Thursday, 13 June 2013

सीरिया में 93,000 से ज़्यादा मौतें: संयुक्त राष्ट्र

 शुक्रवार, 14 जून, 2013
अमरीका ने सीरियाई सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने विपक्षी लड़ाकों के ख़िलाफ़ क्लिक करें रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया है.
राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि ख़ुफ़िया सूचनाओं के मुताबिक छोटे पैमाने पर किए गए इन रासायनिक हमलों में तकरीबन डेढ़ सौ लोगों की मौत हुई है.
बयान में कहा गया है कि इस बात के कोई सुबूत नहीं हैं कि सीरियाई विपक्ष ने भी ऐसे रासायनिक हमलों का सहारा लिया है.
अमरीकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस के एक अधिकारी का कहना है कि सरकार ने सभी सीमाएं तोड़ दी है और अब राष्ट्रपति ओबामा विद्रोहियों को और ज्यादा सैन्य सहायता प्रदान करेंगे लेकिन स्वरूप निश्चित नहीं है.
उधर राष्ट्रपति बशर अल-असद सरकार ने रासायनिक हथियारों के उपयोग की बात से इनकार किया है.

संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट

इस बीच, संयुक्त राष्ट्र के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार क्लिक करें सीरिया में जारी संघर्ष में अब तक कम से कम 93 हज़ार लोग मारे जा चुके हैं.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन का कहना है कि पिछली जुलाई से अब तक सीरिया में हर महीने औसतन कम से कम पांच हजार लोगों की मौत हो रही हैं.
हालांकि संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि यह आंकड़े भी कहीं कम हैं क्योंकि तमाम मौतों को दर्ज नहीं किया जाता है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त का कहना है कि मरने वालों में अस्सी प्रतिशत पुरुष हैं और दस साल से कम उम्र के सत्रह सौ बच्चे भी शामिल हैं.

बर्बरता की हद

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख नवी पिल्लै ने कहा कि कई बार ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिसमें बच्चों को प्रताड़ित किया गया और बाद में उन्हें मार दिया गया या फिर पूरे परिवार को बच्चों समेत ही मार दिया गया.
उन्होंने कहा कि मृतकों की इतनी अधिक दर यह दर्शाती है कि यह विवाद कितना बर्बर हो चुका है.
इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र की एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि सीरिया में पिछले दो वर्षों से जारी लड़ाई में अब तक हजारों बच्चे मारे गए हैं.
"कई बार ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिसमें बच्चों को प्रताड़ित किया गया और बाद में उन्हें मार दिया गया या फिर पूरे परिवार को बच्चों समेत ही मार दिया गया."
नवी पिल्लै,संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त
संयुक्त राष्ट्र 'बाल और सशस्त्र संघर्ष' शीर्षक से जारी रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2011 में सीरिया में सरकारी बलों और विद्रोहियों की लड़ाई में बच्चे भी निशाना बने हैं.
रिपोर्ट में बच्चों की मौत की संख्या 'असहनीय' करार देते हुए कहा गया है कि सरकारी बलों और विद्रोही बच्चों को आत्मघाती हमलावर या मानव कवच के तौर पर इस्तेमाल करते हैं.

बाल प्रताड़ना

संयुक्त राष्ट्र प्रतिनिधि ने रिपोर्ट के आंकड़े बताते हुए कहा कि सीरिया में मारे गए बच्चों की संख्या दुनिया भर में सबसे अधिक है.
संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिनिधि ने न्यूयॉर्क में पत्रकारों से कहा,”बच्चे मारे गए हैं, उन पर अत्याचार होता है, उन्हें बंदी बना कर रखा जाता है, उन्हें लड़ाकुओं में शामिल किया जाता है और उन्हें प्रताड़ित किया जाता है ' .
रिपोर्ट में सीरिया की सेना पर आरोप लगाया गया है कि वे विद्रोही गुटों वाले बच्चों पर हिंसा करता है जबकि विपक्ष बच्चों को लड़ाई के साथ सामान पहुंचाने के लिए भी इस्तेमाल करता है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन की रिपोर्ट के अनुसार मृतकों की सबसे अधिक संख्या ग्रामीण दमिश्क, हमस और हलब क्षेत्रों में हुई हैं.
संगठन ने तत्काल संघर्ष विराम की अपील की है, ताकि अब और जानें न जाएं.
नवी पिल्लै का कहना था कि शक्तिशाली व प्रभावशाली देश मिलकर इस विवाद को समाप्त करने के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं और अनगिनत जानें बचाई जा सकती हैं.

from bbc

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