'साहेब' मामले की जांच की तैयारी में गृह मंत्रालय
‘साहेब’ के लिए हुई युवती की जासूसी मामले की जांच
कराने पर केंद्र गंभीरता से विचार कर रहा है। खुद गृह मंत्री सुशील कुमार
शिंदे सहित गृह मंत्रालय के अति विशिष्ट सूत्रों ने इस आशय के संकेत दिए
हैं।
शिंदे ने इस संबंध में जानकारी इकट्ठा करने की बात स्वीकार करते हुए कहा है कि जांच का निर्णय केंद्र और राज्य के गृह सचिव करेंगे। जबकि मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि चूंकि युवती का फोन गुजरात के अलावा कर्नाटक और महाराष्ट्र में भी हुआ है, इसलिए केंद्र अपने स्तर पर इस मामले का जांच कराने का अधिकार रखती है।
कोबरा पोस्ट और गुलेल ने बीते दिनो गुजरात के तत्कालीन गृह राज्य मंत्री अमित शाह पर अपने ‘साहेब’ के लिए बंगलूरू की एक आर्किटेक्ट युवती की जासूसी कराने का दावा किया था।
कांग्रेस का कहना था कि शाह के ‘साहेब’ दरअसल नरेंद्र मोदी थे। इसके साथ ही पार्टी ने कई मोर्चों से मोदी पर हमला बोलने के बाद इस मामले में राष्ट्रपति का भी दरवाजा खटखटाया था।
मामले के तूल पकड़ने के बाद गुजरात सरकार ने इस मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय आयोग का गठन कर दिया था। सूत्र की मानें तो मंत्रालय ने इस संबंध में कानूनी सलाह भी ले ली है।
पूरे मामले में मोदी का नाम सामने आने के बाद कांग्रेस इस मुद्दे का इस्तेमाल बड़े राजनीतिक हथियार के रूप में करना चाहती है। यही कारण है कि मामले के सामने आने के दिन से ही कांग्रेस इस मुद्दे पर भाजपा और मोदी पर लगातार हमला बोल रही है।
पार्टी ने इस मुद्दे पर महिला संगठनों को गोलबंद करने के साथ ही राष्ट्रपति से भी जासूसी कांड की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराए जाने की मांग की है। जबकि भाजपा लगातार कहती रही है कि युवती के पिता के आग्रह पर गुजरात सरकार ने युवती को सुरक्षा दी थी।
शिंदे ने इस संबंध में जानकारी इकट्ठा करने की बात स्वीकार करते हुए कहा है कि जांच का निर्णय केंद्र और राज्य के गृह सचिव करेंगे। जबकि मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि चूंकि युवती का फोन गुजरात के अलावा कर्नाटक और महाराष्ट्र में भी हुआ है, इसलिए केंद्र अपने स्तर पर इस मामले का जांच कराने का अधिकार रखती है।
कोबरा पोस्ट और गुलेल ने बीते दिनो गुजरात के तत्कालीन गृह राज्य मंत्री अमित शाह पर अपने ‘साहेब’ के लिए बंगलूरू की एक आर्किटेक्ट युवती की जासूसी कराने का दावा किया था।
कांग्रेस का कहना था कि शाह के ‘साहेब’ दरअसल नरेंद्र मोदी थे। इसके साथ ही पार्टी ने कई मोर्चों से मोदी पर हमला बोलने के बाद इस मामले में राष्ट्रपति का भी दरवाजा खटखटाया था।
मामले के तूल पकड़ने के बाद गुजरात सरकार ने इस मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय आयोग का गठन कर दिया था। सूत्र की मानें तो मंत्रालय ने इस संबंध में कानूनी सलाह भी ले ली है।
पूरे मामले में मोदी का नाम सामने आने के बाद कांग्रेस इस मुद्दे का इस्तेमाल बड़े राजनीतिक हथियार के रूप में करना चाहती है। यही कारण है कि मामले के सामने आने के दिन से ही कांग्रेस इस मुद्दे पर भाजपा और मोदी पर लगातार हमला बोल रही है।
पार्टी ने इस मुद्दे पर महिला संगठनों को गोलबंद करने के साथ ही राष्ट्रपति से भी जासूसी कांड की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराए जाने की मांग की है। जबकि भाजपा लगातार कहती रही है कि युवती के पिता के आग्रह पर गुजरात सरकार ने युवती को सुरक्षा दी थी।
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