पेट्रोल की चोरी:एक बार लीवर को फटका दिया तो आपको दो से पांच रुपए का नुकसान,ऐसे होती है पेट्रोल की चोरी, एक झटके में लग जाती है 5 रुपए की चपत
जमशेदपुर. पंप पर पेट्रोल लेते वक्त सावधान रहें, सेल्समैन ने एक बार लीवर को फटका
दिया तो आपको दो से पांच रुपए का नुकसान हो सकता है। जानकारों के अनुसार, तेल
कम नापने का खेल सिर्फ रिमोट चिप से ही नहीं होता, बल्कि गाड़ी की टंकी में पेट्रोल
भरते वक्त सेल्समैन का बार-बार लीवर दबाना और झटकना भी तेल चोरी के
तरीकों में शामिल है। बार-बार लीवर दबाने से तेल देने वाली पाइप में वैक्यूम की
स्थिति बन जाती है। इससे हर बार 20 से 50 मिलीलीटर पेट्रोल पाइप में रह जाता है,
जबकि मीटर की रीडिंग पूरी दिखती है। यानी, आपने सेल्समैन पर ध्यान नहीं दिया,
तो एक लीटर में लगभग पांच रुपए तक की मार पड़ सकती है।
बातें, जिन पर ध्यान देना जरूरी
- पेट्रोल लेने से पहले मीटर देख लें कि जीरो है या नहीं ?
- सेल्समैन को लीवर दबा उसे लॉक कर पेट्रोल देने को कहें।
- सेल्समैन बार-बार लीवर दबाए, तो उसे मना करें।
- नापी पर शक हो, तो किसी बोतल या डिब्बे में एक लीटर पेट्रोल लें और उसे सेल्समैन से नापने कहें।
- गड़बड़ी हो, तो तत्काल शिकायत पंप के मैनेजर से करें।
- हर पंप पर ऑयल कंपनियों के क्षेत्रीय प्रबंधक का फोन नंबर रहता है, उनसे शिकायत करें।
- सुनवाई न हो, तो आप उपभोक्ता अदालत भी जा सकते हैं।
पेट्रोल देते समय सेल्समैन पंप का मीटर ऑन करते हैं। इसके बाद गाड़ी की टंकी में नोजल
डालकर वे लीवर को दबाते या झटका देते हैं। इससे वैक्यूम हो जाता है और पाइप में 20-50
एमएल पेट्रोल रह जाता है। दूसरी ओर मीटर रीडिंग जारी रहता है।
25 एमएल कम, तो दो रुपए की मार
शहर में पेट्रोल की कीमत अभी 71.72 रुपए है। एक लीटर पेट्रोल भरते समय अगर मात्र 25
मिलीलीटर की चोरी हो, तो उपभोक्ता को लगभग दो रुपए की चपत लगती है। दिनभर में
इस तरह सैकड़ों लोगों की जेब कटती है व हजारों रुपए की चपत लगाई जाती है। अनेक
उपभोक्ता इन बातों से अनजान हैं।
कैसे होती है चोरी
ऐसे पेट्रोल पंप जहां मैनुअल मीटर लगे हुए हैं, वहां लीवर का खेल चलता है। लेकिन, ऐसी व्यवस्था पहले थी। अब पंप पर ऑटोमेटिक मीटर लग गए हैं। इसमें लीवर खेल की आशंका काफी कम है। यदि उपभोक्ताओं को किसी तरह का आशंका हो तो वे जांच कर सकते हैं। इसकी भी व्यवस्था पेट्रोल पंपों पर है।पंपों पर चोरी नहीं हो इसके लिए और कदम उठाए जा रहे हैं। इसका लाभ उपभोक्ताओं को शीघ्र मिलने लगेगा। प्रकाश जोशी, सेल्स प्रबंधक, भारत पेट्रोलियम
पेट्रोल की चोरी होती है यह तो गाड़ी चलाने पर ही पता चलता है। मीटर रीडिंग ठीक रहने के बाद भी माइलेज काफी कम हो जाता है। इसका मतलब है कि पेट्रोल में कहीं न कहीं गड़बड़ होती है। रूपम सक्सेना, ग्राहक
पेट्रोल की कीमत काफी बढ़ गई है। इसके बाद चोरी होती है, तो यह तो हमारी जेब पर डाका है। पेट्रोलियम कंपनियों को इस पर नजर रखने की आवश्यकता है। अंशु बनर्जी, ग्राहक
पेट्रोल पंप पर गड़बड़ी की शिकायत सुनने वाला कोई नहीं रहता है। नोजल को बार-बार दबाया जाता है। कहने के बावजूद भी कर्मचारी ग्राहकों को सहयोग नहीं करते हैं। श्रीकांत सिंह, ग्राहक
पेट्रोल पंप में ऐसी व्यवस्था रहनी चाहिए, ताकि लोग जानकारी हासिल कर सकें कि गाड़ी की टंकी में पेट्रोल ठीक मिला है या नहीं। हमारी नजर मीटर की ओर रहता है। इसका फायदा कर्मचारी उठाते हैं। विक्रमजीत प्रसाद, ग्राहक
ऐसे पेट्रोल पंप जहां मैनुअल मीटर लगे हुए हैं, वहां लीवर का खेल चलता है। लेकिन, ऐसी व्यवस्था पहले थी। अब पंप पर ऑटोमेटिक मीटर लग गए हैं। इसमें लीवर खेल की आशंका काफी कम है। यदि उपभोक्ताओं को किसी तरह का आशंका हो तो वे जांच कर सकते हैं। इसकी भी व्यवस्था पेट्रोल पंपों पर है।पंपों पर चोरी नहीं हो इसके लिए और कदम उठाए जा रहे हैं। इसका लाभ उपभोक्ताओं को शीघ्र मिलने लगेगा। प्रकाश जोशी, सेल्स प्रबंधक, भारत पेट्रोलियम
पेट्रोल की चोरी होती है यह तो गाड़ी चलाने पर ही पता चलता है। मीटर रीडिंग ठीक रहने के बाद भी माइलेज काफी कम हो जाता है। इसका मतलब है कि पेट्रोल में कहीं न कहीं गड़बड़ होती है। रूपम सक्सेना, ग्राहक
पेट्रोल की कीमत काफी बढ़ गई है। इसके बाद चोरी होती है, तो यह तो हमारी जेब पर डाका है। पेट्रोलियम कंपनियों को इस पर नजर रखने की आवश्यकता है। अंशु बनर्जी, ग्राहक
पेट्रोल पंप पर गड़बड़ी की शिकायत सुनने वाला कोई नहीं रहता है। नोजल को बार-बार दबाया जाता है। कहने के बावजूद भी कर्मचारी ग्राहकों को सहयोग नहीं करते हैं। श्रीकांत सिंह, ग्राहक
पेट्रोल पंप में ऐसी व्यवस्था रहनी चाहिए, ताकि लोग जानकारी हासिल कर सकें कि गाड़ी की टंकी में पेट्रोल ठीक मिला है या नहीं। हमारी नजर मीटर की ओर रहता है। इसका फायदा कर्मचारी उठाते हैं। विक्रमजीत प्रसाद, ग्राहक
No comments:
Post a Comment