तबाही के 15 दिन बाद भी बद्रीनाथ में फंसे हैं 900 श्रद्धालु, रुद्रप्रयाग में कई घर बहे
1 जुलाई 2013
उत्तराखंड में कुदरत की तबाही के पंद्रह दिन बाद भी 900 श्रद्धालु और
स्थानीय लोग बद्रीनाथ में फंसे हुए हैँ. मौसम खराब होने की वजह से रेस्क्यू
ऑपरेशन में बाधा आ रही है. उत्तराखंड सरकार के मुताबिक रविवार को करीब
1459 सैलानियों को बद्रीनाथ से निकाला गया.
उधर आपदा में मारे गए लोगों के शवों को निकालने की कवायद भी शुरू हो गई है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा कि शवों को निकालने के लिए
विभिन्न विभागों के 200 लोगों की टीम एनडीआरएफ से मिले साजो सामान के साथ
केदारनाथ और रामबाड़ा भेजी जा रही है. बारिश की वजह
से एनडीआरएफ की टीम रविवार को केदारनाथ नहीं पहुंच सकी थी.
खराब मौसम से शवों के अंतिम संस्कार में बाधा
खराब मौसम केदारनाथ में शवों के अंतिम संस्कार में भी बाधा बनकर खड़ी हो गई है. पहले दो दिनों में 34 शवों का दाह संस्कार हुआ था, लेकिन पिछले दो दिनों से ये काम रुका है. उत्तराखंड के डीजीपी सत्यव्रत बंसल के मुताबिक 55 से 60 शव अभी भी नजर आ रहे हैं, महामारी के खतरे को देखते हुए जिनका अंतिम संस्कार तुरंत जरूरी है.
मंदाकिनी में आए उफान से रुद्रप्रयाग में कई घर बहे
मंदाकिनी नदी में आए उफान से रुद्रप्रयाग से करीब पच्चीस किलोमीटर दूर चंद्रपुरी गांव अलग-थलग पड़ गया है. नदी की धारा में गांव के करीब 36 मकान बह गए. करीब पांच सौ लोग मंदाकिनी नदी के एक किनारे फंस गए हैं, इनमें डेढ़ सौ लोग बेघर हैं जिनके घर सैलाब में बह गए. आजतक की टीम ने इलाके का दौरा किया तो पाया कि गांव में जरूरी चीजों की भी बेहद कमी है.
दाह संस्कार के तरीकों पर रामदेव ने उठाए सवाल
योग गुरु बाबा रामदेव ने उत्तराखंड की त्रासदी में मारे गए लोगों के दाह संस्कार के तरीकों पर सवाल खड़े किए हैँ. उन्होंने कहा कि शवों का अंतिम संस्कार पूरे वैदिक तरीके से होना चाहिए. केदारनाथ मंदिर और रामबाड़ा में खुले में पड़े शवों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए रामदेव ने कहा कि त्रासदी में मारे गए लोगों के प्रति सरकार को संवेदनशीलता दिखाते हुए शवों को तुरंत इकट्ठा कर वैदिक तरीके से अंतिम संस्कार करना चाहिए.
हरिद्वार स्थित शान्ति कुंज में शिवराज सिंह चौहान
उत्तराखंड में आई दैवीय आपदा में मारे गए लोगों को सांत्वना देने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हरिद्वार स्थित शान्ति कुंज पहुंचे. बाढ़ पीडितों के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने शांति कुंज में आपदा राहत कैंप की स्थापना कर रखी है, साथ ही मध्य प्रदेश के लोगों को स्पेशल फ्लाईट के जरिये भोपाल भेजा जा रहा है. शिवराज सिंह चौहान ने देहरादून जाकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से भी मुलाकात की और उत्तराखंड के पुननिर्माण में हरसंभव मदद का भरोसा दिया.
खराब मौसम से शवों के अंतिम संस्कार में बाधा
खराब मौसम केदारनाथ में शवों के अंतिम संस्कार में भी बाधा बनकर खड़ी हो गई है. पहले दो दिनों में 34 शवों का दाह संस्कार हुआ था, लेकिन पिछले दो दिनों से ये काम रुका है. उत्तराखंड के डीजीपी सत्यव्रत बंसल के मुताबिक 55 से 60 शव अभी भी नजर आ रहे हैं, महामारी के खतरे को देखते हुए जिनका अंतिम संस्कार तुरंत जरूरी है.
मंदाकिनी में आए उफान से रुद्रप्रयाग में कई घर बहे
मंदाकिनी नदी में आए उफान से रुद्रप्रयाग से करीब पच्चीस किलोमीटर दूर चंद्रपुरी गांव अलग-थलग पड़ गया है. नदी की धारा में गांव के करीब 36 मकान बह गए. करीब पांच सौ लोग मंदाकिनी नदी के एक किनारे फंस गए हैं, इनमें डेढ़ सौ लोग बेघर हैं जिनके घर सैलाब में बह गए. आजतक की टीम ने इलाके का दौरा किया तो पाया कि गांव में जरूरी चीजों की भी बेहद कमी है.
दाह संस्कार के तरीकों पर रामदेव ने उठाए सवाल
योग गुरु बाबा रामदेव ने उत्तराखंड की त्रासदी में मारे गए लोगों के दाह संस्कार के तरीकों पर सवाल खड़े किए हैँ. उन्होंने कहा कि शवों का अंतिम संस्कार पूरे वैदिक तरीके से होना चाहिए. केदारनाथ मंदिर और रामबाड़ा में खुले में पड़े शवों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए रामदेव ने कहा कि त्रासदी में मारे गए लोगों के प्रति सरकार को संवेदनशीलता दिखाते हुए शवों को तुरंत इकट्ठा कर वैदिक तरीके से अंतिम संस्कार करना चाहिए.
हरिद्वार स्थित शान्ति कुंज में शिवराज सिंह चौहान
उत्तराखंड में आई दैवीय आपदा में मारे गए लोगों को सांत्वना देने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हरिद्वार स्थित शान्ति कुंज पहुंचे. बाढ़ पीडितों के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने शांति कुंज में आपदा राहत कैंप की स्थापना कर रखी है, साथ ही मध्य प्रदेश के लोगों को स्पेशल फ्लाईट के जरिये भोपाल भेजा जा रहा है. शिवराज सिंह चौहान ने देहरादून जाकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से भी मुलाकात की और उत्तराखंड के पुननिर्माण में हरसंभव मदद का भरोसा दिया.
OPERATION HOPE & SMILE
FROM AAJTAK
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