Saturday, 31 January 2015

अन्ना: आंदोलन फिर लेकिन 'अवसरवादी' नहीं,कुछ पूंजीपतियों को छोड़कर किसी के अच्छे दिन नहीं आए

अन्ना: आंदोलन फिर लेकिन 'अवसरवादी' नहीं,कुछ पूंजीपतियों को छोड़कर किसी के अच्छे दिन नहीं आए

31 JAN 15
अन्ना हज़ारे
जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हज़ारे ने भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आंदोलन छेड़ने के लिए नई टीम गठित करने का फ़ैसला किया है.
हज़ारे ने एक ब्लॉग में कहा कि लोकपाल के लिए फिर से आंदोलन छेड़ने की रूपरेखा तैयार हो रही है.
उन्होंने अपने पूर्व सहयोगियों अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी का सीधे तौर पर नाम लिए बग़ैर कहा कि इस बार अवसरवादी लोगों को जगह नहीं मिलेगी.
हज़ारे ने भ्रष्टाचार के मसले पर मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि इस सरकार ने अच्छे दिन लाने का वादा किया था लेकिन कुछ पूंजीपतियों को छोड़कर किसी के अच्छे दिन नहीं आए हैं.

आंदोलन ज़रूरी

अन्ना केजरीवाल
केजरीवाल ने बनाई आम आदमी पार्टी बनाई है.
उन्होंने सरकार की आलोचना करते हुए कहा, "एक तरफ जहां सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाले बयान आ रहे हैं वहीं दूसरी ओर श्रमिकों के क़ानून में बदलाव कर मेहनत करने वालों और किसानों के बुरे दिन लाए जा रहे हैं."
उन्होंने 'अण्णा के बोल' ब्लॉग में कहा है कि देश में भूमि अधिग्रहण क़ानून में संशोधन वाला जो अध्यादेश हड़बड़ी में लाया गया है उससे किसान बर्बाद होंगे इसलिए इस क़ानून के विरोध में आंदोलन करना ज़रूरी है.
अन्ना ने लिखा है कि सरकार संसद को नजरअंदाज कर अध्यादेश राज ला रही है जो चिंताजनक है.

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