#DontRapeAgain #NirbhayaInsulted:..."कि अगर सड़क पर गोश्त पड़ा है तो कुत्ते तो उसे खाएंगे ही"---भारत की प्रतिष्ठा को आघात पहुंचाने की कोशिश :रोक के बावजूद BBC ने निर्भया पर बनी डॉक्यूमेंट्री का किया प्रसारण...
राज्यसभा सांसद और मशहूर शायर जावेद अख़्तर लोगों की नाराज़गी को तो सही मानते हैं लेकिन इस पूरे मामले में उनकी आपत्ति किसी और बात को लेकर है.
मुझे लगता है कि लोगों का ग़ुस्सा अपनी जगह सही है क्योंकि जो घटना हुई वो भयानक और दिल को हिला देने वाली थी.
अब ये डॉक्यूमेंट्री उस घटना की याद दिला रही है, तो इसे लेकर लोगों में रोष है.
लेकिन मैं समझता हूं कि ये ग़ुस्सा कहीं ग़लत जगह निकल रहा है. ग़ुस्सा हमें ज़रूर होना चाहिए कि इस तरह का जुर्म हुआ था. इस बात पर ग़ुस्सा होना चाहिए कि वो मुजरिम अभी भी सही सलामत जेल में बैठे हुए हैं.
ग़ुस्सा इस बात पर भी होना चाहिए कि वो व्यक्ति किस तरह बात कर रहा है और कैसी बातें कह रहा है. लेकिन इस आदमी को तो इसके किए सज़ा मिलेगी.
इस तरह की ज़ुबान इस्तेमाल की जा रही है, ये ग़ुस्से की बात ज़रूर है. लेकिन सोचने वाली बात ये है जिस तरह का तर्क ये बलात्कारी दे रहा है, यही तर्क ऐसे लोग भी देते हैं जो अपने आप को समाज सुधारक समझते हैं, जो अपने आप को संस्कृति का पहरेदार समझते हैं.
वो लोग भी उसी पर इल्जाम लगाते हैं जिस पर ज़ुल्म हुआ है. कहते हैं कि महिलाओं को ऐसे कपड़े नहीं पहनने चाहिए, उन्हें जीन्स नहीं पहननी चाहिए, उन्हें टीशर्ट नहीं पहननी चाहिए. उन्हें इस तरह से बाहर नहीं निकलना चाहिए, उन्हें रात को बाहर नहीं घूमना चाहिए.
तो मतलब ये है कि ऐसे लोगों की मानसिकता और बलात्कारी की मानसिकता में कोई फ़र्क़ नहीं है. असल में ग़ुस्से की बात ये है.
मुझे इस बात पर ग़ुस्सा है कि वो कह रहे हैं कि देखा और सुना तुमने, ये बलात्कारी क्या कह रहा है. दरअसल ये वही कह रहा है जो ख़ुद को शरीफ कहने वाले बहुत से लोग भी कहते हैं. वो लोग देखें क्योंकि उनके लिए ये शर्म की बात है.
लेकिन अगर उचित तरीक़े से, पूरी अनुमति के साथ काम किया गया है तो इसमें कुछ ख़राबी नहीं है.
जहां तक इसे लेकर सोच की बात कही जा रही है. उससे डरने की कोई ज़रूरत नहीं है.
ऐसा नहीं है कि अगर लोग इसे देखेंगे तो बलात्कारी की सोच से प्रभावित हो जाएंगे, बल्कि उन्हें इस विचार से, इस सोच से नफ़रत होगी कि ये एक बलात्कारी की सोच है और हमारे अंदर इस तरह की सोच नहीं चाहिए.
राजनाथ सिंह ने कहा कि एक बलात्कार का साक्षात्कार की इजजात कैसे दी गई ये एक चौंकाने वाली घटना है.
उन्होंने कहा, "मैं पूरे मामले की जांच करवाऊंगा. अगर साक्षात्कार करने की प्रक्रिया में संशोधन की आवश्यकता है तो वो भी किया जाएगा. इसमें ज़िम्मेदारी निर्धारित की जाएगी."
एक स्वतंत्र फिल्म निर्माता औऱ निर्देशक लेज्ली उडविन ने ये डॉक्युमेंट्री बनाई है जिसे बीबीसी 4 और भारत में एनडीटीवी पर आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर दिखाया जाना था.
उन्होंने कहा कि किन परिस्थितियों में ऐसी अनुमति दी गई थी उसकी पूरी जांच की जा रही है और इसके लिए जो भी ज़िम्मेदार होगा उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी.
राजनाथ सिंह ने बताया कि उन्होंने सूचना और प्रसारण मंत्रालय से बात की है ताकि इस डॉक्युमेंट्री को देश के बाहर भी न दिखाया जाए.
संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने डॉक्यमेंट्री को भारत को बदनाम करने की षणयंत्र बताया.
एक अदालत ने मंगलवार रात एक आदेश में मीडिया से कहा था कि इस डॉक्युमेंट्री या उसके किसी हिस्से को न दिखाया जाए.
जया बच्चन के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी के नेताओं ने राज्य सभा से वॉकआऊट किया.
सांसद अनु आगा ने कहा, "डॉक्युमेंट्री पर रोक लगाने की कोशिश ग़लत है और इस पर रोक लगाना समस्या का हल नहीं है."
जबकि जया बच्चन ने इस मामले पर कार्रवाई में देरी को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए.
भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने डॉक्युमेंट्री को भारत की प्रतिष्ठा को आघात पहुंचाने की कोशिश बताया और कहा कि ऐसी डॉक्युमेंट्री को नहीं दिखाया जाना चाहिए.
गृहमंत्री के बयान के बाद राज्यसभा में हंगामा शुरू हो गया. सदन के सदस्य इस मुद्दे पर सरकार से सवाल करना चाह रहे थे.
Web Title : bbc four to air nirbhaya documentary indias daughter at 3.30 am ist in uk.nirbhaya guilty mukesh singh blames girl for rape said she should not oppose
Keyword : Nirbhaya Documentary, BBC Four to air Nirbhaya documentary, Delhi Ganrape Documentary
---'निर्भया पर फ़िल्म नहीं दिखाई जाएगी': केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह
---ग़लत जगह निकल रहा है ग़ुस्सा: जावेद अख़्तर
---bbc four released nirbhaya documentary 'indias daughter' at 3.30 am ist in uk.nirbhaya guilty mukesh singh blames girl for rape said she should not oppose
| नई दिल्ली, 5 मार्च 2015 | अपडेटेड: 08:24 IST
निर्भया पर बनी डॉक्यूमेंट्री पर भारत सरकार की रोक के बावजूद बीबीसी ने
बुधवार रात इसका टेलीकास्ट कर दिया. भारतीय समय के मुताबिक रात साढ़े तीन
बजे डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण किया गया. पहले ये डॉक्यूमेंट्री 8 मार्च को
दिखाई जानी थी, लेकिन समय में बदलाव किया गया.भारत
सरकार ने बीबीसी से डॉक्यूमेंट्री को नहीं दिखाने को कहा था, लेकिन बीबीसी
ने डॉक्यूमेंट्री दिखा दी. इस डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण कई देशों में हुआ.
हालांकि, इसका प्रसारण भारत में नहीं किया जाएगा. इस डॉक्यूमेंट्री का नाम
'इंडियाज डॉटर' रखा गया है.
संसद में बोले थे राजनाथ, दुष्कर्म के दोषी का साक्षात्कार प्रसारित नहीं होगा
आपको बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को राज्यसभा में कहा था कि सरकार ने 16 दिसंबर को घटी सामूहिक दुष्कर्म की घटना के दोषी व्यक्ति के साक्षात्कार का प्रसारण रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं. राज्यसभा और लोकसभा में एक बयान में गृह मंत्री ने कहा कि सरकार 16 दिसंबर 2012 की घटना की निंदा करती है और व्यावसायिक लाभ के लिए ऐसी घटनाओं का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी जाएगी.
गौरतलब है कि 16 दिसंबर, 2012 की रात एक 23 वर्षीय छात्रा के साथ दक्षिणी दिल्ली में चलती बस में छह आतताइयों ने मिलकर दुष्कर्म किया था. वह फिल्म देखने के बाद रात को अपने एक दोस्त के साथ वापस घर लौट रही थी. उसके दोस्त के साथ भी मारपीट की गई थी और दोनों को सड़क पर मरणासन्न अवस्था में फेंक दिया गया था. घटना में बुरी तरह घायल हुई छात्रा की 13 दिन बाद सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी. घटना के एक दोषी मुकेश सिंह का डॉक्यूमेंट्री में साक्षात्कार लिया गया है. मुकेश के अतिरिक्त तीन अन्य को मामले में दोषी ठहराया गया है और उन्हें मृत्युदंड सुनाया गया है.
संसद में बोले थे राजनाथ, दुष्कर्म के दोषी का साक्षात्कार प्रसारित नहीं होगा
आपको बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को राज्यसभा में कहा था कि सरकार ने 16 दिसंबर को घटी सामूहिक दुष्कर्म की घटना के दोषी व्यक्ति के साक्षात्कार का प्रसारण रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं. राज्यसभा और लोकसभा में एक बयान में गृह मंत्री ने कहा कि सरकार 16 दिसंबर 2012 की घटना की निंदा करती है और व्यावसायिक लाभ के लिए ऐसी घटनाओं का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी जाएगी.
गौरतलब है कि 16 दिसंबर, 2012 की रात एक 23 वर्षीय छात्रा के साथ दक्षिणी दिल्ली में चलती बस में छह आतताइयों ने मिलकर दुष्कर्म किया था. वह फिल्म देखने के बाद रात को अपने एक दोस्त के साथ वापस घर लौट रही थी. उसके दोस्त के साथ भी मारपीट की गई थी और दोनों को सड़क पर मरणासन्न अवस्था में फेंक दिया गया था. घटना में बुरी तरह घायल हुई छात्रा की 13 दिन बाद सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी. घटना के एक दोषी मुकेश सिंह का डॉक्यूमेंट्री में साक्षात्कार लिया गया है. मुकेश के अतिरिक्त तीन अन्य को मामले में दोषी ठहराया गया है और उन्हें मृत्युदंड सुनाया गया है.
बयान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा निर्भया का परिवार
दिसंबर 2012 में दिल्ली में चलती बस में सामूहिक दरिंदगी का शिकार हुई निर्भया के दोषी
ने अपने एक इंटरव्यू में रेप के लिए निर्भया को ही दोषी ठहराया है. मुकेश
ने कहा कि रेप के वक्त निर्भया या उसके दोस्त को विरोध नहीं करना चाहिए था,
अगर वो ऐसा करते तो उनकी जान बख्श दी जाती. इस शर्मनाक और सनसनीखेज बयान
के बाद निर्भया के परिजनों ने मुकेश सिंह की कड़ी निंदा की है. उन्होंने
कहा कि वे इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे.
लड़की की मां ने कहा कि उनकी बेटी के गुनहगार का बयान बेहद शर्मनाक और
कानून का मजाक उड़ाने वाला है. निर्भया की मां ने कहा, 'यह कानूनी
प्रक्रिया के लचीलेपन का नतीजा है कि जेल में बंद होने के बाद भी मुजरिम
अपनी घिनौनी हरकत को उचित ठहराने की कोशिश कर रहा है. अगर आरोपियों को मिली
सजा पर जल्द अमल हो जाता तो मुकेश ऐसी बात कहने की हिम्मत नहीं कर पाता.'
उन्होंने कहा कि ऐसा होता तो लड़कियों और महिलाओं से होने वाली खौफनाक
घटनाओं पर भी रोक लगाने में मदद मिलती.
लड़की के भाई ने भी इस बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि परिवार मुकेश के इस बयान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा. उन्होंने मीडिया पर भी दोषी व्यक्ति के बयान को तरजीह देकर उसे महिमामंडित करने का आरोप लगाया. भाई ने कहा, 'जिस तरह से मीडिया ने उस बयान को दिखाया, वह निंदनीय है.'
गौरतलब है कि 16 दिसंबर 2012 को चलती बस में गैंगरेप के दोषी मुकेश ने अपने एक इंटरव्यू में रेप के लिए निर्भया को ही दोषी ठहराया है. मुकेश ने कहा कि अगर लड़की और उसका दोस्त इतना विरोध ना करते तो उन्हें इतनी बुरी तरह ना मारा जाता. उसने कहा, 'रेप के वक्त लड़की को उसका विरोध नहीं करना चाहिए था. ऐसा होता तो उसकी जान बख्श दी जाती.' मुकेश ने खुद को मिली फांसी की सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है.
लड़की के भाई ने भी इस बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि परिवार मुकेश के इस बयान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा. उन्होंने मीडिया पर भी दोषी व्यक्ति के बयान को तरजीह देकर उसे महिमामंडित करने का आरोप लगाया. भाई ने कहा, 'जिस तरह से मीडिया ने उस बयान को दिखाया, वह निंदनीय है.'
गौरतलब है कि 16 दिसंबर 2012 को चलती बस में गैंगरेप के दोषी मुकेश ने अपने एक इंटरव्यू में रेप के लिए निर्भया को ही दोषी ठहराया है. मुकेश ने कहा कि अगर लड़की और उसका दोस्त इतना विरोध ना करते तो उन्हें इतनी बुरी तरह ना मारा जाता. उसने कहा, 'रेप के वक्त लड़की को उसका विरोध नहीं करना चाहिए था. ऐसा होता तो उसकी जान बख्श दी जाती.' मुकेश ने खुद को मिली फांसी की सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है.
ग़लत जगह निकल रहा है ग़ुस्सा: जावेद अख़्तर
निर्भया बलात्कार कांड के दोषियों में से एक मुकेश सिंह के इंटरव्यू वाली डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण पर सरकार ने रोक लगा दी है.
बुधवार को राज्यसभा में इस बात पर बड़ा हंगामा हुआ कि फ़िल्मकार को बलात्कार के दोषी से बात करने की इजाज़त कैसे दी गई.राज्यसभा सांसद और मशहूर शायर जावेद अख़्तर लोगों की नाराज़गी को तो सही मानते हैं लेकिन इस पूरे मामले में उनकी आपत्ति किसी और बात को लेकर है.
पढ़िए क्या कहते हैं जावेद अख़्तर
एक तरफ़ तो हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात करते हैं और दूसरी तरफ़ ऐसे दस्तावेज़ को रोकने की बात करते हैं जो सच्चाई पर आधारित है.मुझे लगता है कि लोगों का ग़ुस्सा अपनी जगह सही है क्योंकि जो घटना हुई वो भयानक और दिल को हिला देने वाली थी.
अब ये डॉक्यूमेंट्री उस घटना की याद दिला रही है, तो इसे लेकर लोगों में रोष है.
लेकिन मैं समझता हूं कि ये ग़ुस्सा कहीं ग़लत जगह निकल रहा है. ग़ुस्सा हमें ज़रूर होना चाहिए कि इस तरह का जुर्म हुआ था. इस बात पर ग़ुस्सा होना चाहिए कि वो मुजरिम अभी भी सही सलामत जेल में बैठे हुए हैं.
ग़ुस्सा इस बात पर भी होना चाहिए कि वो व्यक्ति किस तरह बात कर रहा है और कैसी बातें कह रहा है. लेकिन इस आदमी को तो इसके किए सज़ा मिलेगी.
असल ग़ुस्से की बात
हालांकि मैंने डॉक्यूमेंट्री देखी नहीं है लेकिन जो कुछ सुना है उसके मुताबिक़ ये व्यक्ति कह रहा है कि लड़की को ऐसे नहीं घूमना चाहिए, या उसने 'ऐसे कपड़े' पहने थे. या फिर जो भी उसके वकील ने ये कहा कि अगर सड़क पर गोश्त पड़ा है तो कुत्ते तो उसे खाएंगे ही.इस तरह की ज़ुबान इस्तेमाल की जा रही है, ये ग़ुस्से की बात ज़रूर है. लेकिन सोचने वाली बात ये है जिस तरह का तर्क ये बलात्कारी दे रहा है, यही तर्क ऐसे लोग भी देते हैं जो अपने आप को समाज सुधारक समझते हैं, जो अपने आप को संस्कृति का पहरेदार समझते हैं.
वो लोग भी उसी पर इल्जाम लगाते हैं जिस पर ज़ुल्म हुआ है. कहते हैं कि महिलाओं को ऐसे कपड़े नहीं पहनने चाहिए, उन्हें जीन्स नहीं पहननी चाहिए, उन्हें टीशर्ट नहीं पहननी चाहिए. उन्हें इस तरह से बाहर नहीं निकलना चाहिए, उन्हें रात को बाहर नहीं घूमना चाहिए.
तो मतलब ये है कि ऐसे लोगों की मानसिकता और बलात्कारी की मानसिकता में कोई फ़र्क़ नहीं है. असल में ग़ुस्से की बात ये है.
मुझे इस बात पर ग़ुस्सा है कि वो कह रहे हैं कि देखा और सुना तुमने, ये बलात्कारी क्या कह रहा है. दरअसल ये वही कह रहा है जो ख़ुद को शरीफ कहने वाले बहुत से लोग भी कहते हैं. वो लोग देखें क्योंकि उनके लिए ये शर्म की बात है.
डरने की ज़रूरत नहीं
रही बात डॉक्यूमेंटरी की, अगर ये ग़ैर क़ानूनी तरीके से हासिल की गई है या इसमें क़ानून का पालन नहीं किया गया है या इंटरव्यू क़ानूनी तरीके से नहीं हुआ है तो देश का क़ानून तोड़ना बुरी बात है.लेकिन अगर उचित तरीक़े से, पूरी अनुमति के साथ काम किया गया है तो इसमें कुछ ख़राबी नहीं है.
जहां तक इसे लेकर सोच की बात कही जा रही है. उससे डरने की कोई ज़रूरत नहीं है.
ऐसा नहीं है कि अगर लोग इसे देखेंगे तो बलात्कारी की सोच से प्रभावित हो जाएंगे, बल्कि उन्हें इस विचार से, इस सोच से नफ़रत होगी कि ये एक बलात्कारी की सोच है और हमारे अंदर इस तरह की सोच नहीं चाहिए.
'निर्भया पर फ़िल्म नहीं दिखाई जाएगी'
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 16 दिसंबर 2012 के दिल्ली गैंगरेप मामले पर बनाई गई डॉक्युमेंट्री फिल्म की आलोचना की है.
उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में भी इस डॉक्युमंट्री को नहीं दिखाया जाना चाहिए.राजनाथ सिंह ने कहा कि एक बलात्कार का साक्षात्कार की इजजात कैसे दी गई ये एक चौंकाने वाली घटना है.
उन्होंने कहा, "मैं पूरे मामले की जांच करवाऊंगा. अगर साक्षात्कार करने की प्रक्रिया में संशोधन की आवश्यकता है तो वो भी किया जाएगा. इसमें ज़िम्मेदारी निर्धारित की जाएगी."
एक स्वतंत्र फिल्म निर्माता औऱ निर्देशक लेज्ली उडविन ने ये डॉक्युमेंट्री बनाई है जिसे बीबीसी 4 और भारत में एनडीटीवी पर आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर दिखाया जाना था.
जांच:
फ़िल्म बनाने वालों ने गृह मंत्रालय से तिहाड़ जेल में बंद बलात्कार के दोषी का साक्षात्कार करने की अनुमति ली थी. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बताया कि ये अनुमति कुछ शर्तों के आधार पर दी गई थी. उन्होंने कहा कि जिन शर्तों के आधार पर अनुमति दी गई थी उन शर्तों का पालन नहीं किया गया.उन्होंने कहा कि किन परिस्थितियों में ऐसी अनुमति दी गई थी उसकी पूरी जांच की जा रही है और इसके लिए जो भी ज़िम्मेदार होगा उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी.
राजनाथ सिंह ने बताया कि उन्होंने सूचना और प्रसारण मंत्रालय से बात की है ताकि इस डॉक्युमेंट्री को देश के बाहर भी न दिखाया जाए.
संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने डॉक्यमेंट्री को भारत को बदनाम करने की षणयंत्र बताया.
एक अदालत ने मंगलवार रात एक आदेश में मीडिया से कहा था कि इस डॉक्युमेंट्री या उसके किसी हिस्से को न दिखाया जाए.
जया बच्चन के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी के नेताओं ने राज्य सभा से वॉकआऊट किया.
'रोक ग़लत'
फ़िल्म गीतकार और सांसद जावेद अख़्तर ने कहा, "अच्छा हुआ है कि यह डॉक्युमेंट्री बनी है और इससे सच सामने आएगा. सरकार इस डॉक्युमेंट्री पर रोक लगाकर लोगों को सच जानने रोक रही है."सांसद अनु आगा ने कहा, "डॉक्युमेंट्री पर रोक लगाने की कोशिश ग़लत है और इस पर रोक लगाना समस्या का हल नहीं है."
जबकि जया बच्चन ने इस मामले पर कार्रवाई में देरी को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए.
भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने डॉक्युमेंट्री को भारत की प्रतिष्ठा को आघात पहुंचाने की कोशिश बताया और कहा कि ऐसी डॉक्युमेंट्री को नहीं दिखाया जाना चाहिए.
गृहमंत्री के बयान के बाद राज्यसभा में हंगामा शुरू हो गया. सदन के सदस्य इस मुद्दे पर सरकार से सवाल करना चाह रहे थे.
Web Title : bbc four to air nirbhaya documentary indias daughter at 3.30 am ist in uk.nirbhaya guilty mukesh singh blames girl for rape said she should not oppose
Keyword : Nirbhaya Documentary, BBC Four to air Nirbhaya documentary, Delhi Ganrape Documentary
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