नई दिल्ली : नरेन्द्र मोदी नीत राजग सरकार यू.पी.ए. की योजनाओं के नाम हिंदुत्व के प्रतीक रहे नेताओं के नाम पर रखेगी। केन्द्र सरकार की योजनाओं से नेहरू-गांधी के नाम हटा दिए जाएंगे। इस स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने योजना आयोग को खत्म करने के साथ ही नेहरू युग की समाप्ति की शुरूआत की। अब मोदी के समक्ष यह काम है कि वह नेहरू काल के समय की नीतियों को खत्म करें और नेहरू-गांधी परिवार के आकार को कम करें। अगर सरकार के भीतरी सूत्रों पर विश्वास किया जाए तो राजग सरकार नेहरू-गांधी के नाम से जारी लगभग एक दर्जन केन्द्रीय योजनाओं को नया नाम देने जा रही है।
बाबुओं से कहा गया है कि वे हिंदुत्व के प्रतीक रहे नेताओं की सूची बनाएं जिनकी अब तक  उपेक्षा की जाती रही है। लगभग 16 योजनाएं राजीव गांधी के नाम पर चल रही हैं। 
 
सूत्रों के अनुसार उदाहरण के तौर पर राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का नाम अब दीनदयाल उपाध्याय देहाती विद्युतीकरण कार्यक्रम रखा जाएगा। जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीनीकरण मिशन का नाम अब श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर होगा।
 
राजीव गांधी राष्ट्रीय पेयजल योजना देहाती विकास मंत्रालय के तहत है। इंदिरा आवास योजना (देहाती क्षेत्र और पर्यावरण मंत्रालय के तहत जाएगा) इंदिरा गांधी राष्ट्रीय बुजुर्ग पैंशन योजना, कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए राजीव गांधी नैशनल क्रच योजना, राजीव गांधी उद्यमी मित्र योजना, जवाहर लाल नेहरू रोजगार योजना, (जो श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत आती है), राजीव गांधी श्रमिक कल्याण योजना, विश्व बैंक की मदद से जारी इंदिरा गांधी नहर परियोजना, कपड़ा मंत्रालय के तहत राजीव गांधी, शिल्प स्वास्थ्य बीमा योजना, इंदिरा विकास पत्र, राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम, राजीव गांधी पंचायत सशक्तिकरण अभियान, राजीव गांधी सशक्तिकरण योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पैंशन योजना, राजीव रत्न आवास योजना, (देहातियों के लिए आवास परियोजना)। 
 
सूत्रों के अनुसार राजग सरकार इंदिरा, नेहरू, राजीव के नाम से जारी योजनाओं के नाम आर.एस.एस. और भाजपा के विचारकों के नाम पर रखेगी जिनमें दीनदयाल उपाध्याय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, मदन मोहन मालवीय और समाज सुधारक जय प्रकाश नारायण शामिल हैं।