हांगकांग में छिपा सीआईए की पोल खोल कर मोस्ट वांटेड बना एडवर्ड
फेसबुक और गूगल के जरिए दुनिया के लोगों के बारे में जासूसी करने वाली
अमेरिकी खुफिया एजेंसी (सीआईए) के इस कारनामे का खुलासा करने वाले शख्स ने
अपनी पहचान सार्वजनिक कर दी
है। यह शख्स कोई और नहीं बल्कि सीआईए के पूर्व कर्मचारी और इस समय एनएसए
के लिए काम करने वाली एक कंपनी के टेक्नीशियन एडवर्ड स्नोवेडेन हैं। वह
इस वक्त हांगकांग में हैं। इस खुलासे के बाद 29 साल का यह शख्स अमेरिका
का मोस्ट वांटेड बन गया है। उन्होंने कहा है कि वह उस दुनिया में रहना
नहीं चाहते जहां आप जो कुछ करते हैं उसे रिकार्ड किया जाता हो और इसी कारण
उन्होंने दुनिया की एक सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसी के खिलाफ मुंह खोला है।
उन्होंने बताया है कि सीआईए प्रिज्म नाम के एक प्रोग्राम के जरिए दुनिया
के लोगों की निजी सूचनाएं इकट्ठा करती है। हर साल 130,000 डॉलर की कमाई
करने वाले एडवर्ड का कहना है कि वे एक ऐसी दुनिया में नहीं रहना चाहते हैं
जहां हम जो कुछ भी करते और कहते हैं उन्हें रिकार्ड किया जाता है।
प्रिज्म सिस्टम के जरिए सीआईए दुनिया की इंटरनेट सेवा प्रदान करने वाली
नौ प्रमुख कंपनियों के डाटा तक पहुंच बनाती है।
एडवर्ड की पैरवी करने वाले वकील मार्क जैद का कहना है कि हांगकांग से उनका
प्रत्यर्पण करवाया जाता है तो उन्हें दशकों की सजा हो सकती है। वहीं,
हाउस इंटेलिजेंस कमिटी के सदस्य और सीनेटर पीटर किंग का कहना है कि एडवर्ड
का तुरंत हांगकांग से प्रत्यर्पण करवाया जाना चाहिए और कड़ी से कड़ी सजा
दिलाई जानी चाहिए।
हाई स्कूल ड्रॉप आउट एडवर्ड ने सीआईए के लिए कंप्यूटर सिक्योरिटी विभाग
में टेक्निकल असिस्टेंट के रूप में काम करने के बाद एक डिफेंस
कॉन्ट्रैक्टर बूज एलेन हैमिल्टन के कर्मचारी के रूप में एनएसए के लिए
चार साल तक काम किया। उनका काम लोगों के बारे निजी जानकारियां इकट्ठा करने
का था। इस बारे में उन्होंने अपने वरिष्ठ साथियों को बताया लेकिन
उन्होंने इसपर कोई ध्यान नहीं दिया। उनका कहना है कि उन्होंने जो किया
है, उसकी वजह से उन्हें छिपने की जरूरत नहीं है। उन्हें पता है कि
उन्होंने जो कुछ भी किया है, वह ठीक है।
एडवर्ड का कहना है कि उनके पास किसी चीज की कमी नहीं थी। उनकी सैलरी अच्छी
थी, उनकी एक गर्लफ्रेंड है और हवाई में घर और परिवार है। उनका कहना है,
'मैं इन सभी चीजों को इसलिए छोड़ देने की इच्छा रखता हूं क्योंकि मेरी
आत्मा अमेरिकी सरकार को लोगों के बारे में निजी जानकारियां चुराने का हक
देना चाहती है।'
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