पाकिस्तान
:भारतीय सेना प्रमुख की टिप्पणी उकसाने वाली,
कहा कि इस तरह के उकसाने वाले बयान नुकसानदेह हो सकते हैं
भारत-सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह:'पाक, चीन को उनकी ही भाषा में जवाब'
भारत-सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह:'पाक, चीन को उनकी ही भाषा में जवाब'
इस्लामाबाद, एजेंसी
First Published:13-01-14 10:31 PMभारतीय सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह की ओर से नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम के उल्लंघन को लेकर आगाह किए जाने के बाद पाकिस्तानी सेना ने सोमवार को कहा कि इस तरह के उकसाने वाले बयान नुकसानदेह हो सकते हैं। पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा ने एक बयान में कहा कि सिंह का बयान जमीनी हकीकत से उलट है।
सेना के मुख्य प्रवक्ता मेजर जनरल आसिम बाजवा ने बयान में कहा कि इस तरह के आरोप और उकसाने वाले बयान अफसोसनाक और नुकसानदेह हैं।
बयान में कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम समझौते का सम्मान करती है। पाकिस्तानी सेना ने कहा कि 24 दिसंबर, 2014 को सैन्य संचालन महानिदेशकों के बीच बैठक के बाद नियंत्रण रेखा पर स्थिति में काफी सुधार हुआ है।
सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह:'पाक, चीन को उनकी ही भाषा में जवाब'
भारतीय सेना ने इस धारणा को सिरे से नकार दिया है कि सीमा पर पाकिस्तान और चीन की गलत हरकतों का करारा जवाब नहीं दिया जाता।
सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने कहा कि अगर फौज अपनी कार्रवाईयों के बारे में नहीं बताती तो इसका मतलब यह नहीं है कि कोई जवाबी कार्रवाई नहीं होती। सीमा पर नियमों का उल्लंघन करने पर पाक और चीन को हमेशा उसी के लहजे में जवाब दिया जाता है।
जनरल सिंह ने अपने कार्यकाल की आखिरी प्रेस कांफ्रेंस में सेना के बुलंद हौसलों की तारीफ करते हुए कहा कि शनिवार को पाकिस्तान के ताजा सीजफायर उल्लंघन का जवानों ने खुलकर जवाब दिया है।
सिंह के मुताबिक तीन आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिश को सेना ने नाकाम कर दिया। सेना प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान यदि नियमों को तोड़ता है तो भारत भी नियम का पालन करने के लिए मजबूर नहीं है।
सिंह ने पिछले दिनों सीमा पर पाकिस्तानी सेना के एक अधिकारी और नौसैनिकों के मारे जाने की घटना की तरफ इशारा करते हुए कहा कि उसके लिए पाकिस्तान ने ही भारतीय सेना को मजबूर किया था।
जनरल सिंह ने उम्मीद जताई कि शनिवार को हुए इस साल के पहले सीजफायर उल्लंघन को लेकर भारत व पाक के मिलिट्री ऑपरेशन महानिदेशक (डीजीएमओ) हॉटलाइन पर बात कर मसले को सुलझा लेंगे।
सेना प्रमुख के मुताबिक सीजफायर उल्लंघन के दौरान सीमा पर मिनी वार जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में भारतीय सेना उसी अंदाज में जवाबी कार्रवाई करती है।
जनरल सिंह ने चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बार बार हो रहे तनाव का जिक्र करते हुए कहा कि उसे कम करने के लिए कई स्तर पर बातचीत चल रही है।
यह नहीं समझना चाहिए कि हमारी फौज हाथ पर हाथ रखे बैठी रहती है। दरअसल चीन के बारे में कोई भी आधिकारिक बयान विदेश मंत्रालय की ओर से दिया जाता है।
सिंह ने कहा कि सेना का काम है सीमा पर व्यवस्था बनाए रखना। उन्होंने एलएसी पर सड़क और यातायात के दूसरे साधनों की लचर स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि उसे दुरुस्त करने के लिए पुख्ता काम किया जा रहा है।
जनरल सिंह ने बताया कि सरकार ने सेना की मजबूती के लिए 11717 करोड़ की 17 अहम योजनाओं को मंजूरी दे दी है।
साथ ही 19,250 करोड़ की 23 योजनाओं पर अंतिम फैसला जल्द ही लिया जाएगा। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने भरोसा दिया है कि सेना की मजबूती के लिए पैसे की कमी नहीं होने दी जाएगी।
सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने कहा कि अगर फौज अपनी कार्रवाईयों के बारे में नहीं बताती तो इसका मतलब यह नहीं है कि कोई जवाबी कार्रवाई नहीं होती। सीमा पर नियमों का उल्लंघन करने पर पाक और चीन को हमेशा उसी के लहजे में जवाब दिया जाता है।
जनरल सिंह ने अपने कार्यकाल की आखिरी प्रेस कांफ्रेंस में सेना के बुलंद हौसलों की तारीफ करते हुए कहा कि शनिवार को पाकिस्तान के ताजा सीजफायर उल्लंघन का जवानों ने खुलकर जवाब दिया है।
सिंह के मुताबिक तीन आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिश को सेना ने नाकाम कर दिया। सेना प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान यदि नियमों को तोड़ता है तो भारत भी नियम का पालन करने के लिए मजबूर नहीं है।
सिंह ने पिछले दिनों सीमा पर पाकिस्तानी सेना के एक अधिकारी और नौसैनिकों के मारे जाने की घटना की तरफ इशारा करते हुए कहा कि उसके लिए पाकिस्तान ने ही भारतीय सेना को मजबूर किया था।
जनरल सिंह ने उम्मीद जताई कि शनिवार को हुए इस साल के पहले सीजफायर उल्लंघन को लेकर भारत व पाक के मिलिट्री ऑपरेशन महानिदेशक (डीजीएमओ) हॉटलाइन पर बात कर मसले को सुलझा लेंगे।
सेना प्रमुख के मुताबिक सीजफायर उल्लंघन के दौरान सीमा पर मिनी वार जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में भारतीय सेना उसी अंदाज में जवाबी कार्रवाई करती है।
जनरल सिंह ने चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बार बार हो रहे तनाव का जिक्र करते हुए कहा कि उसे कम करने के लिए कई स्तर पर बातचीत चल रही है।
यह नहीं समझना चाहिए कि हमारी फौज हाथ पर हाथ रखे बैठी रहती है। दरअसल चीन के बारे में कोई भी आधिकारिक बयान विदेश मंत्रालय की ओर से दिया जाता है।
सिंह ने कहा कि सेना का काम है सीमा पर व्यवस्था बनाए रखना। उन्होंने एलएसी पर सड़क और यातायात के दूसरे साधनों की लचर स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि उसे दुरुस्त करने के लिए पुख्ता काम किया जा रहा है।
जनरल सिंह ने बताया कि सरकार ने सेना की मजबूती के लिए 11717 करोड़ की 17 अहम योजनाओं को मंजूरी दे दी है।
साथ ही 19,250 करोड़ की 23 योजनाओं पर अंतिम फैसला जल्द ही लिया जाएगा। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने भरोसा दिया है कि सेना की मजबूती के लिए पैसे की कमी नहीं होने दी जाएगी।
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