Hacking: जासूसी करने वाला ख़तरनाक बग सामने आया
24 नवंबर 2014
कंप्यूटर में एक बार घुस जाने के बाद यह पासवर्ड चुरा सकता है,
मिटा दी गई फ़ाइलों को निकाल सकता है और कंप्यूटर के स्क्रीन की तस्वीरें
ले सकता है.
कंप्यूटर
सुरक्षा के क्षेत्र में काम कर रही एक अग्रणी कंपनी ने अब तक के सबसे
ख़तरनाक सॉफ़्टवेयर में से एक खोजने का दावा किया है. ये काफ़ी
सॉफ़िस्टिकेटेड या परिष्कृत सॉफ़्टवेयर है.
सिमेंटेक नाम की इस कंपनी
ने कहा है कि 'रेगिन' नाम का यह कंप्यूटर बग शायद किसी सरकार ने बनाया था
और पिछले छह सालों से पूरी दुनिया में कुछ ख़ास लक्ष्यों को निशाना बना रहा
है.कंप्यूटर में एक बार घुस जाने के बाद यह पासवर्ड चुरा सकता है, मिटा दी गई फ़ाइलों को निकाल सकता है और कंप्यूटर के स्क्रीन की तस्वीरें ले सकता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि इस बग से रूस, सऊदी अरब और आयरलैंड के कंप्यूटर सबसे अधिक प्रभावित रहे हैं.
विशेषज्ञों का यह भी कहा है कि इसका इस्तेमाल सरकारी संस्थाओं, व्यवसायों और निजी लोगों की जासूसी के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है.
रूस निशाना
उन्होंने यह भी कहा है कि इसे विकसित करने में, अगर सालों नहीं तो, महीनों का समय ज़रूर लगा है. साथ ही इसे बनाने वालों ने इसे छिपाने में भी काफ़ी मेहनत की है.
सिमेंटेक के एक सुरक्षा रणनीतिकार सियान जॉन कहते हैं, "जिस स्तर का कौशल और विशेषज्ञता की ज़रूरत है और इसे बनाने में जितना समय लगा, उससे ऐसा लगता है कि यह पश्चिमी संस्थाओं की ओर से आया है."
सिमेंटेक ने इसकी तुलना कंप्यूटर बग 'स्टक्सनेट' से की है, जिसके बारे में माना जाता है कि इसे ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाने के लिए अमरीका और इसराइल ने बनाया था.
उसे उपकरणों को क्षति पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किया गया था, जबकि ऐसा लगता है कि रेगिन बनाने का उद्देश्य सूचनाएं इकट्ठा करना है.
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