भारतीय मूल के सत्या नडेला माइक्रोसॉफ़्ट के नए सीईओ
मंगलवार, 4 फ़रवरी, 2014 को 20:58 IST तक के समाचार
तकनीक जगत की जानी-मानी कंपनी
माइक्रोसॉफ्ट ने भारतीय मूल के सत्या नडेला को नए सीईओ बनाने की घोषणा की
है. वह स्टीव बामर की जगह लेंगे.
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नडेला फिलहाल माइक्रोसॉफ़्ट के 'क्लाउड एंड एंटरप्राइज़' के
प्रमुख हैं. ये विभाग कंपनी के कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म और डेवेलपर उपकरणों
को बनाता और चलाता है.
माइक्रोसॉफ्ट ने यह भी जानकारी दी है कि बिल गेट्स कंपनी के चेयरमैन का पद छोड़ने वाले हैं. गेट्स जल्दी ही तकनीकी सलाहकार की भूमिका में नजर आएंगे.
माइक्रोसॉफ्ट के प्रमुख स्वतंत्र निदेशक जॉन टॉमसन गेट्स की जगह कंपनी के चेयरमैन होंगे.
थॉम्पसन माइक्रोसॉफ्ट के नए सीईओ नियुक्त करने के लिए बनाई गई कमिटी की अगुआई कर रहे थे. उन्होंने पिछले साल बयान दिया था कि इस पद क लिए 100 से भी ज्यादा उम्मीदवारों के नाम प्रस्तावित हैं.
काबिल नेतृत्व
"सत्या में इंजीनियरिंग कौशल, व्यापारिक दूरदर्शिता और लोगों को एक साथ लाने की काबलियत कूट कूट कर भरी है. तकनीक के बारे में उनके दृष्टिकोण का काफी लाभ मिलेगा. माइक्रोसॉफ्ट नए उत्पादों और विकास की राह में नित नई ऊंचाइयों को छूने की ओर अग्रसर है. ऐसे में सत्या के अनुभव कंपनी के लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे."
बिल गेट्सः माइक्रोसॉफ्ट चेयरमैन
बिल गेट्स ने नडेला के नए सीईओ बनाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "परिवर्तन के इस दौर में माइक्रोसॉफ्ट का नेतृत्व करने के लिए सत्या नडेला से बेहतर कोई और व्यक्ति नहीं हो सकता है."
उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा, "सत्या में इंजीनियरिंग कौशल, व्यापारिक दूरदर्शिता और लोगों को एक साथ लाने की काबलियत कूट कूट कर भरी है. तकनीक के बारे में उनके दृष्टिकोण का लाभ मिलेगा. माइक्रोसॉफ्ट नए उत्पादों और विकास की राह में नित नई ऊंचाइयों को छूने की ओर अग्रसर है. ऐसे में सत्या के अनुभव कंपनी के लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे."
कंपनी के नए सीईओ ने कहा, "माइक्रोसॉफ्ट उन कई दुर्लभ कंपनियों में से है जिसने तकनीक के माध्यम से दुनिया में क्रांति ला दी है. और ऐसी धुरंधर कंपनी का नेतृत्व करना मेरे लिए सम्मान की बात होगी. "
क्लिक करें सत्या नडेला ने आगे कहा, "माइक्रोसॉफ्ट के आगे आगे बढ़ने की असीम संभावनाएं मौजूद हैं. इन संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए जरूरी है कि हमारा लक्ष्य स्पष्ट हो, हम तेजी से आगे बढ़ें और खुद में बदलाव लाना जारी रखें. अपने ग्राहकों के लिए जल्दी जल्दी नए उत्पाद बनाने की योग्यता में इजाफा करना मेरे काम का बड़ा हिस्सा है."
निवेशक अरसे से तकनीक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी का नेतृत्व बदलने की मांग कर रहे थे. उनका कहना था कि कंपनी को ज्यादा प्रगतिशील और लाभकारी बनाने के लिए इसमें आमूल परिवर्तन करने की जरूरत है.
वैसे, आलोचकों ने नडेला की योग्यता पर उंगली उठाई है. उनका मानना है कि सत्या नडेला को माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी कंपनी चलाने का कोई अनुभव नहीं है.
क्रिकेट से काफ़ी कुछ सीखा सत्या नडेला ने
क्रिकेट के प्रशंसक सत्या नडेला
के माइक्रोसॉफ़्ट के सीईओ घोषित होते ही पिछले पांच महीने से इस पद के लिए
चल रही तलाश पूरी हो गई. बिल गेट्स और स्टीव बॉमर के बाद नडेला
माइक्रोसॉफ्ट का सीईओ बनने वाले तीसरे व्यक्ति बन गए हैं.
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माइक्रोसॉफ़्ट के प्रमुख बिल गेट्स ने सीईओ के रूप में उनके क्लिक करें
नाम की घोषणा करते हुए कहा, "माइक्रोसॉफ़्ट के सामने आज पहले से
कहीं ज़्यादा चुनौतियाँ हैं लेकिन हमारे सामने ढेरों मौके भी हैं और मुझे
खुशी है कि उन मौकों को हासिल करने के लिए हमें एक मज़बूत नेता मिला है."
"मैं जितनी किताबें पढ़ सकता हूँ उससे कहीं ज्यादा किताबें खरीदता हूँ. मैं जितने ऑनलाइन कोर्से कर सकता हूँ उससे कहीं ज्यादा कोर्सों में दाखिला लेता हूँ.....परिवार, जिज्ञासा और ज्ञान की भूख ही मुझे परिभाषित करते हैं"
सत्या नडेला, सीईओ- माइक्रोसॉफ़्ट
पिछले 22 वर्षों से माइक्रोसॉफ़्ट के लिए काम कर रहे क्लिक करें सत्या नडेला भारतीय मूल के अमरीकी हैं और आंध्र प्रदेश का हैदराबाद उनका गृह नगर है.
क्रिकेट पसंद
क्रिकेट खेलना उनको काफ़ी पसंद था. वह अपनी स्कूल टीम के सदस्य भी रहे.नडेला इस बारे में कहते हैं, "मुझे लगता है कि क्रिकेट से मैंने टीम में खेलने और नेतृत्व के बारे में सीखा और मेरे पूरे करियर में वो मेरे साथ रहा."
उन्हें टेस्ट क्रिकेट देखना पसंद है. वह कहते हैं, "दुनिया में कोई भी खेल इतने लंबे समय तक नहीं खेला जाता. मुझे ये काफ़ी पसंद है. ये बिल्कुल किसी रूसी नॉवेल पढ़ने जैसा है."
सीईओ बनने से पहले वह माइक्रोसॉफ़्ट के क्लाउड एंड एंटरप्राइज़ इकाई के वाइस प्रेसीडेंट थे. जुलाई, 2013 से ही क्लिक करें नडेला कंपनी के कम्प्यूटिंग प्लेटफॉर्म्स, डेवेलपर टूल्स और क्लाउड सर्विसेज़ से जुड़ी ज़िम्मेदारी निभा रहे थे.
वह साल 1992 में माइक्रोसॉफ़्ट से जुड़े और तेज़ी से सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ने लगे. उन्हें कंपनी की बड़ी ज़िम्मेदारियाँ दी गईं और बिंग सर्च इंजन की टीम उन्हीं की कमान में थी.
माइक्रोसॉफ़्ट की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार उन्होंने कर्नाटक के मंगलौर विश्वविद्यालय से साल 1988 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली. उसके बाद उन्होंने अमरीका के विस्कॉन्सिन-मिलवॉकी विश्वविद्यालय से कम्प्यूटर साइंस में स्नातकोत्तर किया फिर शिकागो विश्वविद्यालय से एमबीए किया.
सत्या नडेला के पिता बीएन युगांधर भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी रहे हैं. युगांधर साल 2004 से 2009 तक भारत के योजना आयोग के सदस्य थे.
सत्या इस वक़्त अमरीका के बेलेव्यू में रहते हैं.
कितनी है सत्या नडेला की पगार? जानिए नौ ख़ास बातें
भारतीय-अमरीकी मूल के इंजीनियर
सत्या नडेला टेक्नोलॉजी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी माइक्रोसॉफ्ट की उस कुर्सी
पर बैठेंगे जिस पर कभी बिल गेट्स बैठते थे.
कंपनी के संस्थापक और पूर्व चेयरमैन बिल गेट्स ने कहा कि ‘माइक्रोसॉफ्ट को चलाने के लिए उनसे बेहतर कोई नहीं हो सकता.’तकनीकी जगत में ऊंची प्रतिस्पर्धा के बाद भी माइक्रोसॉफ्ट एक अहम कंपनी बनी हुई है. हालांकि कंपनी के सामने चुनौतियां भी बहुत है और इन सभी चुनौतियों से पार पाने के लिए माइक्रोसॉफ्ट ने भरोसा दिखाया है सत्या नडेला पर.
तो कौन हैं सत्या नडेला? आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ ख़ास बातें –
1. हाईपर-एजुकेटेड
46 वर्षीय सत्या नडेला का जन्म भारत के हैदराबाद में हुआ और वहीं उनकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा हुई. बेगमपेट के हैदराबाद पब्लिक स्कूल में पढ़ाई के बाद नडेला ने मनिपाल यूनिवर्सिटी से सूचना और प्रौद्योगिकी इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. अमरीका जाने के बाद उन्होंने विस्कॉन्सिन यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ साइंस और शिकागो यूनिवर्सिटी से एमबीए की पढ़ाई पूरी की.2. क्लाउड गुरु
सत्या नडेला को ‘क्लाउड गुरु’ भी कहा जाता है. क्लाउड उस सेवा को कहते हैं जो इंटरनेट पर पूरी तरह से चलती है और उससे संबंधित सेवाएं या कंप्यूटर फाइल इंटरनेट के ज़रिए दुनिया के किसी भी कोने से देखे या प्रयोग किए जा सकते हैं.माइक्रोसॉफ्ट में काम करते हुए सत्या ने एमएस ऑफ़िस को क्लाउड पर लाने में अहम भूमिका निभाई. माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि ऑफिस 365 उसके सबसे सफल उत्पादों में से एक है. माइक्रोसॉफ्ट की अपनी क्लाउड सेवा ‘अज़ूर’ को भी स्थापित करने में नडेला का महत्वपूर्ण योगदान है.
3. माइक्रोसॉफ्ट में 22 साल
नडेला 1992 में माइक्रोसॉफ्ट से जुड़े और तब से अब तक उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट में कई उत्पादों का नेतृत्व किया.इनमें से कुछ कंपनी के लिए बेहद लाभकारी साबित हुए, जैसे विंडो सर्वर, डेवलपर्स टूल, अज़ूर और कुछ जो बाज़ार में बहुत अच्छा नहीं कर पाए जैसे ‘बिंग’.
4. माइक्रोसॉफ्ट से पहले सन
क़रीब 22 साल पूर्व माइक्रोसॉफ्ट से जुड़ने से पहले नडेला सन माइक्रोसिस्टम में काम करते थे जिस पर अब ओरेकल का स्वामित्व है.5. माइक्रोसॉफ्ट के तीसरे सीईओ
सत्या नडेला टेक्नॉलॉजी दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट के 38 वर्षों के इतिहास में तीसरे मुख्य कार्यकारी अधिकारी यानी सीईओ हैं. उनसे पहले ये पद केवल स्टीव बामर और कंपनी के संस्थापक बिल गेट्स के पास था.6. क्रिकेट की दीवानगी
सत्या नडेला को क्रिकेट पसंद हैं. सत्या के अनुसार जब वो बड़े हो रहे थे तो यह खेल ही उनका जुनून था, वो अपनी स्कूल की क्रिकेट टीम में भी थे.नडेला कहते हैं कि उन्होंने क्रिकेट से ही टीम भावना और टीम का नेतृत्व करना सीखा.
7. सीखने की भूख
सत्या का कहना है कि जो लोग उन्हें क़रीब से जानते हैं, वो मानते हैं कि मैं नई चीज़ें सीखने का भूखा हूं.वो कहते हैं, “मैं जितनी किताब पढ़ पाता हूं, उससे अधिक ख़रीदता हूं. जितने ऑनलाइन कोर्स कर पाता हूं, उससे कही अधिक के लिए बुकिंग कर लेता हूं. मेरा विश्वास है कि अगर हम नई चीज़े नहीं सीखेंगे तो हम नया काम भी नहीं कर पाएंगे.”
8. ‘बेटर-हाफ़’
जिस साल नडेला माइक्रोसॉफ्ट से जुड़े उसी साल उन्होंने अपने बचपन की दोस्त अनुपमा से शादी की. अनुपमा और सत्या, दोनों के पिता दोस्त हैं और भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे.सत्या और अनुपमा नडेला के तीन बच्चे हैं जिनमें से दो ‘विशेष ज़रूरतमंद’ हैं. उनका परिवार वॉशिंगटन के बेलेव्यू में रहता है.
9. पगार
हालांकि बोनस और अन्य मुनाफ़े मिलाकर पहले साल उन्हें क़रीब एक करोड़ 80 लाख डॉलर की सैलरी मिल सकती है.
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