#blackmoney - 100 दिन में कालाधन वापस लाने की बात कभी नहीं कही: मोदी सरकार
never said we will bring back black money in 100 days says govt
सरकार बनने के 100 दिन के भीतर काला धन वापसी लाने के दावे पर मोदी सरकार ने यू-टर्न मार लिया है।
Keyword : Black Money, Govt, Loksabha, Venkaiah Naidu
नई दिल्ली, 28 नवम्बर 2014 |
केंद्र सरकार ने गुरुवार को लोकसभा में पुरजोर शब्दों में कहा कि उसने कभी भी सत्ता में आने के 100 दिनों के भीतर विदेशों में जमा काले धन
को वापस लाने का दावा नहीं किया था, बल्कि इसका तात्पर्य यह था कि
कार्रवाई 100 दिनों के भीतर की जाएगी. हालांकि विपक्ष ने इन्हीं 100 दिनों
को मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने की कोशिश जारी रखी.
इस संबंध में विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए संसदीय मामलों के
मंत्री एम वेंकैया नायडू ने बीजेपी के लोकसभा चुनाव घोषणापत्र का उल्लेख
करते हुए कहा कि इसमें काले धन
की समस्या से निपटने के लिए एक कार्य बल गठित किए जाने की बात कही गई है.
नायडू ने कालेधन पर सदन में हुई चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कहा, ‘हम
इतने नासमझ नहीं हैं कि हम सौ दिनों के भीतर सारा काला धन वापस लाने की बात
कहेंगे.’ उन्होंने यह प्रतिक्रिया विपक्ष के उन आरोपों के बाद की, जिनमें
आरोप लगाया गया था कि बीजेपी नेताओं ने सत्ता में आने के 100 दिनों के भीतर
काला धन वापस लाने का वादा किया था.
विपक्ष ने सवाल उठाया था कि 100 दिनों का वादा करने वाली सरकार के सत्ता में आए छह महीने बीत चुके हैं. नायडू ने कहा कि बीजेपी के चुनावी घोषणापत्र में कहा गया था कि यदि सत्ता में आए तो सरकार भ्रष्टाचार को कम से कम करेगी और काले धन का पता लगाने या उसे वापस लाने के लिए कार्यबल गठित करेगी. काले धन को वापस लाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. काले धन की समस्या से निपटने के लिए बीजेपी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए बीजेपी नेता ने कहा कि जहां भी 100 दिनों की बात कही गई है, वहां इसका मतलब है कि कार्रवाई 100 दिनों के भीतर की जाएगी.
नायडू ने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पहली बार काले धन का पता लगाने के लिए 100 दिनों के बारे में बात की थी, जब उन्होंने जुलाई 2009 में संसद में इस बारे में एक बयान दिया था. समाजवादी पार्टी नेता मुलायम सिंह यादव ने कहा कि जनता ने काला धन वापस लाने के बीजेपी के चुनाव प्रचार पर भरोसा किया और इसलिए सरकार को सदन में यह आश्वासन देना चाहिए कि काला धन कब वापस आएगा. उन्होंने कहा, ‘देश के युवा सोचते हैं कि उन्हें 15 लाख रुपये मिलेंगे. आपने उनको एक झूठ बेचा. सरकार को संसद को यह सूचित करना होगा कि वे कब पैसा वापस लाएंगे.’
मुलायम सिंह ने कहा कि काला धन जल्द से जल्द वापस लाया जाना चाहिए, क्योंकि कालाधन के खाताधारक अपना धन निकाल रहे हैं. नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्षी नारों को सुनकर उन्हें दुख होता है. उन्होंने विस्तार से बताया कि पिछली यूपीए सरकार के वित्त मंत्री तक ने विदेशी बैंकों के खाते रखने वाले लोगों के नामों का खुलासा नहीं किया था. उन्होंने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तत्कालीन यूपी सरकार को 2011 में निर्देश दिया था कि वह विदेशों में जमा धन के बारे में कदम उठाए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.
विपक्ष ने सवाल उठाया था कि 100 दिनों का वादा करने वाली सरकार के सत्ता में आए छह महीने बीत चुके हैं. नायडू ने कहा कि बीजेपी के चुनावी घोषणापत्र में कहा गया था कि यदि सत्ता में आए तो सरकार भ्रष्टाचार को कम से कम करेगी और काले धन का पता लगाने या उसे वापस लाने के लिए कार्यबल गठित करेगी. काले धन को वापस लाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. काले धन की समस्या से निपटने के लिए बीजेपी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए बीजेपी नेता ने कहा कि जहां भी 100 दिनों की बात कही गई है, वहां इसका मतलब है कि कार्रवाई 100 दिनों के भीतर की जाएगी.
नायडू ने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पहली बार काले धन का पता लगाने के लिए 100 दिनों के बारे में बात की थी, जब उन्होंने जुलाई 2009 में संसद में इस बारे में एक बयान दिया था. समाजवादी पार्टी नेता मुलायम सिंह यादव ने कहा कि जनता ने काला धन वापस लाने के बीजेपी के चुनाव प्रचार पर भरोसा किया और इसलिए सरकार को सदन में यह आश्वासन देना चाहिए कि काला धन कब वापस आएगा. उन्होंने कहा, ‘देश के युवा सोचते हैं कि उन्हें 15 लाख रुपये मिलेंगे. आपने उनको एक झूठ बेचा. सरकार को संसद को यह सूचित करना होगा कि वे कब पैसा वापस लाएंगे.’
मुलायम सिंह ने कहा कि काला धन जल्द से जल्द वापस लाया जाना चाहिए, क्योंकि कालाधन के खाताधारक अपना धन निकाल रहे हैं. नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्षी नारों को सुनकर उन्हें दुख होता है. उन्होंने विस्तार से बताया कि पिछली यूपीए सरकार के वित्त मंत्री तक ने विदेशी बैंकों के खाते रखने वाले लोगों के नामों का खुलासा नहीं किया था. उन्होंने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तत्कालीन यूपी सरकार को 2011 में निर्देश दिया था कि वह विदेशों में जमा धन के बारे में कदम उठाए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.
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