Tuesday, 11 June 2013

अमेरिकी साइबर जासूसी पर भड़का भारत


India upsets with america's cyber investigation

अमेरिकी साइबर जासूसी पर भड़का भारत
नई दिल्ली। दुनिया भर के इंटरनेट डाटा की अमेरिका द्वारा जासूसी करने की खबरों से भारत भड़का हुआ है। वह इस बात को लेकर हैरान-परेशान है कि मित्र देश होने के बावजूद अमेरिका उसके कंप्यूटर नेटवर्क की भी खुफिया निगरानी करा रहा है। विदेश मंत्रलय का कहना है कि साइबर जासूसी की खबरों से चिंतित और आश्चर्यचकित हैं। हम अमेरिका से जवाब तलब करेंगे। यह मसला दोनों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर पर उठेगा।
विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने मंगलवार को स्पष्ट तौर पर चेताया कि अगर अमेरिकी साइबर निगरानी के चलते भारतीय निजता कानूनों का उल्लंघन होते पाया गया तो यह स्थिति हमें अस्वीकार्य होगी। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि भारत और अमेरिका के बीच साइबर सुरक्षा को लेकर बातचीत चल रही है। दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार इसमें शामिल हैं। बकौल अकबरूद्दीन, 'साइबर जासूसी का यह प्रकरण दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तरीय बैठक में उठेगा। अमेरिका से उसमें इस बारे में जवाब तलब किया जाएगा।' अमेरिका द्वारा विश्व भर के इंटरनेट डाटा की निगरानी किए जाने संबंधी खबरों के अमेरिकी और ब्रिटिश मीडिया में आने के बाद विदेश मंत्रलय ने यह प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी 2007 से ही दुनिया भर के कंप्यूटर नेटवर्क से ईमेल और अन्य सूचनाओं की खुफिया जासूसी कर रही है। इसके लिए उसका डाटा निगरानी तंत्र बाउंडलेस इंफार्मेट सक्रिय है। जबकि ब्रिटिश अखबार गार्जियन का कहना है कि अमेरिका ने 'बाउंडलेस इंफार्मेट' के जरिये इस वर्ष मार्च में विश्व भर के कंप्यूटर नेटवर्क से 97 अरब सूचनाएं एकत्रित की है। अमेरिका ने सबसे अधिक सूचना अपने कट्टर दुश्मन ईरान से जुटाई वहां से लगभग 14 अरब सूचनाएं जुटाई गई हैं।
इसके बाद दूसरे नंबर पर रहे पाकिस्तान से करीब 13.5 अरब जानकारी एकत्रित की गई हैं। इस मामले में भारत पांचवें स्थान पर रहा। इंफार्मेट ने भारत से करीब 6.3 अरब सूचनाएं जुटाई हैं।

Data Source Provided From : From dainik jagran

 

  By:  
 -Kosulla India Ltd  

 - Bhupesh Kumar Mandal   
 
-(kosullaindialtd.blogspot.com)

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