Uttarakhand-Waiting For 9th CM!!!--> हरीश सरकार के ऊपर खतरा,कभी भी बगावत कर सकते हैं कांग्रेस (सतपाल महाराज और विजय बहुगुणा गुट) के एक दर्जन विधायक
देहरादून:सियासी हलचल, हरीश सरकार की स्थिरता को लेकर अटकलें
कांग्रेस के प्याले में फिर तूफान, हरीश सरकार की स्थिरता को लेकर अटकलें
देहरादून:हरीश सरकार के ऊपर खतरा मंडरा रहा है। मुख्यमंत्री हरीश रावत खुद मान रहे हैं कि उनकी सरकार को गिराने के प्रयास हो रहे हैं। यहां तक कहा जा रहा है कि भाजपा ने सरकार गिराने की जिम्मेदारी एक उद्योगपति को सौंपी है और कांग्रेस के एक दर्जन विधायक भाजपा में शामिल होने या फिर भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने को तैयार हैं। हालांकि, अभी कोई भी विधायक इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भी ऐसी किसी संभावना से इंकार नहीं कर रहे हैं। दूसरी ओर, शैलारानी रावत, मयूख महर और अब नारायण राम आर्य ने अपनी ही सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाकर सियासी हलचल बढ़ा दी है। देहरादून से लेकर दिल्ली तक हरीश सरकार की स्थिरता को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। -
बगावत कर सकते हैं कांग्रेस के एक दर्जन विधायक
कांग्रेस के लगभग एक दर्जन विधायक मुख्यमंत्री हरीश रावत से नाराज बताये जा रहे हैं। सतपाल महाराज और विजय बहुगुणा गुट के ये विधायक मंत्रिमण्डल में शामिल न किये जाने से नाराज हैं। सूत्रों के मुताबिक बहुगुणा गुट के लगभ ग 9 विधायक आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। हाल ही में सतपाल महाराज गुट के 3 विधायकों का समर्थन मिलने से असंतुष्ट विधायकों की ताकत में इजाफा हुआ है। खबर है कि असंतुष्ट गुट का नेतृत्व एक कैबिनेट मंत्री कर रहे हैं। हाल ही में वे सीएम हरीश रावत के निर्णयों के खिलाफ एक के बाद एक बयान जारी कर अपने इरादे जाहिर कर चुके हैं।
आर्य की दिल्ली में मौजूदगी चर्चा में
कैबिनेट मंत्री व कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्य पिछले दो दिनों से दिल्ली में मौजूद हैं। उनकी दिल्ली में मौजूदगी को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं। कहा जा रहा है कि कांग्रेस के एक दर्जन विधायकों के बागी होने की संभावना के चलते कांग्रेस के बड़े नेताओं ने आर्य को दिल्ली बुलाया है ताकि वे सही स्थिति से उनको अवगत करा सकें और पार्टी हाईकमान समय रहते डैमेज कंट्रोल कर सके।
एक और विधायक ने खोला मोर्चा
सीएम हरीश रावत अपने विधायकों की बयानबाजी से परेशान हैं। पहले केदारनाथ की विधायक शैलारानी रावत फिर मयूख महर और अब गंगोलीहाट के विधायक नारायण राम आर्य ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विधायक आर्य ने मयूख महर के सुर में सुर मिलाते हुये कहा कि ”विधायकों को अपने विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्य न होने की चिंता है। अपने क्षेत्र के विकास के लिये मैं मयूख कहर कि साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष करूंगा। जरूरत पड़ी तो दो अक्टूबर से अपनी मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठ जाऊंगा”।
किशोर ने साधा भाजपा पर निशाना
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय का कहना है कि भाजपा लगातार राज्य सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है। भाजपा के बड़े नेता सरकार गिराने का षड़यंत्र रच रहे हैं। हालांकि, उन्होंने इस बात से इंकार किया कि कांग्रेस के विधायक बगावती तेवर अपना सकते हैं। उन्होंने कहा कि हरीश सरकार राज्य का चहूमुखी विकास कर रही है। पार्टी के सारे विधायक एकजुट हैं। भाजपा अपने मनसूबे में कामयाब नहीं हो पा रही है इसलिये वो कांग्रेस में फूट को लेकर तरह-तरह की अफवाहें फैला रही है।
देहरादून:हरीश सरकार के ऊपर खतरा मंडरा रहा है। मुख्यमंत्री हरीश रावत खुद मान रहे हैं कि उनकी सरकार को गिराने के प्रयास हो रहे हैं। यहां तक कहा जा रहा है कि भाजपा ने सरकार गिराने की जिम्मेदारी एक उद्योगपति को सौंपी है और कांग्रेस के एक दर्जन विधायक भाजपा में शामिल होने या फिर भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने को तैयार हैं। हालांकि, अभी कोई भी विधायक इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भी ऐसी किसी संभावना से इंकार नहीं कर रहे हैं। दूसरी ओर, शैलारानी रावत, मयूख महर और अब नारायण राम आर्य ने अपनी ही सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाकर सियासी हलचल बढ़ा दी है। देहरादून से लेकर दिल्ली तक हरीश सरकार की स्थिरता को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। -
बगावत कर सकते हैं कांग्रेस के एक दर्जन विधायक
कांग्रेस के लगभग एक दर्जन विधायक मुख्यमंत्री हरीश रावत से नाराज बताये जा रहे हैं। सतपाल महाराज और विजय बहुगुणा गुट के ये विधायक मंत्रिमण्डल में शामिल न किये जाने से नाराज हैं। सूत्रों के मुताबिक बहुगुणा गुट के लगभ ग 9 विधायक आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। हाल ही में सतपाल महाराज गुट के 3 विधायकों का समर्थन मिलने से असंतुष्ट विधायकों की ताकत में इजाफा हुआ है। खबर है कि असंतुष्ट गुट का नेतृत्व एक कैबिनेट मंत्री कर रहे हैं। हाल ही में वे सीएम हरीश रावत के निर्णयों के खिलाफ एक के बाद एक बयान जारी कर अपने इरादे जाहिर कर चुके हैं।
आर्य की दिल्ली में मौजूदगी चर्चा में
कैबिनेट मंत्री व कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्य पिछले दो दिनों से दिल्ली में मौजूद हैं। उनकी दिल्ली में मौजूदगी को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं। कहा जा रहा है कि कांग्रेस के एक दर्जन विधायकों के बागी होने की संभावना के चलते कांग्रेस के बड़े नेताओं ने आर्य को दिल्ली बुलाया है ताकि वे सही स्थिति से उनको अवगत करा सकें और पार्टी हाईकमान समय रहते डैमेज कंट्रोल कर सके।
एक और विधायक ने खोला मोर्चा
सीएम हरीश रावत अपने विधायकों की बयानबाजी से परेशान हैं। पहले केदारनाथ की विधायक शैलारानी रावत फिर मयूख महर और अब गंगोलीहाट के विधायक नारायण राम आर्य ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विधायक आर्य ने मयूख महर के सुर में सुर मिलाते हुये कहा कि ”विधायकों को अपने विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्य न होने की चिंता है। अपने क्षेत्र के विकास के लिये मैं मयूख कहर कि साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष करूंगा। जरूरत पड़ी तो दो अक्टूबर से अपनी मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठ जाऊंगा”।
किशोर ने साधा भाजपा पर निशाना
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय का कहना है कि भाजपा लगातार राज्य सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है। भाजपा के बड़े नेता सरकार गिराने का षड़यंत्र रच रहे हैं। हालांकि, उन्होंने इस बात से इंकार किया कि कांग्रेस के विधायक बगावती तेवर अपना सकते हैं। उन्होंने कहा कि हरीश सरकार राज्य का चहूमुखी विकास कर रही है। पार्टी के सारे विधायक एकजुट हैं। भाजपा अपने मनसूबे में कामयाब नहीं हो पा रही है इसलिये वो कांग्रेस में फूट को लेकर तरह-तरह की अफवाहें फैला रही है।
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