LIVE -- #PM #MANMOHANSINGH #LIVECONFERENCE: मोदी का प्रधानमंत्री बनना विनाशकारी होगाः प्रधानमंत्री READ FULL IN DETAILS
शुक्रवार, 3 जनवरी, 2014 को 11:55 IST तक के समाचार
AFTER COMMENT:
MAUT KA SODAGAR-SONIA GANDHI
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#PM #MANMOHANSINGH #LIVECONFERENCE:
#COMMENT ON #NARENDRAMODI: IF HE WILL PM OF INDIA IT WILL #DISASTER FOR COUNTRY
(#DISASTEROFINDIA - NARENDRA MODI)
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PM LIVE IN CONFERENCE
PM:THREE REASON FOR FAILURE OF UPA
1.Failure to control Corruption(brhastachar)
2.Failure to control Dearness(mahngai)
3.failure to control Unemployment (berojgar)
उन्होंने कहा, "कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद के योग्य हैं. मुझे पूरी उम्मीद है कि यूपीए ऐसा करेगी."
चुप रहने के सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भी ज़रूरत पड़ी है मैंने पार्टी के फ़ोरम में अपनी बात रखी है और आगे भी वहां बोलता रहूंगा.
उन्होंने कहा, ''मैं वही आदमी हूं जो मैं नौ साल
पहले था, मैंने इस देश की सेवा पूरी ईमानदारी से की है और अपने पद का ग़लत
इस्तेमाल कर अपने किसी दोस्त या परिवार वाले को फ़ायदा पहुंचाने की कोशिश
नहीं की है."
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के ज़्यादातर आरोप क्लिक करें यूपीए के पहले कार्यकाल में सामने आए, उसके बाद जनता ने हमें दोबारा चुना, इसलिए ऐसा लगता है कि जनता को इन आरोपों से ख़ास सरोकार नहीं है.
उन्होंने उम्मीद जताई है कि आने वाले दिनों में देश की अर्थव्यवस्था बेहतर होगी, विकास का सिलसिला फिर शुरू होगा.उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून और मनरेगा जैसी योजनाओं से आम जनता को महंगाई से लड़ने में मदद मिली है.
क्लिक करें प्रधानमंत्री शुक्रवार को नई दिल्ली के राष्ट्रीय मीडिया सेंटर में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि विकास दर कम होने के बाद भी हम सामाजिक विकास करने में सक्षम रहे हैं.
हाल में हुए विधानसभा चुनावों का ज़िक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों ने बड़ी मात्रा में मतदान कर लोकतंत्र में विश्वास जताया है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2004-11 के दौरान ग़रीबी रेखा के नीचे रह रहे लोगों में पहले के मुक़ाबले ज़्यादा गिरावट आई, क़रीब 13 करोड़ से ज़्यादा लोग क्लिक करें गरीबी रेखा के ऊपर आ गए.
उन्होंने कहा कि उत्पादन क्षेत्र में हम ज़्यादा रोज़गार के अवसर नहीं पैदा कर पाए हैं और महंगाई को रोकने में हम सफल नहीं रहे हैं, जो खाद्य पदार्थों के बढ़ते दाम की वजह से और बढ़ी है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार एक बड़ी चुनौती है. क्लिक करें टूजी स्पेक्ट्रम और कोयला आवंटन में घोटाले को लेकर आम जनता में बहुत शंकाए हैं.
इस साल प्रधानमंत्री के रूप में अपना 10 साल का
कार्यकाल पूरा करने जा रहे मनमोहन सिंह ने अब तक केवल दो बार ही
संवाददाताओं को संबोधित किया है. सरकार की आलोचनाओं पर प्रधानमंत्री अक्सर
चुप ही रहते आए हैं.
गुरुवार को राज्यसभा में भाजपा के अरुण जेटली ने सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से पांच सवाल पूछे.
उन्होंने पूछा है कि प्रधानमंत्री बताएं कि इतिहास भारत के प्रधानमंत्री पद पर उनके कार्यकाल को कैसा आंकेगा? प्रधानमंत्री के कार्यकाल की तुलना में क्या बतौर वित्त मंत्री उनका कार्यकाल उन्हें ज़्यादा संतुष्टि देता है?, चूंकि उनकी सरकार बेहद भ्रष्ट प्रतीत होती है, उन्हें क्या लगता है कब वो परिस्थितियों के मुताबिक कठोर कदम उठाने से चूक गए?, उन्हें क्या लगता है कि अर्थव्यवस्था चलाने में उनसे कब चूक हुई, जो निवेश का सिलसिला टूट गया? और बतौर प्रधानमंत्री अपने कार्यकाल के दौरान क्या वो सीबीआई, जेपीसी, सीवीसी, सिविल सेवा इत्यादि जैसी संस्थाओं के पतन के लिए खुद को ज़िम्मेदार मानते हैं?
शुक्रवार, 3 जनवरी, 2014 को 11:55 IST तक के समाचार
(1)-SONIA GANDHI
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AFTER COMMENT:
MAUT KA SODAGAR-SONIA GANDHI
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(2)-PM MANMOHAN SINGH
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#PM #MANMOHANSINGH #LIVECONFERENCE:
#COMMENT ON #NARENDRAMODI: IF HE WILL PM OF INDIA IT WILL #DISASTER FOR COUNTRY
(#DISASTEROFINDIA - NARENDRA MODI)
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PM LIVE IN CONFERENCE
PM:THREE REASON FOR FAILURE OF UPA
1.Failure to control Corruption(brhastachar)
2.Failure to control Dearness(mahngai)
3.failure to control Unemployment (berojgar)
मोदी का प्रधानमंत्री बनना विनाशकारी होगाः प्रधानमंत्री
शुक्रवार, 3 जनवरी, 2014 को 11:55 IST तक के समाचार
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा
कि नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तो यह देश के लिए विनाशकारी होगा.
उन्होंने कहा कि गुजरात के अहमदाबाद की सड़कों पर कत्लेआम हुआ था.
मनमोहन ने कहा कि वह अगले आम चुनाव में
प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं होंगे. उन्होंने उम्मीद जताई कि आम
चुनावों के बाद अगली सरकार भी यूपीए की ही बनेगी और वह अगले प्रधानमंत्री
को सत्ता सौंपने को तैयार हैं.चुप रहने के सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भी ज़रूरत पड़ी है मैंने पार्टी के फ़ोरम में अपनी बात रखी है और आगे भी वहां बोलता रहूंगा.
देश की सेवा
"आम चुनावों के बाद अगली सरकार भी यूपीए की ही बनेगी और वह अगले प्रधानमंत्री को सत्ता सौंपने को तैयार हैं. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद के योग्य हैं."
मनमोहन सिंह, प्रधानमंत्री
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के ज़्यादातर आरोप क्लिक करें यूपीए के पहले कार्यकाल में सामने आए, उसके बाद जनता ने हमें दोबारा चुना, इसलिए ऐसा लगता है कि जनता को इन आरोपों से ख़ास सरोकार नहीं है.
उन्होंने उम्मीद जताई है कि आने वाले दिनों में देश की अर्थव्यवस्था बेहतर होगी, विकास का सिलसिला फिर शुरू होगा.उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून और मनरेगा जैसी योजनाओं से आम जनता को महंगाई से लड़ने में मदद मिली है.
रिकॉर्ड विकास दर
उन्होंने कहा, "मेरे कार्यकाल में भारत में नौ प्रतिशत की रिकॉर्ड विकास दर रही है, जो वैश्विक मंदी के साथ कम हुई."क्लिक करें प्रधानमंत्री शुक्रवार को नई दिल्ली के राष्ट्रीय मीडिया सेंटर में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
ताकतवर प्रधानमंत्री का मतलब
नरेंद्र मोदी का आना भारत के लिए विनाशकारी होगा.
यदि ताकतवर प्रधानमंत्री से मतलब अपनी देखरेख में निर्दोष लोगों के जनसंहार को देखते रहना है तो ये देश के लिए बहुत बुरा है
अगला प्रधानमंत्री भी यूपीए से ही होगा
,
जहाँ तक बोलने का सवाल है
,
पार्टी फ़ोरम में मैं अब तक बोलता रहाँ हूँ और आगे भी बोलता रहूँगा.
मैं वही हूँ जो मैं
9
साल पहले था
,
मैंने इस देश की पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से सेवा की है.
भारत-अमरीका के रिश्ते हमारी सामरिक प्राथमिकता हैं और ताज़ा अड़चनों में भी कूटनीति को मौका देना चाहिए.
भारत जैसे पेचीदा समाज में संसदीय प्रणाली
,
राष्ट्रपति प्रणाली से बेहतर है.
इतिहास मुझ पर आज के मीडिया और विपक्ष से ज़्यादा मेहरबान होगा.
सुधार एजेंडा एक प्रक्रिया है और जब तक सत्ता में हैं तब तक परिस्थितियों के अनुसार हम ये करते रहेंगे.
विरभद्र सिंह के बारे आरोपों की तह तक जाने का मुझे समय ही नहीं मिला है
हाल में हुए विधानसभा चुनावों का ज़िक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों ने बड़ी मात्रा में मतदान कर लोकतंत्र में विश्वास जताया है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2004-11 के दौरान ग़रीबी रेखा के नीचे रह रहे लोगों में पहले के मुक़ाबले ज़्यादा गिरावट आई, क़रीब 13 करोड़ से ज़्यादा लोग क्लिक करें गरीबी रेखा के ऊपर आ गए.
उन्होंने कहा कि उत्पादन क्षेत्र में हम ज़्यादा रोज़गार के अवसर नहीं पैदा कर पाए हैं और महंगाई को रोकने में हम सफल नहीं रहे हैं, जो खाद्य पदार्थों के बढ़ते दाम की वजह से और बढ़ी है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार एक बड़ी चुनौती है. क्लिक करें टूजी स्पेक्ट्रम और कोयला आवंटन में घोटाले को लेकर आम जनता में बहुत शंकाए हैं.
घाटे की अर्थव्यवस्था
विपक्ष ने घाटे में चल रही अर्थव्यवस्था को लेकर उन पर कई तरह के आरोप लगाए हैं.प्रधानमंत्री की चिंताएं
पहली,
रोज़गार निर्माण क्षेत्र में उतनी बढ़ी नहीं है और छोटो-मझौले उद्योगों को प्रोत्साहन देना होगा
दूसरी,
उतनी सफलता महँगाई पर काबू पाने
में भी नहीं मिली है. खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ी हैं लेकिन ये याद रहे
कि जो फसलें उगाते हैं उन्हें बढ़ी कीमतों से लाभ होता है.
खाद्य सुरक्षा योजना से आम आदमी को
कुछ राहत मिलेगी. ज़्यादातर लोगों का वेतन महँगाई से ज़्यादा तेज़ दर से
बढ़ा है - गाँव में भी शहर में भी.
तीसरी,
भ्रष्टाचार का सामना करने में
हमें सफलता मिली है. लोकायुक्त विधेयक पारित हुआ है और साथ ही आरटीआई के
ज़रिए जानकारी पाने में कई कदम बढ़ाए गए हैं.
गुरुवार को राज्यसभा में भाजपा के अरुण जेटली ने सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से पांच सवाल पूछे.
उन्होंने पूछा है कि प्रधानमंत्री बताएं कि इतिहास भारत के प्रधानमंत्री पद पर उनके कार्यकाल को कैसा आंकेगा? प्रधानमंत्री के कार्यकाल की तुलना में क्या बतौर वित्त मंत्री उनका कार्यकाल उन्हें ज़्यादा संतुष्टि देता है?, चूंकि उनकी सरकार बेहद भ्रष्ट प्रतीत होती है, उन्हें क्या लगता है कब वो परिस्थितियों के मुताबिक कठोर कदम उठाने से चूक गए?, उन्हें क्या लगता है कि अर्थव्यवस्था चलाने में उनसे कब चूक हुई, जो निवेश का सिलसिला टूट गया? और बतौर प्रधानमंत्री अपने कार्यकाल के दौरान क्या वो सीबीआई, जेपीसी, सीवीसी, सिविल सेवा इत्यादि जैसी संस्थाओं के पतन के लिए खुद को ज़िम्मेदार मानते हैं?
विनाशकारी होगा अहमदाबाद की सड़कों पर मास मर्डर करवाने वाले मोदी को PM बनाना: मनमोहन सिंह
नई दिल्ली, 3 जनवरी 2014 | अपडेटेड: 12:18 IST
मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री के तौर पर तीसरी पारी नहीं खेलेंगे. अपने
इस्तीफे की अटकलों के बीच शुक्रवार को नई दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस के
दौरान उन्होंने साफ कर दिया कि वह कांग्रेस के नए पीएम उम्मीदवार को
जिम्मेदारी सौंपने को तैयार हैं. मनमोहन ने बीजेपी के पीएम उम्मीदवार
नरेंद्र मोदी पर उनकी दुखती रग के हवाले से वार भी किया. मोदी और राहुल के
मुकाबले पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'अहमदाबाद की सड़कों पर मास मर्डर
कराने वाले को प्रधानमंत्री बनाना देश के लिए विध्वंसकारी होगा.'
पीएम उम्मीदवार के नाम के ऐलान पर पूछे जाने पर मनमोहन ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पहले ही कह चुकी हैं कि समय आने पर पीएम उम्मीदवार के नाम का ऐलान किया जाएगा. मनमोहन ने माना कि उनकी सरकार नौकरियां पैदा करने और महंगाई रोकने में नाकाम रहीं. लेकिन आज भी अपने संबोधन और जवाबों में प्रधानमंत्री लचर नजर आए. उनकी बॉडी लैंग्वेज में न ही कोई उत्साह था और न ही अपनी सरकार के डिफेंस में कोई ठोस तर्क.
अरुण जेटली ने एक दिन पहले जो पांच सवाल मनमोहन के लिए रखे थे, उनमें से कुछ को पत्रकारों ने अपनी ओर से ही पूछ लिया. अपने काम को मनमोहन ने मौजूदा परिस्थितियों के हिसाब से अच्छा बताया. उन्होंने कहा कि जितना अच्छा वह कर सकते थे, उन्होंने किया है और इतिहासकार ही उनके काम का आकलन करेंगे.
सवाल: यूपीए-1 से यूपीए-2 तक करप्शन के कई मामले सामने आए. आपको नहीं लगता कि आपकी मिस्टर क्लीन की इमेज दागदार हुई, और इन्हीं सब वजहों से आम आदमी पार्टी ने जन्म लिया?
प्रधानमंत्री: जहां तक भ्रष्टाचार के आरोपों की बात हैं, उनमें से ज्यादातर यूपीए के पहले कार्यकाल के समय लगे. कोयला घोटाला और 2 जी के आरोप भी.' कोल ब्लॉक या 2जी अलोकेशन में अनियमितता के आरोप भी यूपीए-1 के समय लगे. उसके बाद हम चुनावों में गए और अपने प्रदर्शन के दम पर चुनाव जीता. लोगों ने हमें जनादेश दिया. इसलिए ये जो मुद्दे जिन्हें समय-समय पर सीएजी, कोर्ट या मीडिया ने उठाया है. ये याद रखना चाहिए कि ये यूपीए-1 के दौरान के हैं. इस देश के लोगों ने करप्शन के उन आरोपों पर ध्यान नहीं दिया. कॉमनवेल्थ गेम्स, 2जी, कोल इन सबने सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाया. क्या कोई और तरीका था. मैं दुखी महसूस करता हूं. मैं ही था, जिसने जोर दिया था कि स्पेक्ट्रम आवंटन को पारदर्शी और निष्पक्ष होना चाहिए. मैंने ही कोल ब्लॉक की बात कही थी. विपक्ष के अपने स्वार्थ हैं. मीडिया उनके हाथों में कई बार खेल जाता है. इसलिए मेरे पास हर किस्म का यकीन है कि जब इस वक्त का इतिहास लिखा जाएगा तो हम बिना दाग के निकलेंगे. कुछ गड़बड़ियां हुई हैं. मगर इन्हें सीएजी और मीडिया द्वारा बहुत बढ़ा चढ़ाकर पेश किया गया है.
सवाल: आपने कहा कि आप तीसरी पारी नहीं खेलेंगे. यूपीए की सरकार बनने पर भी. तो आपका आगे का राजनीतिक रोल क्या होगा?
प्रधानमंत्री: मैंने संकेत कर दिया है कि मैं तीसरे टर्म के लिए पीएम कैंडिडेट होने नहीं जा रहा हूं. राहुल गांधी का जबरदस्त रोल है और पीएम कैंडिडेट के लिए उन्हें नॉमिनेट किया जाना चाहिए. सही समय पर ऐसा किया जाएगा.
सवाल: पिछले 9-10 सालों में कभी ऐसा मुश्किल वक्त आया, जब आपको लगा हो कि इस्तीफा दे देना चाहिए?
प्रधानमंत्री: नहीं ऐसा कभी नहीं लगा. मुझे अपने काम में मजा आया. पूरी ईमानदारी और एकाग्रता के साथ काम किया और बिना किसी डर या फेवर के किया.
सवाल: विधानसभा चुनावों में हार का इल्जाम महंगाई पर मढ़ा गया. क्या इससे तकलीफ होती है कि सब इल्जाम केंद्र सरकार पर लगा दिया गया. और डीजल की कीमतों में इजाफे के पैटर्न पर क्या कहेंगे?
प्रधानमंत्री: ये सही फोरम नहीं है सब्सिडी पर बात करने के लिए. पर मैं ईमानदारी से कहूंगा कि महंगाई एक वजह रही कांग्रेस के खराब प्रदर्शन की. मैं पहले भी बता चुका हूं कि महंगाई की वजहें हमारे कंट्रोल के बाहर थीं. अंतरराष्ट्रीय कारक थे, ईंधन की कीमतों में इजाफा था.
और मुझे लगता है कि हमने समाज के गरीब तबके को महंगाई से बचाने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं. अनाज और दूसरी जरूरी चीजों का वितरण ढांचा दुरुस्त किया गया है. मनरेगा और दूसरी रोजगार स्कीम के जरिए हमने किसान और मजदूर को सुरक्षा मुहैया कराई है. इन्हें दरकिनार नहीं किया जाना चाहिए.
सवाल: प्रधानमंत्री जी, आपने मेनिफेस्टो में वादा किया था कि सच्चर कमेटी रिपोर्ट लागू करेंगे. आपकी माइनॉरिटी को लेकर शुरू प्रोग्राम जमीन तक क्यों नहीं पहुंच पाते हैं?
प्रधानमंत्री: हमने काफी काम किया है कमेटी रिपोर्ट लागू करने में. मुझे दुख है कि ये तमाम काम अवाम तक नहीं पहुंच सका. ये भी ठीक है कि कुछ ऐसी बातें हैं जो अभी करनी बाकी हैं. कुछ कोर्ट्स में पड़ी हैं. कुछ और मुश्किलें आई हैं. जिसकी वजह से और चीजें लागू नहीं की जा सकीं. जहां तक हमारी सरकार का ताल्लुक है. अल्पसंख्यकों के लिए छात्रवृत्ति बढ़ाई गई है. स्किल बढ़ाने के लिए अल्पसंख्यक बहुत राज्यों में कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. पर्याप्त काम किया गया है. मगर और भी किया जा सकता है.
सवाल: पिछले 10 वर्षों में आप पर सबसे ज्यादा चुप रहने के आरोप लगे हैं. आप सही समय पर राजनीतिक जवाब नहीं देते रहे हैं. आपको लगता है कि आप कुछ ऐसे मौकों पर भी चुप रहे जब आपको बोलना चाहिए था?
प्रधानमंत्री: जहां तक बोलने का सवाल है. जब भी जरूरत पड़ी है. पार्टी फोरम में मैं जरूर बोलता रहा हूं और आगे भी बोलता रहूंगा. मुस्कुरा दिए यह कहकर चार महीने बाद चुनाव हैं. क्या कुछ और सुधार किए जा सकते हैं. क्या ये आपकी प्राथमिकता हैं. ये एक इवेंट नहीं प्रोसेस हैं. जब तक हम सरकार में हैं सुधार जारी रहेंगे, जहां भी इनकी गुंजाइश और जरूरत है.
सवाल: वीरभद्र सिंह पर अरुण जेटली ने जो आरोप लगाए हैं, उन पर क्या कहेंगे?
प्रधानमंत्री: मुझे अभी इस पर दिमाग लगाने का समय नहीं मिला है. मैंने कुछ अखबारों में इन आरोपों के बारे में पढ़ा है. अभी मैं इस पर कमेंट करने की स्थिति में नहीं हूं.
सवाल: क्या बीते कुछ सालों में आपने अपने भीतर कुछ बदलाव महसूस किए हैं?
प्रधानमंत्री: मैं वही आदमी हूं, जो 9 साल पहले था. मुझमें कोई बदलाव नहीं आया है. मैंने पूरे निष्ठा-समर्पण के साथ काम किया है. इस दौरान कभी अपने दोस्तों या रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने का काम नहीं किया.
सवाल: मौजूदा दौर में भारत-अमेरिका संबंधों पर आपकी राय?
प्रधानमंत्री: हम भारत-अमेरिका संबंधों को सबसे ज्यादा महत्व देते हैं. अभी हाल में कुछ मुश्किलें आई हैं. मगर मेरा पूरी गंभीरता के साथ मानना है कि ये छोटी-मोटी चीजें हैं और डिप्लोमेसी के जरिए इन्हें सुलझाया जा सकता है.
सवाल: पूर्वोत्तर के राज्यों की सीमाओं पर बाड़ लगाने के संबंध में? और पूर्वोत्तर राज्यों में गैंडों की हत्या के संबंध में?
प्रधानमंत्री: ये सही है. बाड़बंदी के मामलों में कुछ दिक्कतें आई हैं. भौगोलिक दिक्कतें हैं. गैंडों की हत्या के मामले में हर तरह का काम किया जाना चाहिए.
सवाल: अब लीडर के नाम पर वोट पड़ रहे हैं. क्या आपको लगता है कि हमारे देश में भी राष्ट्रपति सिस्टम होना चाहिए ताकि गठबंधन के दबाव न झेलने पड़ें?
प्रधानमंत्री: मैंने इस बारे में सोचा नहीं है गहराई से. मेरी शुरुआती प्रतिक्रिया है कि संसदीय व्यवस्था भारत की जटिल और बहुलक रचना के लिहाज से बेहतर है. प्रेसिडेंट सिस्टम बेहतर नहीं होगा.
सवाल: अपने दागी कैबिनेट मंत्रियों पर ही आप कार्रवाई नहीं कर पाए?
प्रधानमंत्री: इतिहास मेरे प्रति ज्यादा दयालु होगा समकालीन मीडिया और विपक्ष की तुलना में. हालात और गठबंधन की मजबूरियों के मद्देनजर मैंने बेस्ट किया है.
प्रधानमंत्री के तौर पर कार्यकाल पूरा करने जा रहे हैं और राहुल गांधी को बेटन सौंपने की तैयारी है. क्या मोदी और राहुल का मुकाबला बराबरी का होगा?
प्रधानमंत्री: मुझे पूरा यकीन है कि अगला प्रधानमंत्री यूपीए गठबंधन का होगा. अहमदाबाद की सड़कों पर जनसंहार कराने वाले शख्स को देश का प्रधानमंत्री बनाना विध्वंसकारी होगा.
पीएम उम्मीदवार के नाम के ऐलान पर पूछे जाने पर मनमोहन ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पहले ही कह चुकी हैं कि समय आने पर पीएम उम्मीदवार के नाम का ऐलान किया जाएगा. मनमोहन ने माना कि उनकी सरकार नौकरियां पैदा करने और महंगाई रोकने में नाकाम रहीं. लेकिन आज भी अपने संबोधन और जवाबों में प्रधानमंत्री लचर नजर आए. उनकी बॉडी लैंग्वेज में न ही कोई उत्साह था और न ही अपनी सरकार के डिफेंस में कोई ठोस तर्क.
अरुण जेटली ने एक दिन पहले जो पांच सवाल मनमोहन के लिए रखे थे, उनमें से कुछ को पत्रकारों ने अपनी ओर से ही पूछ लिया. अपने काम को मनमोहन ने मौजूदा परिस्थितियों के हिसाब से अच्छा बताया. उन्होंने कहा कि जितना अच्छा वह कर सकते थे, उन्होंने किया है और इतिहासकार ही उनके काम का आकलन करेंगे.
सवाल: यूपीए-1 से यूपीए-2 तक करप्शन के कई मामले सामने आए. आपको नहीं लगता कि आपकी मिस्टर क्लीन की इमेज दागदार हुई, और इन्हीं सब वजहों से आम आदमी पार्टी ने जन्म लिया?
प्रधानमंत्री: जहां तक भ्रष्टाचार के आरोपों की बात हैं, उनमें से ज्यादातर यूपीए के पहले कार्यकाल के समय लगे. कोयला घोटाला और 2 जी के आरोप भी.' कोल ब्लॉक या 2जी अलोकेशन में अनियमितता के आरोप भी यूपीए-1 के समय लगे. उसके बाद हम चुनावों में गए और अपने प्रदर्शन के दम पर चुनाव जीता. लोगों ने हमें जनादेश दिया. इसलिए ये जो मुद्दे जिन्हें समय-समय पर सीएजी, कोर्ट या मीडिया ने उठाया है. ये याद रखना चाहिए कि ये यूपीए-1 के दौरान के हैं. इस देश के लोगों ने करप्शन के उन आरोपों पर ध्यान नहीं दिया. कॉमनवेल्थ गेम्स, 2जी, कोल इन सबने सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाया. क्या कोई और तरीका था. मैं दुखी महसूस करता हूं. मैं ही था, जिसने जोर दिया था कि स्पेक्ट्रम आवंटन को पारदर्शी और निष्पक्ष होना चाहिए. मैंने ही कोल ब्लॉक की बात कही थी. विपक्ष के अपने स्वार्थ हैं. मीडिया उनके हाथों में कई बार खेल जाता है. इसलिए मेरे पास हर किस्म का यकीन है कि जब इस वक्त का इतिहास लिखा जाएगा तो हम बिना दाग के निकलेंगे. कुछ गड़बड़ियां हुई हैं. मगर इन्हें सीएजी और मीडिया द्वारा बहुत बढ़ा चढ़ाकर पेश किया गया है.
सवाल: आपने कहा कि आप तीसरी पारी नहीं खेलेंगे. यूपीए की सरकार बनने पर भी. तो आपका आगे का राजनीतिक रोल क्या होगा?
प्रधानमंत्री: मैंने संकेत कर दिया है कि मैं तीसरे टर्म के लिए पीएम कैंडिडेट होने नहीं जा रहा हूं. राहुल गांधी का जबरदस्त रोल है और पीएम कैंडिडेट के लिए उन्हें नॉमिनेट किया जाना चाहिए. सही समय पर ऐसा किया जाएगा.
सवाल: पिछले 9-10 सालों में कभी ऐसा मुश्किल वक्त आया, जब आपको लगा हो कि इस्तीफा दे देना चाहिए?
प्रधानमंत्री: नहीं ऐसा कभी नहीं लगा. मुझे अपने काम में मजा आया. पूरी ईमानदारी और एकाग्रता के साथ काम किया और बिना किसी डर या फेवर के किया.
सवाल: विधानसभा चुनावों में हार का इल्जाम महंगाई पर मढ़ा गया. क्या इससे तकलीफ होती है कि सब इल्जाम केंद्र सरकार पर लगा दिया गया. और डीजल की कीमतों में इजाफे के पैटर्न पर क्या कहेंगे?
प्रधानमंत्री: ये सही फोरम नहीं है सब्सिडी पर बात करने के लिए. पर मैं ईमानदारी से कहूंगा कि महंगाई एक वजह रही कांग्रेस के खराब प्रदर्शन की. मैं पहले भी बता चुका हूं कि महंगाई की वजहें हमारे कंट्रोल के बाहर थीं. अंतरराष्ट्रीय कारक थे, ईंधन की कीमतों में इजाफा था.
और मुझे लगता है कि हमने समाज के गरीब तबके को महंगाई से बचाने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं. अनाज और दूसरी जरूरी चीजों का वितरण ढांचा दुरुस्त किया गया है. मनरेगा और दूसरी रोजगार स्कीम के जरिए हमने किसान और मजदूर को सुरक्षा मुहैया कराई है. इन्हें दरकिनार नहीं किया जाना चाहिए.
सवाल: प्रधानमंत्री जी, आपने मेनिफेस्टो में वादा किया था कि सच्चर कमेटी रिपोर्ट लागू करेंगे. आपकी माइनॉरिटी को लेकर शुरू प्रोग्राम जमीन तक क्यों नहीं पहुंच पाते हैं?
प्रधानमंत्री: हमने काफी काम किया है कमेटी रिपोर्ट लागू करने में. मुझे दुख है कि ये तमाम काम अवाम तक नहीं पहुंच सका. ये भी ठीक है कि कुछ ऐसी बातें हैं जो अभी करनी बाकी हैं. कुछ कोर्ट्स में पड़ी हैं. कुछ और मुश्किलें आई हैं. जिसकी वजह से और चीजें लागू नहीं की जा सकीं. जहां तक हमारी सरकार का ताल्लुक है. अल्पसंख्यकों के लिए छात्रवृत्ति बढ़ाई गई है. स्किल बढ़ाने के लिए अल्पसंख्यक बहुत राज्यों में कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. पर्याप्त काम किया गया है. मगर और भी किया जा सकता है.
सवाल: पिछले 10 वर्षों में आप पर सबसे ज्यादा चुप रहने के आरोप लगे हैं. आप सही समय पर राजनीतिक जवाब नहीं देते रहे हैं. आपको लगता है कि आप कुछ ऐसे मौकों पर भी चुप रहे जब आपको बोलना चाहिए था?
प्रधानमंत्री: जहां तक बोलने का सवाल है. जब भी जरूरत पड़ी है. पार्टी फोरम में मैं जरूर बोलता रहा हूं और आगे भी बोलता रहूंगा. मुस्कुरा दिए यह कहकर चार महीने बाद चुनाव हैं. क्या कुछ और सुधार किए जा सकते हैं. क्या ये आपकी प्राथमिकता हैं. ये एक इवेंट नहीं प्रोसेस हैं. जब तक हम सरकार में हैं सुधार जारी रहेंगे, जहां भी इनकी गुंजाइश और जरूरत है.
सवाल: वीरभद्र सिंह पर अरुण जेटली ने जो आरोप लगाए हैं, उन पर क्या कहेंगे?
प्रधानमंत्री: मुझे अभी इस पर दिमाग लगाने का समय नहीं मिला है. मैंने कुछ अखबारों में इन आरोपों के बारे में पढ़ा है. अभी मैं इस पर कमेंट करने की स्थिति में नहीं हूं.
सवाल: क्या बीते कुछ सालों में आपने अपने भीतर कुछ बदलाव महसूस किए हैं?
प्रधानमंत्री: मैं वही आदमी हूं, जो 9 साल पहले था. मुझमें कोई बदलाव नहीं आया है. मैंने पूरे निष्ठा-समर्पण के साथ काम किया है. इस दौरान कभी अपने दोस्तों या रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने का काम नहीं किया.
सवाल: मौजूदा दौर में भारत-अमेरिका संबंधों पर आपकी राय?
प्रधानमंत्री: हम भारत-अमेरिका संबंधों को सबसे ज्यादा महत्व देते हैं. अभी हाल में कुछ मुश्किलें आई हैं. मगर मेरा पूरी गंभीरता के साथ मानना है कि ये छोटी-मोटी चीजें हैं और डिप्लोमेसी के जरिए इन्हें सुलझाया जा सकता है.
सवाल: पूर्वोत्तर के राज्यों की सीमाओं पर बाड़ लगाने के संबंध में? और पूर्वोत्तर राज्यों में गैंडों की हत्या के संबंध में?
प्रधानमंत्री: ये सही है. बाड़बंदी के मामलों में कुछ दिक्कतें आई हैं. भौगोलिक दिक्कतें हैं. गैंडों की हत्या के मामले में हर तरह का काम किया जाना चाहिए.
सवाल: अब लीडर के नाम पर वोट पड़ रहे हैं. क्या आपको लगता है कि हमारे देश में भी राष्ट्रपति सिस्टम होना चाहिए ताकि गठबंधन के दबाव न झेलने पड़ें?
प्रधानमंत्री: मैंने इस बारे में सोचा नहीं है गहराई से. मेरी शुरुआती प्रतिक्रिया है कि संसदीय व्यवस्था भारत की जटिल और बहुलक रचना के लिहाज से बेहतर है. प्रेसिडेंट सिस्टम बेहतर नहीं होगा.
सवाल: अपने दागी कैबिनेट मंत्रियों पर ही आप कार्रवाई नहीं कर पाए?
प्रधानमंत्री: इतिहास मेरे प्रति ज्यादा दयालु होगा समकालीन मीडिया और विपक्ष की तुलना में. हालात और गठबंधन की मजबूरियों के मद्देनजर मैंने बेस्ट किया है.
प्रधानमंत्री के तौर पर कार्यकाल पूरा करने जा रहे हैं और राहुल गांधी को बेटन सौंपने की तैयारी है. क्या मोदी और राहुल का मुकाबला बराबरी का होगा?
प्रधानमंत्री: मुझे पूरा यकीन है कि अगला प्रधानमंत्री यूपीए गठबंधन का होगा. अहमदाबाद की सड़कों पर जनसंहार कराने वाले शख्स को देश का प्रधानमंत्री बनाना विध्वंसकारी होगा.
LIVE: राहुल और सोनिया ने हमेशा सरकार की मदद की है, बोले मनमोहन
नई दिल्ली, 3 जनवरी 2014 | अपडेटेड: 12:15 IST
विधानसभा चुनाव में हार, आम आदमी पार्टी की कामयाबी और आने वाले लोक सभा
चुनाव के मद्देनज़र सरकार की बैचैनी बढ़ती जा रही है. घोटालों के आरोपों से
घिरी सरकार ये बताना चाहती है कि उनके हिस्से में कुछ उपलब्धियां भी हैं.
इन्हीं उपलब्धियों को गिनाने के लिए मनमोहन सिंह मीडिया से मुखातिब हो रहे
हैं. पढ़ें क्या कह रहे हैं प्रधानमंत्री-
- महिला आरक्षण और एंटी करप्शन बिल को लागू करने की कोशिश करेंगेः PM.
- राहुल और सोनिया गांधी ने हमेशा सरकार की मदद की हैः मनमोहन.
- रिटायरमेंट के बाद क्या करना है प्लान नहीं कियाः प्रधानमंत्री.
- 84 दंगा पीड़ितों के लिए सरकार ने बहुत कुछ कियाः मनमोहन सिंह.
- अगले 5 महीने अर्थव्यवस्था सुधारने की पूरी कोशिश करेंगेः मनमोहन सिंह.
- एक पार्टी भ्रष्टाचार खत्म नहीं कर सकती, सबको मिलकर काम करना होगाः मनमोहन.
- भ्रष्टाचार एक मुद्दा है. आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार का खात्मा करने की अपनी चिंताएं जताने के कारण सफल रही: मनमोहन.
- प्रधानमंत्री के तौर पर मेरा सबसे अच्छा पल वह था जब हमने अमेरिका के साथ परमाणु समझौता किया: PM.
- गठबंधन राजनीति की विवशताओं में मैं जितना कर सकता था, बेहतर कार्य किया: मनमोहन.
- राहुल सरकार में होते तो हमें मजबूती मिलतीः मनमोहन सिंह
- मेरे ऊपर कभी इस्तीफा देने का दबाव नहीं रहाः मनमोहन सिंह.
- राहुल गांधी की भावनाओं का सम्मान करता हूं: मनमोहन सिंह
- मैं अपनी आलोचना करने वालों का मुंह बंद नहीं कर सकताः पीएम.
- दिल्ली की जनता ने AAP को समर्थन दिया है, उसका सम्मान होना चाहिएः PM.
- 9 साल में एक बार भी पाकिस्तान नहीं जाने के सवाल पर पीएम ने कहा, कई बार पाकिस्तान जाने का सोचा, लेकिन हालात सही नहीं थे.
- सोनिया गांधी और मेरे बीच तालमेल बहुत शानदार रहाः मनमोहन सिंह.
- हमारा कार्यकाल एनडीए के कार्यकाल से बेहतरः प्रधानमंत्री
- भारत और पाकिस्तान के बीच अच्छे संबंध जरूरीः प्रधानमंत्री.
- कुछ समस्याएं और अस्थायी बाधाएं हैं. भारत और अमेरिका के बीच मामले सुलझाने के लिए कूटनीति को एक मौका दिया जाना चाहिए: मनमोहन.
- अनियमितता हुई लेकिन अनियमितताओं के आयाम को मीडिया और कैग ने बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया: प्रधानमंत्री.
- अगर आप अहमदाबाद की गलियों में बेगुनाह लोगों के नरसंहार को प्रधानमंत्री बनने की क्षमता नापने का पैमाना मानते हैं तो मैं इसमें विश्वास नहीं करता : मनमोहन
- मोदी पीएम बने तो देश के लिए विनाशकारीः पीएम.
- दुख है कि हमारा काम आवाम तक नहीं पहुंचाः मनमोहन सिंह.
- मीडिया के मुताबिक इतिहास मुझे बेहतर समझेगाः प्रधानमंत्री.
- मुझमें कोई बदलाव नहीं आया. जो 9 साल पहले था वही हूं. मैंने अपने दफ्तर का इस्तेमाल कभी किसी दोस्त या रिश्तेदार को फायदा पहुंचाने के लिए नहीं किया.
-वीरभद्र पर पूछा गया सवाल टाल गए प्रधानमंत्री.
- मुझे विश्वास है कि लोग आर्थिक और सामाजिक क्रांति को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन की जरूरत को समझेंगे: मनमोहन.
- जरूरत पड़ने पर बोलता रहा हूं: मनमोहन सिंह.
- हमारी हार का सबसे बड़ा कारण था महंगाईः पीएम.
- कांग्रेस AAP के स्पीकर उम्मीदवार एमएस धीर का समर्थन करेगी.
- जब इतिहास लिखा जाएगा तो हम पाक साफ साबित होंगे: पीएम
- यूपीए अगर सत्ता में वापस आती है तो मैं अपने आपको प्रधानमंत्री पद की दौड़ से अलग करता हूं. राहुल गांधी में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने की उल्लेखनीय क्षमताएं हैं.
- यूपीए-1 की सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप थे, लेकिन देश की जनता ने उन्हें स्वीकार नहीं किया और हमें दूसरा कार्यकाल सौंपा: मनमोहन.
- राहुल गांधी की उम्मीदवारी पर फैसला पार्टी करेगीः प्रधानमंत्री.
- मैंने कभी महसूस नहीं किया कि मुझे इस्तीफा देना चाहिएः मनमोहन सिंह.
- राहुल गांधी पीएम के लिए बेहतर उम्मीदवार.
- उम्मीद है कि अगला PM यूपीए का ही होगा.
- मैं अगले प्रधानमंत्री को विरासत देने के लिए तैयार हूं: पीएम
- उम्मीद है कि अगला प्रधानमंत्री यूपीए सरकार का होगाः पीएम
- हम अपनी पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम घोषित करेंगेः पीएम
- चुनाव नतीजों से हम सबक लेंगे: मनमोहन सिंह.
- फल-सब्जी के दाम बढ़े, महंगाई चिंता का विषय: मनमोहन सिंह
- ग्रामीण इलाकों तक पहुंचा विकास, 4 गुना तक बढ़ी प्रति व्यक्ति आय.
- मनरेगा से देश को बड़ा फायदा हुआ: मनमोहन.
- वैश्विक आर्थिक मंदी का असर भारत पर भी पड़ा: मनमोहन.
- हमें भरोसा है कि विकास दर में तेजी आएगी: मनमोहन.
- अर्थव्यवस्था में उतार चढ़ाव होता रहता है.
- देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था का सम्मान होना चाहिए.
- हमारी पार्टी ने विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया.
- महिला आरक्षण और एंटी करप्शन बिल को लागू करने की कोशिश करेंगेः PM.
- राहुल और सोनिया गांधी ने हमेशा सरकार की मदद की हैः मनमोहन.
- रिटायरमेंट के बाद क्या करना है प्लान नहीं कियाः प्रधानमंत्री.
- 84 दंगा पीड़ितों के लिए सरकार ने बहुत कुछ कियाः मनमोहन सिंह.
- अगले 5 महीने अर्थव्यवस्था सुधारने की पूरी कोशिश करेंगेः मनमोहन सिंह.
- एक पार्टी भ्रष्टाचार खत्म नहीं कर सकती, सबको मिलकर काम करना होगाः मनमोहन.
- भ्रष्टाचार एक मुद्दा है. आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार का खात्मा करने की अपनी चिंताएं जताने के कारण सफल रही: मनमोहन.
- प्रधानमंत्री के तौर पर मेरा सबसे अच्छा पल वह था जब हमने अमेरिका के साथ परमाणु समझौता किया: PM.
- गठबंधन राजनीति की विवशताओं में मैं जितना कर सकता था, बेहतर कार्य किया: मनमोहन.
- राहुल सरकार में होते तो हमें मजबूती मिलतीः मनमोहन सिंह
- मेरे ऊपर कभी इस्तीफा देने का दबाव नहीं रहाः मनमोहन सिंह.
- राहुल गांधी की भावनाओं का सम्मान करता हूं: मनमोहन सिंह
- मैं अपनी आलोचना करने वालों का मुंह बंद नहीं कर सकताः पीएम.
- दिल्ली की जनता ने AAP को समर्थन दिया है, उसका सम्मान होना चाहिएः PM.
- 9 साल में एक बार भी पाकिस्तान नहीं जाने के सवाल पर पीएम ने कहा, कई बार पाकिस्तान जाने का सोचा, लेकिन हालात सही नहीं थे.
- सोनिया गांधी और मेरे बीच तालमेल बहुत शानदार रहाः मनमोहन सिंह.
- हमारा कार्यकाल एनडीए के कार्यकाल से बेहतरः प्रधानमंत्री
- भारत और पाकिस्तान के बीच अच्छे संबंध जरूरीः प्रधानमंत्री.
- कुछ समस्याएं और अस्थायी बाधाएं हैं. भारत और अमेरिका के बीच मामले सुलझाने के लिए कूटनीति को एक मौका दिया जाना चाहिए: मनमोहन.
- अनियमितता हुई लेकिन अनियमितताओं के आयाम को मीडिया और कैग ने बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया: प्रधानमंत्री.
- अगर आप अहमदाबाद की गलियों में बेगुनाह लोगों के नरसंहार को प्रधानमंत्री बनने की क्षमता नापने का पैमाना मानते हैं तो मैं इसमें विश्वास नहीं करता : मनमोहन
- मोदी पीएम बने तो देश के लिए विनाशकारीः पीएम.
- दुख है कि हमारा काम आवाम तक नहीं पहुंचाः मनमोहन सिंह.
- मीडिया के मुताबिक इतिहास मुझे बेहतर समझेगाः प्रधानमंत्री.
- मुझमें कोई बदलाव नहीं आया. जो 9 साल पहले था वही हूं. मैंने अपने दफ्तर का इस्तेमाल कभी किसी दोस्त या रिश्तेदार को फायदा पहुंचाने के लिए नहीं किया.
-वीरभद्र पर पूछा गया सवाल टाल गए प्रधानमंत्री.
- मुझे विश्वास है कि लोग आर्थिक और सामाजिक क्रांति को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन की जरूरत को समझेंगे: मनमोहन.
- जरूरत पड़ने पर बोलता रहा हूं: मनमोहन सिंह.
- हमारी हार का सबसे बड़ा कारण था महंगाईः पीएम.
- कांग्रेस AAP के स्पीकर उम्मीदवार एमएस धीर का समर्थन करेगी.
- जब इतिहास लिखा जाएगा तो हम पाक साफ साबित होंगे: पीएम
- यूपीए अगर सत्ता में वापस आती है तो मैं अपने आपको प्रधानमंत्री पद की दौड़ से अलग करता हूं. राहुल गांधी में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने की उल्लेखनीय क्षमताएं हैं.
- यूपीए-1 की सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप थे, लेकिन देश की जनता ने उन्हें स्वीकार नहीं किया और हमें दूसरा कार्यकाल सौंपा: मनमोहन.
- राहुल गांधी की उम्मीदवारी पर फैसला पार्टी करेगीः प्रधानमंत्री.
- मैंने कभी महसूस नहीं किया कि मुझे इस्तीफा देना चाहिएः मनमोहन सिंह.
- राहुल गांधी पीएम के लिए बेहतर उम्मीदवार.
- उम्मीद है कि अगला PM यूपीए का ही होगा.
- मैं अगले प्रधानमंत्री को विरासत देने के लिए तैयार हूं: पीएम
- उम्मीद है कि अगला प्रधानमंत्री यूपीए सरकार का होगाः पीएम
- हम अपनी पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम घोषित करेंगेः पीएम
- चुनाव नतीजों से हम सबक लेंगे: मनमोहन सिंह.
- फल-सब्जी के दाम बढ़े, महंगाई चिंता का विषय: मनमोहन सिंह
- ग्रामीण इलाकों तक पहुंचा विकास, 4 गुना तक बढ़ी प्रति व्यक्ति आय.
- मनरेगा से देश को बड़ा फायदा हुआ: मनमोहन.
- वैश्विक आर्थिक मंदी का असर भारत पर भी पड़ा: मनमोहन.
- हमें भरोसा है कि विकास दर में तेजी आएगी: मनमोहन.
- अर्थव्यवस्था में उतार चढ़ाव होता रहता है.
- देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था का सम्मान होना चाहिए.
- हमारी पार्टी ने विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया.
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