छत्तीसगढ़: नक्सल हमले में 16 लोगों की मौत
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माओवादी हमले का बदला लेंगेः शिंदे
छत्तीसगढ़ के बस्तर में माओवादियों के हमले में सुरक्षा बल के 15 जवान मारे गए हैं.
मारे गए जवानों में 11 सीआरपीएफ़ की 80वीं बटालियन
के हैं, जबकि चार जवान ज़िला पुलिस बल के हैं. इसके अलावा एक आम नागरिक के
भी मारे जाने की ख़बर है.पुलिस का कहना है कि माओवादी मारे गए जवानों के हथियार भी लूटकर ले गए.
इस इलाक़े में राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण चल रहा है, जिसकी सुरक्षा के लिए पुलिस लगातार गश्त करती रहती है.
दरभा घाटी वही इलाका है, जहां पिछले साल 25 मई को माओवादियों ने हमला करके कांग्रेस के कद्दावर नेता विद्याचरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा, प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल समेत 31 लोगों की हत्या कर दी थी.
कांग्रेस नेता उस इलाक़े में परिवर्तन यात्रा पर थे.
माओवादियों ने ताज़ा हमला उस समय किया है, जब ठीक एक महीने बाद 10 अप्रैल को बस्तर में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होना है.
पुलिस का कहना है कि संदिग्ध माओवादियों ने सुनियोजित तरीक़े से इस वारदात को अंजाम दिया.
अंधाधुंध फ़ायरिंग
पुलिस का दावा है कि मुठभेड़ के बाद माओवादी घटनास्थल से भाग गए.
घटनास्थल पर मिले ख़ून के निशान के आधार पर पुलिस ने कम से कम दो नक्सलियों के मारे जाने की आशंका व्यक्त की है. इस घटना के बाद पूरे इलाक़े में पुलिस ने तलाशी अभियान तेज़ कर दिया है.
इधर, राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अपना दिल्ली का दौरा रद्द करने के बाद आपात बैठक बुलाई है. इसमें राज्य के पुलिस महानिदेशक और गृहसचिव समेत पुलिस के आला अधिकारियों के शामिल होने की संभावना है.
दूसरी ओर, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने इस घटना को राज्य सरकार की विफलता बताया है.
उन्होंने कहा है कि ''यह हमला राज्य की इच्छाशक्ति के अभाव के कारण हुआ. यह राजनीति का समय नहीं है, लेकिन राज्य सरकार सामाजिक, आर्थिक मुद्दे पर पूरी तरह से असफल रही है. राज्य सरकार ने दरभा में कांग्रेस परिवर्तन यात्रा पर हुए हमले से सीख नहीं ली.''
माओवादी हमले का बदला लेंगेः शिंदे
बुधवार, 12 मार्च, 2014 को 15:36 IST तक के समाचार
केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा है कि माओवादियों से जवानों की हत्या का बदला लिया जाएगा.
उन्होंने मंगलवार को हुए क्लिक करें
माओवादी हमले की एनआईए से भी जांच कराने की घोषणा की.
ग़ौरतलब है कि मंगलवार को माओवादियों ने बस्तर के झीरमघाटी इलाक़े में हमला करके सुरक्षा बल के 15 जवानों समेत 16 लोगों की हत्या कर दी थी.
पुलिस के 40 जवान सड़क निर्माण में लगे लोगों की सुरक्षा के लिए निकले थे, तभी माओवादियों ने उन पर हमला किया था.
हमले में घायल तीन जवानों को राजधानी रायपुर के निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.
'हताश हैं माओवादी'
बुधवार सुबह रायपुर से जगदलपुर पहुंचे सुशील कुमार शिंदे ने सबसे पहले मारे गए जवानों को श्रद्धांजलि दी.उसके बाद उन्होंने राज्य के राज्यपाल शेखर दत्त, मुख्यमंत्री रमन सिंह, राज्य के गृहमंत्री रामसेवक पैंकरा समेत आला अफ़सरों के साथ बैठक की.
उन्होंने कहा, “हम अपने जवानों की शहादत का बदला लेंगे.”
शिंदे ने बस्तर में बैठक के बाद कहा कि क्लिक करें नक्सल हिंसा का मुक़ाबला करने के लिए राज्य पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बल आपसी समन्वय से बहादुरी के साथ काम कर रहे हैं. इस वजह से नक्सली बौखला गए हैं और बौखलाहट में इस प्रकार की घिनौनी और कायरतापूर्ण हिंसा कर रहे हैं.
खुफ़िया जानकारी थी?
नक्सल समस्या ख़त्म करने के लिए केंद्र की ओर से उन्होंने मुख्यमंत्री को हरसंभव सहयोग जारी रखने का आश्वासन दिया.रायपुर में भी पत्रकारों से बातचीत में शिंदे ने दुहराया कि नक्सलियों की सक्रियता की ख़बर खुफ़िया विभाग को थी. लेकिन सही-सही स्थान की जानकारी न होने से यह दुखद घटना घटी है.
उन्होंने कहा, “जिस तरह से यह हमला हुआ है, उसका बदला ज़रूर लिया जाएगा. हमारे सभी जवान, चाहे स्टेट के हों या सेंटर के, वे ज़रूर इसका बदला लेंगे.”
पत्रकारों द्वारा यह कहे जाने पर कि गृहमंत्री बार-बार ऐसी बातें कहते हैं, शिंदे ने कहा- “हम पहली बार यह बात कह रहे हैं.”
उन्होंने केंद्र और राज्य के बीच तालमेल के अभाव को लेकर कहा कि इस बारे में बात हुई है और हमारी कोशिश है कि और बेहतर तालमेल स्थापित हो.
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