उत्तराखंड: 580 मृत घोषित, तो कहां हैं शव?
1 जुलाई 2013 4:55 PM
उत्तराखंड
में कुदरत की मार के बाद अब सरकारी मशीनरी भी लोगों के साथ बेरुखी दिखाने
पर तुल गई है। मृतकों की संख्या को लेकर राज्य सरकार के ही अलग-अलग आंकड़ों
ने सरकार पर सवालिया निशान लगा दिए हैं।
राज्य सरकार ने हालांकि प्राकृतिक आपदा से 580 लोगों के मरने की पुष्टि की है, लेकिन इन लोगों में 100 लोगों का भी विवरण आपदा प्रबंधन या पुलिस के पास नहीं है।
कानूनी तौर पर किसी को मृत तभी घोषित किया जा सकता है, जब पुलिस या प्रशासन के पास उसकी मृत्यु से संबंधित प्रमाण हों। अभी तक केदारनाथ धाम और हरिद्वार में केवल 94 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया है।
पुलिस और प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि जब उनके के पास लोगों के शव ही नहीं हैं तो उनकी मृत्यु का क्या प्रमाण है। प्रशासन से मांग की जा रही है कि अगर उनके पास प्रमाण हैं तो यह ब्यौरा ऑनलाइन क्यों नहीं दिया गया।
छह लाख लोगों के रोजगार पर चोट
चारधाम यात्रा ठप होने से उत्तराखंड को दो वर्षों में 32 हजार करोड़ के नुकसान की आशंका जताई गई है। चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी में पर्यटन और तीर्थाटन से जुड़ी आर्थिक गतिविधियां तो ठप हो चुकी हैं। साथ ही ऋषिकेश, हरिद्वार और अन्य जिलों के लोगों का रोजगार भी इससे बुरी तरह प्रभावित हुआ है। नींबू-पानी बेचने वाले से लेकर एयर टिकट बुक करवाने वाले एजेंट तक इसकी चपेट में हैं
12 हजार करोड़ की आर्थिक गतिविधियां ठप
पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स के सर्वे के मुताबिक उत्तराखंड को 16 हजार करोड़ की आय चारधाम यात्रा से होती है। अगर शुरू के दो माह में चार हजार करोड़ की कमाई मान भी ली जाए तो करीब 12 हजार करोड़ रुपये की चारधाम से जुड़ी आर्थिक गतिविधियां ठप हुई हैं।
कैबिनेट में हो सकते हैं महत्वपूर्ण फैसले
कैबिनेट बैठक में क्षतिग्रस्त सड़क मार्गों को जल्द ठीक कराने, निशुल्क खाद्यान्न वितरित कराने और पुनर्वास में तेजी लाने पर बातचीत हो सकती है। इसके अलावा नंदादेवी राजजात यात्रा के होने या ना होने पर भी चर्चा संभव है।
मंदिर पुनर्निर्माण के संबंध में फैसला संभव
केदारनाथ में शवों की तलाश कर उनका दाह-संस्कार करवाने के लिए टीम भेजी जा सकती है। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने केदारघाटी में 200 लोगों की टीम भेजने की बात कही है। अगर मौसम ठीक रहता है तो एएसआई का दल केदारनाथ जाएगा। यह टीम केदारनाथ के पुनर्निर्माण के उपायों पर गौर करेगी और जरूरी सुझाव देगी।
राज्य सरकार ने हालांकि प्राकृतिक आपदा से 580 लोगों के मरने की पुष्टि की है, लेकिन इन लोगों में 100 लोगों का भी विवरण आपदा प्रबंधन या पुलिस के पास नहीं है।
कानूनी तौर पर किसी को मृत तभी घोषित किया जा सकता है, जब पुलिस या प्रशासन के पास उसकी मृत्यु से संबंधित प्रमाण हों। अभी तक केदारनाथ धाम और हरिद्वार में केवल 94 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया है।
पुलिस और प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि जब उनके के पास लोगों के शव ही नहीं हैं तो उनकी मृत्यु का क्या प्रमाण है। प्रशासन से मांग की जा रही है कि अगर उनके पास प्रमाण हैं तो यह ब्यौरा ऑनलाइन क्यों नहीं दिया गया।
छह लाख लोगों के रोजगार पर चोट
चारधाम यात्रा ठप होने से उत्तराखंड को दो वर्षों में 32 हजार करोड़ के नुकसान की आशंका जताई गई है। चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी में पर्यटन और तीर्थाटन से जुड़ी आर्थिक गतिविधियां तो ठप हो चुकी हैं। साथ ही ऋषिकेश, हरिद्वार और अन्य जिलों के लोगों का रोजगार भी इससे बुरी तरह प्रभावित हुआ है। नींबू-पानी बेचने वाले से लेकर एयर टिकट बुक करवाने वाले एजेंट तक इसकी चपेट में हैं
12 हजार करोड़ की आर्थिक गतिविधियां ठप
पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स के सर्वे के मुताबिक उत्तराखंड को 16 हजार करोड़ की आय चारधाम यात्रा से होती है। अगर शुरू के दो माह में चार हजार करोड़ की कमाई मान भी ली जाए तो करीब 12 हजार करोड़ रुपये की चारधाम से जुड़ी आर्थिक गतिविधियां ठप हुई हैं।
कैबिनेट में हो सकते हैं महत्वपूर्ण फैसले
कैबिनेट बैठक में क्षतिग्रस्त सड़क मार्गों को जल्द ठीक कराने, निशुल्क खाद्यान्न वितरित कराने और पुनर्वास में तेजी लाने पर बातचीत हो सकती है। इसके अलावा नंदादेवी राजजात यात्रा के होने या ना होने पर भी चर्चा संभव है।
मंदिर पुनर्निर्माण के संबंध में फैसला संभव
केदारनाथ में शवों की तलाश कर उनका दाह-संस्कार करवाने के लिए टीम भेजी जा सकती है। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने केदारघाटी में 200 लोगों की टीम भेजने की बात कही है। अगर मौसम ठीक रहता है तो एएसआई का दल केदारनाथ जाएगा। यह टीम केदारनाथ के पुनर्निर्माण के उपायों पर गौर करेगी और जरूरी सुझाव देगी।
from amarujala
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