जयपुर.
बाड़मेर के सोलांकिया गांव में पानी की भूमिगत टंकी की छत गिर जाने से एक
आठ वर्षीय बच्ची की मौत हो गई तथा करीब 22 अन्य लोग घायल हो गए। एक पुलिस
अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, ‘‘दुर्घटना शुक्रवार शाम छह बजे तब घटी जब 25
फीट गहरी पानी की टंकी में पानी आने की बात सुनकर लोग, जिसमें अधिकांश
महिलाएं थीं, पानी भरने के लिए पानी की टंकी की ओर टूट पड़े। पुलिस अधिकारी
ने बताया, ‘‘पानी की टंकी की छत टूटने से बच्ची की तत्काल दुर्घटनास्थल पर
ही मौत हो गई, जबकि 22 अन्य घायल हो गए। घायलों में चार की हालत गंभीर है,
जिन्हें उपचार के लिए जोधपुर भेज दिया गया है।
दुर्घटना के चश्मदीद गवाह नजदीक के ही
गांव के रहने वाले पी. एस. राठौर ने फोन से आईएएनएस को बताया, ‘‘बाड़मेर के
सीमावर्ती इलाकों में गर्मियों में अमूमन हमें हर 15 दिन पर पानी की
आपूर्ति की जाती है। शुक्रवार को जब पानी आया तो महिलाएं खुशी से ‘पानी
आया...पानी आया’ का शोर मचाते हुए पानी भरने के लिए तेजी से टंकी की ओर
जाने लगीं। उन्होंने बताया, ‘‘लोगों की भीड़ पानी भरने के लिए बिल्कुल
उतावली थी, तभी पानी की टंकी का छत टूटकर गिर पड़ा, जिससे उस पर बैठी
महिलाएं टंकी में गिर पड़ीं। उस समय टंकी में सिर्फ दो फीट गहरा पानी था।
राठौर ने बताया कि गांव में 2,000 की आबादी है और जलापूर्ति की व्यवस्था
बेहद खराब है। एक स्थानीय शिक्षक दुर्गेश सिंह राजपूत ने बताया, ‘‘नियमित
तौर पर पानी की आपूर्ति नहीं की जाती। गांव वालों को सप्ताह में एक बार
पानी मिलता है और गर्मियों में कई बार 15 दिन में एक बार, वह भी सिर्फ
एक-दो घंटों के लिए। पानी के लिए गांव वालों को रोज सात से 10 किलोमीटर तक
पैदल चलना पड़ता है।
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Its a #incredible #India?Rpl @narendramodi ji
पानी की खुशी में चिल्लाई महिलाएं,पानी आया..और ले गया गांव की खुशियां
Go:http://t.co/0DmSTIffQX
— Bhupesh Kumar Mandal (@bhupeshmandal) April 26, 2015
#India:I m so sad 2day after reading n instant of jaipur.village hve water only 2time in a month.yesterday,A girl child lost his life for it
— Bhupesh Kumar Mandal (@bhupeshmandal) April 26, 2015
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