वीएचपी नेता प्रवीण तोगड़िया
उत्तर प्रदेश सरकार से इजाजत नहीं मिलने के बावजूद विश्व हिन्दू परिषद
(वीएचपी) द्वारा अयोध्या 84 कोसी परिक्रमा निकालने के फैसले पर अटल रहने से
अयोध्या और फैजाबाद में तनावपूर्ण शांति है और कानून-व्यवस्था बनाए रखने
के लिए वीएचपी के कई वरिष्ठ नेताओं और 340 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को
गिरफ्तार किया गया है.
सरकार द्वारा रोक और इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ द्वारा इस फैसले पर
कमोबेश मुहर लगाए जाने के बावजूद वीएचपी चौरासी 84 यात्रा निकालने पर अड़ी
है. इसके मद्देनजर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त हैं.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वीएचपी के पदाधिकारी महंत संतोष दास को
वाराणसी में जबकि संगठन के प्रमुख नेता महंत राम शरण दास को राम सनेही घाट
में गिरफ्तार कर लिया गया. बहराइच में बलहा से बीजेपी की विधायक सावित्री
बाई फुले को नजरबंद किया गया है.
गृह विभाग के एक प्रवक्ता के मुताबिक कानपुर शहर में 100, फैजाबाद में 62,
आगरा में 46, इलाहाबाद में 43, कानपुर देहात में 35, फतेहपुर में 17, बस्ती
में आठ, जौनपुर में सात तथा बांदा में एक व्यक्ति को एहतियात के तौर पर
हिरासत में लिया गया है.
अशोक सिंघल और तोगड़िया के खिलाफ वारंट जारी
फैजाबाद के जिलाधिकारी विपिन कुमार द्विवेदी के मुताबिक वीएचपी के शीर्ष
नेताओं अशोक सिंघल, प्रवीण तोगड़िया और रामविलास वेदांती के खिलाफ वारंट
जारी किए जा चुके हैं. प्रमुख नेताओं की गिरफ्तारी के लिए फैजाबाद के
जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की अगुवाई में एक टीम ने स्थानीय
कारसेवकपुरम स्थित वीएचपी के स्थानीय मुख्यालय, मणिराम छावनी, महंत नृत्य
गोपाल दास के राम जन्मभूमि ट्रस्ट और वीएचपी कार्यकर्ताओं की मौजूदगी की
आशंका वाले ठिकानों पर तलाशी ली. शुरुआत में वीएचपी के 70 प्रमुख नेताओं के
खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने वाले जिला प्रशासन ने अब 300 और
कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी वारंट जारी किए हैं.
गिरफ्तारी इस लिए कि बनी रहे कानून-व्यवस्था
जिलाधिकारी ने बताया, ‘हम ऐसे प्रमुख वीएचपी नेताओं की गिरफ्तारी कर रहे
हैं, जो 84 कोसी परिक्रमा के नाम पर कानून-व्यवस्था की समस्या खड़ी कर सकते
हैं.’ इस बीच, फैजाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक केबी सिंह ने बताया कि
साधुओं को अयोध्या की तरफ जाने से ससम्मान रोका जा रहा है. गौरतलब है कि
वीएचपी ने राज्य सरकार को एक पत्र लिखकर 25 अगस्त से 13 सितंबर तक
साधु-संतों और श्रद्धालुओं की 84 कोसी परिक्रमा का आयोजन करने की इजाजत
मांगी थी, लेकिन सरकार ने परंपरा के अनुसार इस अनुष्ठान का समय बीत जाने और
सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए इसके आयोजन की अनुमति देने से इनकार कर
दिया था.
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
84 कोसी परिक्रमा छह जिलों फैजाबाद, बाराबंकी, बस्ती, बहराइच, गोण्डा और
अंबेडकरनगर से होकर गुजरती है. इस यात्रा में करीब 50 हजार वीएचपी
कार्यकर्ताओं के शिरकत करने की आशंका है. इस बीच, फैजाबाद में
कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पीएसी की 13 कम्पनियां, रैपिड एक्शन फोर्स
की तीन कम्पनियों, दो पुलिस अधीक्षक, 19 अपर पुलिस अधीक्षक, 42 उपाधीक्षक,
135 निरीक्षक, 430 दरोगा तथा 1300 आरक्षी तैनात किए गए हैं. गृह विभाग के
प्रवक्ता ने बताया कि यात्रा में शिरकत के लिए जाने वाले लोगों को गिरफ्तार
करने के लिए बहराइच में 16, बाराबंकी में 12, फैजाबाद में 10, अम्बेडकरनगर
में पांच, गोंडा में तीन तथा बस्ती में दो अस्थाई कारागार बनाये गए हैं.
उन्होंने बताया कि सम्बन्धित जिलों में बड़े पैमाने पर पुलिस बल के साथ-साथ
नौ कम्पनी अर्धसैनिक बल को भी तैनात किया गया है.
पुलिस महानिदेशक देवराज नागर ने बताया कि उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे
दूसरे राज्यों के पुलिस महानिदेशकों से आग्रह किया गया है कि वे प्रस्तावित
परिक्रमा में शामिल होने आ रहे साधु संतों के बारे में उत्तर प्रदेश पुलिस
को पहले सूचना दें. उन्होंने बताया कि प्रदेश के खुफिया तंत्र से कहा गया
है कि किसी तरह की संदिग्ध बात नजर आने पर उसकी सूचना दें. इस काम में
दूसरी एजेंसियों का भी सहयोग लिया जा रहा है. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि
सरकार द्वारा लगाया गया प्रतिबंध पूरी तरह लागू हो.
यात्रा की इजाजत नहीं देने के खिलाफ दायर याचिका खारिज
वीएचपी की अयोध्या 84 कोसी परिक्रमा करने की इजाजत नहीं देने के खिलाफ दायर
एक जनहित याचिका को शनिवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने खारिज कर
दिया. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने इस परिक्रमा की पिछले सालों से चली आ
रही परंपरा का हवाला अपनी याचिका में नहीं दिया है. ऐसे में इसे खारिज
किया जाता है. न्यायमूर्ति लक्ष्मीकांत महापात्र और न्यायमूर्ति देवेंद्र
कुमार उपाध्याय की खण्डपीठ ने यह फैसला स्थानीय वकील महेश गुप्ता की याचिका
पर शुरुआती सुनवाई के बाद दिया. उधर, वीएचपी परिक्रमा यात्रा निकालने पर
अड़ी है. उसके प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि साधु-संतों द्वारा ताजा
परिस्थितियों की रोशनी में विचार-विमर्श के बाद तय किया गया है कि वीएचपी
के कार्यक्रम में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा.
धार्मिक होगी यात्रा, कानून-व्यवस्था को खतरा नहीं
कार्यक्रम के मुताबिक 25 अगस्त को सरयू तट पर पूजा-अर्चना के बाद यात्रा
निकाली जाएगी. वीएचपी प्रवक्ता ने बताया कि यात्रा निकालने वाले साधु-संत
कानून-व्यवस्था को कोई खतरा पैदा नहीं करेंगे. यह एक धार्मिक यात्रा होगी
और अगर सरकार संतों के खिलाफ कोई कार्रवाई करती है तो वे स्थिति से निपटने
के लिए स्वतंत्र होंगे.
यूपी का सांप्रदायिक माहौल खराब करने की साजिश है यात्रा
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि वीएचपी की यह यात्रा प्रदेश का
साम्प्रदायिक माहौल खराब करने की कुछ लोगों की साजिश है. उन्होंने किसी का
नाम लिए बगैर कहा, ‘कुछ लोग ऐसी यात्रा निकालना चाहते हैं, जिससे आम जनता
का कुछ भला नहीं होने वाले. यह माहौल खराब करने की साजिश है.’