#BLACKMONEY
संसद में आज विपक्ष ने
जोरशोर से काले धन का मुद्दा उठाया और सरकार को निशाने पर लेते हुए सवाल
किया कि कालाधन वापस लाने का वादा कब पूरा किया जाएगा। हालांकि राज्यसभा
में वित्त मंत्री अरूण जेटली और लोकसभा में संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया
नायडू ने आश्वासन दिया कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। संसद
के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन आज दोनों सदनों में काले धन का मुद्दा उठाया
गया।
लोकसभा में इस मुद्दे पर हंगामे के कारण कार्यवाही कुछ देर के लिए बाधित भी हुई। लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, राजद, सपा और आम आदमी पार्टी के सदस्य काले धन का मुद्दा उठाते हुए आसन के समक्ष आ गए। इन सदस्यों ने सवाल उठाया कि 100 दिन गुजर गए, कालाधन कहां है। इनमें से कुछ सदस्य काली छतरियां खोले हुए थे जिन पर लिखा था ‘‘काला धन वापस लाओ’’।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों के हंगामे के बावजूद शून्यकाल चलने दिया। उन्होंने सदस्यों से अपने स्थानों पर जाने की अपील करते हुए कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ विचारविमर्श के बाद वह सुनिश्चित करेंगी कि इस मुद्दे पर शीघ्र ही चर्चा हो।
राज्यसभा में भोजनावकाश के बाद सदन के नेता एवं वित्त मंत्री जेटली ने तृणमूल सदस्यों द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने पर कहा कि विपक्षी दल इस मामले पर चर्चा के लिए नोटिस दें तो सरकार चर्चा कराने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दा है और सभापति से विचारविमर्श कर इस मुद्दे पर चर्चा कराई जा सकती है।
लोकसभा में संसदीय मामलों के मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और वह इस पर चर्चा करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने काले धन के मुद्दे पर पिछले छह माह में बहुत कुछ किया है। तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने कहा ‘‘हम सिर्फ चर्चा ही नहीं चाहते। हम चाहते हैं कि काला धन वापस आए। ’’
लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार को माफी मांगनी चाहिए क्योंकि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान काले धन के मुद्दे पर नरेंद्र मोदी सहित भाजपा नेताओं ने संप्रग को ‘‘बदनाम’’ किया था और 100 दिन में काला धन वापस लाने का वादा किया था।
नायडू ने इस पर कहा कि प्रधानमंत्री अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए विदेश गए हैं और ऐसे समय पर विपक्ष प्रधानमंत्री की आलोचना कर रहा है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षेस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए नेपाल गए हैं।
भोजनावकाश के बाद भी इस मुद्दे पर तकरार होती रही। राज्यसभा में बैठक शुरू होते ही जदयू, सपा और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने काले धन का मुद्दा उठाया। तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा ‘‘सरकार ने सदन के बाहर, काला धन वापस लाने के लिए कई बार आश्वासन दिया लेकिन कोई काला धन वापस नहीं आया। इस मुद्दे पर बहुत उम्मीद हैं। इस मुद्दे पर कुछ रचनात्मक बहस होनी चाहिए।’’
संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने सरकार से पूछा, कहां है कालाधन?
...लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने 100 दिन में काला धन वापस लाने का वादा किया था।
लोकसभा में इस मुद्दे पर हंगामे के कारण कार्यवाही कुछ देर के लिए बाधित भी हुई। लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, राजद, सपा और आम आदमी पार्टी के सदस्य काले धन का मुद्दा उठाते हुए आसन के समक्ष आ गए। इन सदस्यों ने सवाल उठाया कि 100 दिन गुजर गए, कालाधन कहां है। इनमें से कुछ सदस्य काली छतरियां खोले हुए थे जिन पर लिखा था ‘‘काला धन वापस लाओ’’।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों के हंगामे के बावजूद शून्यकाल चलने दिया। उन्होंने सदस्यों से अपने स्थानों पर जाने की अपील करते हुए कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ विचारविमर्श के बाद वह सुनिश्चित करेंगी कि इस मुद्दे पर शीघ्र ही चर्चा हो।
राज्यसभा में भोजनावकाश के बाद सदन के नेता एवं वित्त मंत्री जेटली ने तृणमूल सदस्यों द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने पर कहा कि विपक्षी दल इस मामले पर चर्चा के लिए नोटिस दें तो सरकार चर्चा कराने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दा है और सभापति से विचारविमर्श कर इस मुद्दे पर चर्चा कराई जा सकती है।
लोकसभा में संसदीय मामलों के मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और वह इस पर चर्चा करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने काले धन के मुद्दे पर पिछले छह माह में बहुत कुछ किया है। तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने कहा ‘‘हम सिर्फ चर्चा ही नहीं चाहते। हम चाहते हैं कि काला धन वापस आए। ’’
लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार को माफी मांगनी चाहिए क्योंकि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान काले धन के मुद्दे पर नरेंद्र मोदी सहित भाजपा नेताओं ने संप्रग को ‘‘बदनाम’’ किया था और 100 दिन में काला धन वापस लाने का वादा किया था।
नायडू ने इस पर कहा कि प्रधानमंत्री अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए विदेश गए हैं और ऐसे समय पर विपक्ष प्रधानमंत्री की आलोचना कर रहा है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षेस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए नेपाल गए हैं।
भोजनावकाश के बाद भी इस मुद्दे पर तकरार होती रही। राज्यसभा में बैठक शुरू होते ही जदयू, सपा और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने काले धन का मुद्दा उठाया। तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा ‘‘सरकार ने सदन के बाहर, काला धन वापस लाने के लिए कई बार आश्वासन दिया लेकिन कोई काला धन वापस नहीं आया। इस मुद्दे पर बहुत उम्मीद हैं। इस मुद्दे पर कुछ रचनात्मक बहस होनी चाहिए।’’
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