UPSC CSAT- PSC की प्रारंभिक परीक्षा संपन्न, हिंदी के अनुवाद पर फिर उठे सवाल :::: click on below link for download UPSC CSAT 2014 IAS / IFS civil services prelims exam answer key:
UPSC CSAT- PSC की प्रारंभिक परीक्षा संपन्न, हिंदी के अनुवाद पर फिर उठे सवाल
सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा रविवार को देश के कई परीक्षा केंद्रों पर संपन्न
हो गई. परीक्षा के फॉरमैट में बदलाव की मांग को लेकर यह विवादों में थी.
परीक्षा के बाद एक बार फिर कई छात्रों हिंदी के खराब अनुवाद की शिकायत की.
प्रारंभिक परीक्षा में दो-दो घंटे के दो प्रश्न पत्र होते हैं. आधिकारिक सूत्रों ने
बताया कि दोनों प्रश्नपत्रों की परीक्षा बिना किसी विरोध प्रदर्शन की सूचना के
संपन्न हो गई.
पहले प्रश्न पत्र की परीक्षा सुबह 9:30 बजे शुरू हुई थी जबकि दूसरे प्रश्नपत्र की परीक्षा दोपहर 2:30 बजे शुरू हुई. हालांकि कुछ छात्रों ने पहले प्रश्न पत्र में हिंदी अनुवाद में गलतियां होने की शिकायत की.
अनुवाद में गलती के संबंध में छात्रों के दावे पर न तो सरकार से और न ही संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से कोई टिप्पणी आई है. परीक्षा के लिए तकरीबन 9 लाख छात्रों ने आवेदन किया था.
हाल में परीक्षा के फॉरमैट को लेकर विवाद पैदा हो गया था क्योंकि हिंदी व अन्य भारतीय भाषा के छात्रों ने सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट (सीसैट) के पेपर को हटाने की मांग की थी और इसको लेकर उन्होंने सड़कों पर हिंसक आंदोलन भी किया था.
बाद में पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने संसद में कहा था कि दूसरे प्रश्न पत्र में पूछे गए अंग्रेजी के खंड के सवालों के अंक सिविल सेवा परीक्षा की मेरिट तैयार करने के लिए नहीं जोड़े जाएंगे.
UPSC CSAT- PSC की प्रारंभिक परीक्षा संपन्न, हिंदी के अनुवाद पर फिर उठे सवाल
नई दिल्ली, 25 अगस्त 2014
पहले प्रश्न पत्र की परीक्षा सुबह 9:30 बजे शुरू हुई थी जबकि दूसरे प्रश्नपत्र की परीक्षा दोपहर 2:30 बजे शुरू हुई. हालांकि कुछ छात्रों ने पहले प्रश्न पत्र में हिंदी अनुवाद में गलतियां होने की शिकायत की.
अनुवाद में गलती के संबंध में छात्रों के दावे पर न तो सरकार से और न ही संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से कोई टिप्पणी आई है. परीक्षा के लिए तकरीबन 9 लाख छात्रों ने आवेदन किया था.
हाल में परीक्षा के फॉरमैट को लेकर विवाद पैदा हो गया था क्योंकि हिंदी व अन्य भारतीय भाषा के छात्रों ने सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट (सीसैट) के पेपर को हटाने की मांग की थी और इसको लेकर उन्होंने सड़कों पर हिंसक आंदोलन भी किया था.
बाद में पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने संसद में कहा था कि दूसरे प्रश्न पत्र में पूछे गए अंग्रेजी के खंड के सवालों के अंक सिविल सेवा परीक्षा की मेरिट तैयार करने के लिए नहीं जोड़े जाएंगे.
यूपीएससी प्री परीक्षा के सही जवाब यहां देखें
सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा सामान्य अध्ययन के सवालों के जवाब पीडीएफ
सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा सी सैट के सवालों के जवाब पीडीएफ
इस बार सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के सी-सैट के प्रश्न पत्र ने परीक्षार्थियों को चौंकाया। इस प्रश्न पत्र में निर्णय-निर्माण पर आधारित कोई सवाल ही नहीं था जबकि पिछले साल सी-सैट प्रश्न पत्र में इससे संबंधित 6 सवाल (15 अंक) थे। इन सवालों को हल करने में कोई जोखिम नहीं होता क्योंकि इनके गलत उत्तर पर कोई अंक नहीं कटता था। इसके अलावा इनके सही जवाब देने पर पूरे अंक मिलते थे। इन प्रश्नों के न होने के कारण प्रश्न पत्र निश्चित रूप से थोड़ा कठिन था। वहीं दूसरी ओर सी-सैट की अपेक्षा पहला सामान्य अध्ययन का प्रश्न पत्र पिछली साल की अपेक्षा सरल था।
पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष के सी-सैट प्रश्न पत्र में दिए गए सवाल लंबे भी थे। साथ ही कई सवाल स्पष्ट भी नहीं थे। अधिकतर सवालों को हल करने के लिए निष्कर्ष और तर्क की आवश्यकता थी। पिछले साल तुलना में इस वर्ष मात्रात्मक अभियोग्यता और तार्किक योग्यता पर आधारित प्रश्न अधिक कठिन थे। दिए गए विकल्प पेचीदा थे। इससे भी सवालों को हल करने में अधिक समय लगा। शाब्दिक योग्यता संभाग भी मुश्किल था। प्रश्नपत्र में बोधगम्यता पर आधारित 26 प्रश्न थे। इस वर्ष बोधगम्यता पर आधारित कुछ प्रश्न तथ्य आधारित थे। इनमें से अधिकतर प्रश्न निष्कर्षात्मक प्रकार के थे। तार्किक योग्यता के प्रश्न कठिन थे। इस बार सीधे सवाल नहीं पूछे गए।
ज्यादातर प्रश्नों को हल करने के लिए अभ्यर्थियों को अवधारणाओं की सहायता लेनी पड़ी। प्रश्न पत्र के दो सवालों में गलतियां थीं। इस वजह से भी अभ्यर्थियों को परेशानी हुई। कुल मिलाकर सी-सैट का प्रश्न पत्र अधिक कठिन था। इसके चलते सामान्य श्रेणी के लिए कट ऑफ मेरिट 210-220, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 190-20, अनुसूचित जाति के लिए 185-195 तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 180-190 अंक होगी।
पहला प्रश्न पत्र था सरल
पिछले वर्ष की अपेक्षा सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र सरल था। एक तिहाई सवाल भूगोल तथा पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण विषय पर आधारित थे। इस वर्ष के प्रश्न पत्र में एक बड़ा अंतर यह रहा कि अर्थव्यवस्था से मात्र 6 सवाल ही पूछे गए थे जबकि इससे 15-20 प्रश्न पूछे जाते थे। इसी तरह आधुनिक इतिहास से इस बार केवल चार सवाल ही आए। विज्ञान विशेष रूप से जीव विज्ञान, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण से अवधारणात्मक प्रश्न पूछे गए थे। पिछले तीन वर्षों के दौरान कला और संस्कृति विषय से पूछे जाने वाले प्रश्नों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। ऐसा इस बार भी हुआ और इस विषय से 13 प्रश्न पूछे गए। प्रश्नों के कठिनाई का स्तर औसत से कठिन था। इस बार तथ्यों पर आधारित प्रश्न अधिक संख्या में पूछे गए, जिससे प्राथमिक पुस्तकों, विशेषकर कक्षा 6 तथा उससे ऊपर की कक्षाओं की एनसीईआरटी की पुस्तकों के समग्र अध्ययन के महत्व को फिर से बल मिला। इस प्रश्नपत्र में 100 से 110 के बीच का स्कोर एक अच्छा प्रयास माना जाएगा।
4.5 लाख परीक्षार्थी हुए शामिल
रविवार को हुई सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा में 4,51602 लाख परीक्षार्थी बैठे। यह संख्या पिछले साल शामिल हुए परीक्षार्थियों से 1.27 लाख अधिक है। 9,44,926 परीक्षार्थियों ने आवेदन किया था, जिसमें से 6,80,455 ने अपने प्रवेश पत्र डाउनलोड किए थे।
इस बार 14 नए केंद्र बनाए गए थे
वाराणसी, नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव, ग्वालियर और जबलपुर समेत इस बार 14 नए केंद्र बनाए गए थे। परीक्षा देश के 59 शहरों में 2137 केंद्रों पर संपन्न हुई। दिल्ली में ही अकेले 222 केंद्रों पर परीक्षा संपन्न हुई। परीक्षा दो सत्रों पहला पेपर सुबह 9:30 बजे से और दूसरा 2:30 बजे से हुआ।
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सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा सी सैट के सवालों के जवाब पीडीएफ
इस बार सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के सी-सैट के प्रश्न पत्र ने परीक्षार्थियों को चौंकाया। इस प्रश्न पत्र में निर्णय-निर्माण पर आधारित कोई सवाल ही नहीं था जबकि पिछले साल सी-सैट प्रश्न पत्र में इससे संबंधित 6 सवाल (15 अंक) थे। इन सवालों को हल करने में कोई जोखिम नहीं होता क्योंकि इनके गलत उत्तर पर कोई अंक नहीं कटता था। इसके अलावा इनके सही जवाब देने पर पूरे अंक मिलते थे। इन प्रश्नों के न होने के कारण प्रश्न पत्र निश्चित रूप से थोड़ा कठिन था। वहीं दूसरी ओर सी-सैट की अपेक्षा पहला सामान्य अध्ययन का प्रश्न पत्र पिछली साल की अपेक्षा सरल था।
पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष के सी-सैट प्रश्न पत्र में दिए गए सवाल लंबे भी थे। साथ ही कई सवाल स्पष्ट भी नहीं थे। अधिकतर सवालों को हल करने के लिए निष्कर्ष और तर्क की आवश्यकता थी। पिछले साल तुलना में इस वर्ष मात्रात्मक अभियोग्यता और तार्किक योग्यता पर आधारित प्रश्न अधिक कठिन थे। दिए गए विकल्प पेचीदा थे। इससे भी सवालों को हल करने में अधिक समय लगा। शाब्दिक योग्यता संभाग भी मुश्किल था। प्रश्नपत्र में बोधगम्यता पर आधारित 26 प्रश्न थे। इस वर्ष बोधगम्यता पर आधारित कुछ प्रश्न तथ्य आधारित थे। इनमें से अधिकतर प्रश्न निष्कर्षात्मक प्रकार के थे। तार्किक योग्यता के प्रश्न कठिन थे। इस बार सीधे सवाल नहीं पूछे गए।
ज्यादातर प्रश्नों को हल करने के लिए अभ्यर्थियों को अवधारणाओं की सहायता लेनी पड़ी। प्रश्न पत्र के दो सवालों में गलतियां थीं। इस वजह से भी अभ्यर्थियों को परेशानी हुई। कुल मिलाकर सी-सैट का प्रश्न पत्र अधिक कठिन था। इसके चलते सामान्य श्रेणी के लिए कट ऑफ मेरिट 210-220, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 190-20, अनुसूचित जाति के लिए 185-195 तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 180-190 अंक होगी।
पहला प्रश्न पत्र था सरल
पिछले वर्ष की अपेक्षा सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र सरल था। एक तिहाई सवाल भूगोल तथा पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण विषय पर आधारित थे। इस वर्ष के प्रश्न पत्र में एक बड़ा अंतर यह रहा कि अर्थव्यवस्था से मात्र 6 सवाल ही पूछे गए थे जबकि इससे 15-20 प्रश्न पूछे जाते थे। इसी तरह आधुनिक इतिहास से इस बार केवल चार सवाल ही आए। विज्ञान विशेष रूप से जीव विज्ञान, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण से अवधारणात्मक प्रश्न पूछे गए थे। पिछले तीन वर्षों के दौरान कला और संस्कृति विषय से पूछे जाने वाले प्रश्नों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। ऐसा इस बार भी हुआ और इस विषय से 13 प्रश्न पूछे गए। प्रश्नों के कठिनाई का स्तर औसत से कठिन था। इस बार तथ्यों पर आधारित प्रश्न अधिक संख्या में पूछे गए, जिससे प्राथमिक पुस्तकों, विशेषकर कक्षा 6 तथा उससे ऊपर की कक्षाओं की एनसीईआरटी की पुस्तकों के समग्र अध्ययन के महत्व को फिर से बल मिला। इस प्रश्नपत्र में 100 से 110 के बीच का स्कोर एक अच्छा प्रयास माना जाएगा।
4.5 लाख परीक्षार्थी हुए शामिल
रविवार को हुई सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा में 4,51602 लाख परीक्षार्थी बैठे। यह संख्या पिछले साल शामिल हुए परीक्षार्थियों से 1.27 लाख अधिक है। 9,44,926 परीक्षार्थियों ने आवेदन किया था, जिसमें से 6,80,455 ने अपने प्रवेश पत्र डाउनलोड किए थे।
इस बार 14 नए केंद्र बनाए गए थे
वाराणसी, नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव, ग्वालियर और जबलपुर समेत इस बार 14 नए केंद्र बनाए गए थे। परीक्षा देश के 59 शहरों में 2137 केंद्रों पर संपन्न हुई। दिल्ली में ही अकेले 222 केंद्रों पर परीक्षा संपन्न हुई। परीक्षा दो सत्रों पहला पेपर सुबह 9:30 बजे से और दूसरा 2:30 बजे से हुआ।
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