आडवाणी ने भाजपा के पद छोड़े, पार्टी में संकट
सोमवार, 10 जून, 2013 को 16:49 IST तक के समाचार
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने पार्टी के महत्वपूर्ण पदों से इस्तीफ़ा दे दिया है.
पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को भेजे एक पत्र में
आडवाणी ने कहा है, ‘‘ मैंने फैसला किया है कि मैं पार्टी की राष्ट्रीय
कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से इस्तीफ़ा दे दूं और इस पत्र
को मेरा इस्तीफ़ा माना जाए.’’गुजरात के मुख्यमंत्री क्लिक करें नरेंद्र मोदी को चुनाव समिति का प्रमुख बनाए जाने से आडवाणी नाराज़ बताए जा रहे थे और वो पार्टी की गोवा में हुई कार्यकारिणी की बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे.
"कुछ समय से जिस दिशा में पार्टी जा रही है उससे और पार्टी की वर्तमान कार्यशैली के साथ तालमेल बिठाने में मैं कठिनाई महसूस कर रहा हूं. अब मुझे नहीं लगता कि ये वो ही पार्टी है जो आदर्शवादी पार्टी डॉ मुखर्जी, पंडित दीनदयालजी, नानाजी और वाजपेयीजी ने बनाई थी. जिसका मुख्य उद्देश्य देश और उसके लोग थे. अब हमारे नेताओं का मुख्य उद्देश्य अपने निजी एजेंडा हैं."
लालकृष्ण आडवाणी
क्लिक करें आडवाणी को मनाने की कोशिश
अपने पत्र में आडवाणी लिखते हैं, ‘‘ कुछ समय से जिस दिशा में पार्टी जा रही है उससे और पार्टी की वर्तमान कार्यशैली के साथ तालमेल बिठाने में मैं कठिनाई महसूस कर रहा हूं. अब मुझे नहीं लगता कि ये वो ही पार्टी है जो आदर्शवादी पार्टी डॉ मुखर्जी, पंडित दीनदयालजी, नानाजी और वाजपेयीजी ने बनाई थी. जिसका मुख्य उद्देश्य देश और उसके लोग थे. अब हमारे नेताओं का मुख्य उद्देश्य अपने निजी एजेंडा हैं.’’
'पत्र को इस्तीफ़ा माना जाए'
आडवाणी ने इसी पत्र में लिखा है कि उनके पत्र को ही इस्तीफा माना जाए.अभी एक दिन पहले ही गोवा में रविवार को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को 2014 के चुनाव के लिए चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. बताया गया था कि आडवाणी बीमार हैं और इसलिए कार्यकारिणी में नहीं आ सकते.
1980 में भाजपा के गठन के बाद ये पहला मौक़ा था जब आडवाणी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल नहीं हुए.
हालांकि गोवा में नया रोल मिलने के बाद मोदी ने ट्विट किया था, "मैने आडवाणी जी से फोन पर बात की. उन्होंने मुझे अपना आशीर्वाद दिया. उनका आशीर्वाद पाकर मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूँ."
आडवाणी के अलावा पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह और उमा भारती भी गोवा में शामिल नहीं हुए थे.
राजनाथ के घर बैठक, आडवाणी संकट पर चर्चा
सोमवार, 10 जून, 2013 को 17:19 IST तक के समाचार
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष
राजनाथ सिंह ने जहां लाल कृष्ण आडवाणी के इस्तीफे को स्वीकार करने से इंकार
कर दिया है वहीं पार्टी के अन्य नेताओं ने आडवाणी को इस्तीफा वापस लेने के
लिए मना लेने की बात कही है.क्लिक करें
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता क्लिक करें
लाल कृष्ण आडवाणी ने पार्टी के महत्वपूर्ण पदों से सोमवार को इस्तीफ़ा दे दिया है.
इस मुद्दे को लेकर भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह के घर में पार्टी नेताओं की बैठक हुई जिसमें अरुण जेटली और वैंकेया नायडू ने हिस्सा लिया.बैठके के बाद वैंकेया नायडू ने कहा है कि आडवाणी को मनाने की कोशिश की जाएगी.
सुषमा स्वराज, नेता विपक्ष
सुषमा स्वराज ने पत्रकारों से कहा, "आडवाणी जी से मेरी फ़ोन पर बात हुई है और मैंने उनसे कहा कि मैं आपसे मिलने आ रही हूं, मुझे विश्वास है कि हम उन्हें मना लेंगे. दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन जैसे शीर्ष नेता को ऐसा करना पड़ा, हम उन्हें मना लेंगे."क्लिक करेंक्लिक करें (पूरी रिपोर्ट: आडवाणी ने भाजपा के पद छोड़े, पार्टी में संकट)
राम माधव, आरएसएस
राम माधव ने ट्विटर पर कहा, "आडवाणी का इस्तीफ़ा दुर्भाग्यपूर्ण है और उम्मीद है कि पार्टी उन्हें इस्तीफ़ा वापस लेने के लिए मना लेगी."राजनाथ सिंह, बीजेपी अध्यक्ष
राजनाथ सिंह ने ट्विटर पर लिखा, "मैंने श्री आडवाणीजी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है."कांग्रेस की प्रतिक्रिया
पीटीआई के मुताबिक कांग्रेस ने आडवाणी के इस्तीफ़े पर अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "आडवाणी का इस्तीफ़ा नरेंद्र मोदी की पदोन्नति का पहला परिणाम है."महेश तवासे, एनसीपी
पीटीआई के अनुसार कांग्रेस के साथी दल एनसीपी के प्रवक्ता महेश तपासे ने लालकृष्ण आडवाणी के इस्तीफ़े पर चुटकी लेते हुए कहा कि 'बीजेपी पार्टी विथ ए डिफ्रेंस है और आडवाणी के इस्तीफ़े से ये साबित भी होता है.'उन्होंने कहा, "बीजेपी नमो-निया से पीड़ित है और एनडीए का भविष्य तय हो चुका है. यूपीए 2014 के लोकसभा चुनाव में विजयी होकर वापस आएगी."
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