सिंधुरक्षक हादसा: 'दो मिनट बाद ही जन्मदिन था उनका'
रविवार, 18 अगस्त, 2013 को 08:31 IST तक के समाचार
पनडुब्बी सिंधुरक्षक में फंसे 18 नौसैनिकों में से क्लिक करें
पाँच नौसैनिकों के शव मिल चुके हैं. शवों को नौसेना के अस्पताल आईएनएस अश्विनी में डीएनए टेस्ट के लिए ले जाया गया है.
सभी 18 नौसैनिकों के परिवार दो दिन पहले ही मुंबई पहुंच चके हैं और उन्होंने नौसेना के अधिकारियों से मुलाकात की है.बीबीसी ने नौसैनिकों के परिजनों में से कुछ से मुलाकात की. सभी परिवारों के घर मातम छाया हुआ है. वो इस कदर दुख में डूबे हुए हैं कि किसी से बात करने की स्थिति में नहीं हैं.
सभी की आँखों से आँसू थमने का नाम नहीं ले रहे. किसी ने अपना पति, किसी ने अपना बेटा तो किसी ने अपने पिता को खो दिया है.
लीजू लॉरेंस, उम्र 28 साल, केरल
हादसे में लीजू लॉरेंस ने भी जान गंवा दी, लीजू लॉरेंस की उम्र 28 साल थी और वो केरल के तिरुअनंतपुरम् के रहने वाले थे. कुछ महीनों पहले ही लीजू लॉरेंस रूस से आए थे और उन्होंने पांच जून 2013 को शादी की थी.वो कभी रोती हैं तो कभी बेहोश हो जाती हैं. तो कभी दिवंगत लीजू लॉरेंस की वर्दी पहन कर बैठ जाती हैं. उन्हें डिफेंस के अस्पताल में भी इलाज के लिए ले जाया गया."
लीजू के भाई बीजू लॉरेंस बताते हैं, "लीजू इन दो महीनों में काफी व्यस्त थे और शादी के बाद उऩ्हें अपने परिवार के साथ वक्त बिताने का मौका ही नहीं मिला.
वो बहुत जल्द ही छुट्टी के लिए अर्जी देने वाले थे और अपनी पत्नी के साथ कश्मीर घूमने जाने वाले थे, लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंज़ूर था."
अतुल शर्मा, उम्र 23 साल, हिमाचल प्रदेश
14 अगस्त की रात 11 बजकर 58 मिनट पर पनडुब्बी सिंधुरक्षक हादसे का शिकार हुई. उस हादसे के दो मिनट बाद ही अतुल शर्मा का जन्मदिन आने वाला था. लेकिन जन्मदिन के आने से पहले ही वो इस हादसे का शिकार बन गए.
उनके परिवार वाले उन्हें जन्मदिन की बधाइयां देने के लिए बेकरार थे. उनके पिता आशीर्वाद देने के लिए फोन लगाते रहे लेकिन फोन नहीं लगा और जब इस हादसे की खबर आई तो उनके परिवार के पैरों तले से ज़मीन खिसक गई.
घर में सन्नाटा पसर गया. अतुल अपने परिवार के सबसे बड़े बेटे थे. माता-पिता ने अपना जवान बेटा खोया. इस बेटे को लेकर उन्होंने बहुत से सपने संजोए थे. शादी कराने के बाद उनके बहुत से अरमान थे. मगर सब टूट गए. अतुल के छोटे भाई और चाचा मुंबई आए हैं.
केवल सिंह, उम्र 28 साल, जम्मू और कश्मीर
अपनी गोद में बच्चे की किलकारियों से उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था, लेकिन ये खुशी ज़्यादा दिनों तक टिक नहीं पाई.
हादसे के बाद उनका परिवार पूरी तरह से टूट गया है.
केवल सिंह की पत्नी इस सदमे से उबर नहीं पा रही है. उन्हें इस बात का यकीन ही नही है कि कुछ दिन पहले जो उनके बीच में थे, अब वो कहीं दूर जा चुके हैं.
उस बच्चे का क्या, जो अभी इस दुनिया में आया है और उसे तो ये भी नहीं मालूम कि पिता और पिता का प्यार होता क्या है.
केवल सिंह के परिवार से उनके बड़े भाई के साथ दो लोग मुंबई आए हैं..क्लिक करें
दसारी प्रसाद, 34 साल, आंध्र प्रदेश
उनकी पत्नी गर्भवती हैं और कभी भी उनके घर में नया मेहमान आ सकता है.
दसारी प्रसाद का कुछ दिन पहले ही विशाखापत्तनम् से मुंबई की पनडुब्बी सिंधुरक्षक में तबादला हुआ था. वो काफी खुश थे, क्योंकि बहुत जल्द ही अपने परिवार वालों से मिलने वाले थे.
उन्हें इंतज़ार था अपने घर आने वाले उस मेहमान का जिसे वो अपनी गोद में खिलाने वाले थे, लेकिन अफ़सोस ऐसा नहीं हो सका.
अपने आने वाले शिशु की शक्ल देखने की चाहत लिए ही दसारी प्रसाद इस हादसे का शिकार हो गए.
चार साल की बेटी को इंतज़ार है अपने पिता का और उसे उम्मीद है कि पापा जल्दी घर वापस आएंगेक्लिक करें
दर्दनाक हादसा
धमाके के वक़्त सिंधुरक्षक में 18 नौसैनिक सवार थे जिनमें तीन अधिकारी और 15 नाविक थे.अधिकारियों में लेफ़्टिनेंट कोमोडोर निखिलेश पाल, लेफ़्टिनेंट कोमोडोर आलोक कुमार और लेफ़्टिनेंट कोमोडोर आर वेंकटराज शामिल थे.
सैनिकों में संजीव कुमार, केसी उपाध्याय, टिमोथी सिन्हा, केवल सिंह, सुनील कुमार, दसारी प्रसाद, लीजू लॉरेंस, राजेश टूटिका, अमित के सिंह, अतुल शर्मा, विकास ई, नरोत्तम देउरी, मलय हलदर, विष्णु वी और सीताराम बडापल्ली शामिल थे.
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