अब दो साल से पहले नहीं होगा IAS-IPS अधिकारियों का तबादला
नई दिल्ली, 30 जनवरी 2014 | अपडेटेड: 22:03
आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों का अब दो साल से पहले तबादला नहीं किया जा सकेगा. केंद्र सरकार के
नए नियमों ने प्रशासनिक अधिकारियों को बड़ी राहत दी है. अधिकारियों के काम-काज में होने वाले राजनीतिक दखल पर
अंकुश लगाने की दिशा में इसे अहम कदम माना जा रहा है.
नए नियमों के मुताबिक, आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों को हर पोस्टिंग पर कम से कम दो साल का वक्त
गुजारना होगा. इस बीच सिविल सर्विसेस बोर्ड की सिफारिश के बिना तबादले या नई नियुक्तियां नहीं की जाएंगी. हालांकि
नियुक्ति और तबादले के लिए अधिकृत शख्स बोर्ड की सिफारिश को ठुकरा सकता है.
नए नियमों के तहत हर राज्य में सिविल सर्विसेस बोर्ड का गठन किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे. आईएएस अधिकारियों के तबादले या नियुक्ति के लिए बोर्ड के सदस्यों में सबसे सीनियर एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, बोर्ड ऑफ रेवेन्यू या फाइनेंशियल कमिश्नर या इसी रैंक का कोई और अधिकारी और प्रिंसिपल सेक्रेटरी होने जरूरी होंगे.
आईपीएस अधिकारियों के तबादले या नियुक्ति के लिए बोर्ड में दो सदस्य होंगे, प्रिंसिपल सेक्रेटरी या सेक्रेटरी होम और डीजीपी. जबकि आईएफएस अधिकारियों के संबंध में बोर्ड में दो अतिरिक्त सदस्य होंगे, प्रिंसिपल सेक्रेटरी या सेक्रेटरी (फॉरेस्ट) और राज्य के प्रिंसिपल चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट. कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने ये नए नियम जारी किए हैं.
नए नियमों के तहत हर राज्य में सिविल सर्विसेस बोर्ड का गठन किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे. आईएएस अधिकारियों के तबादले या नियुक्ति के लिए बोर्ड के सदस्यों में सबसे सीनियर एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, बोर्ड ऑफ रेवेन्यू या फाइनेंशियल कमिश्नर या इसी रैंक का कोई और अधिकारी और प्रिंसिपल सेक्रेटरी होने जरूरी होंगे.
आईपीएस अधिकारियों के तबादले या नियुक्ति के लिए बोर्ड में दो सदस्य होंगे, प्रिंसिपल सेक्रेटरी या सेक्रेटरी होम और डीजीपी. जबकि आईएफएस अधिकारियों के संबंध में बोर्ड में दो अतिरिक्त सदस्य होंगे, प्रिंसिपल सेक्रेटरी या सेक्रेटरी (फॉरेस्ट) और राज्य के प्रिंसिपल चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट. कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने ये नए नियम जारी किए हैं.
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