बनारस में 6.4 लाख 'डुप्लीकेट' वोटर
27 nov 2014
भारतीय निर्वाचन आयोग के नए मतदाताओं का नाम जोड़ने और मतदाता सूची के
सत्यापन के लिए चलाए जा रहे अभियान में कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आए
हैं.
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकसभा सीट वाराणसी में 6.47 लाख ऐसे मतदाता जिन्हे 'फ़र्ज़ी' मतदाता कहा जा रहा है.हालांकि जिला निर्वाचन अधिकारी प्रांजल यादव ने इन मतदाताओं के लिए 'फ़र्ज़ी' शब्द के प्रयोग पर आपत्ति जताई है.
वो कहते हैं, "सिर्फ इसलिए की नरेंद्र मोदी जी यहां से चुनाव जीते थे इस तरह की आशंका करना सही नहीं है."
पिछले लोक सभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को वाराणसी में 5,16,593 वोट मिले थे. यहां लगभग 15 लाख मतदाता हैं.
'दो जगह नाम'
प्रांजल यादव ने बताया, "आयोग के मतदाता सूची के सत्यापन अभियान में सामने आया कि वाराणसी में 6.47 लाख 'डुप्लीकेट' मतदाता हैं. ये वो मतदाता हैं इनके नाम किसी और जगह की मतदाता सूची में भी हैं. इनमें से 23 हज़ार मतदाता नाम वाराणसी की सूची में हैं, लेकिन अब वे वाराणसी में नहीं रहते हैं."आज़मगढ़ में इस प्रकार के नौ लाख 'डुप्लीकेट' मतदाता हैं, जबकि लखनऊ में 5.28 लाख 'डुप्लीकेट' मतदाता हैँ.
इन मतदाताओं के कारण लोक सभा चुनाव में धांधली से प्रांजल यादव इनकार करते हैं.
वो कहते हैं, "निर्वाचन आयोग एक नए सॉफ्टवेयर की मदद से 'डुप्लीकेट' मतदाताओं का पता लगा रहा है. इसका चुनाव के नतीजों पर न कोई असर है और न इसके कारण कोई विवाद है."
यादव ने बताया कि इसके लिए आजकल घर-घर जाकर मतदाता सूची का सत्यापन किया जा रहा है और एक जनवरी 2015 को 18 वर्ष की उम्र वाले युवाओं का नाम भी मतदाता सूची में जोड़ा जाएगा.
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