आईबी ने इनपुट देना किया बंद, खतरे में देश
Mon, 15 Jul 2013सीबीआइ और खुफिया ब्यूरो (आइबी) की लड़ाई ने देश की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। इशरत मुठभेड़ मामले में अपने अधिकारियों को फंसाए जाने से नाराज आइबी ने आतंकी गतिविधियों से जुड़ी अहम खुफिया जानकारी साझा करना बंद कर दिया है। आतंकी खतरे से संबंधित केवल वही सूचनाएं राज्यों से साझा की जा रही हैं जो अन्य एजेंसियों के माध्यम से मल्टी एजेंसी सेंटर (मैक) में आती हैं। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पिछले एक महीने से उन्हें आइबी की खुफिया चेतावनी रिपोर्ट नहीं मिली है।
दरअसल, आइबी हर दिन पूरे देश में हुई घटनाओं की रिपोर्ट गृह मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजता है। इसके अलावा वह देश में अशांति, उपद्रव या आतंकी हमले की साजिशों की खुफिया रिपोर्ट अलग से देता है। इसी खुफिया रिपोर्ट के आधार पर सुरक्षा एजेंसियों या राज्य सरकारों को जरूरी कदम उठाने के लिए सचेत किया जाता है। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए आइबी की खुफिया रिपोर्ट काफी अहम है। इसके बिना आतंकी साजिशों को नाकाम करना मुश्किल है।
गया के महाबोधि मंदिर में आतंकी हमले का जिक्र करते हुए गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, यह खुफिया जानकारी मैक में किसी दूसरी एजेंसी के मार्फत आई थी, जिसे राज्य सरकार को रूटीन के तहत भेज दिया गया। यही वजह है कि इसको लेकर सुरक्षा तैयारियां उस रूप में नहीं हो पाईं, जिनकी जरूरत थी। जबकि, इससे पहले आइबी किसी भी एजेंसी से आने वाली खुफिया जानकारी न सिर्फ साझा करता था, बल्कि साजिश को नाकाम करने में सक्रिय भूमिका भी निभाता था।
आइबी इशरत जहां मुठभेड़ मामले में अपने विशेष निदेशक राजेंद्र कुमार समेत वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ सीबीआइ के शिकंजे से नाराज है। आइबी के निदेशक आसिफ इब्राहिम इसके लिए गृह मंत्री और प्रधानमंत्री तक से गुहार लगा चुके हैं। लेकिन, राजनीतिक मजबूरियों के कारण सरकार हस्तक्षेप करने से कतरा रही है। आइबी के आतंक विरोधी ऑपरेशन से लंबे समय से जुड़े रहे एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं, 'जब तक सरकार हमें इशरत जैसे मामलों में संरक्षण का भरोसा नहीं देती, हमारे लिए आगे ऑपरेशन करना मुश्किल होगा।'
गुड़गांव के एक मॉल में बने पब में 100 से ज्यादा बच्चे शराब पीते और नशा करते पकड़े गए
गुड़गांव, 15 जुलाई 2013 |
गुड़गांव के डीटी सिटी सेंटर में बने 'बज इन बार' में करीब 100 टीनएजर्स
को पुलिस ने नशा करते हुए पकड़ा. फेसबुक के जरिए सेक्स एंड स्मोक नाम से इस
पार्टी का आयोजन किया गया था. पार्टी में धूम्रपान करने के लिए फ्लेवर्ड
हुक्के का भी इस्तेमाल हुआ.
आबकारी अधिनियम के अनुसार 25 साल से कम उम्र के लड़के-लड़कियों को शराब
परोसना गैरकानूनी है. गुड़गांव में पहले से ही फ्लेवर्ड हुक्का इस्तेमाल
करने पर पाबंदी है. इस मामले में पब मालिक का चालान कर दिया गया है और साथ
ही कानूनी कार्रवाई भी की गई, जबकि बच्चों को वॉर्निंग देकर उनके घरवालों
को सौंप दिया गया है.
पुलिस ने जैसे ही रेड मारी वहां मौजूद टीनएजर्स अपना मुंह छिपाते नजर आए. गुड़गांव के इस पब में गैर कानूनी तरीके से शराब और नशा परोसा जा रहा था. सिटी सेंटर में चल रहे इस पब में पुलिस रेड के दौरान 100 से ज्यादा टीनएजर्स रंगे हाथों पकड़े गए. पुलिस के मुताबिक सभी छात्र-छात्राओं की उम्र 15 से 20 साल के बीच है.
सेक्स एंड स्मोक नाम से ऑर्गेनाइज की गई इस पार्टी में फ्लेवर्ड हुक्के का भी इस्तेमाल किया गया. गुड़गांव में फ्लेवर्ड हुक्के पर पाबंदी है, लेकिन पुलिस ये देखकर हैरान रह गई कि इस पब में हर नियम कायदे की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही थीं.
पुलिस के मुताबिक टीनएजर्स फेसबुक जैसी सोशल साइट्स पर विशेष ग्रुप बनाकर इस तरह की पार्टियों का आयोजन करते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस पार्टी को ऑर्गेनाइज करने वाले भी टीनएजर्स ही थे. 600 रुपये पर हेड के हिसाब से पैसा इकट्ठा कर पब बुक कराया गया था.
बच्चों को नशे में देखकर घरवालों का गुस्सा भी फूटा पड़ा. पुलिस ने बच्चों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की. इस पूरे मामले ने फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं.
पुलिस ने जैसे ही रेड मारी वहां मौजूद टीनएजर्स अपना मुंह छिपाते नजर आए. गुड़गांव के इस पब में गैर कानूनी तरीके से शराब और नशा परोसा जा रहा था. सिटी सेंटर में चल रहे इस पब में पुलिस रेड के दौरान 100 से ज्यादा टीनएजर्स रंगे हाथों पकड़े गए. पुलिस के मुताबिक सभी छात्र-छात्राओं की उम्र 15 से 20 साल के बीच है.
सेक्स एंड स्मोक नाम से ऑर्गेनाइज की गई इस पार्टी में फ्लेवर्ड हुक्के का भी इस्तेमाल किया गया. गुड़गांव में फ्लेवर्ड हुक्के पर पाबंदी है, लेकिन पुलिस ये देखकर हैरान रह गई कि इस पब में हर नियम कायदे की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही थीं.
पुलिस के मुताबिक टीनएजर्स फेसबुक जैसी सोशल साइट्स पर विशेष ग्रुप बनाकर इस तरह की पार्टियों का आयोजन करते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस पार्टी को ऑर्गेनाइज करने वाले भी टीनएजर्स ही थे. 600 रुपये पर हेड के हिसाब से पैसा इकट्ठा कर पब बुक कराया गया था.
बच्चों को नशे में देखकर घरवालों का गुस्सा भी फूटा पड़ा. पुलिस ने बच्चों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की. इस पूरे मामले ने फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं.
भारतीय सीमा में घुसे थे चीन के दो हेलीकॉप्टर, भारत का घटना से इंकार
15 जुलाई 2013
भारतीय सीमा में चीनी घुसपैठ की एक और घटना सामने आई है. सूत्रों के
मुताबिक, 11 जुलाई को चीनी सेना के दो हेलीकॉप्टरों ने लद्दाख के चुमार
इलाके में भारतीय वायुसीमा का उल्लंघन किया.हालांकि रक्षा अधिकारियों ने
किसी भी तरह के अतिक्रमण से इंकार करते हुए कहा है कि हेलीकॉप्टर वास्तविक
नियंत्रण सीमा (एलएसी) के पास उड़ान भर रहे थे, लेकिन उसे पार नहीं किया.
अभी कुछ दिन पहले ही चीनी सैनिक चुमार सेक्टर में घुस गाए थे और निगरानी कैमरा ले गए थे. बाद में भारतीय सेना के एतराज के बाद उन्होंने एक फ्लैग मीटिंग में कैमरा लौटा दिया था.
सूत्रों के मुताबिक, चीनी सेना के दो हेलीकॉप्टर, 11 जुलाई की सुबह भारतीय सीमा में घुसे थे. सेना के सूत्रों ने यह भी कहा कि एलएसी को लेकर अपनी-अपनी मान्यताएं हैं.
चुमार में भारतीय पक्ष चीनी पक्ष के मुकाबले ज्यादा सुविधाजनक है और सड़क मार्ग से जुड़ा है. चीनी क्षेत्र में होने वाली हलचल की निगरानी के लिए भारत ने यहां कैमरा लगा रखा है.
चीन की घुसपैठ की घटनाएं रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी के चीन दौरे कुछ दिनों बाद ही घटी है. रक्षा मंत्री के दौरे के दौरान दोनों पक्ष एलएसी पर शांति, टकराव रहित और स्थायित्व बनाए रखने और सीमा की निगरानी करने वाले बलों के बीच संचार और समन्वय मजबूत करने पर सहमत हुए थे.
अभी कुछ दिन पहले ही चीनी सैनिक चुमार सेक्टर में घुस गाए थे और निगरानी कैमरा ले गए थे. बाद में भारतीय सेना के एतराज के बाद उन्होंने एक फ्लैग मीटिंग में कैमरा लौटा दिया था.
सूत्रों के मुताबिक, चीनी सेना के दो हेलीकॉप्टर, 11 जुलाई की सुबह भारतीय सीमा में घुसे थे. सेना के सूत्रों ने यह भी कहा कि एलएसी को लेकर अपनी-अपनी मान्यताएं हैं.
चुमार में भारतीय पक्ष चीनी पक्ष के मुकाबले ज्यादा सुविधाजनक है और सड़क मार्ग से जुड़ा है. चीनी क्षेत्र में होने वाली हलचल की निगरानी के लिए भारत ने यहां कैमरा लगा रखा है.
चीन की घुसपैठ की घटनाएं रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी के चीन दौरे कुछ दिनों बाद ही घटी है. रक्षा मंत्री के दौरे के दौरान दोनों पक्ष एलएसी पर शांति, टकराव रहित और स्थायित्व बनाए रखने और सीमा की निगरानी करने वाले बलों के बीच संचार और समन्वय मजबूत करने पर सहमत हुए थे.
राजस्थान में वायु सेना का विमान मिग-21 क्रैश, पायलट की मौत
नई दिल्ली, 15 जुलाई 2013 |
राजस्थान के बाड़मेर जिले के उतराई में सोमवार को ट्रेनिंग उड़ान से
लौटने के बाद, उतरते समय भारतीय वायुसेना का लड़ाकू विमान मिग 21 (बाइसन)
दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में पायलट की मौत हो गई.रक्षा सूत्रों
ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मिग 21 नियमित उड़ान पर था और वापस
लौट कर उतरते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया. विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार किया
जा रहा है.
रक्षा प्रवक्ता एस डी गोस्वामी के अनुसार, दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं.
रक्षा प्रवक्ता एस डी गोस्वामी के अनुसार, दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं.
उत्तराखंड: 5748 आज से 'मृत', मुआवज़े की तैयारी शुरू
उत्तराखंड में एक महीने पहले आई
प्रलयंकारी आपदा के बाद 5748 लोग ऐसे हैं जिनका कोई पता नहीं चल पाया है.
अब सरकार की ओर से इन्हें मृत मानकर इनके परिजनों को मुआवज़ा देना शुरू कर
दिया जाएगा.
प्रशासन से 580 लोगों की मौत की पहले ही पुष्टि की
जा चुकी है. मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा द्वारा जारी किए आंकड़ो के अनुसार
उत्तर प्रदेश के सबसे अधिक 2098,मध्य प्रदेश के 1035 और उत्तराखंड के 924
लोग इस आपदा के शिकार हुए, इन लोगों का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है.मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा कि, “चूंकि वो लापता हैं इसलिये उन्हें हम स्थाई रूप से लापता मानकर उनके परिजनों को मुआवज़ा तो दे देंगे लेकिन राज्य सरकार की तरफ से उनको खोजने का अभियान जारी रखा जाएगा. जो भी हमारे पास फोटो है उसके आधार पर हम अस्पतालों और दूसरी जगहों में उन्हें खोजते रहेंगे ताकि कोई भटक न गया हो.”
विजय बहुगुणा ने कहा कि, “सरकार ही लोगों को हलफ़नामा बनाकर देगी और बड़ी सरल प्रक्रिया रखी गई है ताकि लोगों को तत्काल मुआवज़ा मिल जाए.”
हर मृतक और लापता व्यक्ति के परिजन को प्रधानमंत्री राहत कोष से दो लाख और राष्ट्रीय आपदा निधि से डेढ़ लाख रुपए दिये जाएंगे.उत्तराखंड सरकार प्रदेश के पीड़ितों को अलग से डेढ़ लाख रू दे रही है.
क़ानून का हिसाब से
हांलाकि कानून और व्यावहारिकता के लिहाज से भी इस घोषणा और व्यवस्था को कुछ हद तक अटपटा माना जा रहा है.
"चूंकि वो लापता हैं इसलिये उन्हें हम स्थाई रूप से लापता मानकर उनके परिजनों को मुआवजा तो दे देंगे लेकिन राज्य सरकार की तरफ से उनको खोजने का अभियान जारी रखा जाएगा.जो भी हमारे पास फोटो है उसके आधार पर हम अस्पतालों और दूसरी जगहों में उन्हें खोजते रहेंगे ताकि कोई भटक न गया हो."
मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा
लापता लोगों की संख्या उनके परिजनों द्वारा उत्तराखंड और उनके मूल राज्यों में दर्ज कराई गई रिपोर्ट के आधार पर बताई जा रही है.
वास्तविक तादाद
हांलाकि अभी भी माना जा रहा है कि लापता और मृतकों की ये वास्तविक और अंतिम संख्या नहीं होगी और शायद वास्तविक संख्या कभी पता भी नहीं चल पाए.मारे गए लोगों में ऐसे कई साधु,भिखारी और घोड़े-खच्चर वाले लोग होंगे संभवत: जिनके बारे में कोई रिपोर्ट भी नहीं लिखाई गई होगी.इसके अलावा राहत औऱ बचाव के दौरान सरकारी एजेंसियों में जिस तरह से तालमेल का अभाव दिखा है उससे मृतकों की सूची में गड़बड़ी की आशंका से भी पूरी तरह इनकार नहीं किया जा सकता है.
चार धाम यात्रा रद्द
इस विभीषिका के बाद चार धाम यात्रा रद्द है और यहां तक कि 22 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा में भी कांवड़ियों पर ऋषीकेश से ऊपर पहाड़ में जाने पर पाबंदी लगा दी गई है.इस बीच, अगस्त से कैलास मानसरोवर यात्रा को बहाल करने के लिये सरकार ने प्रस्ताव किया है कि जब तक पैदल मार्ग ठीक नहीं होते पिथौरागढ़ या धारचूला से गुंजी तक हेलीकॉप्टर से यात्रा शुरू करवाई जाएगी.
गरीबी के कारण ‘कोख का सौदा’ करने को जबूर
हुई एक मां
एक मां फिर मजबूर है. मजबूर भी इस हद तक कि वो अपनी कोख का सौदा करने को
तैयार है. दरअसल आठ महीने की गर्भवती एक महिला अपनी गरीबी को मिटाने के लिए
अपने उस अजन्मे बच्चे को बेचने की बात कह रही है, जिसने अभी इस दुनिया में
जन्म भी नहीं लिया है. मामला हरियाणा के यमुना नगर का है, जहां इस बदनसीब
मां ने अपने गर्भ में पल रहे भ्रूण की बोली लगानी शुरू कर दी है. जो भी इस
अभाग्य गर्भ की सबसे ऊंची बोली लगाएगा वही ले जाएगा, इस कोख में पलने वाली
संतान को.
यमुना नगर के कस्बे बूडियां की रहने वाली यह औरत आठ महीने की गर्भवती
है, लेकिन वो अपने पेट में पल रहे मासूम की बोली लगाने को मजबूर है. अखबार
में दिये एक विज्ञापन के बाद इस बदनसीब मां के अजन्मे बच्चे की बोली लगाने
वालों के फोन आने भी शुरू हो गये हैं. जिस नन्हीं जान ने अभी इस दुनियां
में कदम भी नहीं रखा है, उसके लिए मोल-भाव शुरू हो गया है. अपने हीं
मां-बाप से लिए कर्ज को उतारने के लिए यह बेबस मां अपनी कोख का सौदा कर रही
है.
आलम यह है कि इस औरत के परिवार के लोग व रिश्तेदार इससे सिर्फ इसलिए बोल-चाल बंद कर चुके हैं क्योंकि इस का बाल-बाल कर्जे में दबा है. महिला के पहले तीन लड़के हैं उनका लालन-पालन व पढ़ाई में उठाया कर्ज इसे अपने पेट में पल रहे चौथे बच्चे को बेचकर उतारने के सिवा कोई चारा नजर नहीं आ रहा. अखबारों के माध्यम से दिये विज्ञापन से उसके पेट में पलने वाले बच्चे को लेने वालों की कमी नहीं है. इस मजबूर मां की मानें तो इसके पास 400 से 500 फोन आ चुके हैं. अब तक बच्चे की बोली 3 से 4 लाख रुपयों तक गई है, मगर इसे अपनी गरीबी हटाने के लिए 6 लाख रुपये की जरूरत है.
हालांकि इस औरत का पंजाब के बठिंडा में एक व्यक्ति से छह लाख रूपयो में सौदा भी हो तय हो गया था, लेकिन उसने कुछ दिन तो इससे बात की लेकिन बाद में उसे इस पर शक हो गया कि कहीं यह चोरी का बच्चा तो नहीं बेच रही. सोनू नामक उस युवक ने इस महिला की शिकायत पुलिस को भी की. लेकिन तीन मासूम बच्चों की मां को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. उसका कहना है कि वह अपनी कोख में पल रहे बच्चे को बेच रही है, कोई अपराध नहीं कर रही. उसका कहना है कि वह अपने तीनों बच्चों के उज्वल भविष्य के लिए अपने छोटे अजन्मे बच्चे को बेच रही है. ताकि उन्हें अच्छी शिक्षा, परवरिश व किराये के मकान से छुटकारा मिल सके.
आलम यह है कि इस औरत के परिवार के लोग व रिश्तेदार इससे सिर्फ इसलिए बोल-चाल बंद कर चुके हैं क्योंकि इस का बाल-बाल कर्जे में दबा है. महिला के पहले तीन लड़के हैं उनका लालन-पालन व पढ़ाई में उठाया कर्ज इसे अपने पेट में पल रहे चौथे बच्चे को बेचकर उतारने के सिवा कोई चारा नजर नहीं आ रहा. अखबारों के माध्यम से दिये विज्ञापन से उसके पेट में पलने वाले बच्चे को लेने वालों की कमी नहीं है. इस मजबूर मां की मानें तो इसके पास 400 से 500 फोन आ चुके हैं. अब तक बच्चे की बोली 3 से 4 लाख रुपयों तक गई है, मगर इसे अपनी गरीबी हटाने के लिए 6 लाख रुपये की जरूरत है.
हालांकि इस औरत का पंजाब के बठिंडा में एक व्यक्ति से छह लाख रूपयो में सौदा भी हो तय हो गया था, लेकिन उसने कुछ दिन तो इससे बात की लेकिन बाद में उसे इस पर शक हो गया कि कहीं यह चोरी का बच्चा तो नहीं बेच रही. सोनू नामक उस युवक ने इस महिला की शिकायत पुलिस को भी की. लेकिन तीन मासूम बच्चों की मां को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. उसका कहना है कि वह अपनी कोख में पल रहे बच्चे को बेच रही है, कोई अपराध नहीं कर रही. उसका कहना है कि वह अपने तीनों बच्चों के उज्वल भविष्य के लिए अपने छोटे अजन्मे बच्चे को बेच रही है. ताकि उन्हें अच्छी शिक्षा, परवरिश व किराये के मकान से छुटकारा मिल सके.
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लंबित गंभीर आपराधिक मामलों वाले सांसदों का राज्यवार विवरण
संसद सदस्य या विधायक के आपराधिक मामले में दोषी पाए जाने के बाद उसकी सदस्यता रद करने के सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले से आपराधिक छवि वाले कई माननीयों का राजनीतिक सफर थम सकता है।
आइए जाने लंबित गंभीर आपराधिक मामलों वाले सांसदों का राज्यवार विवरण:-
राज्य -- दागी सांसद -- कुल सांसद
जम्मू कश्मीर -- 0 -- 6*
हिमाचल प्रदेश -- 0 -- 4*
चंडीगढ़ -- 0 -- 1*
पंजाब -- 1 -- 3**
हरियाणा -- 1 -- 10**
राजस्थान -- 0 -- 25*
मध्यप्रदेश -- 2 -- 29**
गुजरात -- 7 -- 26***
महाराष्ट्र -- 10 -- 48***
गोवा -- 0 -- 2*
कर्नाटक -- 5 -- 28***
केरल -- 2 -- 20**
लक्षद्वीप -- 0 -- 1*
तमिलनाडु -- 6 -- 39***
उत्तराखंड -- 0 -- 5*
दिल्ली -- 0 -- 7**
उत्तर प्रदेश -- 22 -- 80***
बिहार -- 6 -- 40***
पश्चिम बंगाल -- 7 -- 42***
ओडिशा -- 2 -- 21**
छत्तीसगढ़ -- 0 -- 11*
आंधप्रदेश -- 3 -- 42**
झारखंड -- 2 -- 14***
सिक्किम -- 0 -- 1*
असम -- 0 -- 14*
अरुणाचल प्रदेश -- 0 -- 2*
नगालैंड -- 0 -- 1*
मणिपुर -- 0 -- 2*
त्रिपुरा -- 0 -- 2*
मिजोरम -- 0 -- 1*
मेघालय -- 0 -- 2*
पुडुचेरी -- 0 -- 1*
अंडमान निकोबार -- 0 -- 1*
*** 10 फीसद या इससे ज्यादा सांसद जिनके खिलाफ गंभीर अपराध लंबित है।
** 5-10 फीसद सांसद जिनके खिलाफ गंभीर अपराध लंबित है।
* पांच फीसद से कम सांसद जिनके खिलाफ गंभीर अपराध लंबित है।
परमाणु समझौते के व्यावसायिक वादे पूरे करे भारत: यूएस
वाशिंगटन, 13 जुलाई 2013
अमेरिका ने भारत से कहा है कि वह दोनों देशों के बीच हुए ऐतिहासिक असैन्य परमाणु करार के व्यावसायिक वादे पूरे करे.38वें
सालाना अमेरिका-भारत व्यापार परिषद से इतर अमेरिका के विदेश मंत्रालय के
प्रधान उप सहायक मंत्री जेफ्री प्याट ने यह बात कही. उन्होंने कहा, 'अपने
भारतीय सहकर्मियों के लिए, मैं इस समझौते के व्यावसायिक वादों को पूरा करने
की अहमियत पर जोर दूंगा.'
जेफ्री प्याट ने कहा कि दोनों देश भारत के परमाणु ऊर्जा आयोग और अमेरिका के प्रमुख परमाणु आपूर्तिकर्ताओं के बीच पहले व्यावसायिक सौदे के काफी करीब हैं.
उन्होंने कहा कि हाल के सालों में दोनों देशों के बीच संबंध बेहतर हुए हैं.
जेफ्री प्याट ने कहा कि दोनों देश भारत के परमाणु ऊर्जा आयोग और अमेरिका के प्रमुख परमाणु आपूर्तिकर्ताओं के बीच पहले व्यावसायिक सौदे के काफी करीब हैं.
उन्होंने कहा कि हाल के सालों में दोनों देशों के बीच संबंध बेहतर हुए हैं.
यू ट्यूब पर दिखी मां, तलाश में परिजन गए उत्तराखंड
जयपुर, 12 जुलाई 2013
जयपुर के एक शख्स को उत्तराखंड हादसे में लापाता हुई मां सोशल नेटवर्किंग
साइट यू ट्यूब के वीडियो में मिल गई है. परिवार को सरकार ने अपने खर्चे पर
फिर से खोजने के लिए उत्तराखंड भेजा है.
सरकार ने भले ही उत्तराखंड में लापाता लोगों की मरने की घोषणा की डेड
लाईन 15 जुलाई तय कर रखी हो, लेकिन लोग अपने अपनों ती तलाश हर संभव जगह
करने में लगे हैं. लोग इसके लिए सोशल नेटवर्किंग साइट का भी सहारा ले रहे
हैं.
अपनी मां की तलाश में उत्तराखंड गए जयपुर के इंजीनियर नितेश सोनी और उनका परिवार 15 दिनों बाद थक हार कर लौट आए थे लेकिन दिल मानने के लिए तैयार नहीं था कि मां अब नहीं मिलेगी. लिहाजा मां की तलाश फेसबुक और यू ट्यूब जैसे सोशल साइटों पर शुरू कर दी.
तीन दिन पहले नितेश को यू ट्यूब पर 22 जून का वीडियो दिखा, जिसमें सेना के दो जवान एक महिला को बचाकर निकाल रहे हैं. नितेश ने ये वीडियो घरवालों को दिखाया तो परिवार ने सरकार से मदद मांगी. जांच के बाद पता चला ये वीडियो सोनप्रयाग का है. इसके बाद परिवार के चार सदस्यों को सरकार ने उत्तराखंड भेजा.
उत्तराखंड सरकार ने साफ कर दिया है कि 15 जून के बाद लापाता लोगों को मृत घोषित कर दिया जाएगा. ऐसे में लोग अपने परिजनों को खोजने में लग गए हैं. उत्तराखंड से लौटने के बाद लोग गूगल, फेसबुक और यू ट्यूब जैसे सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं.
अपनी मां की तलाश में उत्तराखंड गए जयपुर के इंजीनियर नितेश सोनी और उनका परिवार 15 दिनों बाद थक हार कर लौट आए थे लेकिन दिल मानने के लिए तैयार नहीं था कि मां अब नहीं मिलेगी. लिहाजा मां की तलाश फेसबुक और यू ट्यूब जैसे सोशल साइटों पर शुरू कर दी.
तीन दिन पहले नितेश को यू ट्यूब पर 22 जून का वीडियो दिखा, जिसमें सेना के दो जवान एक महिला को बचाकर निकाल रहे हैं. नितेश ने ये वीडियो घरवालों को दिखाया तो परिवार ने सरकार से मदद मांगी. जांच के बाद पता चला ये वीडियो सोनप्रयाग का है. इसके बाद परिवार के चार सदस्यों को सरकार ने उत्तराखंड भेजा.
उत्तराखंड सरकार ने साफ कर दिया है कि 15 जून के बाद लापाता लोगों को मृत घोषित कर दिया जाएगा. ऐसे में लोग अपने परिजनों को खोजने में लग गए हैं. उत्तराखंड से लौटने के बाद लोग गूगल, फेसबुक और यू ट्यूब जैसे सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं.
Legendary actor Pran dies at 93
July 12, 2013 22:41 IST (New Delhi)
Pran, one of Bollywood's most respected
actors, died in Mumbai's Lilavati Hospital today. He was 93 and had been
admitted to hospital a month ago.
He died after a spell of prolonged illness," his daughter Pinky told news agency PTI. "He was not keeping well, he was very weak. His health was deteriorating," she added.
Pran received the Dadasaheb Phalke Award this year in May. He was unable to travel to Delhi to receive the award at the presentation ceremony because of ill health. He was given the award at his home in Mumbai the next day.
Pran, star of films such as Zanjeer and Amar Akbar Anthony, began his career as a hero in Punjabi films, made a tremendous impact on Bollywood as the villain in Dilip Kumar's Ram Aur Shyam and was the first actor to break stereotype by playing character roles as well. In the '70s, there was almost no major film that did not feature Pran and he was often higher paid than the hero. Pran was credited with making the role of the villain as important as the hero's, and was known for his sophistication and style on screen.
Pran was also credited with helping actor Amitabh Bachchan get his biggest break - Zanjeer, which marked the rise of the Angry Young Man and made Amitabh Bachchan famous. Pran played one of his best known roles - the Pathan Sher Khan - in Zanjeer. He and Amitabh Bachchan formed a long and successful screen partnership after Zanjeer and struck up a lifelong friendship. Pran made one of his last public appearances at Amitabh Bachchan's 70th birthday party in October last year.
Pran's other famous films include Madhumati, Half Ticket, Upkar, Kashmir Ki Kali, Don, Karz, Naseeb and Shahenshah. He last appeared on-screen in 1997's Mrityudaata.
He is survived by his wife Shukla, daughter Pinky, and sons Arvind and Sunil.
He died after a spell of prolonged illness," his daughter Pinky told news agency PTI. "He was not keeping well, he was very weak. His health was deteriorating," she added.
Pran received the Dadasaheb Phalke Award this year in May. He was unable to travel to Delhi to receive the award at the presentation ceremony because of ill health. He was given the award at his home in Mumbai the next day.
Pran, star of films such as Zanjeer and Amar Akbar Anthony, began his career as a hero in Punjabi films, made a tremendous impact on Bollywood as the villain in Dilip Kumar's Ram Aur Shyam and was the first actor to break stereotype by playing character roles as well. In the '70s, there was almost no major film that did not feature Pran and he was often higher paid than the hero. Pran was credited with making the role of the villain as important as the hero's, and was known for his sophistication and style on screen.
Pran was also credited with helping actor Amitabh Bachchan get his biggest break - Zanjeer, which marked the rise of the Angry Young Man and made Amitabh Bachchan famous. Pran played one of his best known roles - the Pathan Sher Khan - in Zanjeer. He and Amitabh Bachchan formed a long and successful screen partnership after Zanjeer and struck up a lifelong friendship. Pran made one of his last public appearances at Amitabh Bachchan's 70th birthday party in October last year.
Pran's other famous films include Madhumati, Half Ticket, Upkar, Kashmir Ki Kali, Don, Karz, Naseeb and Shahenshah. He last appeared on-screen in 1997's Mrityudaata.
He is survived by his wife Shukla, daughter Pinky, and sons Arvind and Sunil.
अभिनेता प्राण का मुंबई में निधन, 93 साल की उम्र में लीलावती अस्पताल में ली आखिरी सांस
बॉलीवुड के मशहूर खलनायक प्राण का निधन हो गया. वो 93 वर्ष के थे. प्राण
लंबे समय से बीमार चल रहे थे. 12 फरवरी 1920 को दिल्ली में जन्मे प्राण
ने 350 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. शनिवार दोपहर 12 बजे शिवाजी
पार्क में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. प्राण ने रात 8.30 बजे अपनी
अंतिम सांसें ली.
प्राण का पूरा नाम प्राण कृष्ण सिकंद था. बीमार चल रहे और पद्मभूषण से
सम्मानित 93 वर्षीय प्राण को 2012 के लिए 44वें दादा साहब फाल्के पुरस्कार
से सम्मानित किया गया. हालांकि इस घोषणा को सबने सराहा, लेकिन अफसोस भी
जताया कि उन्हें भारतीय फिल्म उद्योग का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान बहुत देर
से मिला. विडंबना है कि इनमें से ज्यादातर पुरस्कार अभिनेताओं को उनके जीवन
के ढलते दौर में ही मिलते रहे हैं.
प्राण का नाम भारतीय सिनेमा में विलेन का पर्याय रहा है, शायद यही बात उनके हिस्से आने वाले इस सम्मान के लिए अड़ंगा बन गई हो. हालांकि अपने छह दशक के लंबे करियर के दौरान उन्होंने लगभग 400 फिल्मों में काम किया है, उनमें से ज्यादातर में उनका रोल पॉजिटिव रहा है. हकीकत यह है कि अभिनय में पुरस्कार की बारी आती है तो नायक, नायिकाएं और अच्छे किरदार निभाने वाले, विलेन और कैरेक्टर ऐक्टर से बाजी मार ले जाते हैं, चाहे उनका अभिनय कौशल कितना ही सशक्त क्यों न हो.
प्राण ने परदे पर बतौर विलेन इतिहास रच डाला हैः उन्हें ‘विलेन ऑफ द मिलेनियम’ कहा गया है. दर्शकों को उन्होंने किस कदर थर्रा रखा था.
प्राण का नाम भारतीय सिनेमा में विलेन का पर्याय रहा है, शायद यही बात उनके हिस्से आने वाले इस सम्मान के लिए अड़ंगा बन गई हो. हालांकि अपने छह दशक के लंबे करियर के दौरान उन्होंने लगभग 400 फिल्मों में काम किया है, उनमें से ज्यादातर में उनका रोल पॉजिटिव रहा है. हकीकत यह है कि अभिनय में पुरस्कार की बारी आती है तो नायक, नायिकाएं और अच्छे किरदार निभाने वाले, विलेन और कैरेक्टर ऐक्टर से बाजी मार ले जाते हैं, चाहे उनका अभिनय कौशल कितना ही सशक्त क्यों न हो.
प्राण ने परदे पर बतौर विलेन इतिहास रच डाला हैः उन्हें ‘विलेन ऑफ द मिलेनियम’ कहा गया है. दर्शकों को उन्होंने किस कदर थर्रा रखा था.
दोपहर में होगा अंतिम संस्कार, यहां पढ़ें निधन पर किसने क्या कहा?
मुंबई।
सदी के खलनायक अभिनेता प्राण के निधन से पूरा बॉलीवुड शोकाकुल है। सिर्फ बॉलीवुड ही नहीं बल्कि राजनेता भी उनके निधन से काफी दुखी हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया है कि प्राण साहब के निधन से बॉलीवुड में स्वर्ण युग का अंत हो गया है। प्राण साहब को बॉलीवुड में खलनायकों का गॉडफादर कहा जा रहा है। शुक्रवार को लीलावती अस्पताल में प्राण साहब ने अंतिम सांस ली। आज दोपहर 12 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
-अभिनेता शाहरुख खान ने इनके निधन पर कहा, प्राण साहब हमेशा ही हमारे दिल में रहेंगे, मुझे समझ नहीं आता जो लोग हमारे जज्बातों से जुड़े हैं, जो हमें जिंदगी के फलसफे सिखाते हैं उन्हें जाना क्यों पड़ता है। हम प्राण साहब को कभी भूल नहीं पाएंगे। बॉलीवुड ने माइक्रो ब्लागिंग साइट ट्विटर पर शोक व्यक्त किया है।
-बिग बी ने लिखा,प्राण साहब से मैंने बहुत कुछ सीखा है। वे मेरे सीनियर थे। हम अच्छे दोस्त हुआ करते थे। जब वे बीमार थे तब मैं रोज उनकी सलामती की दुआएं मांगता था।
-किरण बेदी ने अभिनेता प्राण को खलनायकों का गॉडफादर करार दिया है।
-अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने लिखा कि जो प्राण साहब की फिल्म जंजीर के रिमेक में मुख्य किरदार निभा रही हैं, उन्होंने भी ट्विटर पर प्राण साहब को श्रद्धाजंलि दी है।
-अभिनेता अर्जुन रामपाल लिखते हैं कि वे एक एक्टर ही नहीं बल्कि एक जैंटलमैन थे।
-निर्माता मधुर भंडारकर ने लिखा कि ऐसे एक्टर बार बार नहीं जन्म लेते, इन्होंने हिंदी सिनेमा में नेगेटिव रोल्स को एक अलग ही पहचान दी थी।
-अभिनेता अभिषेक बच्चन ने लिखा कि जो प्राण साहब ने दिया है उसे भुलाना नामुमकिन है।
-निर्माता करण जौहर ने लिखा कि प्राण साहब ने फिल्मों में नकारात्मक भूमिकाओं को एक नई उड़ान दी है।
-निर्माता कुणाल कोहली लिखते हैं कि इनके निधन से जैसे बॉलीवुड में खलनायकों का दौर खत्म हो गया।
-अभिनेता आफताब शिवदसानी ने भी उन्हें ट्विटर पर श्रद्धाजंलि अर्पित की।
-अभिनेता अनुपम खैर लिखते हैं भारतीय सिनेमा में प्राण जी की भूमिका को भूला नहीं जा सकता है। उनका आखिरी वक्त आ गया था।
-अभिनेत्री प्रीति जिंटा ने लिखा कि वे उन्हें ज्यादा करीब से नहीं जानती थीं, लेकिन वह एक बेहतरीन कलाकार के साथ-साथ एक बेहतरीन इन्सान भी थे।
-अभिनेता रितेश देशमुख लिखते हैं कि प्राण साहब हमेशा सबके दिलों में जिंदा रहेंगे। उन्हें कोई नहीं भूल सकता।
प्राण के डायलॉग
_____________________
इस इलाके में नए आए हो बरखुरदार, वर्ना यहां शेर खान को कौन नहीं जानता!
ज़ंजीर
राम ने हर युग में जन्म लिया लेकिन लक्ष्मण फिर पैदा नहीं हुआ.
उपकार
ये पाप की नगरी है यहां कंस और दुर्योद्धन का ठिकाना है.
उपकार
ज़िंदगी में चढ़ते की पूजा मत करना, डूबते की भी सोचना
क्लिक करें उपकार
ये फूलो के शाथ शाथ दिल कबशे बेचना शुरू कर दिया है.
कश्मीर की कली
एक डाकू की लड़की पुलिस वाले से शादी करेगी, गोली मारिए सरदार
जिस देश में गंगा बहती है
शेर और बकरी जिस घाट पर एक साथ पानी पीते हों वो घाट न हमने देखा है और न देखना चाहते हैं
आन बान
पहचाना इस इकन्नी को यह वही इकन्नी है जिसे बरसों पहले उछालकर तुमने मेरा मज़ाक उड़ाया था. रॉबर्ट सेठ तुम्हारे ही सोने से तुम्हारे ही आदमियों को ख़रीद कर आज मैं तुम्हारी जगह पहुंच गया हूं और तुम मेरे क़दमों में.
अमर अकबर एंथनी
क्योंकि मैं रिवॉल्वर हमेशा ख़ाली रखता हूं.
मजबूर
लेकिन मैं उस क़िस्म का जेलर नहीं हूं. मैं न तो छुट्टी पर जाऊंगा और न तबादले की दरख़्वास्त करूंगा. तुम्हारा वो रिकॉर्ड है, तो हमारा भी एक रिकॉर्ड है. हमारी जेल से संगीन से संगीन क़ैदी जो बाहर गया है उसने तुम्हारे उस दरबार में दुआ मांगी है तो यही दुआ मांगी है कि अगर दुबारा जेल जाए तो रघुवीर सिंह की जेल में न जाए
कालिया
समझते हो कि सब समझता हूं इससे बढ़कर इंसान की नासमझी और क्या हो सकती है
क्रोधी
शायद तू यह भूल गया कि इस ज़मीन पर फ़तह ख़ां अकेला पैदा नहीं हुआ है, उसके साथ उसकी बला की ज़िद भी पैदा हुई है. कहीं मेरी ज़िद किसी ज़िद पर आ गई तो अपनी बेटी के रास्ते में पड़े हुए बेशुमार कांटों को तो मैं अपने दामन में समेट लूंगा लेकिन तेरे रास्ते दहकते हुए अंगारों से भर दूंगा.
सनम बेवफ़ा
आवाज़ तो तेरी एक दिन मैं नीची करूंगा, शेर की तरह गरजने वाला बिल्ली की ज़बान बोलेगा.
सनम बेवफ़ा
Delhi Metro footage of couples on porn sites
New Delhi, July 09, 2013
Footage of couples getting intimate on the Delhi Metro has reached international porn sites. More than 250 clips of couples on near-empty trains have been made into two- to eight-minute videos and uploaded on these sites, a Central Industrial Security Force (CISF) official told Hindustan, requesting anonymity.
The bulk of these clips has been uploaded since 2011.
A leakage of this scale from its central control room, if found true, could embarrass the DMRC and raise a big privacy issue.
Hindustan contacted DMRC spokesperson Anuj Dayal on phone but did not get a response. A senior DMRC official said CISF was to blame because it monitors the CCTV footage.
But director general, CISF, Rajiv refuted the allegation. “We are just the monitoring agency. DMRC controls the database into which this CCTV footage goes, and so the leak most likely happened at its end,” he said.
CCTV से मिले अहम सुराग, आतंकियों ने रखे थे 13 बम
गया/पटना/ब्यूरो/एजेंसी | अंतिम अपडेट 9 जुलाई 2013 1:53 AM IST पर
बोधगया सीरियल ब्लास्ट की जांच में जुटी सुरक्षा एजेंसियों को अहम सुराग हाथ लगे हैं।
जांच एजेंसियों की नजर सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे उन छह संदिग्धों पर आकर टिक गई है, जो धमाकों से कुछ देर पहले बैग लेकर महाबोधि मंदिर की ओर गए थे।
इन छह संदिग्धों में एक युवती भी है। भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली को दहलाने के लिए आतंकियों ने महाबोधि मंदिर परिसर में और इसके आसपास कुल 13 बम रखे थे, जिनमें से दस में धमाका हुआ। एक अन्य व्यक्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की जा रही है।
सोमवार को जांच एजेंसियों ने महाबोधि मंदिर परिसर के अंदर व बाहर लगे सभी 16 सीसीटीवी में रिकॉर्ड फुटेज को बारीकी से खंगाला।
एक फुटेज में शनिवार रात करीब एक बजे तीन युवक महाबोधि मंदिर की ओर जाते दिख रहे हैं। उनके हाथ में एक थैला भी था। एक युवक अपने शरीर पर चादरनुमा कोई कपड़ा डाले हुए है।
बोधगया प्रबंधकारिणी समिति (बीटीएमसी) कार्यालय के ठीक सामने बनी पुलिस चेक पोस्ट पर तैनात पुलिसकर्मी इन युवकों को रोकते भी हैं, उनसे बात भी करते हैं। हाथ से इशारा कर युवकों को महाबोधि मंदिर की ओर कुछ बताते भी हैं।
इसके बाद तीनों युवक महाबोधि मंदिर की ओर बढ़ जाते हैं। करीब 10-15 मिनट के बाद ये तीनों युवक अलग-अलग दूरी बनाकर वापस लौट जाते हैं। इसके करीब दो घंटे बाद वाहन से दो युवक और एक युवती वहां पहुंचते हैं।
पुलिस वाले उनसे कुछ पूछते हैं और तीनों महाबोधि मंदिर की ओर बढ़ जाते हैं। करीब 10 मिनट बाद तीनों वापस लौट जाते हैं, लेकिन इन तीनों के लौटने में कुछ भिन्नता पाई गई। युवती जिस युवक के साथ मंदिर की ओर गई थी, उसके बजाय दूसरे युवक के साथ वापस आती है।
रविवार तड़के करीब 5:25 बजे से छह बजे के बीच महाबोधि मंदिर में धमाके हुए और इसके कुछ घंटे पहले अलग-अलग समय में रात के अंधेरे में पांच युवकों और एक युवती का हाथ में बैग लेकर जाने का मामला अधिकारियों को संदिग्ध लग रहा है। एनआईए और एनएसजी की टीमें इन छह लोगों की पहचान करने में जुटी हैं।
सीसीटीवी रिकॉर्ड की जांच शुरू
16 नंबर सीसीटीवी फुटेज से मिले छह संदिग्धों के हुलिया के आधार पर उनकी पहचान करने के लिए एनआईए और एनएसजी की टीमों ने बोधगया में बैंक, एटीएम व होटलों में लगे सीसीटीवी रिकॉर्ड की जांच शुरू कर दी है।
इस बीच, गृह मंत्री सुशील शिंदे ने भी पुष्टि की कि 10 धमाके हुए, जबकि 3 बमों को निष्क्रिय कर दिया गया। इससे पहले रविवार को नौ ब्लास्ट होने की बात कही गई थी।
हिरासत में लिए गए गया जिले के बाराचट्टी के विनोद कुमार से एनआईए, एनएसजी और पुलिस के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं।
बिहार के डीजीपी अभयानंद ने बताया कि धमाकों के बाद विनोद का वोटर आई कार्ड मंदिर परिसर में पड़ा मिला था। एनआईए और एनएसजी की टीम ने मौके से सैंपल भी इकट्ठे किए हैं।
घटना के समय मंदिर परिसर में तैनात रहे निजी सुरक्षा एजेंसी के कर्मियों से भी पूछताछ की जा रही है।
आईईडी जैसे थे बम
एनएसजी ने गृह मंत्रालय को भेजी अपनी शुरुआती रिपोर्ट में कहा है कि धमाकों में अमोनियम नाइट्रेट और सल्फर का इस्तेमाल किया गया। कम तीव्रता के इन बमों ने आईईडी जैसा काम किया। धमाका क्लॉक टाइमर से किया गया। हर बम चार-पांच किलो का था और इसमें छोटा सिलेंडर भी लगा था।
माना जा रहा है कि आतंकियों ने धमाकों को अंजाम देने के लिए देश में पहली बार सिलेंडर तकनीक का इस्तेमाल किया है। बिहार के डीजीपी अभयानंद ने बताया कि हर बम पर उर्दू और अंग्रेजी में लिखा था कि इसे कहां रखा जाना है।
सीआईएसएफ करेगी सुरक्षा
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि महाबोधि मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था सीआईएसएफ के हवाले करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
अनशन पर बैठे सुशील मोदी
बोधगया सीरियल ब्लास्ट और बगहा में पुलिस फायरिंग के खिलाफ वरिष्ठ भाजपा नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी अनशन पर बैठ गए हैं।
उन्होंने 24 घंटा व्यापी अनशन सोमवार से शुरू किया। मोदी पटना में गांधी मैदान पुलिस स्टेशन के निकट श्री कृष्णा मेमोरियल हॉल के बाहर अनशन पर बैठे हैं। उनके साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मंगल पांडे और अन्य नेता भी अनशन पर बैठे हैं।
केंद्र ने भेजे थे चार एलर्ट
बोधगया के महाबोधि मंदिर में आतंकी हमले की आशंका पिछले हफ्ते और पुख्ता हो गई थी जब केंद्र ने इस बाबत आखिरी अलर्ट बिहार सरकार को भेजा था।
यह पिछले महीनों में भेजी गई चौथी चेतावनी थी। इसी आधार पर 2 जुलाई को महाबोधि मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा की समीक्षा बैठक भी की।
इस बैठक के बाद परिसर में लगे सीसीटीवी को ठीक करने के अलावा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इससे पहले कि राज्य सरकार की ओर से मंदिर की सुरक्षा पुख्ता की जाती आतंकी धमाका करने में कामयाब हो गए।
जांच एजेंसियों की नजर सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे उन छह संदिग्धों पर आकर टिक गई है, जो धमाकों से कुछ देर पहले बैग लेकर महाबोधि मंदिर की ओर गए थे।
इन छह संदिग्धों में एक युवती भी है। भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली को दहलाने के लिए आतंकियों ने महाबोधि मंदिर परिसर में और इसके आसपास कुल 13 बम रखे थे, जिनमें से दस में धमाका हुआ। एक अन्य व्यक्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की जा रही है।
सोमवार को जांच एजेंसियों ने महाबोधि मंदिर परिसर के अंदर व बाहर लगे सभी 16 सीसीटीवी में रिकॉर्ड फुटेज को बारीकी से खंगाला।
एक फुटेज में शनिवार रात करीब एक बजे तीन युवक महाबोधि मंदिर की ओर जाते दिख रहे हैं। उनके हाथ में एक थैला भी था। एक युवक अपने शरीर पर चादरनुमा कोई कपड़ा डाले हुए है।
बोधगया प्रबंधकारिणी समिति (बीटीएमसी) कार्यालय के ठीक सामने बनी पुलिस चेक पोस्ट पर तैनात पुलिसकर्मी इन युवकों को रोकते भी हैं, उनसे बात भी करते हैं। हाथ से इशारा कर युवकों को महाबोधि मंदिर की ओर कुछ बताते भी हैं।
इसके बाद तीनों युवक महाबोधि मंदिर की ओर बढ़ जाते हैं। करीब 10-15 मिनट के बाद ये तीनों युवक अलग-अलग दूरी बनाकर वापस लौट जाते हैं। इसके करीब दो घंटे बाद वाहन से दो युवक और एक युवती वहां पहुंचते हैं।
पुलिस वाले उनसे कुछ पूछते हैं और तीनों महाबोधि मंदिर की ओर बढ़ जाते हैं। करीब 10 मिनट बाद तीनों वापस लौट जाते हैं, लेकिन इन तीनों के लौटने में कुछ भिन्नता पाई गई। युवती जिस युवक के साथ मंदिर की ओर गई थी, उसके बजाय दूसरे युवक के साथ वापस आती है।
रविवार तड़के करीब 5:25 बजे से छह बजे के बीच महाबोधि मंदिर में धमाके हुए और इसके कुछ घंटे पहले अलग-अलग समय में रात के अंधेरे में पांच युवकों और एक युवती का हाथ में बैग लेकर जाने का मामला अधिकारियों को संदिग्ध लग रहा है। एनआईए और एनएसजी की टीमें इन छह लोगों की पहचान करने में जुटी हैं।
सीसीटीवी रिकॉर्ड की जांच शुरू
16 नंबर सीसीटीवी फुटेज से मिले छह संदिग्धों के हुलिया के आधार पर उनकी पहचान करने के लिए एनआईए और एनएसजी की टीमों ने बोधगया में बैंक, एटीएम व होटलों में लगे सीसीटीवी रिकॉर्ड की जांच शुरू कर दी है।
इस बीच, गृह मंत्री सुशील शिंदे ने भी पुष्टि की कि 10 धमाके हुए, जबकि 3 बमों को निष्क्रिय कर दिया गया। इससे पहले रविवार को नौ ब्लास्ट होने की बात कही गई थी।
हिरासत में लिए गए गया जिले के बाराचट्टी के विनोद कुमार से एनआईए, एनएसजी और पुलिस के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं।
बिहार के डीजीपी अभयानंद ने बताया कि धमाकों के बाद विनोद का वोटर आई कार्ड मंदिर परिसर में पड़ा मिला था। एनआईए और एनएसजी की टीम ने मौके से सैंपल भी इकट्ठे किए हैं।
घटना के समय मंदिर परिसर में तैनात रहे निजी सुरक्षा एजेंसी के कर्मियों से भी पूछताछ की जा रही है।
आईईडी जैसे थे बम
एनएसजी ने गृह मंत्रालय को भेजी अपनी शुरुआती रिपोर्ट में कहा है कि धमाकों में अमोनियम नाइट्रेट और सल्फर का इस्तेमाल किया गया। कम तीव्रता के इन बमों ने आईईडी जैसा काम किया। धमाका क्लॉक टाइमर से किया गया। हर बम चार-पांच किलो का था और इसमें छोटा सिलेंडर भी लगा था।
माना जा रहा है कि आतंकियों ने धमाकों को अंजाम देने के लिए देश में पहली बार सिलेंडर तकनीक का इस्तेमाल किया है। बिहार के डीजीपी अभयानंद ने बताया कि हर बम पर उर्दू और अंग्रेजी में लिखा था कि इसे कहां रखा जाना है।
सीआईएसएफ करेगी सुरक्षा
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि महाबोधि मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था सीआईएसएफ के हवाले करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
अनशन पर बैठे सुशील मोदी
बोधगया सीरियल ब्लास्ट और बगहा में पुलिस फायरिंग के खिलाफ वरिष्ठ भाजपा नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी अनशन पर बैठ गए हैं।
उन्होंने 24 घंटा व्यापी अनशन सोमवार से शुरू किया। मोदी पटना में गांधी मैदान पुलिस स्टेशन के निकट श्री कृष्णा मेमोरियल हॉल के बाहर अनशन पर बैठे हैं। उनके साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मंगल पांडे और अन्य नेता भी अनशन पर बैठे हैं।
केंद्र ने भेजे थे चार एलर्ट
बोधगया के महाबोधि मंदिर में आतंकी हमले की आशंका पिछले हफ्ते और पुख्ता हो गई थी जब केंद्र ने इस बाबत आखिरी अलर्ट बिहार सरकार को भेजा था।
यह पिछले महीनों में भेजी गई चौथी चेतावनी थी। इसी आधार पर 2 जुलाई को महाबोधि मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा की समीक्षा बैठक भी की।
इस बैठक के बाद परिसर में लगे सीसीटीवी को ठीक करने के अलावा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इससे पहले कि राज्य सरकार की ओर से मंदिर की सुरक्षा पुख्ता की जाती आतंकी धमाका करने में कामयाब हो गए।
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