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सिडनी: संकट खत्म, दो की मौत की खबरें
बंदूकधारी हारुन मोनिस मारा गया,...कौन है मन हारुन मोनिस?
2 भारतीय नागरिक पुष्पेंदु घोष और विश्वकांत अंकित रेड्डी सुरक्षित
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में चल रहा बंधक संकट खत्म हो गया है और पुलिस कार्रवाई में दो लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है.
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया का कहना है कि पुलिस की कार्रवाई में बंदूकधारी मारा गया है. इसके अलावा एक बंधक की भी मौत हुई है.रिपोर्टों के अनुसार अन्य सभी बंधकों को सुरक्षित निकाल लिया गया है.
कुछ देर पहले पुलिस ने कैफ़े में बंधक बने लोगों को छु़ड़ाने के लिए बड़ी कार्रवाई शुरु की थी.
करीब 16 घंटे चले इस संकट में दो भारतीय नागरिक भी कैफ़े में फंसे थे.
भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर बंधक संकट खत्म होने की जानकारी दी है. उन्होंने यह भी बताया है कि बंधकों में शामिल भारतीय नागरिक पुष्पेंदु घोष और विश्वकांत अंकित रेड्डी सुरक्षित बाहर आ गए हैं.
पुलिस कार्रवाई
पुलिस ने कुछ देर पहले कार्रवाई शुरु की और पुलिसकर्मी कैफ़े की इमारत में घुसे. एक तगड़े विस्फ़ोट के बाद स्वास्थ्यकर्मियों को कैफ़े की ओर स्ट्रेचर ले जाते हुए देखा गया.पुलिस वहां से लोगों को सुरक्षित रूप से निकालने की कोशिश की.
सिडनी के कैफ़े में लोगों को बंधक बनाने वाले की पहचान मन हारून मोनिस के रूप में हुई है.
ऑस्ट्रेलियाई पुलिस का कहना है कि ईरानी मूल के हारून मोनिस राजनीतिक शरण पर ऑस्ट्रेलिया आए थे.
मोनिस के पूर्व वकील के मुताबिक वह किसी संगठन से नहीं जुड़े हैं और अकेले ही काम करते हैं.
49 साल के मोनिस पर कई हिंसक अपराधों के लिए ऑस्ट्रेलिया में मुकदमा चल रहा है.
फिलहाल उन्हें ज़मानत पर रिहा किया गया है और ऑस्ट्रेलिया की पुलिस उन्हें बहुत अच्छे से पहचानती है.
मोनिस पर यह भी आरोप है कि उसने विदेशों में सेवा के दौरान मारे गए ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों के मां बाप को गालियों से भरे पत्र भेजे.
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