'अमरीका ने हैक की' याहू, गूगल की जानकारियां
गुरुवार, 31 अक्तूबर, 2013 को 09:01 IST तक के समाचार
अमरीकी ख़ुफ़िया एजेंसी के पूर्व
अधिकारी एडवर्ड स्नोडन की तरफ से लीक हुई ताज़ा जानकारी में पता चला है कि
अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) गोपनीय जानकारियाँ निकालने के
लिए याहू और गूगल की डाटा सूत्रों को हैक करती रही हैं.
वॉशिंगटन पोस्ट पर छपे दस्तावेज़ों के अनुसार इन दोनों इंटरनेट कंपनियों के नेटवर्कों से लाखों रिकॉर्ड रोज़ाना चोरी किए जाते थे.जनरल कीथ एलेक्ज़ेंडर ने ब्लूमबर्ग टीवी को बताया, "हमें किसी अमरीकी कंपनी के सर्वर तक पहुंच कर उसमे से जानकारियां निकालने की अनुमति नहीं है."
लेकिन संवाददाताओं का कहना है कि एलेक्ज़ेंडर इन आरोपों का सीधे तौर पर खंडन भी नहीं कर रहे हैं.
'डाटा रूट हैक'
स्नोडन के ताज़ा ख़ुलासे के अनुसार सर्वर हैक करने की जगह एनएसए गोपनीय जानकारियां उसी समय हासिल कर लेता है जब वो डाटा के रूप में ऑप्टिकल फ़ाइबर केबल के ज़रिए किसी नेटवर्क डिवाइस से सर्वर तक यात्रा कर रहा होता है.एनएसए के पास गूगल और याहू के यूज़रों की जानकारियां निकालने के लिए एक 'वैध' रास्ता, ख़ुफ़िया कार्यक्रम 'प्रिज़्म' पहले से मौजूद है.
ताज़ा ख़ुलासे एडवर्ड स्नोडन के दस्तावेज़ों से मिले हैं जो ख़ुद इस वक्त रूस की शरण में हैं और अमरीका को उनकी तलाश है.
ये जानकारियां उस वक्त लीक की गईं हैं जब जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल के मोबाइल फ़ोन से ख़ुफ़िया जानकारियां चुराए जाने के दावे पर चर्चा के लिए जर्मन दूत वॉशिंगटन पहुंचे हैं.
अमरीका के मित्र देश 'ख़फ़ा'
जर्मनी की ख़ुफ़िया एजेंसियों के प्रमुख अगले हफ्ते वॉशिंगटन में अमरीकी एजेंसियों के प्रमुख लोगों से मिलेंगे.स्पेन के प्रधानमंत्री मेरियानों राजॉय ने कहा कि अगर एनएसए ने स्पेन की भी जानकारियां इकठ्ठा की हैं तो ये 'बहुत ग़लत बात है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.'
हालांकि जनरल एलेक्ज़ेंडर कहते हैं' "एक बात जो कही जा रही है कि एनएसए ने यूरोप में लाखों फ़ोन कॉल रिकॉर्ड किए, वो बिल्कुल ग़लत है."
एजेंसी ने इतालवी मीडिया के उन आरोपों को भी ख़ारिज किया जिसमें दावा किया गया था कि वेटिकन से भी ख़ुफ़िया सूचनाएं जुटाई गई थी.
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