Thursday 8 August 2013

सैनिक मरने के लिए ही सेना में भर्ती होते हैं.

सैनिकों पर बयान: बिहार के मंत्री ने मांगी माफ़ी

 गुरुवार, 8 अगस्त, 2013 को 15:04 IST
भारतीय सेना प्रमुख
बिहार के ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री भीम सिंह ने सैनिकों पर दिए अपने 'विवादित' बयान पर खेद व्यक्त किया है.
दरअसल भीम सिंह ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा था कि सैनिक शहीद होने लिए ही सेना में भर्ती होते हैं.
भीम सिंह ने कहा कि वे अपने बयान के लिए क्षमा माँगते हैं, उनका बयान गलत था. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनके बयान का संज्ञान लिया और उनसे माफ़ी माँगने के लिए कहा.
जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में हुए हमले में मारे गए सैनिकों के शव बुधवार को पटना पहुँचे थे. मारे गए पाँच सैनिकों में से चार बिहार के थे.
सैनिकों के शवों के पटना पहुँचने पर किसी भी मंत्री के मौजूद न रहने पर एक टीवी चैनल के पत्रकार ने मंत्री भीम सिंह से सवाल किया था जिसके जबाव में उन्होंने कहा था कि सैनिक तो शहीद होने के लिए ही सेना में भर्ती होते हैं.
भीम सिंह ने पत्रकार से ही पूछ लिया था कि क्या तुम्हारे माता या पिता अंतिम संस्कार में शामिल हुए हैं.

ग़लत बयान

गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, "सैनिकों का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है. मैं विनम्रता से कहना चाहूँगा कि ऐसे संवदेनशील मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों को एकजुटता दिखानी चाहिए."
मंत्री के बयान पर दुख जाहिर करते हुए उन्होंने कहा, "ऐसी परिस्थिति में हमारे सहयोगी का जो बयान दिया है वह बहुत ग़लत है. इस बयान का मुझे बेहद दुख और अफ़सोस है. मैं इस पर खेद प्रकट कर रहा हूँ. वे हमारे शहीद हैं, हमारा गौरव हैं. हम उनका अहसान नहीं भूल सकते हैं. उन्होंने अपने प्रयाण न्यौछावर करके देश की सेवा की है."

मुआवज़ा

भीम सिंह
भीम सिंह ने कहा था शहीद होना ही सैनिकों की ड्यूटी है
इससे पहले बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सैनिकों का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार और सैनिकों के परिवारों को राज्य सरकार की ओर से दस-दस लाख रुपये दिए जाने की घोषणा की थी.
एक सैनिक की विधवा ने मुआवज़े का चेक लेने से भी इनकार कर दिया था.
गुरुवार को ही रक्षामंत्री एके एंटनी ने लोकसभा में घटना की निंदा करते हुए कहा कि पाकिस्तानी सेना के स्पेशल दस्ते इस हमले में शामिल थे.
एंटनी ने कहा कि भारतीय सेना ऐसी घटनाओं से निपटने और नियंत्रण रेखा की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार है.

 

नीतीश के मंत्री ने किया शहीदों का अपमान, कहा- सेना, पुलिस में लोग मरने ही जाते है


नई दिल्ली, 8 अगस्त 2013 | अपडेटेड: 14:36 IST


बिहार के ग्रामीण कार्य मंत्री भीम सिंह
बिहार के ग्रामीण कार्य मंत्री भीम सिंह

नीतीश कुमार के मंत्री शहीदों का अपमान करने में जुट गए हैं. गुरुवार को बिहार के ग्रामीण कार्य मंत्री भीम सिंह से यह पूछा गया कि वे शहीदों के अंतिम संस्कार में क्यों शामिल नहीं हो सके. उन्होंने जवाब दिया, 'सेना और पुलिस में लोग मरने ही जाते हैं.' हालांकि, राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की फटकार के बाद भीम सिंह ने अपने बयान पर माफी मांग ली. दरअसल, भीम सिंह से जब एयरपोर्ट न जाने बारे में एक रिपोर्टर ने पूछा तो उन्होंने कहा, 'जवान तो शहीद होने के लिए ही होते हैं. सेना में और पुलिस नौकरी किसलिए होती है. आप थोड़े ही शहीद होइएगा. लोग शहादत के लिए ही जाते हैं. यही उसकी भावना है.'
भीम सिंह ने उल्टे रिपोर्टर से ही सवाल कर डाला, 'आप क्यों नहीं गए नागरिक के तौर पर. आप ड्यूटी पर थे न. आपके बाबूजी गए थे वहां? आपके पिता नागरिक हैं न? आपके पिता गए वहां?'
जैसे ही भीम सिंह का यह बयान सामने आया बिहार में सियासी हंगामा मच गया. आरजेडी के विधायक भाई वीरेंद्र ने तो उनसे इस्तीफे की मांग कर ली. बीजेपी नेता राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपने मंत्री को बर्खास्त कर देना चाहिए. अपने मंत्री के कारनामे के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक्शन में आए. उन्होंने भीम सिंह के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई और माफी मांगने को कहा.
जेडीयू महासचिव केसी त्यागी ने बताया, 'नीतीश कुमार इस बयान से आहत हैं. उन्होंने भीम सिंह को बयान वापस लेने को कहा है.'
नीतीश कुमार की नाराजगी के बाद भीम सिंह ने मीडिया के सामने माफी मांग ली. मीडिया के तमाम सवालों पर वह एक ही वाक्य कहते नजर आए, 'मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया. लेकिन मैं इस पूरे प्रकरण पर खेद प्रकट करता हूं.'
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुंछ में पाकिस्तानी सेना के हमले में शहीद हुए बिहार के चार जवानों का पार्थिव शरीर पटना पहुंचा तो राज्य सरकार का एक भी मंत्री जवानों को श्रद्धांजलि देने एयरपोर्ट नहीं पहुंचा.
राज्य के मंत्रियों की बेरुखी यहीं नहीं खत्म हुई. गुरुवार सुबह छपरा में शहीद जवान प्रेमनाथ सिंह और रघुनंदन के अंतिम संस्कार में भी राज्य का कोई मंत्री नहीं पहुंचा.
केंद्र ने भी दिखाई थी बेरुखी
हैरानी की बात यह रही कि शहीदों के सम्मान में कसमें खाने वाला एक भी मंत्री जवानों को श्रद्धांजलि देने एयरपोर्ट नहीं पहुंचा. बुधवार रात दिल्ली एयरपोर्ट पर पूरे सम्मान के साथ शहीदों के शव उतारे गए, पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए मौके पर न तो रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी मौजूद थे और न ही केंद्र सरकार का कोई और मंत्री. यह हाल तब है, जब संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है और केंद्र सरकार का लगभग हर मंत्री दिल्ली में मौजूद है. बावजूद इसके एक भी मंत्री को इतनी फुरसत नहीं मिली कि शहीदों के सम्मान में एयरपोर्ट तक पहुंचता.

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