Thursday, 7 November 2013

सीबीआई असंवैधानिक संस्थाः गुवाहाटी हाई कोर्ट

सीबीआई असंवैधानिक संस्थाः गुवाहाटी हाई कोर्ट

गुवाहाटी, 8 नवम्बर 2013 | अपडेटेड: 09:30 IST
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सीबीआई की साख पर फिर उठे सवाल
सीबीआई की साख पर फिर उठे सवाल
अपनी किस्म के एक अजीबोगरीब फैसले में गुवाहाटी हाई कोर्ट ने उस प्रस्ताव को रद्द कर दिया, जिसके जरिए केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई का गठन किया गया था और साथ ही कहा है कि सीबीआई की सारी कार्रवाइयां ‘असंवैधानिक’ हैं.

न्यायाधीश आई ए अंसारी तथा इंदिरा शाह की खंडपीठ ने यह फैसला हाई कोर्ट के एक न्यायाधीश द्वारा वर्ष 2007 में दिए गए फैसले को चुनौती देते हुए नावेन्द्र कुमार द्वारा दायर रिट याचिका पर दिया. वर्ष 2007 में सीबीआई का गठन करने वाले प्रस्ताव के संबंध में फैसला दिया गया था.

अदालत ने कहा, ‘इसलिए हम 01.04.1963 के प्रस्ताव को रद्द करते हैं जिसके जरिए सीबीआई का गठन किया गया था.  हम यह भी फैसला देते हैं कि सीबीआई न तो दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (डीएसपीई) का कोई हिस्सा है और न उसका अंग है और सीबीआई को 1946 के डीएसपीई अधिनियम के तहत गठित ‘पुलिस बल’ के तौर पर नहीं लिया जा सकता.’ अदालत ने आगे कहा कि गृह मंत्रालय का उपरोक्त प्रस्ताव ‘न तो केंद्रीय कैबिनेट का फैसला था और न ही इन कार्यकारी निर्देशों को राष्ट्रपति ने अपनी मंजूरी दी थी.’


अदालत ने कहा, ‘इसलिए संबंधित प्रस्ताव को अधिक से अधिक एक विभागीय निर्देश के रूप में लिया जा सकता है जिसे ‘कानून’ नहीं कहा जा सकता.’ इसके बाद अदालत ने सीबीआई द्वारा कुमार के खिलाफ दाखिल आरोपपत्र और साथ ही सुनवाई को दरकिनार करते हुए रद्द कर दिया. 


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