रणवीर फर्जी एनकाउंटर देहरादून (पुलिस की पटकथा): कुछ इस तरह पुलिस ने की थी पूरी प्लानिंग
रणवीर फर्जी एनकाउंटर: कुछ इस तरह पुलिस ने की थी पूरी प्लानिंग
यहीं हवालात में उसे बेरहमी से पीटा गया और इसी दौरान उसकी सांसे टूट गईं। पुलिस की इस बर्बरता का यहीं अंत नहीं हुआ। बाकायदा पटकथा रची गई और हवालात में हत्या का जुर्म छुपाने और बैडवर्क को गुडवर्क में तब्दील करने के लिए पुलिस ने कथित मुठभेड़ प्लान कर डाली। हालांकि, पुलिस की कहानी ज्यादा घंटे नहीं टिकी और दांव उल्टा पड़ गया। तीन जुलाई, 2009 की दोपहर से आरंभ हुआ घटनाक्रम दरोगा से मारपीट, पिस्टल लूट, रणवीर के अपहरण, हत्या, साजिश व आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी से चलता हुआ अब अंतिम चरण में पहुंच गया। शुरुआत डालनवाला में मोहिनी रोड पर दरोगा जीडी भट्ट से बाइक सवार युवकों की कहासुनी से हुई। युवकों में रणवीर और उसके चार साथी शामिल थे। विवाद बढ़ा और रणवीर व उसके साथियों ने दरोगा को पीट डाला। सूचना पर पुलिस बल वहां पहुंचा, लेकिन रणवीर के साथी भाग निकले। रणवीर हत्थे चढ़ गया।
रणवीर को एक सीओ की जीप में डालकर डालनवाला थाने लाया गया। सूचना मिलते ही तत्कालीन एसएसपी अमित सिन्हा थाने पहुंच गए। एसएसपी मीडिया से बात करने में मशगूल थे कि पुलिस ने चुपके से रणवीर को दूसरी जीप में डाला व नेहरू कालोनी थाने ले गई। एसएसपी तक को पूरी तरह अंधेरे में रखा गया। बस यहीं, पुलिस सबसे बड़ी गलती कर बैठी। अपनी खुन्नस निकालने के लिए पुलिस ने जीप में ही उसे बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। सभी हदें तोड़कर पुलिस टीम ने नेहरू कॉलोनी थाने की हवालात में जमकर दरिंदगी दिखाई। लात-घूंसों समेत पिटाई-यंत्रों से उसे इतना पीटा कि रणवीर की जान चली गई।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोला राजपुलिस की दरिंदगी का राज पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सामने आया। रणवीर के शरीर पर चोटों के 29 गहरे जख्म थे। ऐसे में सवाल यह उठा कि अगर रणवीर पुलिस फायरिंग में मरा तो उसे चोटें कैसे लगीं। या पुलिस ने मरने के बाद रणवीर को पीटा या पहले ही उसे पीटा जा चुका था।
पढ़ें: रणबीर फर्जी मुठभेड़ मामले में 18 पुलिसकर्मी दोषी करार
No comments:
Post a Comment