Thursday, 13 March 2014

देहरादून में गरीबों में बंटेगी 'एक्सपायरी' दवा , एक्सपायरी डेट की करोड़ों की दवाएं सप्लाई करने का पोद्दार कंपनी को ठेका , ये दवाएं मलिन बस्तियों के गरीब बच्चे, लड़कियां और गर्भवती महिलाएं खाएंगी। आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी यही दवाएं बांटी जाती हैं।

देहरादून में गरीबों में बंटेगी 'एक्सपायरी' दवा ,

एक्सपायरी डेट की करोड़ों की दवाएं सप्लाई करने का पोद्दार कंपनी को ठेका ,

ये दवाएं मलिन बस्तियों के गरीब बच्चे, लड़कियां और गर्भवती महिलाएं खाएंगी। आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी यही दवाएं बांटी जाती हैं।

expiry medicine for poor people

देहरादून में लोगों की सेहत से किस तरह खिलवाड़ हो रहा है, इसका एक नमूना स्वास्थ्य महानिदेशालय ने पेश किया है।

करोड़ों की दवाएं सप्लाई करने का ठेका
दून अस्पताल में एक्सपायरी डेट की दवा सप्लाई करने के मामले में विवादित हरिद्वार की दवा कंपनी पोद्दार फार्मास्युटिकल्स को समेकित बाल विकास योजना के तहत करोड़ों की दवाएं सप्लाई करने का ठेका दे दिया गया।

ड्रग्स एक्ट के सख्त प्रावधान भी दवा कंपनियों पर लगाम कसने में नाकाम साबित हो रहे हैं। अधिकारियों से गठजोड़ करके कंपनियां गरीबों की सेहत को खतरे में डाल रही हैं।

विवादित पोद्दार दवा कंपनी का लाइसेंस निरस्त करने, उसे ब्लैक लिस्टेड किए जाने के बजाए उसे स्वास्थ्य महानिदेशालय ने करोड़ों की दवा सप्लाई करने के ठेके का तोहफा दे दिया है।

आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी यही दवाएं बांटी जाती हैं
समेकित बाल विकास योजना के तहत चार करोड़ कीमत की ये दवाएं मलिन बस्तियों के गरीब बच्चे, लड़कियां और गर्भवती महिलाएं खाएंगी। आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी यही दवाएं बांटी जाती हैं।

स्वास्थ्य विभाग और समेकित बाल विकास योजना के आला अधिकारी जिम्मेदारी एक-दूसरे पर धकेल रहे हैं। रेट कांट्रेक्ट देने और दवाओं की गुणवत्ता परखने के लिए कमेटी गठित है। लेकिन इस बाबत कमेटी के सभी सदस्यों ने आंखें मूंद लीं और विवादित कंपनी को ठेका दे दिया गया।

हमारा काम सिर्फ टेंडर को प्रोसेस करना है। समेकित बाल विकास विभाग दवाएं लेता है। रेट कांट्रेक्ट एक साल पहले तय हो जाता है, जिसका शासन अनुमोदन करता है।
- डॉ. जीएस जोशी, महानिदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

दवाओं के मामले में एक्सपर्ट तो स्वास्थ्य विभाग वाली ही हैं। इसलिए पूरा प्रोसस उन्हीं से पूरा करवाया जाता है। डीजी कमेटी का चेयरमैन होता है। हम बजट डीजी को ही देते हैं। इस संबंध में बृहस्पतिवार को जानकारी लेंगे।
- नीलमणि त्रिपाठी, निदेशक समेकित बाल विकास विभाग

दून अस्पताल ने भी दी हरी झंडी
दून अस्पताल में मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। हरिद्वार की विवादित दवा कंपनी पोद्दार फार्मास्युटिकल्स पर प्रतिबंध लगाने के बजाए उसे हरी झंडी दे दी गई है।

इससे स्वास्थ्य महकमा और दून अस्पताल प्रबंधन संदेह के घेरे में आ गया है। कंपनी के खिलाफ एक्सपायरी डेट की दवा सप्लाई करने के मामले में शहर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इसके बावजूद दवाएं मंगाई जा रही हैं।

दवा ठीक थी, लेकिन बैच नंबर गलत लग गया था। यह प्रिंटिंग डिफेक्ट है। दवा का कोई नुकसान नहीं है। दवाएं रेट कॉंटेक्ट से आती हैं। खुला बाजार है जिसका रेट कम होगा, उसकी दवाएं ली जाती हैं।
- डॉ. आरएस असवाल, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक दून अस्पताल

एक्यपायरी डेट की दवा सप्लाई का मामला खुलने के बाद हमने पूरे प्रदेश में इस दवा के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। इस संबंध में सभी जिलों के सीएमओ, अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सा अधीक्षकों को आदेश दिए गए हैं। नया आर्डर दून अस्पताल ने दिया होगा।
- डॉ. जीसी जोशी, महानिदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

पोद्दार कंपनी की दवाएं

- बी कॉम्प्लैक्स, दर्दनाशक डाइक्लोफिनेक सोडियम, पेट दर्द की दवा डाइसाइक्लीन, एसिडिटी की टेम्टाजोल आदि।


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