गैटलिन ने 9.85 सेकंड का समय निकाला और उनका बोल्ट को पछाड़ने का सपना अधूरा रह गया.
जमैका के ही नेस्टा कार्टर ने 9.95 सेकंड का समय लेते हुए तीसरा स्थान हासिल किया.
यूसैन बोल्ट
दिलचस्प बात यह है कि प्रतियोगिता में शीर्ष पांच एथलीटों में चार जमैका के ही रहे. चौथे स्थान पर जमैका के केमर बैले कोले और पांचवें स्थान पर निकेल शमेदे रहे.

सिंधुरक्षक हादसा: चार नौसैनिकों के शव मिले

भारतीय पनडुब्बी में आग, 18 फंसे


सिंधुरक्षक हादसा: चार नौसैनिकों के शव मिले

बुधवार, 14 अगस्त, 2013 को 12:30 IST तक के समाचार

आईएनएस सिंधुरक्षक
आईएनएस सिंधुरक्षक को हाल ही में रूस में उन्नत बनाया गया था. (फ़ोटो: रॉयटर्स)
मुंबई में मंगलवार देर रात भारतीय नौसेना की एक पनडुब्बी में धमाका हुआ. धमाके के बाद पनडुब्बी डूबने लगी. इसमें कुछ नौसैनिकों के मारे जाने और कुछ के फंसे होने की आशंका है. पनडुब्बी को निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं.
रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा कि इस घटना में मारे गए लोगों के प्रति उन्हें दुख है. उन्होंने कहा कि घटनास्थल का दौरा करने के लिए वे मुंबई जाएंगे.
आईएनएस सिंधुरक्षक नाम की इस पनडुब्बी में धमाके के बाद आग लग गई. कई नौसैनिक अपनी आग से बचाने के लिए पानी में कूद गए.
भारतीय नौसेना ने एक बयान में घटना की पुष्टि करते हुए कहा है कि पनडुब्बी और उसमें फंसे नौसैनिकों को निकालने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं.

मुंबई से बीबीसी संवाददाता मधु पाल के मुताबिक अभी यह बात साफ नहीं हुई है कि धमाका मशीनी गड़बड़ी के कारण हुआ या फिर इसकी वजह कुछ और है. अमूमन इस पनडुब्बी में करीब 100 नौसैनिक काम करते है लेकिन रात के समय इसमें करीब 50 नौसैनिक रहते हैं.
संवाददाता का कहना है कि धमाके के बाद पनडुब्बी डूबने लगी. इसके साथ खड़ी एक अन्य पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरत्न को भी मामूली नुकसान पहुंचा है.
इस घटना में कई नौसैनिक घायल भी हो गए जिन्हें कोलाबा स्थित नौसैनिक अस्पताल आईएनएचएस अश्विनी ले जाया गया है.

कारण

आग और धमाके के कारणों, पनडुब्बी को हुए नुकसान एवं हताहतों की संख्या के बारे में अभी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है.
आग बुझाने में मुंबई दमकल विभाग और मुंबई पोर्ट ट्रस्ट की कम से कम 16 गाड़ियों की मदद ली गई. आग से उठने वाले धुंए को दक्षिण मुंबई के कई इलाक़ों में साफ देखा जा सकता था.
दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि तड़के क़रीब तीन बजे आग पर काबू पा लिया गया.
अधिकारियों ने बताया कि आग के कारणों की जांच के आदेश दे दिए गए हैं.

रुसी मीडिया में चर्चा

रूस निर्मित 16 साल पुरानी सिंधुघोष क्लास की इस पनडुब्बी को हाल ही में उन्नत बनाया गया था.
अधिकांश रुसी वेबसाइटों ने सिंधुरक्षक पनडुब्बी में धमाके की खबर को प्रमुखता दी है.
समाचार पत्र ‘वेडोमोस्ती’ ने लिखा है कि हाल ही में ये पनडुब्बी रुस से अपग्रेड होकर भारत वापस आई थी, लेकिन अखबार ने रुस के काम की गुणवत्ता पर कोई सवाल नहीं उठाया है.


हाल ही में अपग्रेड हुई थी आईएनएस सिंधुरक्षक

 बुधवार, 14 अगस्त, 2013 को 11:18 IST तक के समाचार

(तस्वीर: रॉटयर्स )
मुंबई में नौसेना की गोदी में धमाके का शिकार हुई पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक को 16 साल पहले भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था और इसका हाल ही में आधुनिकीकरण किया गया था.
सिधुघोष श्रेणी की इस डीज़ल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी को रूस में बनाया गया था और 24 दिसंबर 1997 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था.
भारत ने 1986 से 2000 के बीच किलो क्लास की ऐसी दस पनडुब्बियां रूस से हासिल की थी.
आईएनएस सिंधुरक्षक के बैट्री कम्पार्टमेंट में फरवरी 2010 में आग लगी थी जिसमें एक नौसैनिक मारा गया था. तब यह पनडुब्बी विशाखापट्टनम में नौसेना गोदी में तैनात थी.
उसी साल इसे उन्नत बनाने के लिए रूस भेजा गया. ज़्वेजदोच्का गोदी में दो साल तक चली मरम्मत के दौरान इसमें कई आधुनिक प्रणालियां जोड़ी गईं थीं.

क्रूज़ मिसाइल

आईएनएस सिंधुरक्षक को क्लब एस क्रूज़ मिसाइलों से सुसज्जित किया गया जो 200 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम हैं.
साथ ही इसमें भारत और विदेश में विकसित दस नई प्रणालियों को भी जोड़ा गया था जिनमें यूएसएचयूएस हाइड्रो एकॉस्टिक सोनार सिस्टम और सीएसएस एमके-2 रेडियो कम्यूनिकेशन सिस्टम शामिल था.
अधिकारियों के मुताबिक़ इसे उन्नत बनाने में आठ करोड़ डॉलर का खर्च आया था.
इसके इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम, कंट्रोल सिस्टम और इंटिग्रेटेड वेपन कंट्रोल सिस्टम को भी अपडेट किया गया था.

नौसेना की ताकत

भारत के पास किलो क्लास में सिंधुरक्षक के अलावा सिंधुघोष, सिंधुध्वज, सिंधुरत्न, सिंधुवीर, सिंधुकेसरी, सिंधुकीर्ति, सिंधुविजय, सिंधुराज और सिंधुराष्ट्र पनडुब्बियां हैं.
7.2 मीटर लंबी सिंधुरक्षक पनडुब्बी भारतीय नौसेना की ताकत का एक अहम हिस्सा है. यह समुद्र के अंदर 640 किलोमीटर तक जा सकती है.
2300 टन वजन वाली पनडुब्बी की कीमत करीब 490 करोड़ रुपये है.
सिंधुघोष श्रेणी की पनडुब्बियां समुद्र में 300 मीटर की गहराई तक गोता लगा सकती हैं. इनकी अधिकतम रफ्तार 18 समुद्री मील है और ये चालक दल के 53 सदस्यों के साथ 45 दिन तक समुद्र में रह सकती हैं.

सिंधुरक्षक की मरम्मत ठीक से हुई थी: रूसी कंपनी

 बुधवार, 14 अगस्त, 2013 को 16:47 IST तक के समाचार

सिंधुरक्षक को 24 दिसंबर 1997 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था .
सिंधुरक्षक को 24 दिसंबर 1997 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था.
मुंबई में नौसेना की गोदी में धमाके का शिकार हुई पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक को बनाने वाली रूसी कंपनी का कहना है कि पनडुब्बी की मरम्मत ठीक से की गई थी.
रूस की सरकारी न्यूज़ एजेंसी आरआईए नोवोस्ती के अनुसार सिंधुरक्षक की हाल ही में रूस के जहाज बनाने वाले कारखाने ज़्वेजदोच्का में मध्यम स्तर की मरम्मत की गई थी और उसे अधिक उन्नत बनाया गया था.
ज़्वेजदोच्का के प्रवक्ता ने बुधवार को आरआईए को बताया कि क्लिक करें पनडुब्बी को ठीक करने के बाद भारत की तरफ से उन्हें कोई शिकायत नहीं मिली थी.
प्रवक्ता ने कहा, "हमने पनडुब्बी की मध्यम श्रेणी की मरम्मत और उसके आधुनिकीकरण के लिए जून 2010 में एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे और जनवरी 2013 में इसे ठीक कर वापस लौटा दिया गया"

'कई पुर्ज़े'

"मरम्मत के नियमों के अनुसार पनडुब्बी के पावर ब्लॉक पर भी काम किया गया था." (फ़ोटो: रॉयटर्स)
उन्होंने बताया, "पनडुब्बी में नया क्लब मिसाइल तंत्र लगाया गया था, बहुत से विदेश निर्मित और भारतीय पुर्ज़े लगाए गए थे. इनमें नेविगेशन और कम्यूनिकेशन तंत्र, एक रेफ्रिजरेशन ब्लॉक और एक्युमलेटर्स शामिल थे."
प्रवक्ता ने यह भी बताया कि , "मरम्मत के नियमों के अनुसार पनडुब्बी के पावर ब्लॉक पर भी काम किया गया था."
ज़्वेजदोच्का की तरफ से कहा गया कि समुद्र में परिक्षण के समय कुछ दिक्कतें आई थीं लेकिन ऐसा आम तौर पर होता ही है.
ज़्वेजदोच्का के प्रवक्ता ने कहा कि ज़्वेजदोच्का के जहाज़ निर्माताओं ने पनडुब्बी मिलने पर सभी दिक्कतों को दूर किया था और हस्तांतरण के नियमों के पत्र पर हस्ताक्षर किए गए थे.

'कोई शिकायत नहीं'

प्रवक्ता ने कहा कि पनडुब्बी में कोई कमी नहीं थी और भारत ने कोई शिकायत नहीं की थी.
आरआईए नोवोस्ती ने प्रवक्ता का नाम दिए बगैर बताया कि ज़्वेजदोच्का के प्रवक्ता का कहना है कि उनके आठ लोग इस समय रूस में हैं लेकिन इस समय उनमें से किसी से भी संपर्क नहीं हो पा रहा है.

सिंधुरक्षक में सवार नौसैनिकों की सूची जारी

 शुक्रवार, 16 अगस्त, 2013 को 00:09 IST तक के समाचार

नरोत्तम देउरी
सिंधुरक्षक पर सवार नरोत्तम देउरी असम के लखीमपुर के रहने वाले हैं.
भारतीय नौसेना ने सिंधुरक्षक पनडुब्बी हादसे में लापता अधिकारियों और सैनिकों के नामों की सूची जारी की है. बुधवार तड़के भारतीय नौसेना की पनडुब्बी सिंधुरक्षक धमाके के बाद मुंबई तट पर डूब गई थी.
धमाके के वक़्त सिंधुरक्षक में 18 नौसैनिक सवार थे जिनमें तीन अधिकारी और 15 नाविक थे.
अधिकारियों में लेफ़्टिनेंट कोमोडोर निखिलेश पाल, लेफ़्टिनेंट कोमोडोर आलोक कुमार और लेफ़्टिनेंट कोमोडोर आर वेंकिटराज शामिल थे.
नाविक अतुल शर्मा
नौसैनिक अतुल शर्मा हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से हैं.
सैनिकों में संजीव कुमार, केसी उपाध्याय, टिमोथी सिन्हा, केवल सिंह, सुनील कुमार, दसारी प्रसाद, लीजू लारेंस, राजेश टूटिका, अमित के सिंह, अतुल शर्मा, विकास ई, नरोत्तम देउरी, मलय हलदर, विष्णु वी और सीताराम बडापल्ली शामिल हैं.

भारतीय रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी वक्तव्य के मुताबिक़ फंसे नौसैनिकों को अभी तक देखा या ढूँढा नहीं जा सका है. मंत्रालय ने कहा, "पनडुब्बी के भीतर पानी भरा हुआ है जिसके कारण गोताख़ोर भीतर देख नहीं पा रहे हैं. साथ ही अंदर बेहद सीमित जगह है और घटना के कारण उपकरण अपनी जगह से हिल गए हैं."
टिमोथी सिन्हा
नौसैनिक टिमोथी सिन्हा 29 साल के हैं और असम के सिलचर से हैं.
मंत्रालय ने कहा कि धमाके से उपजी गर्मी के कारण पनडुब्बी का कुछ हिस्सा टूट-फूट गया है. प्रवक्ता के मुताबिक़ उनको तलाशने का अभियान जारी है.
भारत के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस घटना पर दुख प्रकट करते हुए कहा, "हमें इस बात से बहुत तकलीफ़ है कि बुधवार को एक दुर्घटना में हमने अपनी पनडुब्बी सिंधुरक्षक को खो दिया."

सिंधुरक्षक की हाल ही में रूस के जहाज़ बनाने वाले कारख़ाने ज़्वेजदोच्का में मध्यम स्तर की मरम्मत की गई थी और उसे अधिक उन्नत बनाया गया था.
भारत ने 1986 से 2000 के बीच किलो क्लास की ऐसी दस पनडुब्बियां रूस से हासिल की थी.
आईएनएस सिंधुरक्षक के बैट्री कम्पार्टमेंट में फरवरी 2010 में आग लगी थी जिसमें एक नौसैनिक मारा गया था. तब यह पनडुब्बी विशाखापट्टनम में नौसेना गोदी में तैनात थी.


सिंधुरक्षक हादसा: चार नौसैनिकों के शव मिले

 शुक्रवार, 16 अगस्त, 2013 को 17:04 IST तक के समाचार

भारतीय नौसेना ने कहा है कि उनके गोताखोर डूबी हुई पनडुब्बी क्लिक करें सिंधुरक्षक से चार नौसैनिकों के शव निकालने में सफल हो गए हैं और बाकी के जीवित होने की संभावना न के बराबर है.
हादसे के वक्त पनडुब्बी में 18 नौसैनिक थे. भारतीय नौसेना के मुताबिक चार शव निकाले जा चुके हैं लेकिन उनकी स्थिति इतनी खराब है कि उन्हें पहचानना बेहद मुश्किल है.
नौसेना ने एक बयान जारी कर कहा है कि 14 अगस्त से ही क्लिक करें पनडुब्बी में पहुँचने के उनके प्रयास जारी थे लेकिन पनडुब्बी में खौलते हुए पानी के चलते वे अंदर दाख़िल नहीं हो पा रहे थे.
बयान के अनुसार क्लिक करें पनडुब्बी के भीतरी हिस्से में जाना तो लगभग असंभव ही था क्योंकि दुर्घटना के बाद दरवाज़े जाम थे, सीढ़ियाँ ध्वस्त थीं, हर जगह तेल और कीचड़ फैला हुआ था. घुप्प अंधेरे में इन नौसैनिकों की तलाश करना बेहद मुश्किल था.
नौसैनिकों को खोजने में आ रही मुश्किलों के बारे में नौसेना का कहना है कि पनडुब्बी के अंदर स्थितियाँ इतनी खराब थीं कि एक समय में सिर्फ़ एक ही गोताखोर आगे बढ़ सकता था और रास्ता साफ़ कर सकता था.

विपरीत परिस्थितियाँ

36 घंटे तक विपरीत परिस्थितियों में काम करने के बाद आख़िरकार नौसेना के गोताखोर शुक्रवार 16 अगस्त तड़के पनडुब्बी के दूसरे हिस्से में दाख़िल होने में कामयाब हो पाए.
बयान में कहा गया है कि तीनों शव इतनी बुरी स्थिति में हैं कि उनकी पहचान करना फ़िलहाल मुश्किल है.
इन तीनों शवों को नौसेना के अस्पताल आईएनएचएस अश्विनी ले जाया गया है. शवों की पहचान करने के लिए डीएनए जाँच की जाएगी और इसमें थोड़ा वक्त लग सकता है.
नौसेना का कहना है कि धमाके के चलते क्लिक करें पनडुब्बी का नियंत्रण कक्ष का इलाका बुरी तरह से क्षतिग्रस्त है. अत्यधिक गर्मी पैदा होने की वजह से धातु पिघल गई है. इस वजह से बाकी नौसैनिकों को भी खोजने में परेशानियाँ पेश आ रही हैं लेकिन नौसेना पनडुब्बी के हर कोने तक पहुँचने की कोशिश कर रही है.
सिंधुरक्षक बुधवार तड़के मुंबई गोदी में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी.
इससे पहले गुरुवार को नौसेना ने लापता अधिकारियों और सैनिकों के नामों की सूची जारी की थी.
अधिकारियों में लेफ़्टिनेंट कोमोडोर निखिलेश पाल, लेफ़्टिनेंट कोमोडोर आलोक कुमार और लेफ़्टिनेंट कोमोडोर आर वेंकटराज शामिल थे.
सैनिकों में संजीव कुमार, के सी उपाध्याय, टिमोथी सिन्हा, केवल सिंह, सुनील कुमार, दसारी प्रसाद, लीजू लारेंस, राजेश टूटिका, अमित के सिंह, अतुल शर्मा, विकास ई, नरोत्तम देउरी, मलय हलदर, विष्णु वी और सीताराम बडापल्ली शामिल हैं.



चार वर्षों में शेयर बाज़ार में 769.41 अंकों की ज़बरदस्त बड़ी गिरावट

चार वर्षों में शेयर बाज़ार में 769.41 अंकों की ज़बरदस्त बड़ी गिरावट

 शुक्रवार, 16 अगस्त, 2013 को 19:17
सेंसेक्स
सेंसेक्स में ज़बरदस्त गिरावट दर्ज की गई है
भारत में रुपए की क़ीमत में रिकॉर्ड गिरावट का असर शुक्रवार को शेयर बाज़ार पर भी देखा गया जब बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सूचकांक में 769.41 अंकों की ज़बरदस्त गिरावट देखी गई. ये 18598 पर बंद हुआ.
पिछले चार सालों में ये सबसे बड़ी गिरावट है. लुढ़कते रुपए के अलावा अमरीका में सरकारी आर्थिक मदद वापस लेने की अटकलों का भी बाज़ार पर असर पड़ा.
बैंकों, धातु सेक्टर और रियलिटी क्षेत्र के शेयरों में सबसे ज़्यादा गिरावट आई.
30 शेयरों वाले सेंसेक्स में हीरो मोटोकोर्प को छोड़कर बाकी सभी को नुकसान हुआ, खा़सकर रिलायंस इंडसट्रीज़, ओएनजीसी, जिंदल स्टील और मारुति को.
कारोबार शुरु होने पर सूचकांक 19,297.11 अंकों पर था और एक समय ये 18,559.65 तक गिर गया. निफ़्टी भी 234.45 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ.
इससे पहले दिन में शुक्रवार को बाजार खुलने के साथ हीक्लिक करें रुपये में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई . सुबह 10.30 बजे कारोबार में एक डॉलर की कीमत 62.03 रुपये पहुँच गई थी. हालांकि इसके बाद कारोबार में कुछ नरमी दिखाई दी.
पिछले सप्ताह एक डॉलर 61.80 रुपए तक बिका था.पिछले कई महीनों से डॉलर की कीमत रुपए के मुकाबले काफी कमजोर हुई है.

रेटिंग में गिरावट

अभी कुछ दिन पहले ही अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग संस्था फिच ने भारत की क्रेडिट रेटिंग आउटलुक में कटौती करते हुए इसे ‘स्थिर’ से ‘नकारात्मक’ कर दिया था.
इससे पहले स्टैंडर्ड एंड पूअर्स ने भी नीतिगत फैसलों में सुधार की आवश्यकता पर जोर देते हुए भारत के लिए अपनी क्रेडिट रेटिंग में कटौती की थी.

फिच का अनुमान है कि भारतीय अर्थव्यवस्था इस वित्त वर्ष में 6.5 फीसदी की दर से बढ़ेगी जो पिछले अनुमान 7.5 फीसदी से कम है.
भारतीय औद्योगिक जगत की कई हस्तियाँ देश की आर्थिक स्थिति पर चिंता जता चुकी हैं. एनआर नारायण मूर्ति और अजीम प्रेमजी ने आर्थिक बदहाली के लिए कुछ दिन पहले यूपीए सरकार की कड़ी आलोचना की थी और कहा था कि इससे देश की छवि को धक्का पहुंचा है.

Friday 16 August 2013

Happy :) Independence Day 15 August 2013(67th)

Happy :) Independence Day 15 August 2013(67th)


Jai Hind......happy :) independence day to all my friends...

Mera Mulk Mera Desh Lyrics - Diljale (1996)

Movie/Album:Diljale (1996)
Singers: Aditya Narayan Jha, Kumar Sanu
Song Lyricists: Javed Akhtar
Music Composer: Anu Malik
Music Director: Anu Malik
Director: Harry Baweja
Music Label:T-series
Starring:Ajay Devgn, Sonali Bendre, Madhoo, Amrish Puri, Shakti Kapoor, Parmeet Sethi
Release on:20th September, 1996

Mera Mulk Mera Desh Song Lyrics

Song Duration: 06:11
Mera mulk mera desh mera yeh watan
Shanti ka unnati ka pyaar ka chaman
Mera mulk mera desh mera yeh watan
Shanti ka unnati ka pyaar ka chaman
Is ke vaaste nisaar hai mera tan mera man
Aye watan aye watan aye watan
Jaaneman jaaneman jaaneman
Aye watan aye watan aye watan
Jaaneman jaaneman jaaneman
Mera mulk mera desh mera yeh watan
Shanti ka unnati ka pyaar ka chaman

Is ki mitti se bane tere mere yeh badan
Is ki dharti tere mere vaaste gagan
Is ne hi sikhaya humko jeene ka chalan
Jeene ka chalan
Is ke vaaste nisaar hai mera tan mera man
Aye watan aye watan aye watan
Jaaneman jaaneman jaaneman
Mera mulk mera desh mera yeh watan
Shanti ka unnati ka pyaar ka chaman

Apne is chaman ko swarg hum banayenge
Kona kona apne desh ka sajayenge
Jashn hoga zindagi ka honge sab magan
Honge sab magan
Is ke vaaste nisaar hai mera tan mera man
Aye watan aye watan aye watan
Jaaneman jaaneman jaaneman
Mera mulk mera desh mera yeh watan
Shanti ka unnati ka pyaar ka chaman
Mera mulk mera desh mera yeh watan
Shanti ka unnati ka pyaar ka chaman
Is ke vaaste nisaar hai mera tan mera man
Aye watan aye watan aye watan
Jaaneman jaaneman jaaneman
Aye watan aye watan aye watan
Jaaneman jaaneman jaaneman.


A Beautiful Song Fully Dedicated to My Hindustan...must watch and enjoy...

http://youtu.be/MoYJJyczOTg