भारत नहीं पाकिस्तान से परमाणु सहयोग चाहता है श्रीलंका?
मंगलवार, 16 जुलाई, 2013
श्रीलंका में अख़बारों की रिपोर्ट के अनुसार वह परमाणु प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए पाकिस्तान से मदद ले रहा है.
हालाँकि अभी कुछ ही दिन पहले श्रीलंका ने इस क्षेत्र में रूस के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.कोलंबो से बीबीसी संवाददाता चार्ल्स हैविलैंड के मुताबिक़ अभी कुछ दिन पहले ही श्रीलंका सरकार के एक मंत्री ने रूस की यात्रा के दौरान परमाणु प्रौद्योगिकी के विकास को लेकर एक द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
इस समझौते के तहत रूस शोध के पाँच प्रमुख क्षेत्रों में श्रीलंका को सहयोग देगा. इसमें श्रीलंकाई वैज्ञानिकों को रूस में प्रशिक्षण देने के अलावा परमाणु कचरे के प्रबंधन जैसे क्षेत्र भी शामिल हैं.
'भारत को तवज्जो नहीं'
इस बीच ख़बरें ये भी मिल रही हैं कि भारत ने श्रीलंका को असैनिक परमाणु सहयोग का जो प्रस्ताव दिया है उसके प्रति श्रीलंका ने ज़्यादा रुचि नहीं दिखाई है.इस तरह भारत और पाकिस्तान के संबंधों की संवेदनशीलता को देखते हुए भी श्रीलंका के इस मामले में पाकिस्तान का रुख़ करने की ख़बरें हैं.
श्रीलंकाई मीडिया में कुछ आधिकारिक सूत्रों के हवाले से ख़बर दी गई है कि देश इस समय इसी तरह की असैनिक परमाणु संधि पाकिस्तान से करने की दिशा में काम कर रहा है.
दरअसल बताया गया है कि भारत ने मानवाधिकारों को लेकर जिस तरह क्लिक करें श्रीलंका की आलोचना की है उससे श्रीलंका चिढ़ा हुआ है.
एक अधिकारी के हवाले से ये भी कहा गया है कि भारत श्रीलंका की सीमा से लगे क्लिक करें कुडनकुलम परमाणु संयंत्र को लेकर सुरक्षा से जुड़ी समुचित गारंटी भी मुहैया कराने में विफल रहा है.
हालाँकि वह संयंत्र रूस के सहयोग से ही बना है जिसका सहयोग लेने की श्रीलंका कोशिश कर रहा है.
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