Friday 19 July 2013

सदाशिवम बने देश के 40वें मुख्य न्यायाधीश

 सदाशिवम बने देश के 40वें मुख्य न्यायाधीश

नई दिल्ली, 19 जुलाई 2013 |
पी सतशिवम
पी सतशिवम
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को न्यायमूर्ति पी सदाशिवम को भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पद की शपथ दिलाई. न्यायमूर्ति सदाशिवम (64) भारत के 40वें मुख्य न्यायाधीश हैं. वह 26 अप्रैल, 2014 तक इस पद पर बने रहेंगे.
उन्होंने मुख्य न्यायाधीश अल्तमस कबीर का स्थान लिया है जो गुरुवार को पदभार से मुक्त हुए हैं.
राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह के दौरान उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता लाल कृष्ण आडवाणी और अन्य कैबिनेट मंत्री उपस्थित थे.

नए चीफ जस्टिस सदाशिवम ने ही सुनाई थी संजय दत्त को सजा


नए चीफ जस्टिस सदाशिवम उस बेंच में शामिल थे, जिसने मुंबई धमाकों के मामले में संजय दत्त की सजा को बरकरार रखा था. वह कई बड़े मामलों में फैसले सुना चुके हैं. जस्टिस सदाशिवम मामलों के निपटारे में देरी को बड़ा मुद्दा मानते हैं. पद की शपथ लेने से पहले कल उन्होंने कहा, 'न्याय की गुणवत्ता और मात्रा में इजाफा कर इस परेशानी से उबरा जा सकता है.' उन्होंने कहा कि वह दलीलों और लिखित बयानों को जमा कराने की समयसीमा तय करने की कोशिश करेंगे ताकि अदालतों में लंबित मामलों की संख्या कम की जा सके.
64 साल के सदाशिवम 26 अप्रैल, 2014 तक यह पद संभालेंगे. वह भी अल्तमस कबीर की तरह सुप्रीम और हाई कोर्ट के जजों की नियुक्ति के लिए मौजूदा कोलेजियम व्यवस्था को खत्म करने के खिलाफ हैं. हालांकि उन्होंने माना है कि कोलेजियम व्यवस्था में कमियां हैं और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कोशिशें की जा सकती हैं.
सदाशिवम का जन्म 27 अप्रैल, 1949 को हुआ था. जुलाई, 1973 में उन्होंने मद्रास में बतौर वकील पंजीकरण करवाया और जनवरी, 1996 में मद्रास हाई कोर्ट में स्थायी जज बने. अप्रैल, 2007 में उनका तबादला पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में कर दिया गया.
चीफ जस्टिस सदाशिवम ने कई बड़े फैसले दिए हैं जिनमें मुंबई धमाकों का मामला और पाकिस्तानी वैज्ञानिक मोहम्मद खलील चिश्ती का मामला भी शामिल है. जस्टिस सदाशिवम और जस्टिस बी.सी. चौहान ने ही मुंबई धमाकों के मामले में अभिनेता संजय दत्त और कई दूसरे अभियुक्तों की सजा को बरकरार रखा था.
उनकी पीठ ने इस मामले में पाकिस्तान की इस बात के लिए भर्त्सना की थी कि उसकी गुप्तचर एजेंसी आईएसआई ने इन विस्फोटों को अंजाम देने वालों को ट्रेनिंग दी और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत वह अपनी जमीन से होने वाले आतंकी हमलों को रोकने में नाकाम रही है,
पाकिस्तानी वैज्ञानिक चिश्ती की सजा को रद्द करने वाला फैसला भी जस्टिस सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिया था.
जस्टिस सदाशिवम ने ऑस्ट्रेलियाई मिशनरी ग्राहम स्टेंस से जुड़े तिहरे हत्याकांड के मामले में भी फैसला सुनाया था. उन्होंने इस मामले में दारा सिंह की सजा को बरकरार रखा था.


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