UTTARAKHAND FLOOD 2014:
उत्तराखंड में बांध टूटा, दर्जनों गांव डूबे :::: Lohiahead dam ligament broken in khatima
उत्तराखंड में अभी भी नदियों का कहर जारी है। बारिश होती नहीं कि प्रदेश की नदियां अपना विकराल रूप दिखा देती हैं।
एक कर्मी की मौत
उत्तराखंड के लोहिया हेड बांध में खटीमा से अधिक पानी छोड़े जाने से बांध का बंध टूट गया है। शनिवार को देर रात लगभग एक बजे हुई इस घटना में एक कर्मी की मौत होने की खबर है।
इसके साथ ही बंध टूटने से आसपास के कई गांवों में तबाही मच गई है। पानी के बहाव के कारण कई मकान टूट गए हैं और कई मवेशी बह गए हैं। प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच चुके हैं। राहत बचाव कार्य जारी है। प्रशासन का कहना है कि इस घटना के कारणों की जांच की जाएगी।
शनिवार रात पौने दो बजे मशीन ट्रिप होने के बाद यूपी सिंचाई विभाग को नहर का पानी कम करने को कहा था जबकि यूपी सिंचाई विभाग का कहना है कि ग्रामीणों और पावर हाउस ने पौने तीन बजे सूचना दी।
- डीजीएम, लोहिया हेड पावर हाउस
एक कर्मी की मौत
उत्तराखंड के लोहिया हेड बांध में खटीमा से अधिक पानी छोड़े जाने से बांध का बंध टूट गया है। शनिवार को देर रात लगभग एक बजे हुई इस घटना में एक कर्मी की मौत होने की खबर है।
इसके साथ ही बंध टूटने से आसपास के कई गांवों में तबाही मच गई है। पानी के बहाव के कारण कई मकान टूट गए हैं और कई मवेशी बह गए हैं। प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच चुके हैं। राहत बचाव कार्य जारी है। प्रशासन का कहना है कि इस घटना के कारणों की जांच की जाएगी।
शनिवार रात पौने दो बजे मशीन ट्रिप होने के बाद यूपी सिंचाई विभाग को नहर का पानी कम करने को कहा था जबकि यूपी सिंचाई विभाग का कहना है कि ग्रामीणों और पावर हाउस ने पौने तीन बजे सूचना दी।
- डीजीएम, लोहिया हेड पावर हाउस
आपदा पुनर्निर्माण कार्यों पर लगा बजट का ग्रहण
उत्तरकाशी में बरसात के बाद अब मौसम अनुकूल होने पर
भी आपदा पुनर्निर्माण मद के तहत आधे-अधूरे बाढ़ सुरक्षा कार्यों के पूरे
होने के आसार नहीं लग रहे हैं।
पहले से ही दस करोड़ की देनदारी के बोझ से दबे सिंचाई विभाग को अभी तक इस मद में शेष बचे कार्यों के लिए बजट नहीं मिल पाया। ऐसे में ठेकेदार काम करने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।
यदि सुरक्षा कार्य समय पर पूरे नहीं हुए तो आबादी क्षेत्र पर अगले साल भी बाढ़ का खतरा बना रहेगा। पिछले दो सालों की बाढ़ से उत्तरकाशी नगर के साथ भागीरथी के तटवर्ती गांव एवं कस्बे खतरे की जद में हैं। इन क्षेत्रों में एक साल से आपदा पुनर्निर्माण कार्य चल रहे हैं, जो पिछले डेढ़ माह से भागीरथी का जलस्तर बढ़ने से बंद पड़े हुए हैं।
अब मौसम अनुकूल होने लगा है। नदी का जल स्तर घटने से अगले कुछ दिनों से काम शुरू किए जा सकते हैं लेकिन सिंचाई विभाग को इन कार्यों को पूरा करवाने के लिए बजट नहीं मिल पा रहा है। विभाग पर पहले से ही ठेकेदारों की दस करोड़ की देनदारी है।
ऐसे में शेष बचे कार्यों के लिए बजट न मिलने से ठेकेदार काम करने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। भुगतान के लिए ठेकेदार पूर्व में आंदोलन भी कर चुके हैं।
सरकार के इस उदासीन रवैया का खामियाजा तटवर्ती क्षेत्र के लोगों को भुगतना पड़ेगा। यहां यदि समय पर बाढ़ सुरक्षा कार्य शुरू नहीं हुए तो अगले साल भी बाढ़ का खतरा बना रहेगा।
AFTER THREE UNSUCCESSFUL ATTEMPT AT LAST IT HAPPEN ...... REASON OF LOOSE LEADERSHIP OF POWER HOUSE THIS BIG FLOOD COME OUT... GOVERNMENT NEED TO TAKE ACTION ON IT IMMEDIATELY WITHOUT TAKING ANY MORE TIME..... THEY NEED TO TAKE ACTION ON HIGHER TO FLOOR LEVEL EMPLOYEE OF UJVNL...
पहले से ही दस करोड़ की देनदारी के बोझ से दबे सिंचाई विभाग को अभी तक इस मद में शेष बचे कार्यों के लिए बजट नहीं मिल पाया। ऐसे में ठेकेदार काम करने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।
यदि सुरक्षा कार्य समय पर पूरे नहीं हुए तो आबादी क्षेत्र पर अगले साल भी बाढ़ का खतरा बना रहेगा। पिछले दो सालों की बाढ़ से उत्तरकाशी नगर के साथ भागीरथी के तटवर्ती गांव एवं कस्बे खतरे की जद में हैं। इन क्षेत्रों में एक साल से आपदा पुनर्निर्माण कार्य चल रहे हैं, जो पिछले डेढ़ माह से भागीरथी का जलस्तर बढ़ने से बंद पड़े हुए हैं।
अब मौसम अनुकूल होने लगा है। नदी का जल स्तर घटने से अगले कुछ दिनों से काम शुरू किए जा सकते हैं लेकिन सिंचाई विभाग को इन कार्यों को पूरा करवाने के लिए बजट नहीं मिल पा रहा है। विभाग पर पहले से ही ठेकेदारों की दस करोड़ की देनदारी है।
ऐसे में शेष बचे कार्यों के लिए बजट न मिलने से ठेकेदार काम करने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। भुगतान के लिए ठेकेदार पूर्व में आंदोलन भी कर चुके हैं।
सरकार के इस उदासीन रवैया का खामियाजा तटवर्ती क्षेत्र के लोगों को भुगतना पड़ेगा। यहां यदि समय पर बाढ़ सुरक्षा कार्य शुरू नहीं हुए तो अगले साल भी बाढ़ का खतरा बना रहेगा।
One dies in mishap
One person was killed when the channel wall of a 41.4
MW power house got damaged after water was released from the Banbasa
Barrage in Khatima region of Udham Singh Nagar district on Sunday.
Water
from the channel flooded the nearby villages and the Lohia Head power
station colony in Khatima, Udham Singh Nagar District Magistrate Pankaj
Pandey said. “Many houses in the project’s colony got damaged and water
started seeping into the houses in nearby villages,” he said.
The deceased was identified as 60-year-old Saadi Lal.
SSP Ridhim Aggarwal said around 10 houses were damaged. Chief Minister Harish Rawat ordered a probe into the incident.
AFTER THREE UNSUCCESSFUL ATTEMPT AT LAST IT HAPPEN ...... REASON OF LOOSE LEADERSHIP OF POWER HOUSE THIS BIG FLOOD COME OUT... GOVERNMENT NEED TO TAKE ACTION ON IT IMMEDIATELY WITHOUT TAKING ANY MORE TIME..... THEY NEED TO TAKE ACTION ON HIGHER TO FLOOR LEVEL EMPLOYEE OF UJVNL...
दुर्घटना
स्थल: आज सुबह खटीमा के लोहियाहेड नदी में अचानक आयी बाढ़ से हुई इस
दुर्घटना से पास में रहने वाले लोगो के घर मकान, पशु आदि का बहुत नुकसान
हुआ है !
उत्तराखंड में बांध टूटा, दर्जनों गांव डूबे
एक दीवार टूटने से लोहियाहेड आवासीय कालोनी में और दूसरी दीवार टूटने से पानी ने चौड़ापानी गांव में भारी तबाही मचा दी। इसमें जल विद्युत परियोजना के एक विकलांग कर्मचारी की मौत हो गई। पांच घर बह गए और 58 मकानों को नुकसान पहुंचा है।
इस तबाही में दर्जनों पशु बह गए हैं और फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। चार सड़कें, बिजली के पोल, पावर हाउस के करीब आधा दर्जन ट्रांसफार्मर और डीजल के कई ड्रम भी बह गए।
बताया जाता है कि जल विद्युत परियोजना में मशीन ट्रिप होने से नहर में पानी का दबाव बना था। डीएम पंकज पांडेय ने रविवार दोपहर घटनास्थल का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। सीएम हरीश रावत के प्रतिनिधि चंपावत के विधायक हेमेश खर्कवाल ने भी मौके का जायजा लिया। एसएसबी के जवान भी मौके पर पहुंच गए।
लोहियाहेड जल विद्युत परियोजना में शनिवार रात करीब एक बजे मशीन
ट्रिप कर गई। इसके बाद परियोजना के कर्मचारियों ने शारदा नहर के पानी को
बाइपास निकालने के लिए लगे तीन डिफ्यूजरों को खोलने का प्रयास किया मगर ये
नहीं खुले। पानी ओवरफ्लो होने लगा।
विद्युत परियोजना के डीजीएम एके सिंह के अनुसार उन्होंने इसकी सूचना बनबसा स्थित यूपी के सिंचाई विभाग कार्यालय को दी। उन्होंने यूपी के सिंचाई विभाग से पानी की सप्लाई कम करने को कहा मगर पानी कम नहीं किया गया। इसके बाद करीब ढाई बजे नहर ओवरफ्लो हो गई और पानी का दबाव बढ़ने पर सुरक्षा दीवार दो जगहों पर टूट गई। वहां से निकले पानी ने भारी तबाही मचा दी।
पानी के बहाव में विकलांग कर्मचारी शादी लाल बह गया। उसका शव सौ मीटर दूरी से बरामद हुआ। कई परिवारों ने छतों में बैठकर जान बचाई। सरस्वती शिशु मंदिर सहित घरों में कई फीट मलबा भर गया है। नहर टूटने से लाखों की निजी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है।
विद्युत परियोजना के डीजीएम एके सिंह के अनुसार उन्होंने इसकी सूचना बनबसा स्थित यूपी के सिंचाई विभाग कार्यालय को दी। उन्होंने यूपी के सिंचाई विभाग से पानी की सप्लाई कम करने को कहा मगर पानी कम नहीं किया गया। इसके बाद करीब ढाई बजे नहर ओवरफ्लो हो गई और पानी का दबाव बढ़ने पर सुरक्षा दीवार दो जगहों पर टूट गई। वहां से निकले पानी ने भारी तबाही मचा दी।
पानी के बहाव में विकलांग कर्मचारी शादी लाल बह गया। उसका शव सौ मीटर दूरी से बरामद हुआ। कई परिवारों ने छतों में बैठकर जान बचाई। सरस्वती शिशु मंदिर सहित घरों में कई फीट मलबा भर गया है। नहर टूटने से लाखों की निजी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है।
शनिवार रात, कब क्या हुआ
12.50 - लोहियाहेड पावर हाउस की मशीन ट्रिप हुई
01.45 - बनबसा सिंचाई विभाग को पानी बंद करने को कहा गया।
02.15 - बजे शारदा नहर की दीवार ओवरफ्लो हुई।
02.30 - बजे पानी की विभीषिका बढ़ी।
02.48 - बजे बनबसा से शारदा नहर में पानी का बहाव रोका गया
01.45 - बनबसा सिंचाई विभाग को पानी बंद करने को कहा गया।
02.15 - बजे शारदा नहर की दीवार ओवरफ्लो हुई।
02.30 - बजे पानी की विभीषिका बढ़ी।
02.48 - बजे बनबसा से शारदा नहर में पानी का बहाव रोका गया
03.00 - बजे से नहर का पानी घटने लगा।
04.00 - बजे नहर में पानी आना बंद हुआ।
इनका है कहना
‘लोहिया पावर हाउस की टरबाइन ठीक करने में लंबा समय लगेगा। तब तक शारदा नहर में पानी की सप्लाई सुचारु करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। इसमें तीन से चार दिन लगेंगे।’
-दीपक यादव, शारदा नहर खंड के अधिशासी अभियंता
04.00 - बजे नहर में पानी आना बंद हुआ।
इनका है कहना
‘लोहिया पावर हाउस की टरबाइन ठीक करने में लंबा समय लगेगा। तब तक शारदा नहर में पानी की सप्लाई सुचारु करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। इसमें तीन से चार दिन लगेंगे।’
-दीपक यादव, शारदा नहर खंड के अधिशासी अभियंता
सीएम ने दिए जांच के आदेश
देहरादून। राज्य सरकार ने खटीमा (कुमाऊं) के
लोहिया हेड पावर हाउस के पास नहर का तटबंध टूटने की घटना के जांच के आदेश
दिए हैं। प्रदेश के सभी हाइड्रो पावर प्लांट का सेफ्टी ऑडिट करवाने को भी
कहा गया है।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रविवार को हुए हादसे के बाद उत्तर प्रदेश के सिंचाई मंत्री शिवपाल यादव से फोन पर वार्ता कर सहयोग मांगा है।
मुख्यमंत्री ने लोहिया हेड बांध का तटबंध टूटने से हुई जानमाल की हानि पर ऊर्जा व सिंचाई विभाग के अफसरों की बैठक बुलाई। कहा कि घटना की जांच की जाए कि कहां समन्वय की कमी रही। बताया गया कि जांच ऊर्जा सचिव करेंगे।
घटना में एक श्रमिक की मौत पर सीएम ने दुख व्यक्त किया और मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से मृतक के परिजनों को एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने यूपी के सिंचाई मंत्री से इन मामलों का दीर्घकालीन हल निकालने में सहयोग करने का अनुरोध किया। सीएम ने सचिव सिंचाई को भी यूपी के अफसरों से बात करने का आदेश दिया।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रविवार को हुए हादसे के बाद उत्तर प्रदेश के सिंचाई मंत्री शिवपाल यादव से फोन पर वार्ता कर सहयोग मांगा है।
मुख्यमंत्री ने लोहिया हेड बांध का तटबंध टूटने से हुई जानमाल की हानि पर ऊर्जा व सिंचाई विभाग के अफसरों की बैठक बुलाई। कहा कि घटना की जांच की जाए कि कहां समन्वय की कमी रही। बताया गया कि जांच ऊर्जा सचिव करेंगे।
घटना में एक श्रमिक की मौत पर सीएम ने दुख व्यक्त किया और मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से मृतक के परिजनों को एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने यूपी के सिंचाई मंत्री से इन मामलों का दीर्घकालीन हल निकालने में सहयोग करने का अनुरोध किया। सीएम ने सचिव सिंचाई को भी यूपी के अफसरों से बात करने का आदेश दिया।
Tags» rain , flood , weather , dehradun news , uttarakhand news , river , dam , lohia head dam , khatima
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