क्या है दक्षिण सूडान का संकट?
बुधवार, 25 दिसंबर, 2013 को 18:31 IST तक के समाचार
दक्षिण सूडान में जारी जातीय हिंसा में 500 से ज़्यादा लोगों के मारे जाने की ख़बर है.
दक्षिण सूडान के राष्ट्रपति सल्वा कीर ने इस हिंसा को सेना की ओर से तख्तापलट की कोशिश बताया है.इस पूरे मामले को समझने के लिए कुछ पहलुओं को जानना जरूरी है.
दक्षिण सूडान कहाँ है?
दक्षिण सूडान दुनिया के सबसे नए देशों में एक है. यह अफ्रीका महाद्वीप के केंद्र में स्थित है और इसकी सीमा छह देशों से सटी है.यह प्राकृतिक तेल के लिहाज से संपन्न देश है. पिछले कुछ सालों से यहां गृह युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है. वैसे यह दुनिया के सबसे कम विकसित इलाकों में शामिल है. यहां केवल 15 फ़ीसदी नागरिकों के पास मोबाइल फ़ोन मौजूद है. स्पेन और पुर्तगाल के संयुक्त क्षेत्रफल से भी बड़े इलाके में सड़कें कहीं-कहीं ही नजर आती हैं.
यही वजह है कि यहां परिवहन और कारोबार का मुख्य जरिया नील नदी है. दक्षिण सूडान में आज भी लोगों की संपन्नता की निशानी उनके मवेशियों की संख्या होती है.
देश में तनाव क्यों है?
2011 में सूडान से अलग होने के लिए दक्षिण सूडान के लोगों ने बड़े पैमाने पर मतदान किया. सरकार की मुख्य चिंता तेल उत्पादन को लेकर थी, इसी साल अप्रैल में सूडान की राजधानी खार्तूम से हुए समझौते के बाद तेल उत्पादन शुरू हुआ.फिर जुलाई में सत्तारूढ़ एसपीएलएम पार्टी में आंतरिक संघर्ष उभरा जब बहुसंख्यक डिंका समुदाय से प्रतिनिधि राष्ट्रपति सल्वा कीर ने अपने डिप्टी रायक माचर को बर्खास्त कर दिया था, जो दूसरे बड़े समुदाय नुएर के प्रतिनिधि हैं.
क्या देश में तख्तापलट की कोशिश हुई?
यह अभी साफ नहीं है. राजनीतिक मतभेद ने बाद में जातीय हिंसा का रूप ले लिया. राष्ट्रपति सल्वा कीर के मुताबिक तख्तापलट की कोशिश हुई और इसके लिए उन्होंने माचर को जिम्मेदार ठहराया है. माचर इन दिनों छिपकर रह रहे हैं.माचर ने आरोपों का खंडन किया है लेकिन पिछले दिनों उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपों से निपटने के मामले में नाकाम रहने के लिए राष्ट्रपति कीर की सार्वजनिक तौर पर आलोचना की थी.
माचर ने जुलाई में कहा था कि वह पार्टी अध्यक्ष पद के लिए भी कीर को चुनौती देंगे.
क्या देश में गृह युद्ध जैसे हालात हैं?
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष ग्रेरार्ड अरॉड ने इसकी चेतावनी देते हुए कहा था कि देश में डिंका और नुएर समुदाय के लोगों के बीच में पूरी तरह युद्ध जैसे हालात हैं.देश पूरी तरह से बंदूकों से पटा हुआ है और जनजातीय समूहों के बीच हिंसक झड़प का पुराना इतिहास रहा है. देश के राजनेता भी इन झड़पों को कायम रखने में यकीन रखते हैं ताकि उनकी सत्ता बनी रहे.
अब तक क्या किया गया है?
देश में तेल उत्पादन घटने से विश्व के तेल बाज़ार पर भी असर पड़ने की आशंका है. कई विदेशी नागरिकों ने देश छोड़ दिया है.
अफ्रीकी मध्यस्थता करने वालों ने कीर के साथ बातचीत करने के लिए सहमति जताई है. माचर ने तब तक शांति वार्ताओं में शामिल होने से इनकार किया है जब तक गिरफ्तार किए दस राजनेताओं को रिहा नहीं किया जाता है.
संयुक्त राष्ट्र ने देश में साढ़े सात हजार सैनिकों को तैनात किया है और ज़्यादा सैनिकों की तैनाती का अनुरोध किया गया है.
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