Wednesday, 3 July 2013

इशरत जहां: मोदी और उनके मंत्री बचे, संतरी फंसे

इशरत जहां: मोदी और उनके मंत्री बचे, संतरी फंसे

नई दिल्ली/इंटरनेट डेस्‍क | अंतिम अपडेट 3 जुलाई 2013 6:16 PM IST पर
narendra modi and amit shah name not include in ishrat jahan chargesheet
9 साल पहले इशरत जहां फर्जी एनकाउंटर मामले में सीबीआई ने बुधवार को अहमदाबाद की विशेष कोर्ट में पहली चार्जशीट दाखिल की।

चार्जशीट में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके करीबी व यूपी के प्रभारी अमित शाह का नाम नहीं है।

सीबीआई ने इशरत जहां एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए कहा कि इशरत जहां आतंकवादी नहीं थी। हालांक‌ि उसके साथ फर्जी मुठभेड़ में मारे गए अन्य तीन लोगों के आतंकवादी संगठनों से संबंध हो सकते हैं।



चार्जशीट में किसी भी राजनेता का नाम शामिल नहीं किया गया है। चार्जशीट में भगोड़े पुलिस अधिकारी पीपी पांडे, गिरीश सिंघल (एसपी), डीजी वंजारा, जेआर परमार, तरुण बरोट, अनाजु चौधरी, नरेंद्र अमीन के नाम शामिल हैं। आठवें आरोपी मोहन कलासवा की मौत हो चुकी है।

सीबीआई ने चार्जशीट में इन लोगों पर हत्या, हत्या की कोशिश, सबूत मिटाने की कोशिश की धाराएं लगाई हैं। सीबीआई ने कहा कि गुजरात सरकार और आईबी की मिलीभगत से यह फर्जी एनकाउंटर किया गया।

सीबीआई ने कोर्ट से पूरी चार्जशीट दायर करने के लिए 2-3 दिन का समय मांगा है। सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि उसे इस मामले में अभी और जांच की जरूरत है।

कांग्रेस ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मोदी के राज में राज्य में कई फर्जी एनकाउंटर हुए हैं। इशरत जहां केस में आगे क्या करना है, यह कोर्ट तय करेगा।

जानिए, क्या है इशरत जहां फर्जी एनकाउंटर केस?

नई दिल्ली/इंटरनेट डेस्क | अंतिम अपडेट 3 जुलाई 2013 6:34 PM IST पर
what is ishrat jahan fake encounter case
गुजरात के बहुचर्चित इशरत जहां फर्जी एनकाउंटर मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दायर कर दी है।

चार्जशीट में सीबीआई ने गुजरात के 8 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को आरोपी बनाया है।

चार्जशीट दाखिल होने के साथ ही इशरत जहां फर्जी एनकाउंटर केस एक बार फिर चर्चा में आ गया है।

15 जून, 2004 को अहमदाबाद में पुलिस ने मुठभेड़ में चार कथित आतंकियों को मार गिराया था। पुलिस ने दावा किया था कि इन आतंकियों का संबंध आतंकी संगठन लश्‍कर-ए-तैयबा से था।

पुलिस का कहना था कि इन आतंकियों के निशाने पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी थे। खुफिया विभाग ने उस समय रिपोर्ट दी थी कि आतंकी नरेंद्र मोदी को मारने के लिए मुंबई से अहमदाबाद निकल पड़े हैं।

बाद में मजिस्ट्रेट जांच में यह मुठभेड़ फर्जी मिली। इसका भी खुलासा हुआ कि सरकारी तमगे और प्रोमोशन के लिए पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ को अंजाम दिया था।

मृतकों में इशरत जहां नाम की एक कॉलेज छात्रा और उसका दूसरा साथी जावेद शेख शामिल था। मारे गए दो अन्य लोग पाकिस्तानी नागरिक बताए गए।

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