PM MODI:
मोदी ने लिया लोकसभा में भाजपा के जीत का श्रेय, कहा:चुनाव के दौरान जनता ‘भरोसेमंद नाम न कि एक पार्टी का नाम’ का मुखर मंत्र सुन रहे
थे और पूरे देश में लोगों ने ‘मोदी को एकमात्र उम्मीद’ माना था।
- BJP मेरे कारण जीती, लोगों ने मोदी को #vote किया
15-03-15
- BJP मेरे कारण जीती, लोगों ने मोदी को #vote किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत
के लिए पूरे श्रेय का दावा किया है। उन्होंने कहा है कि अपने चुनाव अभियान
के दौरान वह ‘भरोसेमंद नाम न कि एक पार्टी का नाम’ का मुखर मंत्र सुन रहे
थे और पूरे देश में लोगों ने ‘मोदी को एकमात्र उम्मीद’ माना था।
प्रधानमंत्री ने यह टिप्पणी एक ब्रिटिश लेखक के सामने की है जो उन पर एक
किताब लिख रहे हैं।
मोदी की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जिससे पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी इस जीत का श्रेय लोगों की परिवर्तन की इच्छा को दे चुके हैं। इन दोनों नेताओं ने जीत का श्रेय ‘किसी व्यक्ति’ को देने से इनकार किया था। मोदी ने ये टिप्पणियां साक्षात्कारों की एक श्रृंखला में कीं। ये साक्षात्कार उन्होंने बीबीसी के पूर्व संवाददाता और डाउनिंग स्ट्रीट संचार विशेषज्ञ लांस प्राइस को दिए हैं जिनकी किताब ‘द मोदी इफेक्ट : इनसाइड नरेंद्र मोदीज कैंपेन टू ट्रांसफर्म इंडिया’ जल्द जारी होने वाली है। बेहद व्यक्तिगत अभियान की व्याख्या करते हुए मोदी ने लेखक को बताया, देश के सभी कोनों में, उन्होंने माना कि मोदी एकमात्र उम्मीद है और उन्होंने उन्हें विजयी देखना चाहा।
प्रधानमंत्री ने कहा, बीते चुनावों ने दिखाया कि भारतीय संस्कृति ऐसी है कि लोग व्यक्ति में जबरदस्त आस्था और भरोसा रखते हैं। लोग साफ तौर पर उसको चाह रहे थे जो अगुआ बन सकता था। मैं देख रहा था कि यह सवाल हरेक बैठक में पूछा जा रहा था। मैंने ऐसी मुखर आवाजें सुनी कि बातें सुनीं ‘हमें एक भरोसेमंद नाम दो न कि एक पार्टी का नाम’। मोदी ने उजागर किया कि 2002 में गुजरात का मुख्यमंत्री चुने जाने के कुछ ही समय बाद, एक ज्योतिषी ने भविष्यवाणी की थी कि भगवान ने उनके लिए प्रधानमंत्री का स्थान रखा है। ‘मारो भाग्य विधाता’ पर विश्वास का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ‘अगर यह मामला है तो किस लिए डरना? मैंने कभी बुलेट प्रूफ जैकेट नहीं पहना।’
यह भी बोले मोदी
अमेरिकी वीजा
अमेरिका के वीजा देने से इनकार करने पर मैं कभी परेशान नहीं हुआ। वास्तव में मैं इन्हें बेमतलब मानता हूं। मुझ पर या मेरे अहम पर इनका कोई असर नहीं है।
अरविंद केजरीवाल
चुनाव प्रचार के दौरान केजरीवाल का नाम नहीं लेने पर मोदी ने कहा, मेरी चुप्पी मेरी ताकत है। मोदी मौन की ताकत जानता है। आपको चीजों के भव्य तूमार के बारे में पता होना चाहिए, केजरीवाल और कुछ नहीं बल्कि एक छोटे एकल शहरी नेता’ हैं। जिन्हें ‘कांग्रेस की शह वाले निहित मीडिया हितों’ के एक चुनिंदा समूह ने उठाया था।
मीडिया से दूरी
बीते साल फरवरी में मीडिया के लिए उपलब्ध नहीं होने के निर्णय पर मोदी ने कहा, मैंने जानबूझकर एक अंतराल बनाने के लिए ऐसा किया। इससे मैंने ध्यान आकर्षित किया। मेरे समर्थक व्याकुल थे जबकि मेरे विरोधी खुश थे। उन्होंने बहुत कम अंदाजा हुआ कि यह मेरी रणनीतिक इरादा था।
रुटीन
रोज सुबह पांच बजे जगता हूं और तत्काल ऑनलाइन आए संदेश देखता हूं। सोने से पहले अपने ईमेल और प्रासंगिक खबरें देखता हूं।
टेक्नोलॉजी
व्हाट्सएप के शुरू होने के समय ही मैंने कहा था कि यह संदेशों के लेनदेन का एक प्रमुख प्लेटफार्म बनेगा।
मोदी की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जिससे पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी इस जीत का श्रेय लोगों की परिवर्तन की इच्छा को दे चुके हैं। इन दोनों नेताओं ने जीत का श्रेय ‘किसी व्यक्ति’ को देने से इनकार किया था। मोदी ने ये टिप्पणियां साक्षात्कारों की एक श्रृंखला में कीं। ये साक्षात्कार उन्होंने बीबीसी के पूर्व संवाददाता और डाउनिंग स्ट्रीट संचार विशेषज्ञ लांस प्राइस को दिए हैं जिनकी किताब ‘द मोदी इफेक्ट : इनसाइड नरेंद्र मोदीज कैंपेन टू ट्रांसफर्म इंडिया’ जल्द जारी होने वाली है। बेहद व्यक्तिगत अभियान की व्याख्या करते हुए मोदी ने लेखक को बताया, देश के सभी कोनों में, उन्होंने माना कि मोदी एकमात्र उम्मीद है और उन्होंने उन्हें विजयी देखना चाहा।
प्रधानमंत्री ने कहा, बीते चुनावों ने दिखाया कि भारतीय संस्कृति ऐसी है कि लोग व्यक्ति में जबरदस्त आस्था और भरोसा रखते हैं। लोग साफ तौर पर उसको चाह रहे थे जो अगुआ बन सकता था। मैं देख रहा था कि यह सवाल हरेक बैठक में पूछा जा रहा था। मैंने ऐसी मुखर आवाजें सुनी कि बातें सुनीं ‘हमें एक भरोसेमंद नाम दो न कि एक पार्टी का नाम’। मोदी ने उजागर किया कि 2002 में गुजरात का मुख्यमंत्री चुने जाने के कुछ ही समय बाद, एक ज्योतिषी ने भविष्यवाणी की थी कि भगवान ने उनके लिए प्रधानमंत्री का स्थान रखा है। ‘मारो भाग्य विधाता’ पर विश्वास का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ‘अगर यह मामला है तो किस लिए डरना? मैंने कभी बुलेट प्रूफ जैकेट नहीं पहना।’
यह भी बोले मोदी
अमेरिकी वीजा
अमेरिका के वीजा देने से इनकार करने पर मैं कभी परेशान नहीं हुआ। वास्तव में मैं इन्हें बेमतलब मानता हूं। मुझ पर या मेरे अहम पर इनका कोई असर नहीं है।
अरविंद केजरीवाल
चुनाव प्रचार के दौरान केजरीवाल का नाम नहीं लेने पर मोदी ने कहा, मेरी चुप्पी मेरी ताकत है। मोदी मौन की ताकत जानता है। आपको चीजों के भव्य तूमार के बारे में पता होना चाहिए, केजरीवाल और कुछ नहीं बल्कि एक छोटे एकल शहरी नेता’ हैं। जिन्हें ‘कांग्रेस की शह वाले निहित मीडिया हितों’ के एक चुनिंदा समूह ने उठाया था।
मीडिया से दूरी
बीते साल फरवरी में मीडिया के लिए उपलब्ध नहीं होने के निर्णय पर मोदी ने कहा, मैंने जानबूझकर एक अंतराल बनाने के लिए ऐसा किया। इससे मैंने ध्यान आकर्षित किया। मेरे समर्थक व्याकुल थे जबकि मेरे विरोधी खुश थे। उन्होंने बहुत कम अंदाजा हुआ कि यह मेरी रणनीतिक इरादा था।
रुटीन
रोज सुबह पांच बजे जगता हूं और तत्काल ऑनलाइन आए संदेश देखता हूं। सोने से पहले अपने ईमेल और प्रासंगिक खबरें देखता हूं।
टेक्नोलॉजी
व्हाट्सएप के शुरू होने के समय ही मैंने कहा था कि यह संदेशों के लेनदेन का एक प्रमुख प्लेटफार्म बनेगा।
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