#NSA -मेरा मक़सद पूरा हुआ: एडवर्ड स्नोडेन
मंगलवार, 24 दिसंबर, 2013 को 19:54 IST तक के समाचार
अमरीकी सरकार के इलेक्ट्रॉनिक
निगरानी कार्यक्रम की जानकारी लीक करने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी यानी
एनएसए के पूर्व कांट्रेक्टर क्लिक करें
एडवर्ड स्नोडेन ने कहा है कि उनका मक़सद पूरा हो गया है.
स्नोडेन ने क्लिक करें
वॉशिंगटन पोस्ट अख़बार को बताया, "निजी संतुष्टि की बात करें तो अभियान पहले ही पूरा हो चुका है. मैं पहले ही जीत चुका हूं."
मई के अंत में स्नोडेन, अपने साथ गुप्त दस्तावेज़ लेकर अमरीका से भाग निकले थे. अमरीका में उन पर जासूसी के आरोप हैं.
स्नोडेन ने अख़बार को बताया, "याद रखिए, मेरा मक़सद समाज को बदलना नहीं था. मैं समाज को मौका देना चाहता था कि वो तय करे कि क्या वो बदलना चाहता है?"
सुधारों का सुझाव
पिछले सप्ताह एक केंद्रीय जज ने व्यापक तौर पर टेलिफ़ोन जानकारी जुटाने को ग़ैर-क़ानूनी घोषित किया था और राष्ट्रपति की एक सलाहकार समिति ने सुधारों का सुझाव दिया था."निजी संतुष्टि की बात करें तो अभियान पहले ही पूरा हो चुका है. मैं पहले ही जीत चुका हूं."
एडवर्ड स्नोडन
इसके कुछ दिन बाद, साल के आखिर में होने वाले अपने पत्रकार सम्मेलन में राष्ट्रपति ओबामा ने भी इशारा किया कि क्लिक करें एनएसए के निगरानी कार्यक्रम की समीक्षा हो सकती है.
राष्ट्रपति ओबामा ने कहा था, "सामने आई जानकारी और इस कार्यक्रम के बारे में आम जनता की चिंताओं के मद्देनज़र कोई और तरीका भी अपनाया जा सकता है."
लेकिन राष्ट्रपति ओबामा ने एडवर्ड स्नोडेन पर दस्तावेज़ लीक कर "अनावश्यक नुकसान" करने का आरोप लगाया. ओबामा ने कहा कि समिति के सुझावों के बारे में जनवरी में "स्पष्ट घोषणा" करेंगे.
हज़ारों की जासूसी
एडवर्ड स्नोडेन ने वॉशिंगटन पोस्ट को बताया कि उनके पास ये जानने का कोई तरीका नहीं था कि आम जनता उनके दृष्टिकोण का समर्थन करती है या नहीं.इन अख़बारों के मुताबिक ऐसे करीब एक हज़ार लोगों और संस्थाओं की सूची में यूरोपीय संघ के आयुक्त, एक प्रधानमंत्री समेत कुछ इसराइली अधिकारी और कुछ मानवाधिकार संस्थाएं शामिल थीं.
गूगल, माइक्रोसॉफ़्ट और याहू जैसी अमरीकी कंपनियां, अमरीकी सरकार की ओर से इकट्ठा की गई जानकारी को रोकने के लिए कदम उठा रही हैं.
इस वर्ष अक्तूबर में जब ये बात सामने आई कि एनएसए ने क्लिक करें जर्मनी की चांसलर क्लिक करें एंगेला मर्कल के फ़ोन की जासूसी की थी तो दोनो देशों के बीच राजनयिक मतभेद पैदा हो गए थे.
इसी तरह ब्राज़ील की राष्ट्रपति डिल्मा रूसेफ़ भी इस बात से नाराज़ थीं कि ईमेल और टेलिफ़ोन कॉलों की जानकारी इकट्ठा करने के लिए एनएसए ने ब्राज़ील की सरकारी तेल कंपनी पेट्रोब्रास के कंप्यूटर नेटवर्क में सेंध डाली थी.
No comments:
Post a Comment