अहमदाबाद: गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की 'पत्नी' जशोधाबेन का कहना है कि गुजरात के सीएम अब भी उनके 'पति' हैं।

हालांकि शादी के तीन साल बाद ही दोनों अलग हो गए थे और उसके बाद से दोनों का आपस में कोई संपर्क नहीं है। एक अंग्रजी अखबार को दिए इंटरव्यू में जशोधाबेन ने कहा, उन्हें मोदी के बारे में पढ़कर अच्छा लगता है और उन्हें पूरा भरोसा है कि मोदी ही देश के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे। 

62 वर्षीया जशोधाबेन के अनुसार, जब वे 17 साल की थीं, तब उनका मोदी से विवाह हुआ था। अब वे अहमदाबाद में अपने भाई के साथ रहती हैं। ज्यादातर समय पाठ-पूजा में व्यतित करती है। रिटायर स्कूल शिक्षिका जशोधाबेन को बतौर पेंशन 14,000 रुपए प्रति माह मिलते हैं।

वहीं, इंटरव्यू के दौरान जशोधाबेन ने फोटो खिंचवाने से मना कर दिया। उन्होंने बताया कि उनमें और मोदी में कोई संपर्क नहीं है। उन्होंने कहा, 'हमारे बीच कभी कोई झगड़ा नहीं हुआ, हम किसी कड़वाहट के साथ अलग नहीं हुए थे। मैं वो बात नहीं कहूंगी जो कि सच नहीं है। तीन सालों में हमने करीब तीन महीने ही साथ गुजारे होंगे। अलग होने के दिन से आज तक हमारे बीच कोई बातचीत नहीं हुई है।






नरेंद्र मोदी की पत्नी के इंटरव्यू ने मचाया तहलका

'17 बरस की थी, जब मोदी से शादी हुई'

'17 बरस की थी, जब मोदी से शादी हुई'


जिस शख्स को वह अपना 'पति' कहती हैं, वह भाजपा की ओर से पीएम पद के दावेदार हैं और इस साल ‌राजनीति का प्रमुख चेहरा बनकर उभरे हैं। लेकिन 62 वर्षीय रिटायर्ड स्कूल टीचर जशोदाबेन राजनीति की उठापटक से कोसों दूर सन्नाटे में जिंदगी बसर कर रही हैं।

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से जब उनकी शादी हुई, तो वह 17 बरस की थीं और तीन साल के बाद दोनों अलग हो गए। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक जशोदाबेन की मासिक पेंशन 14 हजार रुपए हैं और ज्यादातर वक्‍त अपने भाई के साथ रहती हैं।

उनका अधिकतर समय पूजा-पाठ में गुजरता है। अपने रिश्तेदारों से मिलने अहमदाबाद पहुंची जशोदाबेन कई साल बाद मीडिया को दुर्लभ इंटरव्यू देने के लिए राजी हुई, लेकिन तस्वीर खिंचवाने से इनकार कर दिया। मोदी के पीएम उम्मीदवार बनने के बाद अपने पहले इंटरव्यू में उन्होंने क्या-क्या कहा, जरा गौर कीजिए?

'मोदी और मेरी कभी लड़ाई नहीं हुई'


सवालः आपकी शादी को कितने साल गुजर गए और उस रिश्ते की क्‍या स्थिति है?

जशोदाबेनः जिस वक्‍त शादी हुई, मेरी उम्र 17 बरस थी...मैं जब उनके घर गई, तो पढ़ाई छोड़ चुकी थी, लेकिन मुझे याद है कि वो कहा करते थे कि मुझे आगे भी पढ़ना चाहिए। वह मुझसे ज्यादातर वक्‍त पढ़ाई पूरी करने पर बात करते ‌थे। शुरुआत में वह मुझसे बात करने में दिलचस्पी दिखाते थे और रसोई के कामकाज में भी दखल देते थे।

सवालः क्या आपको इस रिश्ते का बोझ महसूस होता है, खास तौर से तब जब मी‌डिया आपके रिश्ते के बारे में सवाल करता है? क्या आपको लो-प्रोफाइल रहने के लिए हिदायत दी गई है?

जशोदाबेनः हम कभी एक-दूसरे के संपर्क में नहीं रहे और हम जब अलग हुए थे, तब भी सब कुछ ठीक था, क्योंकि हमारे बीच कभी लड़ाई नहीं हुई। मैं वो बातें नहीं बनाऊंगी, जो सच नहीं हैं। तीन साल में हम शायद तीन महीने ही साथ थे। अलग होने से लेकर आज तक, हमारे बीच कोई बातचीत नहीं हुई।

'मैं जानती हूं वो एक दिन पीएम बनेंगे'


सवालः क्या आपको नरेंद्र मोदी के बारे में खबर रहती है?

जशोदाबेनः जी हां, मुझे जब भी कुछ मिलता है, मैं जरूर पढ़ती हूं। मैं अखबारों में छपने वाले सभी लेख पढ़ती हूं और टेलीविजन पर खबरें भी देखती हूं। मुझे उनके बारे में पढ़ना अच्छा लगता है।

सवालः अगर वह देश का अगला प्रधानमंत्री बनकर दिल्ली जाते हैं और आपको बुलाते हैं, तो क्या आप उनके पास जाएंगी? क्या आप उनसे मुलाकात की कोशिश करेंगी?

जशोदाबेनः मैं उनसे कभी मिलने नहीं गई और हम कभी संपर्क में नहीं रहे। मेरा ऐसा मानना है कि वह मुझे कभी नहीं बुलाएंगे। मैं सिर्फ इतना कह सकती हूं कि मैं उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाना चाहती। मैं सिर्फ प्रार्थना करती हूं कि वह आगे बढ़ें। मैं जानती हूं कि वह एक दिन प्रधानमंत्री बनेंगे!

'आरएसएस शाखाओं में गुजारते थे वक्त'


सवालः क्या उन्होंने कभी आपसे कहा कि वह आपको छोड़ रहे हैं या शादी का रिश्ता खत्‍म कर रहे हैं?

जशोदाबेनः उन्होंने एक बार कहा था, "मुझे देश भर में घूमना है और जहां मेरा मन करेगा, मैं वहां चला जाऊंगा, तुम मेरे पीछे आकर क्या करोगी?" जब मैं उनके परिवार के साथ रहने के लिए वाडनगर आई, तो उन्होंने मुझसे कहा, "अभी तुम्हारी उम्र ज्यादा नहीं है, फिर तुम अपने ससुराल में रहने के लिए क्यों आ गईं? तुम्हें अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए।" अलग होने का फैसला मेरा था और हमारे बीच कभी कोई टकराव नहीं हुआ।

वो मुझसे आरएसएस या किसी और राजनीतिक विचारधारा की बात कभी नहीं करते थे। जब उन्होंने मुझे बताया कि वह मनमुताबिक देश भर में घूमना चाहते हैं, तो मैंने कहा कि मैं भी उनके साथ आना चाहूंगी। हालांकि, कई मौकों पर जब मैं अपने ससुराल गई, तो वह वहां नहीं होते थे और उन्होंने वहां आना भी छोड़ दिया। वह काफी वक्‍त आरएसएस शाखाओं में गुजारा करते थे। इसलिए मैंने एक वक्‍त के बाद वहां जाना छोड़ दिया और अपने पिता के घर लौट गई।

'मैं अब भी मोदी की पत्नी हूं'


सवालः क्या आप अब भी कानूनी रूप से मोदी की पत्नी हैं?

जशोदाबेनः जब कभी लोग उनका नाम लेते हैं, मेरा जिक्र कहीं न कहीं जरूर आता है, भले बैकग्राउंड में आए। क्या आप मुझसे इतनी दूर मुझे तलाश करते हुए, इंटरव्यू लेने यहां तक नहीं आए हैं? अगर मैं उनकी पत्‍नी न होती, तो क्या आप मुझसे बात करने यहां आते?

सवालः क्या आपको इस बात का बुरा नहीं लगता ‌कि मोदी ने इतने साल में आपको पत्‍नी का दर्जा नहीं दिया?

जशोदाबेनः नहीं, मुझे जरा बुरा नहीं लगता क्योंक‌ि मैं जानती हूं कि वह ऐसा किस्मत और बुरे वक्‍त की वजह से कर रहे हैं। इन हालात में उन्हें इस तरह की बातें कहनी पड़ती हैं और झूठ भी बोलना पड़ता है। मैं अपने हालात को भी बुरा नहीं मानती, क्योंकि एक तरह से मेरी किस्मत में भी सुधार आया है।

'दोबारा शादी करने का ख्याल नहीं आया'


सवालः आपने दोबारा शादी क्यों नहीं की?
जशोदाबेनः इस अनुभव के बाद मुझे नहीं लगता कि मैं दोबारा शादी करना चाहती थी। मेरा दिल ही नहीं था।

सवालः जब आप अपने माता-पिता के घर लौट आईं, तो खुद को कैसे संभाला?

जशोदाबेनः मेरे सास-ससुर अच्छा व्यवहार करते थे, लेकिन शादी के बारे में कभी बात नहीं करते थे। मेरे पिता ने मेरी पढ़ाई के लिए फीस चुकाई और उसे जारी रखने के लिए मेरे भाइयों की तरफ से भी आर्थिक मदद मिली। जब मैं दो साल की थी, तो अपनी मां को खो दिया था। और जब मैंने दोबारा पढ़ाई शुरू की, तो दो साल बाद पिता चल बसे। उस वक्‍त मैं दसवीं क्लास में थी। हालांकि, जब मैंने पढ़ाई शुरू की, तो मुझे उसमें लुत्फ आने लगा और साल 1974 में मैंने एसएससी की। इसके बाद 1976 में टीचर ट्रेनिंग पूरी हुई और 1978 में मैं टीचर बन गई।

'पूजा-पाठ में गुजारती हूं अपना सारा वक्‍त'


सवालः रिटायरमेंट के बाद दिन कैसे गुजारती हैं?

जशोदाबेनः मुझे पढ़ाना अच्छा लगता है और मैंने पहली से पांचवी क्लास में अध्यापन किया है। मैं सभी विषय पढ़ाया करती थी। इन दिनों मेरे दिन की शुरुआत सवेरे 4 बजे होती है और अम्बे मां की पूजा से शुरुआत करती हूं। मैं अपना सारा वक्‍त भक्ति में गुजारती हूं।

मैं ज्यादातर वक्‍त अपने बड़े भाई अशोक मोदी के साथ गुजारती हूं, जो उंझा में रहते हैं, लेकिन साथ ही जब मन करता है तो अपने दूसरे भाई के यहां भी चली जाती हूं जो उंझा के करीब ब्राह्वण वाडा में रहते हैं। मुझे लगता है कि जिंदगी में मुझे भाई बहुत ‌अच्छे मिले, जिन्होंने मेरा पूरा ख्याल रखा।

मोदी की पत्‍नी पर पहले भी मच चुका बवाल


नरेंद्र मोदी की पत्नी को लेकर पहले भी कई बार ‌बवाल मच चुका है। उन्होंने एक बार शशि ‌थरूर को निशाना बनाकर सुनंदा पुष्कर पर तंज कसा था, तो कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाया था कि मोदी अपनी पत्नी को लेकर चुप्पी क्यों साधे हैं?

इससे पहले भी मीडिया में जशोदाबेन की कहानी और उनसे बातचीत छप चुकी है, लेकिन गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी ने इस बारे में अब तक कभी कुछ नहीं कहा। यह गहरा राज है क‌ि जशोदाबेन के बयान के बावजूद वह इस मामले में अपना रुख साफ क्यों नहीं करते।

भाजपा के लिए भी यह संवेदनशील मुद्दा है और लोकसभा चुनावों से ऐन पहले मोदी की पत्‍नी का इंटरव्यू विरोधियों को एक बार फिर हमला बोलने का साधन दे सकता है। देखते हैं सियासी जगत इस इंटरव्यू को किस तरह लेता है।