AMU ELECTION: महिलाओं के बुर्का पहनकर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को फहराने को लेकर विवाद,तिरंगा फहराने को गैर-इस्लामिक करार दिया. लेकिन नहीं मानी देशभक्त लड़कियां
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छिड़ी बहस, बुर्के में तिरंगा फहराना बताया गैर-इस्लामिक
1-nov-2014 |
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनावों के दौरान भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को फहराने को लेकर विवाद खड़ा हो गया. कुछ छात्रों ने महिलाओं के बुर्का पहनकर तिरंगा फहराने को गैर-इस्लामिक करार दिया.
बुर्का पहनकर झंडा फहराना गैर इस्लामिक
एएमयू के छात्र संघ चुनावों के दौरान महिला छात्रों एवं पुरुष छात्रों के बीच तिरंगे को फहराने को लेकर बवाल हो गया. दरअसल छात्र संघ चुनावों को लेकर यूनिवर्सिटी में कैंपेनिंग अपने ऊफान पर है. ऐसे में कुछ छात्रों को पता चलता है कि उनके साथ पढ़ने वाली मुस्लिम लड़कियां बुर्का पहनकर तिरंगा फहरा रही हैं. तो इस बात पर इन लड़कियों का विरोध शुरू हो गया. इसके साथ ही बुर्के में तिरंगे को फहराने को गैर इस्लामिक तक करार दिया गया. इन चुनावों में कहकशां खानम नाम की लड़की ने चुनाव लड़ रही है.
लेकिन नहीं मानी देशभक्त लड़कियां
इस विवाद के जन्म लेने के बाद भी यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली मुस्लिम लड़कियों ने ऐसी कट्टर सोच मानने से इंकार कर दिया. गौरतलब है कि इस वर्ष के छात्रसंघ चुनावों में एक लड़की ने चुनाव लड़ने की हिम्मत जुटाई है. इस मामले पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के चात्री रहे खालिद खान ने अपना मत सामने रखा. खान ने कहा कि महिला छात्रों के साथ एएमयू में भेदभाव किया जाता है. इसलिए जब एक हजारों महिला छात्रों में से सिर्फ एक लड़की ने चुनाव लड़ने की हिम्मत जुटाई है तो उसका विरोध होना तय है.
एएमयू के छात्र संघ चुनावों के दौरान महिला छात्रों एवं पुरुष छात्रों के बीच तिरंगे को फहराने को लेकर बवाल हो गया. दरअसल छात्र संघ चुनावों को लेकर यूनिवर्सिटी में कैंपेनिंग अपने ऊफान पर है. ऐसे में कुछ छात्रों को पता चलता है कि उनके साथ पढ़ने वाली मुस्लिम लड़कियां बुर्का पहनकर तिरंगा फहरा रही हैं. तो इस बात पर इन लड़कियों का विरोध शुरू हो गया. इसके साथ ही बुर्के में तिरंगे को फहराने को गैर इस्लामिक तक करार दिया गया. इन चुनावों में कहकशां खानम नाम की लड़की ने चुनाव लड़ रही है.
लेकिन नहीं मानी देशभक्त लड़कियां
इस विवाद के जन्म लेने के बाद भी यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली मुस्लिम लड़कियों ने ऐसी कट्टर सोच मानने से इंकार कर दिया. गौरतलब है कि इस वर्ष के छात्रसंघ चुनावों में एक लड़की ने चुनाव लड़ने की हिम्मत जुटाई है. इस मामले पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के चात्री रहे खालिद खान ने अपना मत सामने रखा. खान ने कहा कि महिला छात्रों के साथ एएमयू में भेदभाव किया जाता है. इसलिए जब एक हजारों महिला छात्रों में से सिर्फ एक लड़की ने चुनाव लड़ने की हिम्मत जुटाई है तो उसका विरोध होना तय है.
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