#GlobalEmergency: #WHO declares #Ebola epidemic a global #emergency | डब्ल्यूएचओ ने इबोला को वैश्विक संकट घोषित किया
16 sep 2014
जेनेवा में संगठन की दो दिनों तक चली आपात बैठक के बाद जारी एक बयान में कहा गया कि इबोला के प्रकोप को फैलने से रोकने के लिए वैश्विक यातायात प्रतिबंध को अमल में लाया जा सकता है। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किए जाने की जरूरत है। इससे मरने वालों की संख्या एक हजार के स्तर पर पहुंच गई है। डब्ल्यूएचओ ने यह कदम गुरुवार को अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों की इस स्वीकारोक्ति के बाद उठाया कि इबोला पश्चिम अफ्रीकी देशों के बाहर फैल चुका है। उन्होंने आगाह किया कि खतरनाक वायरस अब नियंत्रण से बाहर हो चुका है।
डब्ल्यूएचओ की निदेशक डॉ. मारग्रेट चॉन ने प्रकोप से जूझ रहे देशों की अंतरराष्ट्रीय सहायता की अपील की। संगठन के स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रमुख कीजी फुकुदा ने कहा है कि स्थिति और बिगड़ सकती है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, इबोला का पहला मामला गिनी में मार्च में सामने आया था। इससे अब तक 1700 से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और करीब एक हजार लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में गिनी, लाइबेरिया, सिएरा लियोन और नाइजीरिया है।
16 sep 2014
डब्ल्यूएचओ ने इबोला को वैश्विक संकट घोषित किया
जेनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन [डब्ल्यूएचओ] ने शुक्रवार को पश्चिम
अफ्रीकी देशों में जानलेवा इबोला महामारी को वैश्विक स्वास्थ्य संकट घोषित
कर दिया है। साथ ही पीड़ित देशों के लिए वैश्विक मदद की अपील की है।जेनेवा में संगठन की दो दिनों तक चली आपात बैठक के बाद जारी एक बयान में कहा गया कि इबोला के प्रकोप को फैलने से रोकने के लिए वैश्विक यातायात प्रतिबंध को अमल में लाया जा सकता है। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किए जाने की जरूरत है। इससे मरने वालों की संख्या एक हजार के स्तर पर पहुंच गई है। डब्ल्यूएचओ ने यह कदम गुरुवार को अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों की इस स्वीकारोक्ति के बाद उठाया कि इबोला पश्चिम अफ्रीकी देशों के बाहर फैल चुका है। उन्होंने आगाह किया कि खतरनाक वायरस अब नियंत्रण से बाहर हो चुका है।
डब्ल्यूएचओ की निदेशक डॉ. मारग्रेट चॉन ने प्रकोप से जूझ रहे देशों की अंतरराष्ट्रीय सहायता की अपील की। संगठन के स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रमुख कीजी फुकुदा ने कहा है कि स्थिति और बिगड़ सकती है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, इबोला का पहला मामला गिनी में मार्च में सामने आया था। इससे अब तक 1700 से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और करीब एक हजार लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में गिनी, लाइबेरिया, सिएरा लियोन और नाइजीरिया है।
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