अक्तूबर से हर फोन कॉल पर होगा सरकार का पहरा
नई दिल्ली/ब्यूरो | अंतिम अपडेट 3 जुलाई 2013 7:33 PM IST पर
सरकार सभी प्रकार के संचार माध्यमों जैसे मोबाइल कॉल, टेलीफोन कॉल, मैसेज, इंटरनेट आदि पर पहरेदारी की तैयारी कर रही है।
सेंट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम (सीएमएस) के तहत सरकार ऐसा करने जा रही है।
डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम (डॉट) के सूत्रों का कहना है कि सीएमएस प्रोजेक्ट के लिए केंद्रीकृत डाटा सेंटर का इंफ्रास्ट्रक्चर जुलाई 2013 के अंत तक तैयार हो जाएगा। इसके बाद डाटा सेंटर के लिए अहम उपकरण लगाए जाएंगे।
यह डाटा सेंटर अक्तूबर 2013 तक शुरू होने की उम्मीद है। इस डाटा सेंटर के जरिए सरकार सभी प्रकार के कम्युनिकेशन नेटवर्क पर बिना टेलीकॉम ऑपरेटरों से कोई मदद लिए सीधे तौर पर निगरानी कर सकेगी।
सूत्रों ने बताया कि हाल ही में सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) ने इस संबंध में अपनी स्टेटस रिपोर्ट से संचार मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया है। इस बैठक में सी-डॉट ने बताया कि एनटीआरओ और सी-डॉट के बीच सेटेलाइट के इंटीग्रेशन को लेकर करार हो चुका है। सीएमएस प्रोजेक्ट के तहत एनटीआरओ भी काम कर रहा है।
सीबीआई को मिल सकती है सीएमएस सुविधा
सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान सीबीआई की दरख्वास्त के बारे में भी विस्तार से चर्चा हुई है। सीबीआई ने दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में कॉल आदि इंटरसेप्ट करने की सुविधा की मांग की थी। बैठक में तय हुआ है कि शुरुआती दौर में सीबीआई को दिल्ली में सीएमएस के जरिए यह सुविधा दी जाए। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से आगे विचार किया जा सकता है।
क्या है सीएमएस?
सीएमएस एक ऐसा सिंगल विंडो सिस्टम है, जिसके जरिए नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए), सीबीआई, टैक्स अथॉरिटी जैसी सकरारी एजेंसियां सभी प्रकार के संचार माध्यमों को मॉनीटर कर सकेंगी। एजेंसियां टेलीकॉम कंपनियों से दरख्वास्त किए बिना सीधे तौर पर किसी के भी संचार माध्यमों को मॉनीटर कर सकेंगी।
सेंट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम (सीएमएस) के तहत सरकार ऐसा करने जा रही है।
डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम (डॉट) के सूत्रों का कहना है कि सीएमएस प्रोजेक्ट के लिए केंद्रीकृत डाटा सेंटर का इंफ्रास्ट्रक्चर जुलाई 2013 के अंत तक तैयार हो जाएगा। इसके बाद डाटा सेंटर के लिए अहम उपकरण लगाए जाएंगे।
यह डाटा सेंटर अक्तूबर 2013 तक शुरू होने की उम्मीद है। इस डाटा सेंटर के जरिए सरकार सभी प्रकार के कम्युनिकेशन नेटवर्क पर बिना टेलीकॉम ऑपरेटरों से कोई मदद लिए सीधे तौर पर निगरानी कर सकेगी।
सूत्रों ने बताया कि हाल ही में सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) ने इस संबंध में अपनी स्टेटस रिपोर्ट से संचार मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया है। इस बैठक में सी-डॉट ने बताया कि एनटीआरओ और सी-डॉट के बीच सेटेलाइट के इंटीग्रेशन को लेकर करार हो चुका है। सीएमएस प्रोजेक्ट के तहत एनटीआरओ भी काम कर रहा है।
सीबीआई को मिल सकती है सीएमएस सुविधा
सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान सीबीआई की दरख्वास्त के बारे में भी विस्तार से चर्चा हुई है। सीबीआई ने दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में कॉल आदि इंटरसेप्ट करने की सुविधा की मांग की थी। बैठक में तय हुआ है कि शुरुआती दौर में सीबीआई को दिल्ली में सीएमएस के जरिए यह सुविधा दी जाए। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से आगे विचार किया जा सकता है।
क्या है सीएमएस?
सीएमएस एक ऐसा सिंगल विंडो सिस्टम है, जिसके जरिए नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए), सीबीआई, टैक्स अथॉरिटी जैसी सकरारी एजेंसियां सभी प्रकार के संचार माध्यमों को मॉनीटर कर सकेंगी। एजेंसियां टेलीकॉम कंपनियों से दरख्वास्त किए बिना सीधे तौर पर किसी के भी संचार माध्यमों को मॉनीटर कर सकेंगी।
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