सीबीआई असंवैधानिक संस्थाः गुवाहाटी हाई कोर्ट
गुवाहाटी, 8 नवम्बर 2013 | अपडेटेड: 09:30 IST
अपनी किस्म के एक अजीबोगरीब फैसले में गुवाहाटी हाई कोर्ट ने उस
प्रस्ताव को रद्द कर दिया, जिसके जरिए केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई का
गठन किया गया था और साथ ही कहा है कि सीबीआई की सारी कार्रवाइयां
‘असंवैधानिक’ हैं.
न्यायाधीश आई ए अंसारी तथा
इंदिरा शाह की खंडपीठ ने यह फैसला हाई कोर्ट के एक न्यायाधीश द्वारा वर्ष
2007 में दिए गए फैसले को चुनौती देते हुए नावेन्द्र कुमार द्वारा दायर रिट
याचिका पर दिया. वर्ष 2007 में सीबीआई का गठन करने वाले प्रस्ताव के संबंध
में फैसला दिया गया था.
अदालत ने कहा, ‘इसलिए हम
01.04.1963 के प्रस्ताव को रद्द करते हैं जिसके जरिए सीबीआई का गठन किया
गया था. हम यह भी फैसला देते हैं कि सीबीआई न तो दिल्ली विशेष पुलिस
प्रतिष्ठान (डीएसपीई) का कोई हिस्सा है और न उसका अंग है और सीबीआई को 1946
के डीएसपीई अधिनियम के तहत गठित ‘पुलिस बल’ के तौर पर नहीं लिया जा सकता.’
अदालत ने आगे कहा कि गृह मंत्रालय का उपरोक्त प्रस्ताव ‘न तो केंद्रीय
कैबिनेट का फैसला था और न ही इन कार्यकारी निर्देशों को राष्ट्रपति ने अपनी
मंजूरी दी थी.’
अदालत ने कहा,
‘इसलिए संबंधित प्रस्ताव को अधिक से अधिक एक विभागीय निर्देश के रूप में
लिया जा सकता है जिसे ‘कानून’ नहीं कहा जा सकता.’ इसके बाद अदालत ने सीबीआई
द्वारा कुमार के खिलाफ दाखिल आरोपपत्र और साथ ही सुनवाई को दरकिनार करते
हुए रद्द कर दिया.
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