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Saturday, 25 April 2015
#NepalEarthquake: नेपाल में भूंकप, 2500 लोगों की मौत | भूकंप से भारत में 50 से ज़्यादा की मौत | नेपाल में बाल-बाल बचे रामदेव,बाहर आने के कुछ ही मिनटों के बाद ये ढह गया पंडाल | भारत ने नेपाल से अपने नागरिकों को निकाला | एवरेस्ट भी हिला, कम से कम आठ की मौत | तस्वीरों में देखिए नेपाल में तबाही
#NepalEarthquake: नेपाल में भूंकप, 2500 लोगों की मौत | भूकंप से भारत में 50 से ज़्यादा की मौत | नेपाल में बाल-बाल बचे रामदेव,बाहर आने के कुछ ही मिनटों के बाद ये ढह गया पंडाल | भारत ने नेपाल से अपने नागरिकों को निकाला | एवरेस्ट भी हिला, कम से कम आठ की मौत | तस्वीरों में देखिए नेपाल में तबाही 26 April 2015 ; 8.47AM
खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं।
5 से 5.9
फर्नीचर हिल सकता है।
6 से 6.9
इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
7 से 7.9
इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।
8 से 8.9
इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं।
9 और उससे ज्यादा
पूरी तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी।
* भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।
नेपाल में भूंकप, 1500 लोगों की मौत
नेपाल में भूकंप की वजह से 1500 मारे गए हैं. दिए साक्षात्कार में नेपाल के सूचना मंत्री मिनेंद्र रिजल ने यह बात कही.
उन्होंने कहा कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कई लोग अभी भी मलबे में दबे हुए हैं. शनिवार को नेपाल में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया जिसका मूल केंद्र राजधानी काठमांडू और पोखरा शहर के बीच था. इस भूकंप से भारत, बांग्लादेश, तिब्बत और माउंट एवररेस्ट पर भी कई लोगों के मारे जाने की सूचना है. नेपाल के भूकंप प्रभावित इलाकों में सरकार ने आपात स्थिति की घोषणा की है और कई देशों ने उसे मदद की पेशकश की है. भूकंप
के मूलकेंद्र वाले इलाके से बहुत ही कम जानकारी अभी मिल पाई है, जहां सबसे
ज़्यादा नुक़सान होने की ख़बर है. ऐसे में, मरने वालों की संख्या और बढ़
सकती है.
मदद की पेशकश
भूकंप के कारण हज़ारों लोगों को खुले आकाश के नीचे रात गुज़ारनी पड़ेगी. अमरीका ने कहा है कि वो अपनी आपदा प्रबंधन टीम नेपाल भेज रहा है जबकि भारत राहत सामग्री लेकर अपने विमान को नेपाल रवाना कर चुका है. अमरीकी सहायता एजेंसी यूएसएड की तरफ़ से शुरुआती दस लाख डॉलर की मदद भेजी जा चुकी है. वहीं ब्रितानी प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा है कि भूकंप से पैदा हालात से निपटने के लिए जो भी मदद बन पड़ेगी, वो करेंगे. फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद ने भी मदद का आश्वासन दिया है.
भूकंप से भारत में 50 से ज़्यादा की मौत
नेपाल के साथ उत्तर भारत में महसूस किए गए भूकंप के तेज़ झटकों के असर से जानमाल के बड़े नुकसान की आशंका है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, भारत में भूकंप से 50 से अधिक लोगों की मौत हुई है और 237 लोग घायल हुए हैं. बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार राज्य में सबसे ज़्यादा 32 लोगों की मौत हुई है. 133 लोग घायल भी हुए हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी पुष्टि की है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में सात और पश्चिम बंगाल में तीन लोगों की मौत हुई है. उन्होंने बताया कि प्रभावित राज्यों में एनडीआरएफ़ की पाँच टीमें भेजी गई हैं, जिसमें 45 सदस्य शामिल हैं. भूकंप का केंद्र नेपाल था, लेकिन इसने उत्तर बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान के कई इलाकों को भी हिलाकर रख दिया. प्रधानमंत्री नेपाल से लगे बिहार के सीमावर्ती जिलों में भूकंप से हुए नुकसान के बारे में रिपोर्ट ले चुके हैं.
बिजली बंद
इस बीच, उत्तर बिहार के कई हिस्सों में एहतियात के तौर पर बिजली बंद कर दी गई है. केंद्रीय
मंत्री राजीव प्रताप रुडी ने बताया, "सुरक्षा कारणों से उत्तरी बिहार में
पावर कट कर दिया गया है." रुडी भूकंप आपदा प्रबंधन के प्रभारी हैं. बिहार
में राजधानी पटना समेत कई शहरों में भूकंप के बाद अफरा-तफऱी की स्थिति बन
गई. लोग घरों से बाहर निकल आए. भोजपुर इलाके कई हिस्सों में भूकंप के असर
से सड़कों में दरार आ गई.
राहत का ऐलान
उत्तर
प्रदेश सरकार ने भी भूकंप पीड़ितों के लिए मदद का ऐलान किया है.
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, "हमने फ़ैसला किया है कि मारे गए लोगों के
आश्रितों को 2 लाख रुपए और घायलों को 20-20 हज़ार रुपए दिए जाएंगे." उत्तराखंड की करीब 250 किलोमीटर की सीमा नेपाल से लगी हुई है. यहां भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. संवाददाता के मुताबिक अभी तक उत्तराखंड से किसी नुकसान की खबर नहीं है.
नेपाल में बाल-बाल बचे रामदेव
योग शिविर के लिए नेपाल की राजधानी काठमांडू गए योग गुरू बाबा रामदेव सुरक्षित हैं.
रामदेव पांच दिन के योग शिविर के लिए काठमांडू में हैं बाबा
रामदेव के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने समाचार एजेंसी आईएएएस को बताया,
“हमारा सत्र सुबह पाँच बजे से साढ़े सात बजे तक था. इसके बाद वे विभिन्न
शिविरों में गए. जिस समय भूकंप आया उस समय वह योग सत्र से बाहर आ रहे थे.”
पंडाल गिरा
प्रवक्ता
तिजारावाला ने कहा, ”रामदेव के पंडाल से बाहर आने के कुछ ही मिनटों के बाद
ये ढह गया. और जब वह कुछ और आगे बढ़े तो उन्होंने अपनी आंखों के सामने एक
बहुमंजिला इमारत को गिरते हुए देखा.” विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने
ट्वीट किया, “हमने बाबा रामदेव से संपर्क किया है. उन्होंने संकट की इस
घड़ी में नेपाल में ही रहने की इच्छा जताई है.” रामदेव ने कहा, “हमने अपने सैकड़ों कार्यकर्ताओं को राहत कार्यों में लगा दिया है.”
भारत ने नेपाल से अपने नागरिकों को निकाला
भूकंप प्रभावित नेपाल में फंसे भारतीयों को लेकर भारतीय वायुसेना के दो विमान शनिवार रात दिल्ली पहुंचे.
पहले विमान में चार नवजात बच्चों समेत कुल 55 लोग सवार थे. दूसरे विमान से 200 भारतीय स्वदेश पहुंचे हैं. रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सितांशु कार ने अपने ट्विटर हैंडल पर यह जानकारी दी है. भारत ने अपनी वायुसेना के ज़रिए एनडीआरएफ के 39 सहायता कर्मी और साढ़े तीन टन राहत सामग्री नेपाल भेजी है.
नेपाल में पिछले 30 वर्षों में यह अब तक का सबसे ज़ोरदार भूकंप है. 7.8 तीव्रता के इस भूकंप में 1100 लोगों के मारे जाने की ख़बर है. भूकंप का मूल केंद्र राजधानी काठमांडू और पोखरा शहर के बीच था.
एवरेस्ट भी हिला, कम से कम आठ की मौत
नेपाल
में शनिवार को भूकंप के बाद वहां दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट
के पास भारी हिमस्खलन भी हुआ है जिसमें कम से कम आठ पर्वतारोहियों और
गाइड्स की मौत हो गई है.
एवरेस्ट पर चढ़ने वाले पर्वतारोही जिस बेस
कैंप में रुकते हैं, भूस्खलन का असर वहां तक हुआ है. बताया जा रहा है कि दो
बेस कैंप इस भूस्खलन के साथ बह गए हैं. अधिकारियों के अनुसार मरने वाले किस देश के नागरिक थे, इसका पता नहीं चल पाया है.
दूरसंचार व्यवस्था ठप
बेस शिविरों में ही पर्वतारोही रुकते हैं
अधिकारियों का कहना है कि संचार व्यवस्था ठप होने से वहाँ से और जानकारी उपलब्ध नहीं हो पा रही है. माउंट एवरेस्ट के पास कई बेस कैंप तबाह हो गए हैं और कई पर्वतारोही लापता बताए जा रहे हैं.
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