Saturday, 6 September 2014

शिक्षक दिवस के मौके पर पूरे देश के बच्चों से प्रधानमंत्री मोदी ने सीधा संवाद किया। इसके लिए स्कूलों में खास तैयारियां की गई ताकि मोदी के संदेश का प्रसारण किया जा सके ......"लेकिन एक ऐसा स्कूल भी है जहां जान बचाने के लिए क्लास में हेलमेट पहन पढ़ते हैं"

शिक्षक दिवस के मौके पर पूरे देश के बच्चों से प्रधानमंत्री मोदी ने सीधा संवाद किया। इसके लिए स्कूलों में खास तैयारियां की गई ताकि मोदी के संदेश का प्रसारण किया जा सके

......"लेकिन एक ऐसा स्कूल भी है जहां जान बचाने के लिए क्लास में हेलमेट पहन पढ़ते हैं"

 Sep 06, 2014 at 10:45am

देहरादून। शुक्रवार को शिक्षक दिवस के मौके पर पूरे देश के बच्चों से प्रधानमंत्री मोदी ने सीधा संवाद किया। इसके लिए स्कूलों में खास तैयारियां की गई ताकि मोदी के संदेश का प्रसारण किया जा सके। लेकिन एक ऐसा स्कूल भी है जहां बच्चे हेलमेट पहन कर आते हैं।
दरअसल जिस स्कूल में ये पढ़ते हैं उसकी इमारत इतनी जर्जर हो चुकी है कि छतों से प्लास्टर टूट टूटकर गिरता है। अब पढ़ाई तो जरूरी है और सिर पर चोट लगने से बचाना भी। पहले भी इस स्कूल में कई बच्चे छतों से प्लास्टर गिरने से लगी चोट से घायल हो चुके हैं। तो बच्चों के माता-पिता ने विरोध दिखाते हुए अपने बच्चों को हेलमेट के साथ स्कूल भेजना शुरू कर दिया।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से सिर्फ 25 किलोमीटर दूर दूधली गांव में है ये स्कूल। इस स्कूल की एक नई इमारत भी है, लेकिन बच्चे इतने ज्यादा हैं कि पुरानी इमारत में भी बच्चों को पढ़ाना पढ़ता है। चोट का डर तो है ही इस स्कूल में न तो पीने का पानी है और न ही शौचालय।
यहां पढ़ाने वाले अध्यापक कई बार अधिकारियों से यहां के बदतर हालात बदलने के लिए गुहार लगा चुके हैं लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। कोई सुनवाई न होने पर बच्चों ने विरोध का ये अनोखा तरीका निकाला। हेलमेट लेकर स्कूल आने लगे। क्लास में हेलमेट पहन कर बैठने लगे। इस उम्मीद में कि शायद इस कदम से ही उनके स्कूल की दुर्दशा सुधारने के लिए कोई पहल हो।

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